कांग्रेस आखिरकार करना क्या चाहती है? 5 अगस्त को प्रदर्शन क्यों?

राहुल गांधी स्वयं ही इतने 'ज्ञानी' हैं या कोई दूसरी महान आत्मा उन्हें 'दृष्टि' देती है!

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Source- TFIPOST.in

वो दिन अब दूर नहीं नजर आता, जब देश की सबसे पुरानी पार्टी होने का गर्व महसूस करने वाली कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी। देखा जाए तो कांग्रेस आज अपने इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। सालों तक देश पर राज करने के बाद और देश को अपनी प्रॉपर्टी समझने वाली कांग्रेस को अब जनता आईना दिखाती नजर आ रही है। यही कारण है कि 2014 से कांग्रेस पार्टी पतन की ओर जाती जा रही है। केंद्र में तो अब कांग्रेस की सरकार आना अब किसी सपने की तरह लगता है।

वहीं पूरे देश में केवल इक्का-दुक्का ही राज्य ऐसे नजर आते है। जहां कांग्रेस सत्ता पर काबिज हो। इतने बुरे हाल के बाद भी कांग्रेस है कि समझने का नाम ही नहीं लेती। वो ऐसे मूर्खतापूर्ण काम करती है। जिसके चलते प्रश्न उठते है कि आखिर वे कौन लोग हैं, जिनकी सलाह पर इस वक्त वर्तमान समय में कांग्रेस चल रही है? कौन है वो लोग, जो पार्टी की रणनीतियों का मसौदा तैयार कर रहे है?

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प्रदर्शन के लिए कांग्रेस ने 5 अगस्त ही क्यों चुना

दरअसल, आज यानी 5 अगस्त शुक्रवार को कांग्रेस देशभर में प्रदर्शन के नाम पर नौटंकी करने का निर्णय किया। महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस और उसके नेता सड़कों पर उतर आए और सरकार के विरोध में प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान अनुमति नहीं मिलने के बावजूद कांग्रेस अपने युवराज राहुल गांधी के साथ संसद भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने लगी, तब दिल्ली पुलिस ने राहुल को हिरासत में भी ले लिया।

इसके साथ ही कांग्रेस मुख्यालय से मार्च निकाल रही। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को भी पुलिस द्वारा पहले रोकने के प्रयास किए गए। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड लगाए थे, लेकिन प्रियंका गांधी उसे फांदकर आगे बढ़ गईं। इस दौरान वे सड़क पर ही धरने पर बैठ गई। काफी समय तक चले इस ड्रामे के बाद पुलिस ने प्रियंका गांधी को भी हिरासत में ले लिया। कांग्रेस की तैयारी प्रधानमंत्री आवास घेरने की भी थी।

कांग्रेस पार्टी महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर प्रदर्शन करना चाहती थी। वे सरकार के खिलाफ हल्ला बोलना चाहती थी। यह सब तो समझ आता है। परंतु इसके लिए उसने 5 अगस्त की ही तारीख क्यों चुनी? ऐसा तो नहीं था कि कांग्रेस ने अचानक ही इस प्रदर्शन पर विचार किया हो। कांग्रेस के द्वारा कम से कम एक हफ्ते पहले से इसकी तैयारी चल रही थी। ऐसे में 5 अगस्त के दिन ही कांग्रेस का प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरना कई तरह के प्रश्न खड़े कर देता है?

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ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा हुआ है 5 अगस्त का दिन

देखा जाए तो 5 अगस्त हमारे देश के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन बन गया है। यही वो तारीख है, जब लगातार दो साल दो महत्वपूर्ण घटनाएं घटी और मोदी सरकार ने अपने चुनावी घोषणापत्र के सबसे बड़े वादों को पूरा कर दिखाया। यही वो तारीख है,जब जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद-370 के चंगुल से मुक्त हो गया था। आजादी के बाद जो साहस कोई सरकार नहीं दिखा पाई, वो मोदी सरकार ने दिखाया और दूसरी बार सत्ता में आते ही 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा-370 सदैव के निरस्त करने का फैसला लिया। ठीक इसके एक साल बाद यानी 5 अगस्त 2020 के दिन को सरकार ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के भूमि पूजन के लिए चुना।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या जाकर स्वयं अपने हाथों से राम मंदिर के निर्माण की नींव रखी। इन कारणों से 5 अगस्त का दिन देश के इतिहास के स्वर्ण पन्नों में दर्ज हो गया। यह दिन केवल भाजपा के लिए ही खास नहीं है, बल्कि हर एक देशवासियों के लिए भी महत्वपूर्ण बन गया। जो सदियों से अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के सपने देख रही थी, जो कश्मीर को अनुच्छेद-370 की बेड़ियों से आजाद करना चाहती थी। इन वजहों से 5 अगस्त का दिन भारतवासियों के लिए काफी खास बन गया। परंतु देश की जनता के साथ खुशियां और जश्न मनाना तो दूर की बात रही, कांग्रेस ने अपने प्रदर्शन के लिए इसी दिन को चुना। अब महंगाई, बेरोजगारी तो ऐसे मुद्दे है, जिस पर कांग्रेस जिस दिन चाहे, उस दिन प्रदर्शन कर सकती थी। परंतु 5 अगस्त के दिन ही ऐसा करने के कारण पार्टी की मंशा पर प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं।

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