वर्तमान समय में कोई बिजनेसमैन ऐसा है, जो किसी भी कीमत पर रुकने-थमने का नाम नहीं ले रहा तो वो हैं भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी। अडानी आज भारत के साथ साथ पूरे एशिया के धनकुबेर बने हुए हैं। आज से कुछ वर्षों पूर्व कई लोग तो गौतम अडानी का नाम तक नहीं जानते थे। वही गौतम अडानी आज पूरी दुनिया में अपना कद और दबदबा बढ़ाते ही चले जा रहे हैं। अब उद्योगपति गौतम अडानी की उपलब्धियों की सूची में एक और बड़ी उपलब्धि शामिल हो गई हैं। उन्होंने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो अभी तक एशिया के धनकुबेर मुकेश अबानी और जैक मा भी नहीं कर पाए।
दरअसल, गौतम अडानी अब फ्रांस के दिग्गज कारोबारी बर्नार्ड आरनॉल्ट (Bernard Arnault) को पीछे छोड़ते हुए विश्व के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। गौतम अडानी की संपत्ति जो रॉकेट की रफ्तार पकड़े हुए है, वह अब बढ़कर 137.4 अरब डॉलर हो गई है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स की लिस्ट के अनुसार गौतम अडानी ने तीसरे स्थान पर पहुंचकर एशिया और भारत के लिए उपलब्धि हासिल की है। इससे पहले एशिया का कोई भी व्यक्ति इस मुकाम को हासिल नहीं कर पाया था। भारतीय उद्योपति मुकेश अंबानी और चीन के जैक मा तक कभी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में तीसरे नंबर तक नहीं पहुंच पाए हैं। अंबानी इस सूची में एक बार चौथे नंबर तक जरूर आए थे परंतु अडानी उनसे एक कदम और आगे निकलते हुए दुनिया के तीसरे अमीर व्यक्ति बनने वाले पहले एशियाई बन गए हैं।
केवल इतना ही नहीं टॉप 10 अमीरों की सूची में शामिल गौतम अडानी ऐसे इकलौते बिजनेसमैन हैं, जिनकी संपत्ति पिछले 24 घंटों के भीतर बढ़ी। ब्लूमबर्ग इंडेक्स के अनुसार इस दौरान उनकी नेटवर्थ में 1.2 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई। विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में अब अगर कोई गौतम अडानी से आगे हैं तो वे केवल टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस ही हैं। वर्तमान में एलन मस्क की संपत्ति 251 अरब डॉलर है, जबकि दूसरे नंबर पर काबिज जेफ बेजोस की नेटवर्थ 153 अरब डॉलर है। अडानी के पछाड़ने के बाद बर्नार्ड आरनॉल्ट चौथे नंबर पर आ गए हैं। उनकी संपत्ति में 1.37 अरब डॉलर की गिरावट आने के कारण यह अब 136 अरब डॉलर हो गई है।
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इस सूची में नहीं है कोई अन्य एशियाई
दुनिया के टॉप 10 बिजनेसमैन की सूची पर नजर डालें तो अडानी के अलावा कोई और एशियाई व्यक्ति इसमें मौजूद तक नहीं है। भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी भी लिस्ट में 11वें स्थान पर बने हुए हैं। फिलहाल अंबानी की संपत्ति 91.9 अरब डॉलर पर है। देखा जाए तो यह वर्ष गौतम अडानी के लिए काफी अच्छा साबित हो रहा है। वर्ष 2022 में ही अब तक अडानी की संपत्ति 60.9 अरब डॉलर बढ़ चुकी है। अन्य अरबपतियों की तुलना में यह कम से कम 5 प्रतिशत अधिक हैं। इस मामले में दुनिया का कोई और अरबपति उनके आसपास तक नहीं टिकता।
देखा जाए पिछले कुछ समय से गौतम अडानी जिस तरह से एक के बाद एक अधिग्रहण कर रहे हैं, वो एक अधिग्रहण किंग के रूप में उभरकर सामने आए हैं। अडानी भूखे शेर की तरह कंपनियों का शिकार करते नजर आ रहे हैं। हाल ही में वो मीडिया कंपनी एनडीटीवी की हिस्सेदारी खरीदने को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। इससे पहले भारतीय उद्योगपति ने बिजली उत्पादक कंपनी डीबी पावर को 7017 करोड़ रुपये में खरीदने की घोषणा की थी। उससे पूर्व उन्होंने नवकार कॉरपोरेशन से 835 करोड़ की कीमत पर इनलैंड कंटेनर डिपो (ICD) टुंब का अधिग्रहण किया था।
आपको बताते चलें कि अडानी लगातार अपने कारोबार का विस्तार करने में जुटे हैं। अडानी ग्रुप की ब्रांच कंपनी अडानी रोड एंड ट्रांसपोर्ट लिमिटेड (Adani Road & Transport limited) आंध्र प्रदेश और गुजरात में टोल प्लाजा भी खरीदने की तैयारी में है। अडानी पोर्ट्स ने 14 जुलाई को अपने लोकल बिज़नेस पार्टनर केमिकल एंड लॉजिस्टिक्स ग्रुप गैडोट के साथ मिलकर इजराइल का हाइफा पोर्ट भी खरीदा था। यह तो उनके केवल कुछ हालिया अधिग्रहण ही हैं। पिछले कुछ महीनों से लगातार वो एक के बाद एक किसी न किसी कंपनी पर अपना कब्जा जमाते ही चले जा रहे हैं। आज के समय में अडानी हर क्षेत्र में कारोबार विस्तार करने और अपना सिक्का जमाने में जुटे हुए हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अडानी की यह रफ्तार आगे कहां तक जाएगी।
अडानी को विरासत में नहीं मिला था व्यवसायिक साम्राज्य
गौतम अडानी अपनी मेहनत और काबिलियित के दम पर ही इस मुकाम तक पहुंच पाए हैं। कई उद्योगपतियों की तरह गौतम अडानी को व्यवसायिक साम्राज्य विरासत में नहीं मिला है। उन्होंने अपना साम्राज्य स्वयं अपने दम पर खड़ा किया। अहमदाबाद के गुजराती जैन परिवार में जन्मे गौतम अडानी ने अपनी कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। इसके बाद वो केवल जेब 100 रुपये लेकर आ गए सपनों के शहर मुंबई। यहां उन्होंने एक डॉयमंड कंपनी में नौकरी करना शुरू कर दिया। यह अडानी की कुशलता ही थी कि उन्होंने जल्द ही व्यापार के नियम और बाजार के बदलते ट्रेंड को परख लिया था। फिर अडानी ने नौकरी छोड़कर मुंबई के आभूषणों के सबसे बड़े झवेरी बाजार में स्वयं का डायमंड ब्रोकरेज स्थापित किया।
वर्ष 1981 में भाई के कहने पर अडानी अहमदाबाद वापस आए और प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करने लगे। यहां उन्होंने प्लास्टिक ग्रैनुएल्स का आयात किया। वर्ष 1988 में उन्होंने अडानी ग्रुप की स्थापना की। वर्ष 1991 में आर्थिक उदारीकरण गौतम अडानी के लिए वरदान साबित हुआ। वर्ष 1995 में अडानी समूह द्वारा मुंद्रा बंदरगाह का परिचालन शुरू किया गया। इसके बाद वर्ष 1996 में अडानी पावर लिमिटेड अस्तित्व में आई। वहीं, 1995 में उन्होंने खाद्य तेल के कारोबार में कदम साल। वर्ष 2010 में अडानी ने ऑस्ट्रेलिया की लिंक एनर्जी से 12,147 करोड़ में कोयला खदान खरीदी थी। वर्तमान समय में देश में आयातित कोयले में सबसे बड़ा कारोबारी अडानी एंटरप्राइजेज ही है। वर्ष 2015 के बाद अडानी ग्रुप ने रक्षा उपकरणों की आपूर्ति का कार्य शुरू किया और वर्ष 2019 में इस समूह ने हवाई अड्डे के क्षेत्र में प्रवेश किया। अडानी धीरे-धीरे कर मजबूत होते चले गए और अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर उन्होंने यह मुकाम हासिल कर लिया है।
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