शिवसेना के समूल नाशक संजय राउत की अकड़ गिरफ्तारी के बाद भी नहीं जा रही

गिरफ्तारी के दौरान संजय राउत ने जो कूलत्व दिखाया उसका पूरा विश्लेषण यहां है

sanjay raut

बेशर्मी की पराकाष्ठा, आला दर्ज़े के क्यूट आदमी, कूलनेस की दुकान और शिवसेना के समूल नाश की पटकथा लिखने वाले संजय राउत अब जेल में हैं। दूसरों को सरेआम गालियां देने वाले क्यूट से राउत जब गिरफ्तार हुए तो उन्होंने जो क्यूटनेस दिखायी उसका वर्णन करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन वर्णन करने का प्रयास को किया ही जा सकता है। कूलत्व को समर्पित श्री संजय राउत जी ने गिरफ्तारी के वक्त जैसी एक्टिंग की उसे देखकर साउथ इंडिया के सुपरस्टार भी डर गए होंगे कि इस आदमी ने अगर बॉलीवुड में एंट्री ले ली तो बॉलीवुड तो जिंदा हो जाएगा।

राउत भाऊ को देखकर ऐसा लग ही नहीं रहा था कि यह आदमी भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार हो रहा है बल्कि ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो महाराज राउत मुगलों को युद्ध के मैदान में धूल चटाकर वापस लौट रहे हों। जिस प्रकार से भाड़े की भीड़ को घर के बाहर इकठ्ठा किया गया था, उसे देखकर प्रतीत हो रहा था मानो बाहुबली-3 की शूटिंग हो रही हो और राजामौली फ़िल्म में प्रभास की एंट्री करवाने वाले हों।

इस लेख में आपको मिलेगा संजय राउत की गिरफ्तारी का पूरा विश्लेषण।

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संजय राउत गिरफ्तार हुए 

तो भइया हुआ ये कि पात्रा चॉल घोटाले को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने संजय राउत को गिरफ्तार कर लिया, संजय राउत को हमारे दर्शक जानते होंगे लेकिन जो नहीं जानते उनके लिए बता रहा हूं कि संजय राउत शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादक हैं और शिवसेना के राज्यसभा सांसद भी हैं। राउत की गिरफ्तारी यूं ही नहीं हुई, गिरफ्तारी से पहले करीब 9 घंटे तक राउत के घर पर ईडी ने तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान ईडी ने 11.5 लाख रुपये जब्त किए और फिर ईडी ने करीब 6 घंटे तक संजय राउत से पूछताछ की और फिर संजय राउत गिरफ्तार कर लिए गए।

लेकिन गिरफ्तार होने से पहले और होने के बाद संजय राउत ने जबर्दस्त नौटंकी की है, मतलब एक बार को तो ऐसा लगा मानो हमारे हारमोनियम वादक श्री श्री संजय राउत महाराज नौटंकी के मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को भी पीछे छोड़ देंगे। उधर राउत के घर पर जांच जारी थी और इधर राग भैरवी की भांति जांच को राजनीतिक प्रपंच बताते हुए राउत का ट्विटियापा जारी था। ट्विटियापे से भी जब काम नहीं चला तो शिवसेना को बर्बाद करने वाले राउत भीड़ जुटाने पर उतारू हो गए। आप सोच रहे होंगे कि शिवसेना को राउत ने कैसे बर्बाद कर दिया, तो चलिए आपको बताते हैं।

2019 के विधानसभा चुनाव के बाद संजय राउत ने शिवसेना को एक तरह से हाईजैक कर लिया था। भाजपा के साथ रहते हुए तो राउत की चलती नहीं थी। ऐसे में उन्होंने उद्धव ठाकरे को उल्टा पाठ पढ़ाया। हमारे उद्धव ठाकरे, ठाकरे अवश्य हैं लेकिन बाला साहब नहीं, तो जैसा-जैसा संपादक महोदय कहते गए वैसी-वैसी कहानी उद्धव ठाकरे रचते गए और आखिरकार शिवसेना को सेक्युलर बना दिया, कांग्रेस, एनसीपी के साथ गठबंधन करा दिया। जी हां, उसी कांग्रेस के साथ जिसने भगवान राम के अस्तित्व पर ही सवाल उठाए थे।

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महान हिंदूवादी बनने का ये है असफल प्रयास

संपादक महोदय को जब ईडी गिरफ्तार करके ले जा रही थी तो महोदय कार के सनरुफ से निकलकर अपने भगवा गमछे को लहराकर यह दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि वो महान हिंदूवादी हैं। राउत जी शायद यह भूल गए कि भगवा पर अधिकार उन्होंने उसी दिन खो दिया था जब उन्होंने भगवा आतंकवादी की झूठी थ्योरी गढ़ने वाली कांग्रेस के साथ शिवसेना का गठबंधन कराया था। हम जानते हैं कि अब भगवा को धारण करना राउत की विवशता है लेकिन सॉरी बॉस अब आपको कोई गंभीरता से नहीं लेता।

‘उखाड़ दिया’ से कंगना रनौत पर दबाव बनाने वाले संपादक इतने ही बड़े सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र के चेले हैं तो, चेले को इतनी हड़बड़ाहट, छटपटाहट, फड़फड़ाहट और घबराहट क्यों हो रही है? वत्स, अगर आप ग़लत नहीं हैं तो हारमोनिया बजाइए, ख़ुशी मनाइए। आज नहीं तो कल जांच के बाद कोर्ट के आदेश से आप बरी हो ही जाएंगे, इसमें इतनी ज्यादा कूलकूल की क्या आवश्यकता है। कहीं यह कूलकूल इसलिए तो नहीं हैं कि आपको पता है आप कितने पानी में हैं।

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