‘आक्रामकता ही रक्षा का सर्वोत्तम विकल्प है’, इस तरह हर बाज़ी अपनी तरफ मोड़ रहा है भारत

इसे कहते हैं असली 'चाणक्य नीति'!

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कभी-कभी आक्रामक होना ही रक्षात्मक होने का सर्वोत्तम विकल्प है और ऐसा प्रतीत होता है कि भारत इस क्षेत्र में महारत प्राप्त कर रहा है। नहीं, ये बात हम प्रमाणित नहीं कर रहे हैं अपितु हमारे परम शत्रुओं में से एक और हमारी आंखों में खटकने वाला चीन चीख-चीख कर इस बात को सम्पूर्ण संसार को बताता फिर रहा है और इसके लिए वह पाकिस्तान को माध्यम बना रहा है।

पालतू पाकिस्तान को ‘खरोंच’ न लग जाए

असल में चीन को चिंता हो रही है कि उसके पालतू पाकिस्तान को भारत की ओर से ‘खरोंच’ न लग जाए। हम मज़ाक नहीं कर रहे हैं, ग्लोबल टाइम्स ने एक पूरा लेख इसी बात को समर्पित किया है कि कैसे भारतीय हैकर्स चीन संबंधित कोडनेम के माध्यम से पाकिस्तान पर हमला कर रहा है? इनके हेडलाइन को पढ़कर आप भी पेट पकड़ कर हंसने लगेंगे

अब आप भी सोचेंगे, ‘हमला’ पाकिस्तान पर तो दर्द चीन के पेट में काहे? पर यही तो स्कैम है जी। ग्लोबल टाइम्स के विशेष लेख के अनुसार, “डेढ़ वर्ष के विशेष शोध के पश्चात एक चीनी साइबरसेक्युरिटी कंपनी ने पता लगाया है कि एक एडवांस्ड परसिस्टेंट थ्रेट ग्रुप ‘Confucious’ के नाम से पाकिस्तानी सरकारी एवं मिलिटरी संस्थाओं पर आक्रमण कर रहा है”।

परंतु ठहरिए, ये नौटंकी यहीं पर समाप्त नहीं होती। ग्लोबल टाइम्स आगे लिखता है, “ये ग्रुप 2013 से सक्रिय है। ये चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश की सरकारों और उनके सैन्य संस्थानों एवं उनके ऊर्जा सेक्टरों को टारगेट करता है और उनके सेंसीटिव डेटा को चुराता है। इनका कमांड है ‘कन्फ़्यूशियस सेज़’ यानी कन्फ़्यूशियस कहता है जिसके आधार पर हमले कराए जाते हैं”।

ये बताओ प्रिय चीन, जमाने को आपने घोंचू समझा है या वैसा बनाना चाहते हो? अगर वास्तव में भारत को काम करना होता तो क्या वह इतना बेवकूफ होता कि नौसिखियों से हैकिंग कराता? इस आधार पर चीन सोचता है कि वह जग जीत सकता है और शायद इसी आधार पर वह पूर्वी लद्दाख पर विजय प्राप्त करने गलवान के सहारे निकला था। आगे क्या हुआ ये हम सभी जानते हैं।

और आपको क्या लगता है, ये इनका पहला पैंतरा है? इससे पहले भी चीन ऐसी नौटंकियां कर चुका है और मुंह की ही खाया है।

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चीन ने पहले किया था ऐसा दावा

2021 में चीन ने दावा किया कि उसके डेटा पर इंडियन हैकर्स ने सेंध लगाने का प्रयास किया। ग्लोबल टाइम्स ने ‘Evil Flower’ नामक हैकिंग ग्रुप पर चीनी डेटा को चोरी करने का आरोप लगाया और उनके अनुसार“इंडियन हैकर्स ने चीन, पाकिस्तान और नेपाल में स्थित चीनी कार्यालयों में उनके ‘कल्याणकारी मिशन’ को हैक करने का भरपूर प्रयास किया है। इन इंडियन हैकर्स के समूह को केंद्र सरकार से समर्थन प्राप्त है और ये चीन द्वारा विश्व को कोविड की महामारी से बाहर निकालने के प्रयासों, चीनी स्पेस मिशन इत्यादि में बाधा पहुंचा रहे हैं!”

इसी को कहते हैं, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे! जो चीन दुनियाभर के डेटा में सेंध मारता आया है, वह उल्टा भारत को ही नैतिकता पर उपदेश दे रहा है। वास्तव में सच तो यह था कि चीन ने अपने ही हाथों से अपने टेक्नॉलॉजी का संहार किया है। अपने ही जीपीएस Beidou को हाल ही में चीन ने सिर्फ इसलिए बंद कर दिया, क्यों उसे ‘भय’ था कि कहीं भारत इसे क्रैक न कर ले!

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TFI के ही एक विश्लेषणात्मक रिपोर्ट के अनुसार, “चीन की पीपुल्स लिबरेशन ऑफ आर्मी (PLA) ने एक साल तक सेवा लेने के बाद अपने नेविगेशन सिस्टम BeiDou का इस्तेमाल बंद कर दिया है। चीन का यह कदम भारतीय सेना द्वारा बढ़ाए गए निगरानी के बाद आया है। इसे लेकर एक रिपोर्ट सामने आयी है जिसमें इस बात का दावा किया गया है। वहीं, PLA के इस कदम को भारत से लगे सीमावर्ती इलाकों में अपनी गतिविधियों को छिपाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।”

ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि भारत के ‘हैकरों’ ने कुछ न करके भी चीन की रातों की नींद उड़ा रखी है। अब कल्पना कीजिए कि यदि तनिक भी उतने आक्रामक हुए जितना चीन आरोप लगाती है, तो?

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