भगवान परशुराम को अब उनका वास्तविक सम्मान मिलना शुरु हो रहा है। ब्राह्मण वोटर्स को साधने के उद्देश्य से तमाम राजनीतिक दल अक्सर ही उनका सहारा लेते रहते हैं। जैसा कि इसी वर्ष हुए उत्तर प्रदेश चुनावों के दौरान भी देखने को मिला था कि तमाम राजनीतिक पार्टियां ब्राह्मणों को साधने के उद्देश्य से भगवान परशुराम को लेकर जमकर राजनीति कर रही थीं। सपा-बसपा ने चुनाव में विजयी होने पर परशुराम की मूर्तियां बनाने तक घोषणा की थी। लेकिन अब यूपी सरकार असल मायनों में भगवान परशुराम को सम्मान देने जा रही है।
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भगवान परशुराम को उचित सम्मान दिलाने की कोशिश
विपक्ष हमेशा से भाजपा पर ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लगाता आया है। परंतु यह सत्य नहीं है और इसका एक प्रमाण तो हमने चुनावों में देख लिया था और अब एक प्रमाण और हमारे समक्ष है। चुनावों में ब्राह्मणों ने भाजपा को वोट दिए और अब भाजपा की सरकार भगवान परशुराम के पदचिह्नों पर टूरिस्ट सर्किट बनाने जा रही है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान भाजपा ने परशुराम के जन्मस्थान जलालाबाद को विकसित करने और सर्किट बनाने का ऐलान किया था, भाजपा उस वादे को पूरा कर रही है।
इसकी कुल लंबाई 500 किमी से ज्यादा होगी
500 किलोमीटर लंबा यह तीर्थ सर्किट राज्य के छह जनपदों से होकर गुजरेगा, जिसमें सीतापुर, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, बरेली, शाहजहांपुर और फर्रुखाबाद शामिल हैं। इसके माध्यम से हिंदुओं की आस्था के प्रमुख केंद्र नैमिष धाम, महर्षि दधीचि स्थल मिश्रिख, गोला गोकर्णनाथ, गोमती उद्गम, पूर्णागिरी मां के मंदिर के बॉर्डर से बाबा नीम करौली धाम और जलालाबाद को जोड़ा जाएगा। सर्किट में आवागमन की बेहतर सुविधा के साथ स्थलों पर यात्री और पर्यटकों के लिए पूरी सुविधाएं होगी।
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धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ रोजगार सृजन के मामले में भी यह परशुराम सर्किट काफी अहम होगा। राज्य सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा साझा रूप से परशुराम सर्किट के निर्माण का कार्य किया जा रहा है। PWD मंत्रालय का जिम्मा जितिन प्रसाद के हाथों में हैं। एक समय कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे जितिन प्रसाद उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले भाजपा में आ गए थे। उन्हें उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़े ब्राह्मण चेहरे की तरह देखा जाता रहा है। जितिन प्रसाद ने ही शाहजहांपुर के जलालाबाद स्थित परशुराम जन्मस्थली को पर्यटन स्थल का दर्जा दिलाने की मांग की थी, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरा कर दिया।
परशुराम तीर्थ सर्किट यूपी में बनने वाला 13वां सर्किट
उत्तर प्रदेश में परशुराम 13वां पर्यटन सर्किट होगा। योगी सरकार पहले से ही राज्य में 12 टूरिज्म सर्किट बनाने पर काम कर रही है। माना जा रहा है कि वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पूर्व परशुराम सर्किट पूरा हो सकता है। देखा जाए तो कई लिहाज से भाजपा के लिए यह परशुराम सर्किट अहम हो जाएगा। एक तो इसके माध्यम से ब्राह्मण वोटबैंक को साधने का प्रयास कर सकती है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में ब्राह्मण 10 से 12 फीसदी है जो बेहद ही अहम है। कहा जाता है कि ब्राह्मणों को जो पार्टी साधती है सत्ता उसे ही मिलती हैं। ब्राह्मणों को भाजपा का भारी समर्थन मिलता हैं। परंतु ठाकुर जाति से आने वाले योगी आदित्यनाथ और भाजपा को ब्राह्मण विरोधी साबित करने में विपक्ष हमेशा जुटा रहता हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम विपक्ष के आरोपों की काट भी साबित हो सकता है। साथ ही साथ इसके जरिए भाजपा भगवान परशुराम को उनका वे सम्मान दिलाने का भी कार्य करेगी, जिसके वे हकदार हैं।
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