TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार

    अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत ने 'चिकन नेक' को बनाया इस्पाती गलियारा: बांग्लादेश–पाकिस्तान समीकरणों के बीच पूर्वी सीमा पर तीन नई सैन्य छावनियों से भारत की रणनीतिक बढ़त

    भारत ने ‘चिकन नेक’ को बनाया इस्पाती गलियारा: बांग्लादेश–पाकिस्तान समीकरणों के बीच पूर्वी सीमा पर तीन नई सैन्य छावनियों से भारत की रणनीतिक बढ़त

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार

    अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत ने 'चिकन नेक' को बनाया इस्पाती गलियारा: बांग्लादेश–पाकिस्तान समीकरणों के बीच पूर्वी सीमा पर तीन नई सैन्य छावनियों से भारत की रणनीतिक बढ़त

    भारत ने ‘चिकन नेक’ को बनाया इस्पाती गलियारा: बांग्लादेश–पाकिस्तान समीकरणों के बीच पूर्वी सीमा पर तीन नई सैन्य छावनियों से भारत की रणनीतिक बढ़त

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

राजा रवि वर्मा के ‘श्रीराम’ की इस तस्वीर के पीछे की कथा क्या है?

राजा रवि वर्मा ने प्रभु श्रीराम की यह तस्वीर ऐसी क्यों बनाई, इसके पीछे उनके भांजे का क्या कनेक्शन है?

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
22 July 2022
in प्रीमियम
raam ji

Source- TFIPOST.in

Share on FacebookShare on X

टीएफ़आई प्रीमियम में आपका स्वागत है। तीनों लोकों के स्वामी प्रभु श्रीराम को स्मरण करके आज हम आपको एक कथा सुनाने जा रहे हैं। राजा रवि वर्मा के राम की कथा। उस तस्वीर के पीछे की कथा जो अपने आप में एक इतिहास है। सबके अपने-अपने राम हैं। तुलसी के अपने राम हैं। मीरा के अपने राम हैं। वाल्मीकी के अपने राम हैं। ऐसे ही एक राम राजा रवि वर्मा के हैं। राजा रवि वर्मा के राम की कथा हम आगे बढ़ाएंगे उससे पहले इस श्लोक को पढ़िए-

लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्।
कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये।।

संबंधितपोस्ट

उज्जैन की 200 साल पुरानी तकिया मस्जिद का विध्वंस: सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर महाकाल मंदिर के विकास और पार्किंग विस्तार को दिया संरक्षण

गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

और लोड करें

इस श्लोक का अर्थ है- मैं सम्पूर्ण लोकों में सुन्दर तथा रणक्रीडा में धीर, कमलनेत्र, रघुवंश नायक, करुणा की प्रतिमूर्ति और करुणा के भण्डार श्रीराम की शरण में हूं। प्रभु श्रीराम की इसी शरण में रहते हुए हम आपको एक तस्वीर के पीछे की कथा सुनाने जा रहे हैं।

नीचे प्रभु श्रीराम की एक तस्वीर है। इसे ध्यान से देखिए। ऐसे ही तो भगवानराम को चित्रित किया जाता है. वो शांत दिखते हैं। सुकून में दिखते हैं. सुख में दिखते हैं। वो महान गौरव को धारण किए हुए दिखते हैं. वो अनुशासन और परंपरा को धारण किए दिखते हैं. लेकिन इसके साथ ही वो बलशाली भी दिखते हैं। हाथ में धनुष-बाण लिए युद्ध के लिए तैयार दिखते हैं। उनका शरीर कसरती दिखता है. वो योद्धा दिखते हैं। भगवान राम हमें ऐसे ही दिखते हैं। इससे इतर उनकी और कोई तस्वीर हमारे मन में नहीं बनती।

RAAM JI लेकिन आज हम आपको इस तस्वीर से अलग राजा रवि वर्मा के राम की तस्वीर आपको दिखाने जा रहे हैं। यह राम राजा रवि वर्मा के राम हैं।

इस छवि को देखिए –

RAAM

क्या प्रतिक्रिया है आपकी इस चित्र को देखकर? चकित हैं? निशब्द हैं? स्तब्ध हैं?मत होइए, हमारे राम का एक पक्ष यह भी है। राजा रवि वर्मा की इस तस्वीर को घंटों देखते रहिए। जितनी ज्यादा देर तक आप इसे देखेंगे उतने ज्यादा आप इसकी तरह मोहित होते जाएंगे। उतनी ज्यादा श्रद्धा आपके मन में प्रभुराम के प्रति जगती जाएगी।

और पढ़ें: ‘राष्ट्रध्वज’ केसरिया से तिरंगा तक की महागाथा

इस चित्र के पीछे एक अनूठी कथा भी है, जो न केवल दक्षिण भारत की समृद्ध विरासत को परिलक्षित करती है, अपितु इस बात को भी चित्रित करती है कि ये देश बहुत ही अनोखा है, इसे पश्चिमी चश्मे से देखना घोर पाप होगा। इस चित्र का नाम है दर्प हरण जिसका अर्थ है घमंड को खत्म करना। यह तस्वीर उस वक्त की है जब प्रभु श्रीराम ने समुद्र देव के घमंड को चूर-चूर किया था। इसे रचने वाले कलाकार का नाम है राजा रवि वर्मा। राजा रवि वर्मा? ये नाम कुछ सुना-सुना सा नहीं है? कैसे नहीं होगा? हमारे देवी देवताओं को मानवीय स्वरूप देने में इस कलाकार का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जिन देवी देवताओं को या तो निर्गुण ब्रह्म या फिर अधिक से अधिक मूर्तियों के रूप में पूजा जाता था, उन्हे जनमानस तक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से पहुंचाने में राजा रवि वर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

वो कैसे? राजा रवि वर्मा चित्रकला में क्रांतिकारी परिवर्तन के जनक माने जाते हैं। उनके चाचा कलाकार राज राजा वर्मा ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और कला की प्रारम्भिक शिक्षा दी। चौदह वर्ष की आयु में वे उन्हें तिरुवनंतपुरम ले गये जहाँ राजमहल में उनकी तेल चित्रण की शिक्षा हुई। बाद में चित्रकला के विभिन्न आयामों में दक्षता के लिये उन्होंने मैसूर, बड़ौदा और देश के अन्य भागों की यात्रा की। राजा रवि वर्मा की सफलता का श्रेय उनकी सुव्यवस्थित कला शिक्षा को जाता है। उन्होंने पहले पारम्परिक तंजौर कला में महारत प्राप्त की और फिर यूरोपीय कला का अध्ययन किया।

उनकी कलाकृतियों को तीन प्रमुख श्रेणियों में बाँटा गया है।

  • (१) प्रतिकृति या पोर्ट्रेट,
  • (२) मानवीय आकृतियों वाले चित्र तथा
  • (३) इतिहास व पुराण की घटनाओं से संबंधित चित्र।

यद्यपि जनसाधारण में राजा रवि वर्मा की लोकप्रियता इतिहास पुराण व देवी देवताओं के चित्रों के कारण हुई लेकिन तेल माध्यम में बनी अपनी प्रतिकृतियों के कारण वे विश्व में सर्वोत्कृष्ट चित्रकार के रूप में जाने गये। आज तक तैलरंगों में उनकी जैसी सजीव प्रतिकृतियाँ बनाने वाला कलाकार दूसरा नहीं हुआ।

राजा रवि वर्मा त्रावणकोर राजवंश से विशेष नाता रखते थे। उसी त्रावणकोर वंश से जिसने यूरोपीय साम्राज्यवादियों और टीपू सुल्तान जैसे आक्रान्ताओं की नाक में दम कर रखा था। ऐसे में उनकी कला को राजकीय सम्मान भी मिला और काफी बढ़ावा भी, परंतु क्योंकि उनके विचार क्रांतिकारी भी थे, इसलिए उन्हे काफी विरोध का भी सामना करना पड़ा था।

राजा रवि वर्मा ऐसे पहले चित्रकार थे जिन्होंने हिंदू देवी-देवताओं को आम इंसान जैसा दिखाया। आज हम फोटो, पोस्टर, कैलेंडर आदि में सरस्वती, लक्ष्मी, दुर्गा, राधा या कृष्ण की जो तस्वीरें देखते हैं वे ज्यादातर राजा रवि वर्मा की कल्पनाशक्ति की ही उपज हैं। उनके सबसे मशहूर चित्रों में ‘सरस्वती’ और ‘लक्ष्मी’ के चित्र भी शामिल हैं, जो घर-घर में पूजे जा रहे हैं भले ही पूजने वालों को इसका पता हो या न हो। किसी कलाकार के लिए इससे बड़ी उपलब्धि और क्या होगी। उनके कई चित्र बड़ौदा के लक्ष्मी विलास पैलेस में आज तक सुरक्षित हैं। कईयों का मानना है कि उनके सभी चित्रों की कीमत देश के उस सबसे बड़े महल से भी ज्यादा हो सकती है।दमयंती-हंसा संभाषण, संगीत सभा, अर्जुन और सुभद्रा, विरह व्याकुल युवती, शकुंतला, रावण द्वारा जटायु वध, इंद्रजीत-विजय, नायर जाति की स्त्री, द्रौपदी कीचक, राजा शांतनु और मत्स्यगंधा, शकुंतला और राजा दुष्यंता आदि उनके प्रसिद्ध चित्र हैं।

राजा रवि वर्मा ने मुंबई में लीथोग्राफ प्रेस खोलकर अपने चित्रों का प्रकाशन किया था। उनके चित्र विविध विषयों पर हैं किंतु पौराणिक विषयोंऔर राजाओं की चित्रकारी वो सबसे ज्यादा करते हैं। विदेशों में उनकी कृतियों का स्वागत हुआ। उनका सम्मान बढ़ा और पुरस्कार मिले। पौराणिक वेशभूषा के सच्चे स्वरूप के अध्ययन के लिए उन्होंने देशाटन भी किया था।

और पढ़ें: ऑपरेशन जिब्राल्टर: इंडियन स्पेशल फोर्सेस की वो विरासत जिसे TFI के अलावा कोई नहीं बता सकता

अब आप सोच रहे होंगे कि लेखक इधर-उधर की कथा सुना रहा है लेकिन मुख्य मुद्दे पर नहीं आ रहा। मुख्य मुद्दा यह था कि राजा रवि वर्मा ने प्रभु श्रीराम की वो ‘अनूठी तस्वीर’ क्यों बनाई थी? तो चलिए अब आपको उस तस्वीर के पीछे की कहानी बताते हैं। असल में वह अति विलक्षण चित्र उन्ही के भांजे पर आधारित था।भांजे पर आधारित चित्र राजा रवि वर्मा ने क्यों बनाया? इसके पीछे की कहानी अब पढ़िए। इसीलिए आम चित्रों के ठीक उलट श्रीराम इस तस्वीर में मुख इतना उज्ज्वल है, जबकि उन्हे मेघवर्ण यानि साँवले रंग का बताया गया है। परंतु इनके भांजे को चित्रित करने के पीछे की कथा भी बड़ी रोचक है।

कहानी त्रावणकोर राजवंश की परंपराओं से शुरू होती है। यहाँ पर पितृसत्तात्मक सत्ता के ठीक उलट मातृसत्तात्मक सत्ता व्याप्त थी। पुरुष अधिकतम युद्ध में व्यस्त रहते थे, इसलिए सत्ता/प्रशासन का अधिकार रानी के पास रहता था। यहां स्त्री का कद पुरुष के समान और कुछ परिस्थतियों में तो पुरुष से कहीं अधिक होता था। महिला सशक्तिकरण की जो बातें आज की जाती हैं और पश्चिमी देश जिस महिला सशक्तिकरण का ढोल पीटते वो दरअसल आधुनिक नौटंकी के सिवाय कुछ नहीं है। असल मायनों में महिला सशक्तिकरण की कथा हम आपको अपने अगले प्रीमियम आर्टिकल में सुनाएंगे। कथा उस वक्त की जब भारत में नारियों के पास हर वो अधिकार होता था जिसकी आज कल्पना भर ही की जा सकती है। तो अभी कथा में आगे बढ़ते हैं।

त्रावणकोर में उस वक्त स्त्रियां स्वयं अपना वर चुनती थीं. जो भी पुरुष स्त्री से विवाह करना चाहता था उसे स्त्री द्वारा तय किए गए स्थान पर पहुंचना होता था। उस स्थान पर स्वयंवर होता  था। उस स्वयंवर में सभी पुरुषों को खड़ा कर दिया जाता था। स्त्री जिस भी पुरुष को पसंद करती थी उसी के गले में माला डाल देती थी। जिसके गले में स्त्री माला डालती थी उसी से उसका विवाह संपन्न होता था।

तो त्रावणकोर की कुंवरी का भी स्वयंवर हो रहा था। इस स्वयंवर में तमाम पुरुष पहुंचे। एक से एक बलशाली- एक से एक धनवान- एक से एक प्रतिभावान। इस स्वयंवर में राजा रवि वर्मा के दो भांजे भी पहुंचे। राजा रवि वर्मा के दो भांजों के नाम राजा राज वर्मा और राजा राम वर्मा थे। राजा राज वर्मा दिखने में सुंदर थे। उनके चेहरे पर एक अलग ही चमक दिखती थी। शारीरिक तौर पर भी स्वस्थ थे। नीति और धर्म शास्त्र में निपुण भी थे। वहीं राजा राम वर्मा धर्म और नीति शास्त्र में निपुण तो थे लेकिन उतने सुंदर नहीं थे। राजा रवि वर्मा के दोनों भांजे भी स्वयंवर में पहुंचे उम्मीदवारों की पंक्ति में खड़े हो गए। त्रावणकोर की कुंवरी अब वर चुनने आ गई थी। वो सुंदर थी, इसके बाद भी राजा राज वर्मा को देखकर उसके होश उड़ गए। उसे राजा राज वर्मा पसंद आए लेकिन तभी उसने सोचा कि अगर मैंने राजा राज वर्मा को चुना तो फिर भविष्य में उसकी कोई अहमियत नहीं रह जाएगी। दरअसल, कुंवरी सोच रही थी कि यह पुरुष इतना सुंदर है कि उसे भाव नहीं देगा। इसलिए कुंवरी ने राजा राज वर्मा के पास में खड़े राजा राम वर्मा के गले में माला डाल दी और उन्हीं से विवाह कर लिया।राजा राज वर्मा का रूपवान होना ही उसके लिए अभिशाप समान हो गया।

और पढ़ें:  काँवड़ यात्रा और इसके सांस्कृतिक महत्व के बारे में सबकुछ जान लीजिए

इस घटना के बाद ही राजा रवि वर्मा ने प्रभु श्रीराम की वो तस्वीर बनाई। जिसमें प्रभु श्रीराम बस एक धोती में खड़े हैं। एक हाथ में धनुष है तो एक हाथ में बाण। इसके साथ ही उन्होंने जनेऊ भी पहना हुआ है। एक चट्टान पर प्रभु खड़े हैं और सामने विशाल समुद्र है। अगर आपने रामायण को पढ़ा होगा तो आपको पता होगा कि यह दृश्य उस वक्त का है जब प्रभु श्रीराम अपनी सेना लेकर लंका जाना चाहते थे लेकिन समुद्र उन्हें रास्ता नहीं दे रहा था। कई दिन की पूजा करने के बाद भी समुद्र ने विनती नहीं मानी थी इसके बाद प्रभु राम को गुस्सा आ गया है। तब प्रभु राम ने कहा-

बिनय न मानत जलधि जड़ गए तीनि दिन बीति।

बोले राम सकोप तब भय बिनु होइ न प्रीति॥

इसका अर्थ है- तीन दिन बीत गए, किंतु जड़ समुद्र विनय नहीं मानता। तब श्री रामजी क्रोध में बोले- बिना भय के प्रीति नहीं होती।

आगे प्रभु श्रीराम कहते हैं-

लछिमन बान सरासन आनू। सोषौं बारिधि बिसिख कृसानु।

सठ सन बिनय कुटिल सन प्रीति। सहज कृपन सन सुंदर नीति।।

इसका अर्थ है- हे लक्ष्मण! धनुष-बाण लाओ, मैं अग्निबाण से समुद्र को सूखा डालूँ। मूर्ख से विनय, कुटिल के साथ प्रीति और कंजूस को उपदेश देने का कोई औचित्य नहीं।

यह कहते हुए प्रभु धनुष उठा लेते हैं-

अस कहि रघुपति चाप चढ़ावा। यह मत लछिमन के मन भावा

संधानेउ प्रभु बिसिख कराला। उठी उदधि उर अंतर ज्वाला।।

प्रभु ने जब धनुष पर बाण चढ़ाया तो समुद्र देवता कांपते हुए उनके सामने प्रकट हो गए। यह तस्वीर उसी वक्त है। राजा रवि वर्मा ने उस दृश्य को दिखाने के लिए ही इस तस्वीर को बनाया था। बस, उनके राम- राम की दूसरी तस्वीरों से अलग दिख रहे हैं। वो ऐसे इसलिए दिख रहे हैं क्योंकि उन्होंने अपने राम की तस्वीर को अपने भांजे राजा राज वर्मा की तरह बनाया था। तो यह थी उस तस्वीर के पीछे की कथा। अब सोचिए एक चित्र के पीछे इतनी कथाएँ छुपी होंगी तो अपने इतिहास का वास्तविक अनुसंधान करने पर क्या क्या प्राप्त हो सकता है। हमारी महान सांस्कृतिक विरासत से- हमारी महान सनातन परंपरा से ऐसी कताएं हम आपके सामने वक्त-वक्त पर लाते रहेंगे।

और पढ़ें: कालिंजर दुर्ग – धर्म और इतिहास, दोनों से है इसका बड़ा गहरा नाता

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: चित्रकलात्रावणकोर राजवंशधनुषप्रभु श्रीरामभारतराजा रवि वर्मा
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

फ़ैक्ट चेक: इंडियन एक्सप्रेस ने अग्निपथ में जातिगत आरक्षण लागू होने का झूठ क्यों फैलाया?

अगली पोस्ट

आखिरकार केजरीवाल ने सिसोदिया को फंसवा ही दिया, 144 करोड़ के घोटाले में CBI कर सकती है जांच

संबंधित पोस्ट

भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध
चर्चित

भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

3 November 2025

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, ISRO, ने एक बार फिर साबित कर दिया कि विज्ञान और तकनीक में भारत किसी से पीछे नहीं है। मार्च 2026...

क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य
इतिहास

क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

31 October 2025

रहस्य जो आज भी जीवित है जब इतिहास की किताबों में लिखा गया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस 1945 में विमान हादसे में मरे, तो...

कांग्रेस की संघ से डर नीति पर अदालत की चोट: जनता के अधिकार कुचलने की कोशिश पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक
चर्चित

कांग्रेस की संघ से डर नीति पर अदालत की चोट: जनता के अधिकार कुचलने की कोशिश पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक

29 October 2025

कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार के लिए यह क्षण किसी राजनीतिक झटके से कम नहीं है। राज्य की धारवाड़ बेंच ने सरकार के उस विवादास्पद सरकारी...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How Trump’s Numbers Reveal the Hidden Story of Pakistan’s Lost Jets?

How Trump’s Numbers Reveal the Hidden Story of Pakistan’s Lost Jets?

00:05:17

How an Unverified US Shoplifting Incident Is Turned Into A Political Attack Against India & Modi

00:07:47

How Astra Mk-I Based VL-SRSAM will Power India’s Naval Air Defense Network?

00:05:52

What Is The Reason Behind India’s Withdrawal from Tajikistan’s Ayni Air Base?

00:06:48

How Pakistan’s Navy Is Linked to the Global Meth Smuggling Network?

00:04:44
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited