‘चाइनीज़ मुस्लिम’ की अवधारणा के साथ वापस आया है, कम्युनिस्टों का ‘लाल बादशाह’

डरे हुए भारतीय मुस्लिमों और दुनिया के इस्लामिक मुल्को, कुछ तो बोलिए!

china

Source- TFIPOST.in

भारत एक ऐसा देश है, जहां धर्म के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव नहीं किया जाता। हर धर्म के लोगों को भारत में अपने अनुसार रहने की पूरी पूरी स्वतंत्रता दी जाती है। परंतु फिर भी भारत में मुसलमान खतरे में जैसे बातें फैलाई जाती है। तमाम मुस्लिम देश भारत के पीछे हाथ धोकर पड़े रहते है। लेकिन यह इन मुस्लिम देशों का दोहरा रवैया ही है कि जो मुसलमानों की सुरक्षा को लेकर भारत को तो ज्ञान बांटने में सबसे आगे रहते है, वहीं यह देश चीन में मुसलमानों के विरुद्ध होने वाले अत्याचारों पर चुप्पी साधे रखते है।

चीन में उइगर मुसलमानों की हालत किसी से भी छिपी नहीं है। चीन से अक्सर उइगर मुसलमानों एवं अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर अत्याचार की खबरें आती रहती हैं। कई रिपोर्ट्स में यह तक बताती है कि चीन ने इस्लाम की कई मान्यताओं और परंपराओं को भी चोट पहुंचाने के प्रयास किए गए। इस सबके बाद अब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने देश के मुसलमानों को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया है, जिसके बाद इन मुस्लिम देशों की चुप्पी पर फिर प्रश्न खड़े होंगे। उइगर मुसलमानों के विरोध का गढ़ चीन का शिनजियांग रहा है। हाल ही में चीनी राष्ट्रपति तीन दिन से उसी शिनजियांग के दौरे पर रहे थे। वर्ष 2014 के बाद पहली बार वे यहां आए थे। इसी दौरान उन्होंने बड़ा बयान देते हुए बताया कि चीन में इस्लाम का स्वरूप कैसा हो।

और पढ़ें: धोखाधड़ी, टैक्स चोरी करने वाली चीनी कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखा रहा है भारत

चीन में इस्लाम का नया स्वरूप

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन में इस्लाम का स्वरूप चीनी समाज के अनुरूप होना चाहिए। जिनपिंग ने अपने बयान में कहा- “धर्मों का विकास एक स्वस्थ तरीके से होने की आवश्यकता है। इस सिद्धांत को कायम रखने के प्रयास किए जाने चाहिए कि चीन में इस्लाम का स्वरूप चीनी समाज के अनुरूप होना चाहिए। विभिन्न धर्मों को मानने वालों की धार्मिक जरूरतों का ध्यान रखना चाहिए, लेकिन पार्टी और सरकार के साथ तालमेल बैठाना जरूरी है।“ चीनी राष्ट्रपति ने अपने अधिकारियों से कहा कि वे इस्लाम को चीन की परंपराओं और समाज के अनुसार ढालने के प्रयास तेज कर दें। यहां आपको बता दें कि शी जिनपिंग कई सालों से इस्लाम के ‘सिनीसाइजेशन’ की वकालत कर रहे हैं, जिसका अर्थ है कि इसे सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों के अनुरूप होना चाहिए।

उइगर चीन के शिनजियांग प्रांत में रहने वाले मुस्लिम हैं, जिनकी आबादी एक करोड़ से अधिक बताई जाती है। तमाम रिपोर्ट्स द्वारा यह दावा किया जाता रहा है कि कई वर्षों से चीन उइगर मुस्लिमों का शोषण करता रहा है। चीन पर आरोप लगते आए है कि वो उइगर मुसलमानों का नरसंहार करने से लेकर जबरन मजदूरी, नरबंदी कराने से महिलाओं के साथ रेप तक करता है। बच्चों को माता-पिता से दूर करके जबरन बोर्डिंग स्कूलों में भेजा जाता है। चीन उइगर मुस्लिमों को उनकी दाढ़ी कटाने के लिए भी बाध्य करता रहा है। कहा जाता है कि चीन ने शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर मुस्लिमों की जिंदगी को नर्क से भी बदतर बनाकर रख दिया।

मानवाधिकार संगठनों द्वारा यह आरोप लगाया जाता है कि चीन ने बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के 10 लाख उइगर मुस्लिमों को नजरबंदी कैंप में बंदी बनाकर रखा हुआ है। पिछले साल चीन के एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि चीनी हिरासत केंद्र ने उइगर मुसलमानों के साथ चीन क्रूरता की हर हद को पार कर देता है। उन्होंने बताया कि डिटेंशन कैंप में उइगर मुस्लिमों के मुंह में पाइप डालकर हाथ-पैर बांध दिए जाते हैं। कई-कई दिनों तक इन्हें भूखा छोड़ दिया जाता है और कुछ उइगरों को पीट-पीटकर मार तक दिया जाता है।

और पढ़ें: एशिया में अलग-थलग पड़ा चीन अब छोटे-छोटे देशों के सामने भी ‘गिड़गिड़ा’ रहा है

कुछ अरब देश चीन के इस अत्याचार का समर्थन करते है

इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि चीन किस तरह उइगर मुसलमानों पर अत्याचार करता है। यही कारण है कि इनकी आबादी में भी कमी आ रही है। चीनी सरकार के आंकड़ों के अनुसार उइगर मुस्लिमों के अधिकतर इलाकों में 2015-2018 के दौरान जन्म दर 60% से अधिक गिर गई। बावजूद इन सबके मुस्लिम देश उइगर मुसलमानों पर होने वाले इन अत्याचारों के खिलाफ आवाज नहीं उठाते। इसके विपरीत कुछ अरब देश तो ऐसे है, जो चीन का इस कार्रवाई में समर्थन करते तक नजर आए है। मिस्र, मोरक्को, कतर, सऊदी अरब, सीरिया और यूएई जैसे देश चीन के इशारों पर उइगर मुसलामानों को हिरासत में लेते है और केवल इतना ही नहीं यह इन्हें डिपोर्ट भी करते है। वर्ष 2019 में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने उइगर मुस्लिमों के खिलाफ चीन के शोषण को आतंक और चरमपंथ के खिलाफ कार्रवाई बताते हुए समर्थन किया था।

भारत में भारतीय मुसलमान को पूरी स्वतंत्रता है

पाकिस्तान जैसे देश भी जो भारत को ज्ञान देता रहता है, वो भी उइगर मुसलमानों पर होने वाले अत्याचारों के विरुद्ध अपने आका चीन के आगे आवाज तक नहीं निकाल पाता। ऐसे में यहां भारतीय मुसलमानों के लिए भी कुछ बातें समझना अहम हो जाती है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां हर धर्म के लोगों को अपने हिसाब से रहने की छूट है। भारत में चीन की तरह तानाशाही नहीं चलती, जिसके माध्यम से जोर-जबरदस्ती से कानून और नियम थोपे जाए। ऐसे में यहां मुसलमानों को उनके हिसाब से रहने की पूरी स्वतंत्रता है। परंतु इसके साथ ही यह भी समझने की जरूरत है कि हर किसी के लिए देश सर्वोपरि होना चाहिए। भारतीय मुसलमानों को देश की एकता, संप्रभुता एवं अखंडता की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए।

और पढ़ें: चीनी कंपनी VIVO पर ED के छापे पड़ते ही छोटे बच्चों की तरह रो रहा है चीन

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की राइटविचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

 

Exit mobile version