वैसे तो भारत की विकास यात्रा में बहुत सारे राजनीतिक दलों ने जमकर सहयोग किया है। परंतु जब हम मुख्य तौर पर देखते हैं तो केंद्रीय सत्ता पर दो ही प्रमुख दलों को आसीन पाते हैं- वो है कांग्रेस और बीजेपी। कांग्रेस ने 54 वर्षों से अधिक शासन करते हुए सर्वाधिक समय तक देश की बागडोर संभाली। हालांकि, जो कांग्रेस एक समय केंद्र के साथ साथ लगभग देश के सभी राज्यों में सत्ता में थी, वही कांग्रेस आज अपने अस्तित्व को बचाने के क्रम में संघर्ष करते हुए दिखाई देती है। दूसरी ओर कभी दो सीटों पर सिमटने वाली भाजपा आज कांग्रेस को मृत्युशय्या पर ले आयी है।
वस्तुतः दोनों पार्टियां अपनी अपनी रणनीति के तहत कार्य करती हैं। मौजूदा परिस्थिति कुछ ऐसी है कि जहां भाजपा केंद्र के साथ-साथ राज्यों में भी अपना परचम लहरा रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ताश के पत्तों की तरह बिखर रही है। इसके मूल में जाए तो हम पाएंगे कि दोनों राजनीतिक दलों ने जब विपक्ष की भूमिका का निर्वहन किया तो उसमें जमीन-आसमान का अंतर रहा है।
और पढ़ें: गुजरात में भाजपा को परेशान करने के लिए केजरीवाल का ये है “सरल YouTube” फॉर्मूला
कांग्रेस के तर्कहीन मुद्दे
हमें यह देखने को मिलता था कि जब भाजपा विपक्ष की भूमिका में थी तो वह कांग्रेस को घेरते हुए उसके कारनामों को जनता के समक्ष लाती थी। विपक्ष की भूमिका में भाजपा कॉमेनवेल्थ गेम्स, 2जी, आदर्श गेट और कोलगेट घोटाला जैसे तमाम मुद्दों को प्रचंड रूप से उठाती थी। पार्टी इन मुद्दों को लेकर जनता के बीच में जाती थी। सदन में इस पर गहन चर्चा होती थे परंतु अब जब कांग्रेस वर्तमान में विपक्ष में बैठी है तो वह देश और देश की जनता से जुड़े गंभीर मुद्दों को उठाने की जगह सदन का बहुमूल्य धन और अधिकतर समय दोनों ही तथ्यहीन मुद्दों पर व्यर्थ करती नजर आती है। आप पिछली कुछ सदन की कार्यवाही पर नजर डालेंगे तो देखेंगे कि कैसे विपक्षी पार्टियों के हंगामे के कारण संसद का अधिकतर समय व्यर्थ ही हो जाता है।
इन दिनों एक ओर कांग्रेस के चश्मोचिराग राहुल गांधी कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस टूटती नजर आ रही है। इसी बीच कांग्रेस की राजनीति करने के मुद्दे भी देख ले तो वह दहाड़ते शेर, चीते या फिर प्रधानमंत्री के कैमरे के लेंस कवर से लेकर उनके चश्मे पर अधिक चर्चा करती नजर आती है, जो काफी हास्यापद है।
BJP IN OPPOSITION:
ISSUES:
CWG
2G
Adarsh
Coalgate
VadraGateUPA+ in Opposition:
ISSUES:
Roaring lions
Non Roaring Cheetahs
Camera Lens cover
PM Modi’s sunglasses
PM Modi’s suit
PM Modi’s beard— Atul Kumar Mishra (@TheAtulMishra) September 18, 2022
कांग्रेस-भाजपा शासित राज्यों की स्थिति में है काफी अंतर
यदि हम भारत की बात करें तो संपूर्ण देश का विकास तभी संभव होता है जब राज्य विकास के क्रम में आगे बढ़ते हैं। इसी क्रम में हम देखेंगे कि कांग्रेस और बीजेपी शासित राज्यों की स्थिति में क्या मूलभूत अंतर है? कांग्रेस की वर्तमान स्थिति कुछ ऐसी है कि वह केवल दो ही राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में है। इसके अलावा तमिलनाडु, बिहार और झारखंड में गठबंधन वाली सरकार में हिस्सेदारी रखती है। कुल मिलाकर मौजूदा समय में कांग्रेस पांच राज्यों में अपना प्रभाव बनाए हुए है। तो वहीं बीजेपी यूपी, असम, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड समेत 12 राज्यों में स्वयं के बलबूते सरकार में है। इसके अलावा महाराष्ट्र समेत पांच राज्यों में साझा सरकार बनाए हुए है।
कांग्रेस शासित राजस्थान की जीडीपी की बात करें तो उसकी जीडीपी 2019-2020 में ₹9,98,99,911(लाख में) थी। तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश की जीडीपी उसी वर्ष में ₹16,87,81,799 (लाख में) रही। बात अगर महाराष्ट्र और तमिलनाडु की करें क्योंकि दोनों ही औद्योगिक राज्य हैं तो कांग्रेस के समर्थन वाले तमिलनाडु की जीडीपी ₹17,97,22,872 (लाख) है, तो वही बीजेपी समर्थित महाराष्ट्र की जीडीपी ₹28,18,55,457 (लाख) है। मूलतः बीजेपी शासित राज्यों की अर्थव्यवस्था कांग्रेस शासित राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रही है।
इसी प्रकार से कानून व्यवस्था को देख लेते है। एक वक्त ऐसा हुआ करता था, जब उत्तर प्रदेश अपनी लचर कानून व्यवस्था को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहता था। परंतु योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद यूपी की कानून व्यवस्था में सुधार देखने को मिला। नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो (NCRB) के हालिया आंकड़ों पर गौर करें तो इसमें साफ तौर पर कमी देखने को मिलती है। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में यूपी में सांप्रदायिक हिंसा का केवल एक ही मामला सामने आया है। इसके अलावा राज्य में बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों में गिरावट जारी है। NCRB के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 की तुलना में यूपी में 2021 में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों में 6.2 फीसदी और 11.11 फीसदी की गिरावट आई।
और पढ़ें: तेलंगाना में भाजपा का ये मास्टरप्लान काम किया तो सरकार बननी तय
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान को देख लें तो यहां इन दिनों अपराध अपने चरम पर नजर आता है। खासतौर पर महिलाओं के विरुद्ध बढ़ रहा अपराध चिंता का विषय है। NCRB के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार बलात्कार के मामलों में राजस्थान शीर्ष पर है। वर्ष 2021 में देश में सामने आए बलात्कार के कुल मामलों में से राजस्थान से सर्वाधिक 6337 रेप केस दर्ज किए गए। वही दंगों के मामले में कांग्रेस समर्थित झारखंड पहले नंबर पर आता है। देश में सबसे अधिक सांप्रदायिक दंगे झारखंड में ही दर्ज किए गए है।
इसके अलावा निवेश के क्रम में बात करें तो यहां भी बीजेपी शासित राज्य कही आगे निकलते नजर आते हैं। जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें है, वह विकास की ओर तेजी से अग्रसर हैं। उदाहरण के तौर पर आप उत्तर प्रदेश को ही ले लीजिए। योगी सरकार के राज में उत्तर प्रदेश निवेशकों की पहली पसंद बनता जा रहा है। यूपी में 24 देशों ने 50 हजार करोड़ का निवेश किया है। जहां बीजेपी शासित और समर्थित राज्य अपने विकास को लेकर काफी प्रगतिशील हैं तो वहीं तमिलनाडु जैसे राज्य आज भी देश से हटकर ‘द्रविड़ नाडु’ राज्य बनाने की बात करता है।
अतः यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि बीजेपी ने जीत का फॉर्म्यूला “विकास” को एक ब्रांड बनाकर लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया तो वही दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी सिर्फ परिवारवाद और अपने नेता एवं विधायकों को बचाने तक ही सीमित रह गई। जिसने स्वयं उसका तो बंटाधार किया ही, साथ ही राज्यों के विकास को भी अवरुद्ध किया है। इसके अतिरिक्त देश की सबसे पुरानी पार्टी होने का घमंड करने वाली कांग्रेस जिस तरह से तर्कहीन मुद्दों पर राजनीति करती आ रही है, उससे तो ऐसा ही लगता है कि उसका इरादा लंबे समय तक विपक्ष में बने रहने का भी नहीं है।
TFI का समर्थन करें:
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।