TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

JNU की हवा ही कुछ ऐसी है, संघी ने भी रंग बदल लिया

अब ये आदियोगी भगवान शिव की भी जाति खोजेंगे

Utkarsh Upadhyay द्वारा Utkarsh Upadhyay
23 August 2022
in चर्चित, मत
JNU
Share on FacebookShare on X

कहा गया है न, जैसी संगत वैसी रंगत! एकदम सही कहा गया है। यूं तो ऐसा कहा जाता रहा है कि एक शिष्य को अपने गुरु के गुणों को आत्मसात करना चाहिए पर जेएनयू क्योंकि अपने में ही एक अलग मानचित्र को गढ़ता आया है, उसके मानदंड इस संदर्भ में भी अलग ही हो जाते हैं। हालिया उदाहरण है नयी-नयी उदारवादी बनीं निवर्तमान संघ के विचार को मानने वाली JNU कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय वामपंथियों का अड्डा रहा है

दरअसल, पीयर प्रेशर के चक्कर में कई तुर्रम खां पानी मांग जाते हैं फिर चाहे वो JNU जैसे शिक्षण संस्थान की कुलपति ही क्यों न हों। जी हां, आपने सही आंकलन किया, इस बार JNU कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित कुछ ऐसा कर बैठी हैं जिससे संघ विचारक खिन्न हैं तो वामपंथी और उदारवादी समूह में हर्ष का माहौल है। किसे पता था कि JNU के माहौल को बदलने गयीं शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित माहौल बदलने के बजाय स्वयं ही बदल जाऐंगी। यह सर्वविदित है कि अपनी स्थापना के बाद से ही जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय वामपंथियों का अड्डा रहा है। दरअसल, केरल विधानसभा के बाद यह अकेली ऐसी संस्था है जहां वामपंथी आवाज़ें प्रचुर मात्रा में गूंजती है। इतना ही नहीं, इस वातावरण में एक जन्मजात संघी भी कुछ महीनों के लिए परिसर में रहने के बाद उदार होने लगता है। जो कितना किस के लिए लाभकारी है और कितना दुष्परिणामों से भरा हुआ है यह आंकलन जनता को लगाना है।

संबंधितपोस्ट

DUSU चुनाव 2025: Gen Z ने अपने वोट से दिया राष्ट्रवाद का संदेश

बंगाल का JNU कहे जाने वाले जादवपुर यूनिवर्सिटी में की गई आजाद कश्मीर और फ्री फिलिस्तीन की पेंटिंग; वामपंथी छात्र संगठन PDSF के खिलाफ दर्ज हुई FIR

JNU में हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म के अध्ययन के लिए केंद्रों की होगी स्थापना।

और लोड करें

और पढ़ें- ज्ञानवापी में मिला शिवलिंग, दांत चियारते हुए भगवान शिव और सनातन का उपहास उड़ाने लगे लिब्रांडु

बता दें, हाल ही में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित बी आर अंबेडकर व्याख्यान श्रृंखला में मुख्य भाषण देते हुए जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने कहा, हिंदू देवता मानवशास्त्रीय रूप से उच्च जाति से नहीं आते हैं। विषय था,  “डॉ बी.आर. लिंग न्याय पर अम्बेडकर का विचार: समान नागरिक संहिता को डिकोड करना।” इस पर बोलते हुए पंडित ने कहा कि, “हमारे देवताओं में क्षत्रिय तो हैं, लेकिन कोई भी देवता ब्राह्मण नहीं हैं। भगवान शिव को लेकर उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कोई ब्राह्मण श्मशान में बैठ सकता है इसलिए भगवान शिव एससी या एसटी समुदाय के होंगे।”

अब यदि कुलपति महोदया ने यह बोल ही दिया है तो उनको सही करना भी बेहद ज़रूरी है नहीं तो वो ऐसी गलतियां करती जाएंगी और सारी गाज गिरेगी हिंदू धर्म पर। भगवान शिव को जाति के सांचे में उतारना जेएनयू वीसी की ओर से की गयी पूरी तरह से गलत बयानी और गलत चित्रण है। इसे झूठा कहना काफी नहीं है। वास्तव में यह विरोधीभासी है जिसको तथ्य के साथ झुठलाना आवश्यक है। शिवजी अन्य मनुष्यों की तरह न कभी उत्पन्न हुए और न ही वे लुप्त होंगे।

इसके अतिरिक्त, जेएनयू की वीसी जिस जाति मूल की बात कर रही थीं, वह वास्तव में गुणों पर आधारित है न कि जन्म पर। इसे मूल रूप से “वर्ण” कहा जाता है। वर्ण व्यवस्था पर हिन्दू समाज चलता रहा है, सभी वर्णों के आधार अलग हैं। चारों वर्णों ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र के अपने-अपने तथ्य हैं, आधार हैं। ब्राह्मण ज्ञान के लिए तो क्षत्रिय पराक्रम के लिए तो वैश्य, वित्त, वाणिज्यिक और कृषि व्यवसायों से जुड़े होते हैं। इसी तरह, जो उपरोक्त को छोड़कर अन्य नौकरियों का चयन करते हैं, उन्हें शूद्रों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

और पढ़ें-डियर इकोनॉमिक टाइम्स, भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु ‘बम भोले’ का उद्धोष होता है न कि ‘बोम भोले’ का

शिव हर उस गुण के स्वामी हैं जो अन्य देवों में समाहित है

शिवजी ब्राह्मण प्रतीत होते हैं

अब पुनः लौटते हैं शिवजी के पास। शिव जी देवों के देव हैं। इसका मतलब है, वह हर उस गुण के स्वामी हैं जो अन्य देवों में समाहित हैं। जब देवराज इंद्र भगवान विश्वकर्मा को अपने षडयंत्रों से परेशान करते रहे, तो वे राहत के लिए ब्रह्मदेव के पास गए। ब्रह्मदेव ने इसका उल्लेख भगवान शिव से किया और उन्होंने अपने ज्ञान के माध्यम से देवराज को विनम्र करने का दायित्व संभाला। उन्होंने एक बच्चे का रूप धारण किया और देवराज को सिखाया कि उन्हें विनम्र होने की जरूरत है। इस तरह से शिवजी ब्राह्मण प्रतीत होते हैं।

ऐसा है शिव का क्षत्रिय कर्म

वहीं शिवजी को संहारक भी कहा जाता है। यह सामान्य ज्ञान है कि जब तक आपके पास ऐसा करने की शक्ति नहीं है तब तक आप कुछ भी नष्ट नहीं कर सकते। उनकी तीसरी आंख उनकी शक्ति का प्रतीक है। तारकक्ष, विद्युतुनमाली, कमलाक्ष, जालंधर, शंखचूड़ा, अंधकासुर, गजासुर, दुंदुबिनिर्रदा और यहां तक कि शनि देव ने भी उनके क्षत्रिय कर्म को देखा है।

वैश्य कर्मों में भी पारंगत हैं शिव

तीसरी सोच और स्थिति में शिवजी वैश्य भी थे ऐसा माना जाता है। एक बार देवी पार्वती ने उन्हें सोने के आभूषण प्रदान करने के लिए कहा। शिवजी ने उसे कुबेर से लेने को कहा। जब पार्वती जी ने पूछा कि वह बदले में कुबेर को क्या देंगी, तो शिवजी ने मस्तक पर लगी थोड़ी सी भस्म दे दी। देवी को संशय तो हुआ लेकिन जब इसे तुला पर मापा गया तो भस्म की तुलना में सोने का वजन बहुत कम था। अर्थात गुणा-भाग तक ही नहीं बल्कि शिवजी वैश्य कर्मों में भी पारंगत हैं।

और पढ़ें- जेएनयू के टेक्निकली challenged क्रांतिकारियों की ‘मेल ट्वीट’ पर खुली पोल

शूद्र समाज से मेल खाती स्थितियां

चौथी स्थिति वो स्थिति है जो शूद्र समाज से मेल खाती है अर्थात जो काम कोई नहीं करने को तैयार होता वो शूद्र करते हैं। इसी प्रकार एक बार ऐसी स्थिति प्रभु शिव के समक्ष आयी जब समुद्र मंथन के दौरान विष पीने के लिए कोई भी कदम उठाने को तैयार नहीं हुआ तो शिवजी ने निस्संकोच होकर विष पी लिया। एक प्रसंग में तो मां काली के चरणों के नीचे लेटने में भी शिव जी को कोई संकोच नहीं था। जाहिर है, यह दुनिया को मां के प्रकोप के विनाश से बचाने के लिए किया गया था।

यह सब बाद की बात है क्योंकि यह वर्ण व्यवस्था तो ऋग्वेद के पुरुषसूक्त में मिलता है यानी यह प्रभु शिव से बहुत बाद में। ऐसे में उक्त सभी उदाहरणों को नजरअंदाज करते हुए शिवजी को एक श्रेणी में रखना बेतुका बयान था जो कुलपति की ओर से किया गया। यदि एक बार भी जेएनयू वीसी ने स्कन्द पुराण, शिव पुराण, विष्णु पुराण, मार्कंडेय पुराण, लिंग पुराण, ब्रह्म वैवर्त पुराण, अग्नि पुराण, पद्म पुराण और 4 वेद जैसे सनातन ग्रंथों को पढ़ा होता, तो वह इस तरह की बेतुकी टिप्पणी नहीं करतीं। शेष जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी!

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालयजेएनयूशिव
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

भारतीय फुटबॉल को बर्बाद करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने प्रफुल्ल पटेल को जमकर लताड़ा

अगली पोस्ट

योगी आदित्यनाथ बना रहे हैं भगवान परशुराम के पदचिन्हों पर पूरा टूरिस्ट सर्किट

संबंधित पोस्ट

नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है
चर्चित

हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

1 December 2025

हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने प्रशासनिक स्तर पर बड़ा फेरबदल करते हुए 20 IAS-IPS अधिकारियों के तबादले के आदेश जारी किए हैं। यह फेरबदल...

ऑपरेशन सिंदूर 2:0
मत

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

21 November 2025

पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसमें शायद ही किसी को कोई संशय हो, ख़ुद पाकिस्तान के मित्र भी न सिर्फ इसे अच्छी तरह जानते...

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited