TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू-  14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू- 14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू-  14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू- 14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

Axel का बलिदान: भारतीय सेना में लड़ाकू भूमिका में कैसे योगदान देते हैं ‘कॉम्बैट डॉग’

'कॉम्बैट डॉग' की कैसे ट्रेनिंग होती है, कितने महत्वपूर्ण होते हैं, सबकुछ जानिए!

TFI Desk द्वारा TFI Desk
3 August 2022
in चर्चित
Dogs

Source- TFIPOST.in

Share on FacebookShare on X

29 राष्ट्रीय राइफल्स में शामिल खोजी कुत्ता ‘एक्सेल’ जम्मू-कश्मीर के बारामुला में आतंकवादियों के साथ लड़ते-लड़ते मुठभेड़ में शहीद हो गया है। ‘एक्सेल’ को आतंकवादियों ने गोली मार दी थी, जिसके बाद वो घायल हो गया। फिर बाद में उसकी मौत हो गई। इस दुखद घटना के बाद सभी देशवासी ‘एक्सेल’ को श्रदांजलि दे रहें हैं और उसके सालों से कायम विराजमान अदम्य साहस को सलाम कर रहें हैं। हम बचपन से ही देखते आएं हैं कि कैसे फिल्मों में कोई कुत्ता अपने मालिक के प्रति किस हद तक वफादार रहता है। वो हर घड़ी में अपने मालिक के साथ खड़ा रहता है। वो कैसे दुश्मनों से लड़ने में हीरो की मदद करता है। किस तरह किसी कुत्ते को फिल्म का एक महत्वपूर्ण किरदार बना दिया जाता है।

लेकिन हम ये भी सोचते हैं कि ये तो फिल्में हैं। यहां तो सब चलता है। कभी कुत्ते, कभी घोड़े, कभी हाथी कभी कुछ लेकिन हमारी भारतीय सेना में शामिल खोजी कुत्ते अर्थात आर्मी डॉग्स उपर्युक्त सभी बातों को वास्तविकता में इससे भी कई ज्यादा सच साबित कर देते हैं। ये खोजी कुत्ते एक भारतीय सिपाही के कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं। ये खोजी कुत्ते भारत की सुरक्षा में उतना ही योगदान देते हैं, जितना कोई सैनिक देता है। हमेशा ये खोजी कुत्ते दुश्मनों को किसी भी परिस्थिति में मज़ा चखाने के लिए तत्पर रहते हैं।

संबंधितपोस्ट

वोट के लिए कितनी नीचता तक गिर सकते हैं नेता? राहुल गांधी के सेना वाले बयान ने भारत में जाति की राजनीति पर उठाए गंभीर सवाल

सेना प्रमुख की बड़ी चेतावनी: ‘जल्द हो सकता है अगला युद्ध’

आतंकियों की भाषा बोलने लगी है पाकिस्तान की आर्मी

और लोड करें

इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे ये जांबाज खोजी कुत्तों के भारतीय सेना में क्या-क्या काम होते हैं? कौन-कौन से कुत्ते भारतीय सेना में शामिल होने योग्य होते हैं? रिटायरमेंट के बाद इनको भारतीय सेना गोली क्यों मार देती हैं? वो साल 1959 का था, जब भारतीय सेना में सहायता के लिए पहली बार खोजी कुत्तों (आर्मी डॉग्स) को शामिल किया गया था। तब से लेकर अब तक विभिन्न प्रकार की नस्लों के कुत्ते भारतीय सेना में शामिल हो चुके हैं। इन खोजी कुत्तों ने भारतीय सेना में अपने शौर्य और बहादुरी का परिचय देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी हैं।

और पढ़ें: भारतीय वायुसेना दोतरफा युद्ध के लिए है तैयार?

खोजी कुत्तों के क्या काम होते हैं

सबसे पहले इन खोजी कुत्तों को सेना में शामिल होने से पहले एक कड़े प्रशिक्षण के दौर से गुजरना पड़ता है। जिसमें इन्हें कुछ निश्चित आदेशों पर प्रतिक्रिया देते हुए कुछ कार्रवाई करना सिखाया जाता है। इन खोजी कुत्तों को भारतीय सेना बड़ी शिद्द्त के साथ ट्रेंड करती है। ये खोजी कुत्ते सामान्य कुत्तों से बिल्कुल भिन्न होते हैं। ये खोजी कुत्ते मानों जमीन में छुपाए गए विस्फोटक पदार्थों को सूंघकर पता लगा लेते हैं। जिसके फलस्वरूप सेना को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती और वो कुत्ते की सूचना के आधार पर बम डिफ्यूज कर देती है। ये संदिग्ध व्यक्ति को सूंघकर उसकी शिनाख्त आसानी से कर लेते हैं। ये कुत्ते हिंसक भीड़ का पीछा करने और फरार आतंकवादियों का पता लगाने में भी बखूबी माहिर होते हैं। बहुत सारे कुत्तों को अशांत क्षेत्रों में तैनात किया जाता हैं। इन कुत्तों की सूंघने की क्षमता इंसान की सूंघने की क्षमता से 50 गुना अधिक होती है। प्रशिक्षण से लेकर सेना में शामिल होने तक भारत की सरकार एक बड़ी धनराशि इन खोजी कुत्तों पर खर्च करती हैं।

भारतीय सेना में शामिल होने वाली कुत्तों की नस्ल

लैब्राडोर, जर्मन शेफर्ड, बेल्जियन मेलिनोइस, ग्रेटर स्विस माउंटेन डॉग और बुलडॉग वाली कुत्तों की नस्लों को ज्यादतर भारतीय सेना में शामिल किया जाता है। क्योंकि इन नस्लों में सीखने की क्षमता सबसे ज्यादा होती है। सेना, इन कुत्तों को इनके बेहतरीन कार्यों के लिए समय-समय पर पुरस्कारों से सम्मानित भी करती रहती है।

लैब्राडोर

लैब्राडोर नस्ल को आमतौर पर ऐसा कुत्ता माना जाता है, जो परिवार के साथ घुल-मिलकर रहते हैं। यही घुल-मिलकर रहने की प्रवत्ति उसे सेना के लिए बहुत महत्वपूर्ण बनाती है। लैब्राडोर कुत्ते के बारे में कहा जाता है कि ये बहुत ज्यादा वफादार होते हैं। इनमें सूंघने की शक्ति बहुत तेज होती है। कहा जाता है कि वियतनाम-अमेरिका युद्ध में अमेरिकी सेना ने करीब चार हज़ार कुत्तों का प्रयोग किया था। इन कुत्तों में से ज्यादातर लैब्राडोर ही थे। लैब्राडोर कुत्तों ने घायल अमेरिकी सैनिकों और पानी के नीचे छिपे दुश्मन सैनिकों को खोज निकालने में अमेरिकी सेना की बहुत मदद की थी।

वहीं लैब्राडोर कुत्तों की भारतीय परिपेक्ष्य में बात करें, तो लैब्राडोर कुत्तों ने एंटी-मिलिटेंट अभियानों में सेना और सुरक्षाबलों की खूब सहायता की है। ऐसे कई मौके सामने आएं, जब उग्रवादियों और सेना के जवानों के बीच झड़प हुई और घायल होने के बाद कई उग्रवादी भागने में सफल रहें तो ऐसे में लैब्राडोर कुत्तों ने उग्रवादियों की महक की सहायता से उन्हें पता लगाया और भारतीय सेना की मदद की है। लैब्राडोर कुत्ते सैन्य ऑपरेशन के साथ-साथ सैनिकों के तनाव कम करने में भी मदद कर रहे हैं।

और पढ़ें: मिसाइल, बम दागने वाले मानवरहित ‘घातक’ ड्रोन भारतीय सेना को बदलकर रख देंगे

जर्मन शेफर्ड

जर्मन शेफर्ड नस्ल के कुत्तों का सेना से काफी पुराना संबंध है। पहली बार जर्मन शेफर्ड का प्रयोग प्रथम विश्वयुद्ध के समय जर्मन सेना ने किया था। इन कुत्तों ने जर्मन सेना की युद्ध में बहुत मदद की थी। जर्मन शेफर्ड नस्ल के कुत्ते शारीरिक रूप से काफी मज़बूत होने के साथ काफी फुर्तीले भी होते हैं। फुर्तीले होने की वजह से प्रथम विश्वयुद्ध के समय इन्होंने छोटे-मोटे हथियारों को इधर से उधर ले जाने में अहम भूमिका निभाई थी। इन कुत्तों ने सैनिकों की टुकड़ियों के बीच संदेशवाहक का भी काम किया था। घायल सैनिकों को चिकित्सीय सहायता प्रदान करने में भी जर्मन शेफर्ड की अहम भूमिका रहीं थी।

प्रथम विश्वयुद्ध में इन कुत्तों के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए अमेरिका और ब्रिटेन ने भी जर्मन शेफर्ड कुत्तों का अपने स्क्वाड में शामिल किया। जिसका फ़ायदा ये हुआ कि द्वितीय विश्व युद्ध में अमरीकी और ब्रिटेन सेना के लिए जर्मन शेफर्ड ने काफी हद तक मदद की। भारतीय सेना भी मुख्यतः इन कुत्तों का प्रयोग सैन्य ऑपरेशनों के दौरान ही करती है। ये संवेदनशील इलाकों में सन्देश पहुंचाए जाने के काम आते हैं। इस लिहाज से ये कह सकते हैं कि ये सैनिकों के ख़ास साथी होते हैं। सेना में ऐसे कई मौके आए जब सैनिकों द्वारा वायरलेस से आपस में बात करना खतरे से खाली नहीं था। ऐसे में इन कुत्तों ने सैनिकों की मदद की।

बेल्जियन मेलिनोइस

बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल के कुत्ते जर्मन शेफर्ड कुत्ते की तरह थोड़े-थोड़े होते हैं। ये सबसे तेज दिमाग वाले कुत्तों की श्रेणी में आते हैं। ये पतले, मजबूत और फुर्तीले होते हैं। इनकी सुनने की क्षमता भी बहुत अधिक होती है। बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल के कुत्ते बहुत ही साहसी और चतुर भी होते हैं। इनकी यहीं बात इन्हें सेना के लिए ख़ास बनाती है। इनका प्रयोग ज्यादातर बचाव कार्यों में किया जाता है। इनका उपयोग सेना के खोज ऑपरेशनों में और सीमा सुरक्षा में भी किया जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध के समय से ही इन कुत्तों का प्रयोग विभिन्न देशों की सेनाएं करती आ रहीं हैं।

ग्रेटर स्विस माउंटेन

ग्रेटर स्विस माउंटेन डॉग नस्ल के कुत्तों की सबसे बड़ी ख़ास बात यह है कि आप इनके ऊपर कभी भी आँख मूंदकर विश्वास कर सकते हैं। ये कभी भी आपकी आज्ञा का उल्लंघन नहीं करते हैं। ग्रेटर स्विस माउंटेन कुत्ते शारीरिक रूप से काफी बलवान होते हैं। ऐतिहासिक स्त्रोत बताते हैं कि बहुत पुराने समय से ही इन कुत्तों का प्रयोग सेनाओं द्वारा किया जा रहा है। इनकी मजबूती और मालिक के प्रति प्रतिबद्धता को देखते हुए विभिन्न देशों की सेना ने अपने स्क्वाड में शामिल किया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इनका भारी संख्या में प्रयोग किया गया। ग्रेटर स्विस माउंटेन कुत्ते दुश्मन की शिनाख्त करने और उनका तेजी से पीछा करने में बहुत तेज होते हैं, इसलिए सेना के सैन्य ऑपरेशन में ये बहुत काम आते हैं। ये छोटी सी छोटी हलचल को बहुत दूर से भांप लेते हैं, जिनकी वजह से इनको सेना कैम्पों की सुरक्षा की निगरानी के लिए तैनात किया जाता है।

और पढ़ें: ‘अब परिंदे भी पर नहीं मार पाएंगे’, घुसपैठ को नाकाम करने हेतु AI का इस्तेमाल कर रही है भारतीय सेना

रिटायरमेंट के बाद खोजी कुत्तों को क्यों मार दिया जाता है

यह जानकर बहुत हैरानी और दुःख की अनुभूति होती है कि जो खोजी वफादार कुत्ते हमारे देश की सुरक्षा में हमारे सैनिकों का भरपूर साथ देते हैं, दुश्मनों के छक्के छुडा देते हैं, यहां तक कि कई बार अपनी जान तक न्योछावर कर देते हैं। उन कुत्तों को रिटायरमेंट के बाद हमारी सेना गोली मार देती हैं। इन कुत्तों को गोली मारने पर भारतीय सेना का तर्क है कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन्हें मारा जाता है। क्योंकि ये डर हमेशा बना रहता है कि रिटायर होने के बाद ये कुत्ते कहीं गलत लोगों के हाथ न लग जाएं और अगर ऐसा हुआ तो देश को न जाने किन-किन तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।

क्योंकि कुत्ते को हर उस गुप्त स्थान के बारे में पूरी जानकारी होती है, जो सेना के अंडर रहता है। ऐसे में ना रहेगी कुत्ते की जिंदगी, और ना देश को किसी तरह की हानि का सामना करना पड़ेगा। गोली मारने से पहले इन कुत्तों की बड़े सम्मान के साथ विदाई दी जाती है। साथ ही देश के शहीद हुए सैनिक के भांति इनका भी बड़े सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है। वैसे इन कुत्तों को रिटायरमेंट के बाद मारे जाने का चलन अंग्रेजों के शासन काल से ही शुरू किया गया था। अमेरिका में रिटायर होने के बाद इन खोजी कुत्ते को लोगों के द्वारा एडॉप्ट कर लिया जाता है और जिन्हें एडॉप्ट नहीं किया जाता। उन कुत्तों को एक खास एनजीओ को दे दिया जाता है। जो उनके आखिरी के दिनों में उनकी दवा आदि की अच्छी व्यवस्था करता है।

वहीं रूस और चीन जैसे देशों में भी कुत्तों को रिटायर होने के बाद गोली मारने का प्रावधान नहीं है। जापान में इन रिटायर हुए कुत्तों के लिए अलग से एक हॉस्पिटल होता है। यहां कुत्तों के लिए बिल्कुल इंसानों जैसी सुविधाएं होती हैं। 2015 में केंद्र सरकार ने कहा था कि ‘वह ऐसी नीति तैयार कर रही है, जिसके तहत सेना में प्रयोग होने वाले खोजी कुत्ते को मारा नहीं जाएगा, बल्कि इसका कोई दूसरा तरीका ढूंढा जाएगा’। इन तरीकों में से एक उन्हें एडॉप्ट करना भी है। यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी गया था। जिसमें अदालत का कहना था-‘सैन्य जानवरों को मौत की नींद सुलाने का चलन पशु क्रूरता रोकथाम कानून 1960 के प्रावधानों का पूरी तरीके से खुला उल्लंघन करता है’।

और पढ़ें: भारतीय नौसेना खरीदने जा रही है फाइटर जेट, राफेल और सुपर हार्नेट में चल रही है टक्कर

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: खोजी कुत्तोंरिटायरमेंटसेनासैन्य ऑपरेशन
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

द्रविड़ राजनीति हमेशा से इतनी ही ‘गंदी’ रही है, बस अब दिखने लगी है

अगली पोस्ट

गुमनाम नायक: रासबिहारी बसु भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के ‘गॉड फादर’

संबंधित पोस्ट

अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश
चर्चित

अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

12 December 2025

अंडमान-निकोबार में शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक ही नहीं, राजनीतिक रूप से भी बेहद अहम रहने वाला है। क्योंकि आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और...

उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू-  14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान
चर्चित

उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू- 14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

11 December 2025

लंबे वक्त से अटके भाजपा संगठन बदलाव को आख़िरकार हरी झंडी मिल गई है। पार्टी के संगठन चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने अध्यक्ष...

राजा महेंद्र प्रताप सिंह
इतिहास

राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

1 December 2025

"हमारी आज़ादी के आंदोलन में कई महान व्यक्तित्वों ने अपना सबकुछ खपा दिया. लेकिन यह देश का दुर्भाग्य रहा है कि आज़ादी के बाद ऐसे...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited