TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

जयशंकर के ‘स्वैग’ वाले बयानों की सूची, जब सामने वाले को विदेश मंत्री ने ‘सुन्न’ कर दिया

UNGA से लेकर वाशिंगटन दौरे तक जयशंकर ने ऐसा क्या-क्या बोला, जो वो विश्व में छाए रहे।

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
26 September 2022
in समीक्षा
जयशंकर

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

विश्व में अपनी जयजयकार कराने के लिए आपको युद्ध जीतना ही आवश्यक नहीं, कभी कभी स्पष्ट विचार और निर्भीक दृष्टिकोण पर्याप्त है। आप कहोगे कि ऐसे लोग आदर्शवादी होते हैं, ये केवल कागज़ के सिंह होते हैं परंतु यदि इन्हें सही दिशा मिले तो इनकी गर्जन संसार के समस्त दिशाओं में गूंजती है और अंतर नेतृत्व का होता है। नेतृत्व ही संसार के सबसे प्रभावशाली राष्ट्रों में से एक को हंसी का पात्र भी बना सकता है और नेतृत्व ही एक राष्ट्र को उसकी सुप्त पड़ चुकी विरासत से पुनः परिचित कराकर, उसके गौरव का आभास कराकर, उसे विश्वगुरु बनने के मार्ग पर अग्रसर करा सकता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में अपने वक्तव्य से स्पष्ट कर दिया कि आने वाला युग भारत का है, जिसे अब कोई नहीं रोक सकता।

और पढ़ें: “No Asia for Asians”, एस जयशंकर ने पढ़ाया चीनियों को वैश्विक कूटनीति का पीठ

संबंधितपोस्ट

टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, डेलिगेशन में कौन जाएगा ?

भारत सरकार का ‘भारती’ इनिशिएटिव: कृषि निर्यात को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का रोडमैप

जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

और लोड करें

अमेरिका को दिन में तारे दिखा दिए

हाल ही में UN की आम सभा में विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने मानो अमेरिका के खोखले दावों के परखच्चे उड़ा दिए। उन्होंने अमेरिका और उसके चमचों की धज्जियां उड़ाने में कोई प्रयास अधूरे नहीं छोड़े। उन्होंने सर्वप्रथम भारत के बढ़ते कद का अभिवादन किया और फिर उन्होंने सर्वप्रथम  चीन की कर्ज नीति  पर आक्रमण करते हुए कहा, “भले भारत दुनिया की बेहतरी के लिए योगदान करने में लगा हुआ है लेकिन अंतरराष्‍ट्रीय परिदृश्‍य में जो गिरावट आ रही है, हम उसे भी पहचानते हैं। दुनिया पहले ही कोविड-19 की आर्थिक चुनौतियों से जूझ रही है। विकासशील देशों में कर्ज की जो स्थिति है वह काफी अनिश्चित है।” इसके बाद उन्‍होंने आगे कहा कि कुछ देशों में हालात कोविड महामारी और आपसी संघर्ष की वजह से काफी बिगड़ गए हैं।

तत्पश्चात एस जयशंकर ने आगे कहा, “कई दशकों तक सीमा पार से पनपे आतंकवाद की आग में जलने वाले भारत ने अब इसके लिए ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का पालन करता है। हमारी नजर में किसी भी तरह के आतंकवाद का कोई औचित्‍य नहीं है चाहे उसकी प्रेरणा कुछ भी हो। और चाहे कोई कुछ भी कह ले खून के धब्‍बों को कभी ढंका नहीं जा सकता है।” विदेश मंत्री जयशंकर ने इस दौरान यूएनएससी 1267 में चीन के रुख पर उसे जमकर फटकारा।

An intense week of diplomacy at the #UNGA High level week. India stands tall. #Diplomacydelivers. pic.twitter.com/9fDlljXvTa

— Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar) (@DrSJaishankar) September 26, 2022

यही नहीं, एस जयशंकर ने चीन के दोहरे मापदंडों पर आक्रामक होते हुए कहा, “संयुक्‍त राष्‍ट्र आतंकवाद का जवाब इसके आकाओं को प्रतिबंधित करके देता है। जो भी यूएनएससी 1267 का राजनीतिकरण करते हैं, वो कभी-कभी आतंकियों का बचाव करने तक काफी हद तक चल जाते हैं। मेरा यकीन मानिए इससे न तो उनके हितों को कोई फायदा पहुंचता है और न ही उनकी प्रतिष्‍ठा को।” जयशंकर ने जब यह कहा तो उनका सीधा इशारा चीन की ओर था। चीन ने हाल के कुछ महीनों में पाकिस्‍तान स्थित आतंकियों को ब्‍लॉक करने वाले प्रस्‍ताव में बार-बार अड़ंगा डाला है।

और पढ़ें: वैश्विक मुद्दों पर दखल न देने वाली सोच को बदलना होगा, हमें इससे ऊपर उठने की जरुरत है- एस जयशंकर

अब एफ 16 पर अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ क्या समझौता किया है, ये किसी से भी नहीं छिपा है। ये जानते हुए भी कि पाकिस्तान का अर्थ क्या है, उसकी मंशा क्या है, अमेरिका का वर्तमान प्रशासन उसे सैन्य सहायता देने को आतुर है और इसी बात पर संयुक्त राष्ट्र के मंच से जयशंकर ने अमेरिका को पटक पटक कर धोया है। जयशंकर के अनुसार, “इस्लामाबाद और वाशिंगटन के बीच संबंधों से न तो पाकिस्तानियों का भला है और न ही अमेरिकियों का। अमेरिका को पाकिस्तान से अपने संबंधों पर सोचना चाहिए कि उसे इससे क्या हासिल हुआ। मैं ये बात इसीलिए कह रहा हूं क्योंकि ये आतंकवाद विरोधी समान है। जब आप एफ-16 की क्षमता जैसे विमान की बात कर रहे हैं, हर कोई जानता है, ये आप भी जानते हैं कि विमानों को कहां तैनात किया गया है और उनका क्या उपयोग किया जा रहा है। आप ये बातें कहकर किसी को बेवकूफ नहीं बना सकते।”

वाशिंगटन पोस्ट की धुलाई

बता दें कि अमेरिका की जो बाइडन सरकार ने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के उच्चीकरण के लिए 45 करोड़ डॉलर की राशि मंजूर की है। भारत की ओर से सवाल उठाए जाने पर अमेरिका ने इस पर सफाई दी थी। अमेरिका ने अपनी सफाई में कहा था कि पाकिस्तान को ये सहायता भारत को संदेश देने के लिए नहीं दी गई। पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ अभियान में सहयोग के इरादे से यह मदद दी गई है। अमेरिका ने कहा था कि इससे पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की भी सुरक्षा होगी। यह तो वही बात हो गई कि बंदर के हाथ में उस्तरा थमा दिया और यहां तो उस्तरा नहीं, एफ 16 ही थमा रहे हैं।

यह तो कुछ भी नहीं है बंधु। जयशंकर ने भारतीय-अमेरिकियों के साथ एक संवाद में रविवार को कहा, ‘‘मैं मीडिया में आने वाली खबरों को देखता हूं। कुछ समचार पत्र हैं, जिनके बार में आपको अच्छी तरह पता होता है कि वे क्या लिखने वाले हैं और ऐसा ही एक समाचार पत्र यहां भी है।’’ जयशंकर ने इशारे-इशारे में वाशिंगटन पोस्ट की जमकर क्लास लगा दी। उन्होंने भारत विरोधी ताकतों के मजबूत होने से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मेरा यह कहना है कि कुछ लोग पूर्वाग्रही हैं। वे फैसले तय करने की कोशिश करते हैं और जैसे-जैसे भारत अपने फैसले खुद करना शुरू करेगा, इस तरह के लोग जो अपने को संरक्षक की भूमिका में देखते हैं उनके विचार बाहर आएंगे।’’ ऐसे समूहों कि ‘‘भारत में जीत नहीं हो रही है।’’

India's Statement at the General Debate of the 77th session of #UNGA. https://t.co/WuNNyRth4y

— Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar) (@DrSJaishankar) September 24, 2022

एस जयशंकर वही पर नहीं रुके। उन्होंने कहा कि ऐसे समूह देश के बाहर जीतने की कोशिश करते हैं और बाहर से भारत की राय व धारणाएं बनाने की कोशिश करते हैं। वे कहते हैं कि ‘‘हमें इसे लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। चुनौती देना जरूरी है। ऐसा इसलिए नहीं है क्योंकि अधिकांश अमेरिकियों को यह नहीं पता होगा कि घर में किस तरह की बारीकियां और जटिलताएं हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि बैठे न रहें, दूसरों को मुझे परिषाभित करने का मौका न दें। यह एक ऐसी चीज है जो मुझे लगता है कि एक समुदाय के रूप में हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।’’

और पढ़ें: एस जयशंकर ने अमेरिका की CAATSA धमकी का बताशा बना दिया

कश्मीर मुद्दे को अमेरिकी राजधानी में गलत तरीके से पेश किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर कोई आतंकवादी घटना होती है तो यह मायने नहीं रखता कि किस धर्म के व्यक्ति की जान गई। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे भारतीय सैनिक या भारतीय पुलिस कर्मियों का अपहरण किया जाए, चाहे सरकारी कर्मचारियों या अपने काम पर जा रहे आम नागरिकों की जान जाए? आपने कब लोगों को इस बारे में बात करते, निंदा करते सुना है बल्कि मीडिया की खबरों को देखिए। मीडिया में क्या दिखाया जाता है और क्या नहीं दिखाया जाता? ’’ विदेश मंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा कि इस तरह वास्तव में राय व धारणाएं आकार लेती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इंटरनेट बंद किये जाने को लेकर बड़ा शोर मचाया जा रहा है। अब यदि आप उस स्तर पर पहुंच गए हैं जहां आप कहते हैं कि इंटरनेट बंद कर देना मानव जीवन के नुकसान से अधिक खतरनाक है, तो मैं क्या कह सकता हूं?’’

जयशंकर ने यूरोप को लगाई थी फटकार

यदि आपको लगता है कि जयशंकर इतने वीर बलवान कब से बन गए, तो शायद आप कुछ भूल रहे हैं। स्मरण कीजिए वो समय, जब रूस और यूक्रेन में तनातनी अपने चरमोत्कर्ष पर थी और पाश्चात्य जगत भारत को झुकाने का पूरा प्रयास कर रहा था, यहां तक कि रूस से तेल खरीद को लेकर भी पश्चिमी देश भारत पर टूट पड़े थे। तब इस मामले पर पश्चिम को बेनकाब करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उनका धागा खोल दिया था। भारत-ब्रिटेन सामरिक फ्यूचर्स फोरम में बोलते हुए एस जयशंकर ने कहा था कि यूरोपीय देश रूसी गैस और तेल के सबसे बड़े आयातक थे।

रूसी कच्चे तेल को रियायती कीमतों पर खरीदने के निर्णय का बचाव करते हुए, विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के लिए ऊर्जा आपूर्ति पर अच्छे सौदे प्राप्त करना महत्वपूर्ण था, वो भी ऐसे समय में जब वैश्विक बाजार अस्थिर थे। उन्होंने आगे कहा, “यह दिलचस्प है क्योंकि हमने कुछ समय के लिए देखा है कि इस मुद्दे पर लगभग हमारे खिलाफ एक अभियान चलाया जा रहा है। जब तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो मुझे लगता है कि देशों के लिए सस्ते बाजार में जाना स्वाभाविक है और एक देश के रूप में यह देखना कि उनके लोगों के लिए क्या अच्छे सौदे हैं।” उन्होंने कहा कि रूसी तेल और गैस के सबसे बड़े खरीदार यूरोप से थे। जयशंकर ने कहा, “मुझे पूरा यकीन है कि अगर हम दो या तीन महीने प्रतीक्षा करें और वास्तव में देखें कि रूसी तेल और गैस के बड़े खरीदार कौन हैं, तो मुझे संदेह है कि सूची पहले की तुलना में बहुत अलग नहीं होगी और मुझे संदेह है कि हम उस सूची में शीर्ष 10 में भी नहीं होंगे।” 

यानी बात-बात पर ज्ञान देने वाले और अपना धौंस जमाने वाले पश्चिमी देशों को लेकर एस जयशंकर का रुख स्पष्ट था। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि पाश्चात्य जगत तो आशा छोड़ ही दे, भारत उनके झांसे में नहीं आने वाला और न ही उनका गुलाम है, जो बार बार उनकी सेवा सुश्रुषा करेगा। ऐसे में अब जयशंकर ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि यह नया भारत है, इसे किसी गोरे लंगूर की मान्यता नहीं चाहिए और कोई यदि दादागिरी करता है तो भारत बिना अधिक उग्र हुए उसे उसका वास्तविक स्थान भी दिखा सकता है।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Tags: एस जयशंकरमोदी सरकारसंयुक्त राष्ट्र
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

Army ka full form : ARMY की फुल फॉर्म क्या होती है?

अगली पोस्ट

UNGA 2022: पूरा विश्व चाहता है कि भारत उसके साथ रहे, ग्लोबल सुपर पावर और क्या होता है?

संबंधित पोस्ट

बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव
चर्चित

बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

12 September 2025

भारतीय राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप आम हैं, लेकिन उसकी भी एक सीमा होती है। विरोध का स्वर तेज हो सकता है, भाषा तल्ख हो सकती है,...

बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना
क्राइम

बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

12 September 2025

2003 की सर्दियों की एक रात, गया-वाराणसी मार्ग पर गोलियों की आवाज़ गूंजी। सुबह जब पुलिस ने सड़क किनारे एक शव बरामद किया तो खबर...

प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न
चर्चित

प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

12 September 2025

पुस्तक का नाम: खजाने की शोधयात्रा लेखक: प्रशांत पोल प्रकाशक: प्रभात प्रकाशन, दिल्ली पृष्ठ: 221 क्या आप जानते हैं कि विश्व का सबसे प्राचीन स्टेडियम...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26

Why Hindus Should Reclaim The Forgotten Truth of Onam | Sanatan Roots vs Secular Lies

00:07:03

Suhana Khan in Trouble? Alleged Fake Farmer Claim and the ₹22 Crore Land Deal

00:05:55
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited