केजरीवाल से न कोई मदद मिली, न इनाम और अब देश की बेटी से कागज मांग रही है AAP

ब्रॉन्ज मेडलिस्ट दिव्या काकरान के साथ जो भी हो रहा है वो शर्मिंदा करने वाला है!

arvind kejriwal

यह बात आज शायद ही किसी से छिपी हो कि केजरीवाल किस तरह देशभक्ति का दिखावा करते हैं, कहते कुछ हैं, करते कुछ हैं और अंदर ही अंदर सोचते कुछ और ही हैं। वो हमेशा ही यह दिखाने का प्रयास करते हैं कि उनसे बड़ा राष्ट्रभक्त तो मानो दूसरा कोई है ही नहीं। परंतु इसे केजरीवाल का दोहरा चरित्र ही तो कहेंगे कि वे देशभक्त होने का इतना दिखावा तो करते हैं परंतु जब बात उन खिलाड़ियों का समर्थन करने की आती है जो राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करते हैं तो वही केजरीवाल अपने कदम पीछे खींच लेते हैं।

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केजरीवाल के दावे और वादे खोखले हैं

केजरीवाल के दावे और वादे कितने खोखले होते हैं इसका उदाहरण हाल ही में तब देखने को मिला जब युवा पहलवान दिव्या काकरान ने उनकी पोल सबके सामने खोलकर रख दी। दरअसल, बर्मिंघम में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का प्रदर्शन काफी शानदार रहा। इस बार भारत की झोली में 61 मेडल आए, जिसमें 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज मेडल शामिल रहे। इसी के साथ भारत कॉमनवेल्श गेम्स में चौथा स्थान हासिल करने में कामयाब रहा। दिल्ली की रहने वाली एथलीट दिव्या काकरान ने भी कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन किया। युवा पहलवान दिव्या काकरान महिलाओं के 68 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीतने में कामयाब रहीं। परंतु दिव्या काकरान का समर्थन करना तो दूर की बात रही, केजरीवाल सरकार तो अब उनको “कागज दिखाने” तक को मजबूर करने लगी।

इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब दिव्या काकरान को मेडल जीतने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी उन्हें बधाई देने के लिए कूद पड़े। केजरीवाल की बधाई का दिव्या ने बड़े ही आदर के साथ जवाब तो दिया, परंतु इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली सरकार की पोल भी खोलकर रख दी। दिव्या ने तब अपने एक ट्वीट में लिखा था- “मेडल की बधाई देने पर दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री जी को तहे दिल से धन्यवाद। मैं पिछले 20 साल से दिल्ली मे रह रही हूं और यहीं अपने खेल कुश्ती का अभ्यास कर रही हूं। परंतु अब तक मुझे राज्य सरकार से किसी तरह की कोई इनाम राशि नहीं दी गई न तो कोई मदद दी गयी। मैं आपसे इतना निवेदन करती हूं कि जिस तरह आप अन्य खिलाड़ियों को सम्मानित करते हैं, जो दिल्ली के होकर किसी ओर स्टेट से भी खेलते हैं। उसी तरह मुझे भी सम्मानित किया जाए।“

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बेशर्मी की भी एक सीमा होती है

दिव्या के इन आरोपों के बाद केजरीवाल सरकार की सच्चाई सबके सामने आ गयी। बेशर्मी की भी एक सीमा होती है, परंतु लगता है कि केजरीवाल और उनके नेता उस सीमा को भी पार कर चुके हैं। तभी तो अपनी नाकामी स्वीकार करने की बजाए आम आदमी पार्टी के नेता उल्टा दिव्या काकरान को ही सबूत दिखाने पर विविश कर दिया। दिव्या के दिल्ली सरकार पर लगाए गए इन आरोपों के बाद आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने पूरे विवाद पर एक ट्वीट किया और दिव्या को दिल्ली की जगह उत्तर प्रदेश की खिलाड़ी बताने लगे।

सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर कहा- “यह हो सकता है कि मैं गलत हूं बहन, परंतु मैंने ढूंढा तो यह पाया कि आप दिल्ली की तरफ से नहीं बल्कि हमेशा उत्तर प्रदेश की तरफ से खेलती आयी हैं। पूरे देश को आप पर गर्व है। ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि आप और आगे बढ़े।“

यानी केजरीवाल सरकार की तरफ से फिर वही करने की कोशिश हुई, जिसकी उनकी पार्टी के नेताओं को हमेशा से आदत रही है, स्वयं पर लगे आरोपों का ठीकरा दूसरों पर फोड़ना। परंतु आम आदमी पार्टी के नेता को शायद यह मालूम नहीं था कि उनका पाला इस बार एक धाकड़ खिलाड़ी से पड़ा है, जो उन्हें कैसे जवाब देना है यह अच्छे से जानती हैं।

आप नेता सौरभ भारद्वाज ने दिव्या को दिल्ली की जगह उत्तर प्रदेश की खिलाड़ी बताने की कोशिश की, तो उन्होंने सबूत के साथ केजरीवाल सरकार पर पलटवार किया। दिव्या ने सबूत के साथ बताया कि वो 2011 से 2017 तक दिल्ली से खेलती थी। दिव्या ने कहा- “2011 से 2017 तक मैं दिल्ली से खेलती थी, यह रहा सर्टिफिकेट दिल्ली स्टेट का। आपको अगर अभी भी मुझ पर भरोसा नहीं है, तो दिल्ली स्टेट से 17 गोल्ड है, मेरा वो सर्टिफिकेट भी अपलोड करूं?”

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खोखले वादों की सच्चाई अब सबके सामने आने लगी है। केजरीवाल केवल विज्ञापनों के माध्यम से अपने कामों की तारीफ करने में जुटे रहते हैं। परंतु उनकी कथनी और करनी में कितना फर्क है यह तो दिव्या काकरान के आरोपों ने स्पष्ट कर ही दिया।

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