आहा! हिमंता बिस्वा सरमा ने केजरीवाल को पटक-पटक के धोया है!

केजरीवाल अब कभी भी हिमंता बिस्वा सरमा से भिड़ने की हिम्मत नहीं करेंगे!

kejriwaal

अरी दादा, तनिक शांत करो हिमंता दा को, ई तो योगी महाराज को टक्कर देने लगे हैं कि कौन अपने विरोधियों को अधिक प्रेम से बेइज्जत कराएगा।

इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अरविंद केजरीवाल के दोहरे मापदंडों की पोल तो खोली ही बल्कि उनकी और उसकी पार्टी की ऐसी धुलाई की कि अब बंधु किसी को मुंह दिखाने योग्य नहीं रहेंगे।

और पढ़ें- ‘प्रियंका कांड’ पर हिमंता ने राजदीप सरदेसाई के एक झन्नाटेदार थप्पड़ मारा है!

आबकारी नीति का रायता खूब फैला है

हाल ही में दिल्ली के अजीबोगरीब आबकारी नीति के परिप्रेक्ष्य में सीबीआई के छापे पर दिल्ली सरकार ने जो रायता फैलाया है उसके बारे में जितना लिखा जाए उतना कम है। उसके ऊपर से जितनी बार इन लोगों से कुछ कठिन प्रश्न पूछे जाते हैं तो ये शिक्षा मॉडल का राग अलापने लगते हैं। अरविंद केजरीवाल एवं मनीष सिसोदिया ने तो न्यू यॉर्क टाइम्स के एक रिपोर्ट तक का हवाला देने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। परंतु इतने सफेद झूठ से तंग आकर मानो हिमंता दा ने इनको पटक-पटक कर धोने की कसम ही खा ली हो।

हिमंता भाईसाब ने एक ही ट्वीट में अरविंद केजरीवाल को कूटने का पूर्ण प्रबंध कर दिया। उन्होंने ट्वीट किया, “बिना किसी होमवर्क के कृपया बकवास न करे। जब से शिक्षा मंत्री बना हूँ, तब से [नीचे सम्पूर्ण विवरण है]असम सरकार 8610 नये विद्यालयों का या तो स्थापना की है या फिर अधिग्रहण किया है। दिल्ली सरकार ने पिछले 7 साल में कितने नए स्कूल बनाए हैं?” –

अब ढोंगीचन्द केजरीवाल को पता चल गया होगा कि यहां कोई ऐरा गैरा व्यक्ति नहीं है बल्कि ये तो इनकी खटिया खड़ी कर देगा। ऐसे में उन्हें मनाने हेतु केजरीवाल ने ट्वीट किए,

“अरे। लगता है आप बुरा मान गए। मेरा मक़सद आपकी कमियां निकालने का नहीं था। हम सब एक देश हैं। हमें एक दूसरे से सीखना है। तभी तो भारत नम्बर वन देश बनेगा, मैं आता हूं ना असम। बताइए कब आऊं? आप शिक्षा के क्षेत्र में अपने अच्छे काम दिखाना। आप दिल्ली आइये, मैं आपको दिल्ली के काम दिखाता हूँ” –

परंतु केजरीवाल शायद एक बेसिक बात भूल गये थे कि– जल में रहकर मगर से बैर नहीं लिया जाता है। एक तो पहले ही सिसोदिया ने हेमंता की धर्मपत्नी पर कीचड़ उछालने का पाप किया था और ऊपर से महोदय ने अब अपनी खोखली शिक्षा नीति की तुलना हिमंता बिस्वा सरमा के राज्य से कर दी।

और पढ़ें-

टूट पड़े हिमंता भाई

फिर क्या था, टूट पड़े हिमंता भाई केजरीवाल पर। एक लंबे ट्वीट थ्रेड में केजरीवाल की पोल खोलते हुए उन्होंने कहा, “प्रिय अरविंद केजरीवाल जी, आपकी अज्ञानता दर्दनाक है। तनिक सहायता करता हूं। दिल्ली से 50 गुना बड़ी है असम। आपके कुछ 1000 विद्यालय के मुकाबले हमारे 44521 सरकारी विद्यालय 65 लाख विद्यार्थियों को शिक्षा देते हैं। हमारी 2 लाख की सरकारी शिक्षकों की एवं लगभग सवा लाख की मिड डे मील कर्मचारियों की अतिरिक्त ‘सेना’ है। समझे?” –

परंतु वे इतने पर नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, “दिल्ली की तुलना में हम बाढ़ की उत्तेजना, आतंक का प्रकोप, पहाड़ों का कष्ट इत्यादि सब सहते हैं और तब भी उच्चतम शिक्षा सभी को प्रदान करते हैं। हम बड़े अच्छे आतिथेय [मेज़बान] हैं, कभी 2 रातें हमारे क्षेत्रों में भी गुजारिए, बड़ा अच्छा लगेगा। आपको हमारी चुनौतियां जब दिखेंगी न, तो ये उपदेश देना स्वतः बंद हो जाएगा।

हम 14 अलग जनजातीय भाषाओं में शिक्षा देते हैं। हमारी विविधता ऐसी है जिस पर हमें गर्व है, और हां, हमारे पास दिल्ली जितने साधन नहीं, पर हमें इस बात का गर्व है कि हमारे पास जो है, हम उसमें काम चला सकते हैं और सदैव रहेगा!”

परंतु अंतिम वार तो सबसे घातक था, जब उन्होंने अरविंद केजरीवाल के कथित असम यात्रा पर चर्चा की। हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने ट्वीट थ्रेड के अंत में लिखा, “और हां, जब आप असम आएंगे, जिसके लिए आप इतना लालायित हैं, तो मैं आपको अपने मेडिकल कॉलेज ले जाऊंगा, जो आपके मोहल्ला क्लिनिक से 1000 गुना बेहतर हैं, एवं अपने सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों एवं बच्चों से भी मिलवाऊंगा। और हां, आप देश को नंबर 1 बनाने की चिंता छोड़ दें, वो मोदी जी कर रहे हैं!”

यहां एक प्रश्न उठाना तो बनता है कि क्या इस तरह से पटक के धो देने की हेमंता भाई की कला का कोई सानी हो सकता है क्या? ये कहना गलत नहीं होगा कि अरविंद केजरीवाल के खोखले शिक्षा मॉडल की पोल जिस प्रकार से हिमंता बिस्वा सरमा ने खोली है वो अपने आप में एक बड़ा उदाहरण है इस बात का कि समय से पूर्व और औकात से ज्यादा, किसी को नहीं पचता।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Exit mobile version