रोहिंग्या मामला: बवाल मचने के बाद भी डिलीट नहीं किया ट्वीट, अहंकार में आकंठ डूबे पुरी का क्या होगा?

क्या Good for Nothing वाली श्रेणी में आ चुके हैं पुरी!

हरदीप सिंह पुरी

Source- TFI

इंसान गलतियों का पुतला होता है ऐसा कई बार निजी जीवन में हम सबने सुना, सोचा और समझा है। उन गलतियों को सविनय स्वीकार कर उनका प्रायश्चित करना सबसे बड़ा शस्त्र है जो गलती करने वाला अपने बचाव में चला सकता है। कई इतने समझदार होते हैं कि वो उस शस्त्र का उपयोग कर बिना शर्म किए कि ‘माफ़ी मांगनी पड़ रही है’ इस सोच से ऊपर उठकर क्षमा मांग लेते हैं और आगे ‘भूल से हुई इस गलती को नहीं दोहराया जाएगा’ यह प्रण लेते हैं, लेकिन कुछ लोग इतने अड़ियल होते हैं कि फजीहत के बावजूद ज्यों के त्यों बने रहते हैं और हरदीप सिंह पुरी उन्हीं में से एक हैं। इस लेख में हम विस्तार से हरदीप सिंह पुरी के अहंकार से अवगत होंगे, जिसके कारण वो लगभग Good for Nothing वाली श्रेणी में आ चुके हैं!

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हरदीप सिंह पुरी ने बीते बुधवार कुछ ऐसा किया कि पहले तो सरकार को वादाखिलाफी का तमगा झेलना पडा, फिर रही रही बची कसर पुरी ने तब पूरी कर दी जब गृह मंत्रालय ने तो सफाई दे दी पर हरदीप सिंह पुरी ने अपना घोषणा करने वाला ट्वीट जस का तस बना रहने दिया। इससे सर्वप्रथम हरदीप सिंह पुरी का अहंकार उजागर होता है और इससे यह भी पता चलता है कि “क्षमा बड़न को चाहिये, छोटन को उत्पात” की जगह अब पुरी उत्पात कर रहे हैं!

दरअसल, बुधवार को केंद्रीय आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट करते हुए कहा कि दिल्ली में म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थियों को अपार्टमेंट आवंटित किए जाएंगे और उन्हें पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाएगी। पुरी ने ट्वीट कर लिखा कि “भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी है। एक ऐतिहासिक फैसले में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। उन्हें मूलभूत सुविधाएं, यूएनएचसीआर आईडी और चौबीस घंटे दिल्ली पुलिस की सुरक्षा प्रदान की जाएगी।”

ट्वीट सामने आते ही इसपर बवाल मच गया। बवाल होना स्वभाविक भी था क्योंकि जिन रोहिंग्याओं को आजतक भाजपा समेत देशभर में सभी ने अवैध घुसपैठिया कहा हो, अचानक उनके प्रति यह जीवदया प्रकट हो जाना किसी को हज़म नहीं हो रहा था। ट्विटर पर यह ट्वीट आग की तरह फ़ैल गया। एक भी क्वोट रीट्वीट ऐसा नहीं था जहां हरदीप सिंह पुरी को लताड़ का सामना न करना पड रहा हो। बता दें, पुरी के ट्वीट पर अबतक 9.5 हज़ार लोगों ने प्रतिक्रिया दी है और 6.5 हज़ार लोगों ने क्वोट रीट्वीट अर्थात् अपनी प्रतिक्रिया के साथ उस ट्वीट को रीट्वीट किया है।

इस मामले पर विवाद बढता जा रहा था, स्वयं भाजपा, भाजपा समर्थित संगठन, कार्यकर्ता-स्वयंसेवक एक-एक कर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। इसी बीच सबसे अहम मंत्रालय यानी गृह मंत्रालय की ओर से प्रतिक्रिया कहें या बेहद आवश्यक सूचनार्थ बयान कहें, वो जारी हुआ जिसमें गृह मंत्रालय ने केंद्रीय आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी के उस बयान को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने दिल्ली में रोहिंग्याओं को गरीबों के लिए बने फ्लैट्स में स्थानांतरित करने की बात कही थी। ध्यान देने वाली बात है कि केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, गृहमंत्रालय के ही अधीन आता है जिसके धारक हरदीप सिंह पुरी हैं।

गृह मंत्रालय के बयान में कहा गया, “यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय (एमएचए) ने नई दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट उपलब्ध कराने का कोई निर्देश नहीं दिया है। दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को एक नए स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया था लेकिन केंद्र ने इसकी सहमति नहीं दी थी।” गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि रोहिंग्या वर्तमान स्थान पर बने रहेंगे क्योंकि गृह मंत्रालय पहले ही विदेश मंत्रालय के माध्यम से संबंधित देश के साथ उनके निर्वासन का मामला उठा चुका है।

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अब जब सर्वेसर्वा अर्थात् जिस गृह मंत्रालय के अधीन केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय आता है, उसी ने स्पष्ट कर दिया कि रोहिंग्याओं को लेकर सरकार की जो मंशा पहले थी वही आज है। अवैध घुसपैठियों का विषय उसी तरह निपटाया जाएगा जिसके वो पात्र होंगे। इसके बावजूद यदि हरदीप सिंह पुरी ने अबतक अपना ट्वीट नहीं हटाया है तो यह उनकी बेवकूफी, अड़ियलपन और अहंकार को दर्शाता है जोकि न ही उनके लिए ठीक है, न ही सरकार के लिए और न ही भाजपा के लिए!

हरदीप सिंह पुरी की उनकी ट्वीट के लिए पहले ही काफी फजीहत हो चुकी है और तो और स्वयं गृह मंत्रालय ने सब स्पष्ट कर दिया तो उस ट्वीट का कोई औचित्य ही नहीं बनता तो भलाई तो इसमें ही थी कि यदि माफ़ी नहीं मांगनी तो ट्वीट ही हटा देते, वो भी माफ़ी से कम नहीं होता पर न ही पुरी साहब माफ़ी मांगने को तैयार हैं और न ही ट्वीट हटाने को। ऐसे में तो यह भाजपा को सोचना चाहिए कि हरदीप सिंह पुरी जैसे मंत्रियों का क्या करना चाहिए क्योंकि ऐसे कांड करके हरदीप सिंह पुरी Good For Nothing वाली श्रेणी में आते प्रतीत हो रहे हैं। शेष ‘जिस तन लागे सो तन जाने, कोई न जाने पीर पराई।

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