ए. राजा पर तत्काल SC/ ST Act के तहत मामला दर्ज किया जाए

ए. राजा ने एक बार फिर हिंदुओं के विरुद्ध विष उगला है

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बेशर्मी और नीचता दिखाने में कोई अधिक अंतर नहीं होता है, बस इतना है कि बेशर्मी को नज़रअंदाज़ किया जा सकता है पर नीचता को नहीं। व्यक्ति को निरंकुश होकर कभी भी बेशर्मी से नीचता की ओर नहीं बढ़ना चाहिए नहीं तो कहानी कुछ ऐसी होती है जैसी अभी 2-जी स्कैम के खाताधारक ए.राजा की हो रही है। ए.राजा ने हाल ही में बड़बोलेपन का तुच्छ प्रदर्शन करते हुए वो सब कहा जो अगर कोई आम आदमी कहता तो अब तक उसको जेल में डाल दिया गया होता, पुलिसिया खातिर होती सो अलग। ए.राजा ने हाल ही में अपने संबोधन में दलितों पर ओछी टिप्पणी करते हुए सारी सीमाएं लांघ दीं। ऐसे में अब ए.राजा को तुरंत एससी/एसटी एक्ट के तहत बुक किया जाना चाहिए और कार्रवाई को आगे बढ़ना चाहिए।

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ए.राजा के मुख से निकले विषैले बोल

दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और डीएमके सांसद ए.राजा ने यह कहते हुए हिंदू धर्म के विरुद्ध विष उगला है कि सभी शूद्र वेश्याओं की संतान हैं और वे तब तक बने रहेंगे जब तक वे हिंदू धर्म में बने रहेंगे। भ्रष्टाचार के आरोपी डीएमके सांसद ए.राजा ने 7 सितंबर को द्रविड़ कड़गम प्रमुख के.वीरमणि के संगठन के मुखपत्र विदुथलाई के एक समारोह को संबोधित करते हुए ऐसी बेशर्मी से भरी टिप्पणी की।

ए.राजा ने हिंदू धर्म के प्रति अपनी कुंठा बाहर निकालते हुए कहा कि ‘कर्नाटक में लिंगायत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कह रहे हैं कि उनकी पूजा करने का तरीका और धार्मिक सिद्धांत अलग हैं। वे खुद को हिंदू घोषित न करने के लिए कह रहे हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट क्या कह रहा है? सुप्रीम कोर्ट कह रहा है कि अगर आप ईसाई, मुस्लिम या फारसी नहीं हैं, तो आपको हिंदू होना चाहिए। क्या कोई और देश है जहां इतनी क्रूरता है?’

मतलब हिंदू कहलाना क्रूरता है और जो तमिलनाडु में स्टालिन सरकार में हिन्दू बाहुल्य क्षेत्रों में हो रहा है उसे क्या कहा जाएगा, इस पर भी भ्रष्टाचारी ए.राजा को जवाब देना चाहिए। बता दें कि स्टालिन शासन में एक कट्टरपंथी और दूसरे वामपंथी इन्हीं दोनों के घर भरे हैं। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार में मात्र जिहादी तत्वों पर ढील बरती गयी और जिसका परिणाम है कि राज्य सरकार के अधीन आने वाला वक़्फ़ बोर्ड अब ज़मीन क़ब्ज़ाने का काम करने लगा हैं।

दरअसल, तमिलनाडु में वक्फ बोर्ड द्वारा एक संपत्ति पर कब्जा करने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां, हिंदू बहुसंख्यक आबादी वाले एक पूरे गांव को तमिलनाडु वक्फ बोर्ड द्वारा वक्फ संपत्ति घोषित किया गया है। बोर्ड ने तमिलनाडु में त्रिची के पास तिरुचंथुरई गांव को वक्फ संपत्ति घोषित किया है। जिसके बाद अब वहां लोग अधीर हो चुके हैं कि उनकी ज़मीन, उनके मकान पर ये मालिकाना हक़ वक्फ किस आधार पर जता रहा है। ऐसे में क्रूर कौन हुआ वो ए. राजा को अब भी समझ नहीं आया हो तो उनको पुलिसिया खातिर सब तरह से चुस्त कर देगी तब सब समझ आएगा।

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दलितों पर घृणित टिप्पणी करते ही रहे

ए.राजा यहां तक ही नहीं रुके बल्कि दलितों पर घृणित टिप्पणी करते हुए कहा कि, ‘आप तब तक शूद्र हैं, जब तक आप हिंदू हैं। आप एक वेश्या के बेटे हैं जब तक आप एक शूद्र हैं। आप हिंदू रहने तक दलित हैं। जब तक आप हिंदू रहते हैं तब तक आप एक अछूत हैं। आप में से कितने अछूत रहना चाहते हैं?’ इस बयान को सभ्य समाज क्या कोई भी समाज ठीक नहीं ठहरा सकता है। मात्र अपने वोट बैंक को साधने के लिए ए.राजा जैसे नेता समाज में ऐसा विष बोते हैं कि समाज में न चाहते हुए भी टूट होती है, वैमनस्यता बढती है और फिर आती है वो रिक्तता जिसका निराकरण सदियों बीत जाने के बाद भी नहीं हो पाता।

यह आज की बात नहीं है जब ए.राजा ने ऐसे विषैले बोल बोले हैं। पूर्व में एक वीडियो वायरल हुई थी जिसमें ए.राजा ने कहा था कि “मैंने सभी पवित्र राख (विभूति) को फेंक दिया और मैंने गणेश की मूर्ति के नीचे एक हाथी का पटाखा भी रखा और वह फट गया।” अब जिस व्यक्ति की सोच में ही विष भरा हो तो उसके मुख से अमृत की आशा कैसे कर सकते हैं। ए.राजा को इस बार वाली टिप्पणी के लिए तो तुरंत एससी/एसटी एक्ट के तहत बुक किया जाना चाहिए और कार्रवाई को आगे बढाना चाहिए वरना ऐसे लोगों के चक्कर में व्यर्थ में ही विघटन आएगा और भारत इस समय जुड़ने की रणनीति पर काम कर रहा है ऐसे में तोड़ने वाली चाह रखने वाले के मंसूबों को ही तोड़ देना उपयुक्त होगा।

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