कोई भी राष्ट्र तभी महान बन पाता है जब वो हर धर्म, हर जाति से जुड़े लोगों का सम्मान करें। भारत में विभिन्न धर्मों और जातियों का सम्मान किया जाता है। यहां लोगों को अपने अनुसार जीवन जीने की स्वतंत्रता है परंतु मुस्लिम देशों में देखें तो यहां अल्पसंख्यकों की स्थिति दयनीय दिखती है। अक्सर देखने को मिलता है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे मुस्लिम देशों में हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को प्रताड़ित किया जाता रहा है।
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हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जाता रहा है
कट्टरपंथियों द्वारा वहां लगातार हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने की कोशिश की जाती रही है। अगर कोई मुस्लिम देश अपने यहां हिंदुओं को सम्मान दें, हिंदुओं के लिए मंदिर का निर्माण कराए तो इससे भी इन कट्टरपंथियों को समस्याएं होने लगती हैं, यह उनको रास नहीं आता। ऐसा ही कुछ दुबई में होता दिखायी दे रहा है।
दरअसल, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में एक भव्य हिंदू मंदिर का निर्माण किया जा रहा हैं। मंदिर लगभग बनकर तैयार हो चुका है और इसे 5 अक्टूबर को विजयदशमी के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा। यह मंदिर भव्य और बहुत विशेष होगा जो जेबेल अली में अमीरात के कॉरिडोर ऑफ टॉलरेंस में हैं। मंदिर में 16 देवी-देवताओं की तस्वीरें और मूर्तियां रखी जाएंगी, इसके साथ ही इसमें एक ज्ञान कक्ष भी बनाया जा रहा है। वहीं अन्य गतिविधियों के लिए एक कम्युनिटी हॉल का निर्माण भी मंदिर में किया जाएगा, जहां श्रद्धालु पूजा-पाठ भी कर पाएंगे।
मंदिर में गुरु ग्रंथ साहिब के लिए अलग खंड होगा। यहां सफेद संगमरमर के ऊंचे-ऊंचे नौ शिखर हैं और अलंकृत स्तंभों का उपयोग किया गया है। इसके अलावा मंदिर पर हिंदू श्लोक उकेरे गए हैं, जो मंदिर की दीवार को और अधिक सुंदर बनाते हैं। मंदिर काफी बड़ा और भव्य है, जहां एक हजार से 1200 श्रद्धालु पूजा कर सकते है। मंदिर में भगवान शिव केंद्र में होंगे और उनके साथ 15 और अन्य भगवान को भी विराजमान करवाया जाएगा। मंदिर में हिंदुओं से जुड़े हर त्योहार को धूमधाम से मनाया जाएगा।
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मंदिर की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं
सोशल मीडिया पर दुबई में बन रहे भव्य मंदिर की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं, जिन्हें देखकर हिंदुओं का मन प्रफुल्लित हो उठा है। एक मुस्लिम देश में इतना खूबसूरत मंदिर बनाने के लिए कई लोग यूएई की प्रशंसा कर रहे हैं, तो वहीं कट्टरपंथियों का पारा मंदिर की तस्वीरें देखकर चढ़ चुका है। सोशल मीडिया के माध्यम से वे मंदिर निर्माण का विरोध कर रहे हैं।
ट्विटर पर एक व्यक्ति ने यूएई में हिंदू मंदिर बनने पर टिप्पणी करते हुए कहा- “जब वो अपने देश में इस्माल पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। तो हम उनके फर्जी भगवानों के लिए मंदिरों का निर्माण कर रहे हैं और फिर हम पूछते है कि हम कष्ट क्यों सह रहे हैं। इन सबके लिए हमें एक दिन अल्लाह को जवाब देना होगा।“
While they're banning Islam in their countries, We're building temples of their false deities and we still ask why are we suffering. We all have to answer for this to Allah SWT on the day of judgement. https://t.co/TKhMtFdoCT
— Harith حارث (@harithmehsud) August 9, 2022
On each demolition of a muslim masjid be ready to build another temple on Arab land. What an exchange offer you guys have made. https://t.co/blEFmqSoGt
— Hamza (@notyourhubby1) August 9, 2022
https://twitter.com/tariqnauts/status/1556854190823145472?s=20&t=4PV-vntLnzN57ksta9Qrdw
वहीं एक अन्य व्यक्ति ने तो यह तक कह दिया- “तुम काफिर और तुम्हें तो शहर के बीच लाकर काटा जाना चाहिए।”
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केवल एक हिंदू मंदिर बनने से इन कट्टरपंथियों को इतनी समस्या होने लगी है। परंतु देखा जाए तो कई मुस्लिम देशों में अब तक न जाने कितने मंदिरों को निशाना बनाया जाता रहा है। पाकिस्तान को देखें तो वहां से अक्सर ही मंदिरों को तोड़ने की घटनाएं सामने आती हैं। आजादी के बाद से अब तक पाकिस्तान में कई हिंदू मंदिरों को तोड़ा जा चुका है।
ऑल पाकिस्तान हिंदू राइट्स मूवमेंट का एक सर्वे बताता है कि साल 1947 में पाकिस्तान में 428 मंदिर थे, जिनमें से 408 मंदिरों को तोड़कर वहां रेस्टोरेंट, होटल, दफ्तर इत्यादि बना दिए गए। साल 2019 में सिंध में 11, पंजाब में चार, बलूचिस्तान में तीन और खैबर पख्तूनख्वाह में दो मंदिर चालू स्थिति में हैं। पाकिस्तान के इतिहास में अब तक केवल दो ही हिंदू मंदिरों का निर्माण हुआ है। पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश की स्थिति भी ऐसी ही नजर आती है। बांग्लादेश में भी कट्टरपंथी हिंदुओं के मंदिरों को नष्ट किया जाता रहा है।
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