TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    Wajahat Khan Sharmistha Panoli

    अंडरग्राउंड हुआ शर्मिष्ठा पर केस करने वाला वजाहत खान, करता था देवी-देवताओं का अपमान

    bjp controversies and scandals in Madhya Pradesh

    हाईवे पर धाकड़, मंदिर में गुंडई : बेलगाम मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं की फुल टाइम कंट्रोवर्सी

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गौरव कुंडी से मारपीट करती पुलिस (बाएं) अमृतपाल कौर के साथ गौरव कुंडी (दाएं) [PHOTO- 9News]

    ऑस्ट्रेलिया में नस्लभेदी बर्बरता? पुलिस ने भारतीय मूल के शख्स को मार-मारकर पहुंचाया ICU

    कराची जेल से फरार हुए कैदी

    पाकिस्तान में जेल तोड़कर फरार हुए 200 से ज़्यादा कैदी, शहरों में डर का माहौल; जानें कैसे भूकंप बना वजह?

    एलन मस्क के पिता एरोल मस्क

    ‘पूरी दुनिया शिव का अनुसरण करे तो…’: एलन मस्क के पिता एरोल मस्क ने हिंदू धर्म पर क्या कहा?

    बांग्लादेश की नई करेंसी

    बांग्लादेश में बदले सियासी संकेत – नए नोटों से ‘राष्ट्रपिता’ मुजीब गायब, मंदिरों और सांस्कृतिक प्रतीकों ने ली जगह

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    Wajahat Khan Sharmistha Panoli

    अंडरग्राउंड हुआ शर्मिष्ठा पर केस करने वाला वजाहत खान, करता था देवी-देवताओं का अपमान

    bjp controversies and scandals in Madhya Pradesh

    हाईवे पर धाकड़, मंदिर में गुंडई : बेलगाम मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं की फुल टाइम कंट्रोवर्सी

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गौरव कुंडी से मारपीट करती पुलिस (बाएं) अमृतपाल कौर के साथ गौरव कुंडी (दाएं) [PHOTO- 9News]

    ऑस्ट्रेलिया में नस्लभेदी बर्बरता? पुलिस ने भारतीय मूल के शख्स को मार-मारकर पहुंचाया ICU

    कराची जेल से फरार हुए कैदी

    पाकिस्तान में जेल तोड़कर फरार हुए 200 से ज़्यादा कैदी, शहरों में डर का माहौल; जानें कैसे भूकंप बना वजह?

    एलन मस्क के पिता एरोल मस्क

    ‘पूरी दुनिया शिव का अनुसरण करे तो…’: एलन मस्क के पिता एरोल मस्क ने हिंदू धर्म पर क्या कहा?

    बांग्लादेश की नई करेंसी

    बांग्लादेश में बदले सियासी संकेत – नए नोटों से ‘राष्ट्रपिता’ मुजीब गायब, मंदिरों और सांस्कृतिक प्रतीकों ने ली जगह

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

Axel का बलिदान: भारतीय सेना में लड़ाकू भूमिका में कैसे योगदान देते हैं ‘कॉम्बैट डॉग’

'कॉम्बैट डॉग' की कैसे ट्रेनिंग होती है, कितने महत्वपूर्ण होते हैं, सबकुछ जानिए!

TFI Desk द्वारा TFI Desk
3 August 2022
in चर्चित
Dogs

Source- TFIPOST.in

Share on FacebookShare on X

29 राष्ट्रीय राइफल्स में शामिल खोजी कुत्ता ‘एक्सेल’ जम्मू-कश्मीर के बारामुला में आतंकवादियों के साथ लड़ते-लड़ते मुठभेड़ में शहीद हो गया है। ‘एक्सेल’ को आतंकवादियों ने गोली मार दी थी, जिसके बाद वो घायल हो गया। फिर बाद में उसकी मौत हो गई। इस दुखद घटना के बाद सभी देशवासी ‘एक्सेल’ को श्रदांजलि दे रहें हैं और उसके सालों से कायम विराजमान अदम्य साहस को सलाम कर रहें हैं। हम बचपन से ही देखते आएं हैं कि कैसे फिल्मों में कोई कुत्ता अपने मालिक के प्रति किस हद तक वफादार रहता है। वो हर घड़ी में अपने मालिक के साथ खड़ा रहता है। वो कैसे दुश्मनों से लड़ने में हीरो की मदद करता है। किस तरह किसी कुत्ते को फिल्म का एक महत्वपूर्ण किरदार बना दिया जाता है।

लेकिन हम ये भी सोचते हैं कि ये तो फिल्में हैं। यहां तो सब चलता है। कभी कुत्ते, कभी घोड़े, कभी हाथी कभी कुछ लेकिन हमारी भारतीय सेना में शामिल खोजी कुत्ते अर्थात आर्मी डॉग्स उपर्युक्त सभी बातों को वास्तविकता में इससे भी कई ज्यादा सच साबित कर देते हैं। ये खोजी कुत्ते एक भारतीय सिपाही के कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं। ये खोजी कुत्ते भारत की सुरक्षा में उतना ही योगदान देते हैं, जितना कोई सैनिक देता है। हमेशा ये खोजी कुत्ते दुश्मनों को किसी भी परिस्थिति में मज़ा चखाने के लिए तत्पर रहते हैं।

संबंधितपोस्ट

आतंकियों की भाषा बोलने लगी है पाकिस्तान की आर्मी

आतंकी हमले में बलिदान हुआ ‘फैंटम’, सेना की मदद करते समय लगी गोली, जानिए कैसे होती है डॉग्स की ट्रेनिंग

क्या है भारतीय सेना का ‘प्रोजेक्ट उद्भव’?

और लोड करें

इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे ये जांबाज खोजी कुत्तों के भारतीय सेना में क्या-क्या काम होते हैं? कौन-कौन से कुत्ते भारतीय सेना में शामिल होने योग्य होते हैं? रिटायरमेंट के बाद इनको भारतीय सेना गोली क्यों मार देती हैं? वो साल 1959 का था, जब भारतीय सेना में सहायता के लिए पहली बार खोजी कुत्तों (आर्मी डॉग्स) को शामिल किया गया था। तब से लेकर अब तक विभिन्न प्रकार की नस्लों के कुत्ते भारतीय सेना में शामिल हो चुके हैं। इन खोजी कुत्तों ने भारतीय सेना में अपने शौर्य और बहादुरी का परिचय देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी हैं।

और पढ़ें: भारतीय वायुसेना दोतरफा युद्ध के लिए है तैयार?

खोजी कुत्तों के क्या काम होते हैं

सबसे पहले इन खोजी कुत्तों को सेना में शामिल होने से पहले एक कड़े प्रशिक्षण के दौर से गुजरना पड़ता है। जिसमें इन्हें कुछ निश्चित आदेशों पर प्रतिक्रिया देते हुए कुछ कार्रवाई करना सिखाया जाता है। इन खोजी कुत्तों को भारतीय सेना बड़ी शिद्द्त के साथ ट्रेंड करती है। ये खोजी कुत्ते सामान्य कुत्तों से बिल्कुल भिन्न होते हैं। ये खोजी कुत्ते मानों जमीन में छुपाए गए विस्फोटक पदार्थों को सूंघकर पता लगा लेते हैं। जिसके फलस्वरूप सेना को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती और वो कुत्ते की सूचना के आधार पर बम डिफ्यूज कर देती है। ये संदिग्ध व्यक्ति को सूंघकर उसकी शिनाख्त आसानी से कर लेते हैं। ये कुत्ते हिंसक भीड़ का पीछा करने और फरार आतंकवादियों का पता लगाने में भी बखूबी माहिर होते हैं। बहुत सारे कुत्तों को अशांत क्षेत्रों में तैनात किया जाता हैं। इन कुत्तों की सूंघने की क्षमता इंसान की सूंघने की क्षमता से 50 गुना अधिक होती है। प्रशिक्षण से लेकर सेना में शामिल होने तक भारत की सरकार एक बड़ी धनराशि इन खोजी कुत्तों पर खर्च करती हैं।

भारतीय सेना में शामिल होने वाली कुत्तों की नस्ल

लैब्राडोर, जर्मन शेफर्ड, बेल्जियन मेलिनोइस, ग्रेटर स्विस माउंटेन डॉग और बुलडॉग वाली कुत्तों की नस्लों को ज्यादतर भारतीय सेना में शामिल किया जाता है। क्योंकि इन नस्लों में सीखने की क्षमता सबसे ज्यादा होती है। सेना, इन कुत्तों को इनके बेहतरीन कार्यों के लिए समय-समय पर पुरस्कारों से सम्मानित भी करती रहती है।

लैब्राडोर

लैब्राडोर नस्ल को आमतौर पर ऐसा कुत्ता माना जाता है, जो परिवार के साथ घुल-मिलकर रहते हैं। यही घुल-मिलकर रहने की प्रवत्ति उसे सेना के लिए बहुत महत्वपूर्ण बनाती है। लैब्राडोर कुत्ते के बारे में कहा जाता है कि ये बहुत ज्यादा वफादार होते हैं। इनमें सूंघने की शक्ति बहुत तेज होती है। कहा जाता है कि वियतनाम-अमेरिका युद्ध में अमेरिकी सेना ने करीब चार हज़ार कुत्तों का प्रयोग किया था। इन कुत्तों में से ज्यादातर लैब्राडोर ही थे। लैब्राडोर कुत्तों ने घायल अमेरिकी सैनिकों और पानी के नीचे छिपे दुश्मन सैनिकों को खोज निकालने में अमेरिकी सेना की बहुत मदद की थी।

वहीं लैब्राडोर कुत्तों की भारतीय परिपेक्ष्य में बात करें, तो लैब्राडोर कुत्तों ने एंटी-मिलिटेंट अभियानों में सेना और सुरक्षाबलों की खूब सहायता की है। ऐसे कई मौके सामने आएं, जब उग्रवादियों और सेना के जवानों के बीच झड़प हुई और घायल होने के बाद कई उग्रवादी भागने में सफल रहें तो ऐसे में लैब्राडोर कुत्तों ने उग्रवादियों की महक की सहायता से उन्हें पता लगाया और भारतीय सेना की मदद की है। लैब्राडोर कुत्ते सैन्य ऑपरेशन के साथ-साथ सैनिकों के तनाव कम करने में भी मदद कर रहे हैं।

और पढ़ें: मिसाइल, बम दागने वाले मानवरहित ‘घातक’ ड्रोन भारतीय सेना को बदलकर रख देंगे

जर्मन शेफर्ड

जर्मन शेफर्ड नस्ल के कुत्तों का सेना से काफी पुराना संबंध है। पहली बार जर्मन शेफर्ड का प्रयोग प्रथम विश्वयुद्ध के समय जर्मन सेना ने किया था। इन कुत्तों ने जर्मन सेना की युद्ध में बहुत मदद की थी। जर्मन शेफर्ड नस्ल के कुत्ते शारीरिक रूप से काफी मज़बूत होने के साथ काफी फुर्तीले भी होते हैं। फुर्तीले होने की वजह से प्रथम विश्वयुद्ध के समय इन्होंने छोटे-मोटे हथियारों को इधर से उधर ले जाने में अहम भूमिका निभाई थी। इन कुत्तों ने सैनिकों की टुकड़ियों के बीच संदेशवाहक का भी काम किया था। घायल सैनिकों को चिकित्सीय सहायता प्रदान करने में भी जर्मन शेफर्ड की अहम भूमिका रहीं थी।

प्रथम विश्वयुद्ध में इन कुत्तों के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए अमेरिका और ब्रिटेन ने भी जर्मन शेफर्ड कुत्तों का अपने स्क्वाड में शामिल किया। जिसका फ़ायदा ये हुआ कि द्वितीय विश्व युद्ध में अमरीकी और ब्रिटेन सेना के लिए जर्मन शेफर्ड ने काफी हद तक मदद की। भारतीय सेना भी मुख्यतः इन कुत्तों का प्रयोग सैन्य ऑपरेशनों के दौरान ही करती है। ये संवेदनशील इलाकों में सन्देश पहुंचाए जाने के काम आते हैं। इस लिहाज से ये कह सकते हैं कि ये सैनिकों के ख़ास साथी होते हैं। सेना में ऐसे कई मौके आए जब सैनिकों द्वारा वायरलेस से आपस में बात करना खतरे से खाली नहीं था। ऐसे में इन कुत्तों ने सैनिकों की मदद की।

बेल्जियन मेलिनोइस

बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल के कुत्ते जर्मन शेफर्ड कुत्ते की तरह थोड़े-थोड़े होते हैं। ये सबसे तेज दिमाग वाले कुत्तों की श्रेणी में आते हैं। ये पतले, मजबूत और फुर्तीले होते हैं। इनकी सुनने की क्षमता भी बहुत अधिक होती है। बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल के कुत्ते बहुत ही साहसी और चतुर भी होते हैं। इनकी यहीं बात इन्हें सेना के लिए ख़ास बनाती है। इनका प्रयोग ज्यादातर बचाव कार्यों में किया जाता है। इनका उपयोग सेना के खोज ऑपरेशनों में और सीमा सुरक्षा में भी किया जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध के समय से ही इन कुत्तों का प्रयोग विभिन्न देशों की सेनाएं करती आ रहीं हैं।

ग्रेटर स्विस माउंटेन

ग्रेटर स्विस माउंटेन डॉग नस्ल के कुत्तों की सबसे बड़ी ख़ास बात यह है कि आप इनके ऊपर कभी भी आँख मूंदकर विश्वास कर सकते हैं। ये कभी भी आपकी आज्ञा का उल्लंघन नहीं करते हैं। ग्रेटर स्विस माउंटेन कुत्ते शारीरिक रूप से काफी बलवान होते हैं। ऐतिहासिक स्त्रोत बताते हैं कि बहुत पुराने समय से ही इन कुत्तों का प्रयोग सेनाओं द्वारा किया जा रहा है। इनकी मजबूती और मालिक के प्रति प्रतिबद्धता को देखते हुए विभिन्न देशों की सेना ने अपने स्क्वाड में शामिल किया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इनका भारी संख्या में प्रयोग किया गया। ग्रेटर स्विस माउंटेन कुत्ते दुश्मन की शिनाख्त करने और उनका तेजी से पीछा करने में बहुत तेज होते हैं, इसलिए सेना के सैन्य ऑपरेशन में ये बहुत काम आते हैं। ये छोटी सी छोटी हलचल को बहुत दूर से भांप लेते हैं, जिनकी वजह से इनको सेना कैम्पों की सुरक्षा की निगरानी के लिए तैनात किया जाता है।

और पढ़ें: ‘अब परिंदे भी पर नहीं मार पाएंगे’, घुसपैठ को नाकाम करने हेतु AI का इस्तेमाल कर रही है भारतीय सेना

रिटायरमेंट के बाद खोजी कुत्तों को क्यों मार दिया जाता है

यह जानकर बहुत हैरानी और दुःख की अनुभूति होती है कि जो खोजी वफादार कुत्ते हमारे देश की सुरक्षा में हमारे सैनिकों का भरपूर साथ देते हैं, दुश्मनों के छक्के छुडा देते हैं, यहां तक कि कई बार अपनी जान तक न्योछावर कर देते हैं। उन कुत्तों को रिटायरमेंट के बाद हमारी सेना गोली मार देती हैं। इन कुत्तों को गोली मारने पर भारतीय सेना का तर्क है कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन्हें मारा जाता है। क्योंकि ये डर हमेशा बना रहता है कि रिटायर होने के बाद ये कुत्ते कहीं गलत लोगों के हाथ न लग जाएं और अगर ऐसा हुआ तो देश को न जाने किन-किन तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।

क्योंकि कुत्ते को हर उस गुप्त स्थान के बारे में पूरी जानकारी होती है, जो सेना के अंडर रहता है। ऐसे में ना रहेगी कुत्ते की जिंदगी, और ना देश को किसी तरह की हानि का सामना करना पड़ेगा। गोली मारने से पहले इन कुत्तों की बड़े सम्मान के साथ विदाई दी जाती है। साथ ही देश के शहीद हुए सैनिक के भांति इनका भी बड़े सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है। वैसे इन कुत्तों को रिटायरमेंट के बाद मारे जाने का चलन अंग्रेजों के शासन काल से ही शुरू किया गया था। अमेरिका में रिटायर होने के बाद इन खोजी कुत्ते को लोगों के द्वारा एडॉप्ट कर लिया जाता है और जिन्हें एडॉप्ट नहीं किया जाता। उन कुत्तों को एक खास एनजीओ को दे दिया जाता है। जो उनके आखिरी के दिनों में उनकी दवा आदि की अच्छी व्यवस्था करता है।

वहीं रूस और चीन जैसे देशों में भी कुत्तों को रिटायर होने के बाद गोली मारने का प्रावधान नहीं है। जापान में इन रिटायर हुए कुत्तों के लिए अलग से एक हॉस्पिटल होता है। यहां कुत्तों के लिए बिल्कुल इंसानों जैसी सुविधाएं होती हैं। 2015 में केंद्र सरकार ने कहा था कि ‘वह ऐसी नीति तैयार कर रही है, जिसके तहत सेना में प्रयोग होने वाले खोजी कुत्ते को मारा नहीं जाएगा, बल्कि इसका कोई दूसरा तरीका ढूंढा जाएगा’। इन तरीकों में से एक उन्हें एडॉप्ट करना भी है। यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी गया था। जिसमें अदालत का कहना था-‘सैन्य जानवरों को मौत की नींद सुलाने का चलन पशु क्रूरता रोकथाम कानून 1960 के प्रावधानों का पूरी तरीके से खुला उल्लंघन करता है’।

और पढ़ें: भारतीय नौसेना खरीदने जा रही है फाइटर जेट, राफेल और सुपर हार्नेट में चल रही है टक्कर

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: खोजी कुत्तोंरिटायरमेंटसेनासैन्य ऑपरेशन
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

द्रविड़ राजनीति हमेशा से इतनी ही ‘गंदी’ रही है, बस अब दिखने लगी है

अगली पोस्ट

गुमनाम नायक: रासबिहारी बसु भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के ‘गॉड फादर’

संबंधित पोस्ट

सना यूसुफ
चर्चित

पाकिस्तान में टिकटॉक स्टार सना को बर्थडे पार्टी के दौरान घर में घुसकर मारी गई गोली, हमलावर गिरफ्तार – जानिए क्या है पूरा मामला

3 June 2025

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के जी-13 इलाके में एक बेहद चौंकाने वाली और दुखद घटना ने सोशल मीडिया को झकझोर दिया है। 17 वर्षीय टिकटॉक...

खान सर और उनकी पत्नी (चित्र: सोशल मीडिया)
चर्चित

प्रगतिशील बनने का दावा और घूंघट में पत्नी? खान सर की सोच पर सवाल!

3 June 2025

नई पीढ़ी की एक कवयित्री, वंदना की एक रचना है... घूंघट को परिभाषित, करते हुए...लज़्ज़ा, संस्कार, सभ्यता...को जोड़ दिया गया...‘घुटन’ शब्द छोड़ दिया गया... इस...

DMK सांसद कनिमोझी
चर्चित

स्पेन में DMK सांसद कनिमोझी के दिए गए ब्यान के क्या हैं असल मायने? एकता और विविधता को बताया भारत की राष्ट्रीय भाषा

3 June 2025

तमिलनाडु की राजनीति में जब-जब भाषा का मुद्दा उठता है, DMK उसका झंडाबरदार बनकर सामने आती है। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन जहाँ आगामी विधानसभा चुनावों से...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited