TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तानू

    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तानू

    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

साउथ की बैसाखी से डूबते करियर को बचाने के अंतिम प्रयासों में जुटे सलमान खान

लेकिन कुछ होने वाला नहीं है, हम लिखकर देते हैं!

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
30 September 2022
in चलचित्र
godfather
Share on FacebookShare on X

“बहुत भोला है बेचारा,

न जाने किस पर गया है”

संबंधितपोस्ट

सलमान से शाहरुख तक, ऑपरेशन सिंदूर पर क्यों खामोश रहे ‘रील हीरोज़’?

एक फोन कॉल से कांप गया ‘बाघ का करेजा’; लॉरेंस के गुर्गे की धमकी से डरे पप्पू यादव

क्या है लॉरेंस और सलमान की अदावत की कहानी; ‘भाईजान’ के इर्द-गिर्द कैसे बना खौफ का मायाजाल

और लोड करें

अब का बताएं भैया, ऐसा ही हाल है बॉलीवुड का। धड़ाधड़ फिल्में फ्लॉप हो रही हैं, दूसरी तरफ स्टार्स एक्टिंग छोड़कर सब तरह की नौटंकी करेंगे। आमिर खान की लंका लगी पड़ी है, शाहरुख खान का तो मत ही पूछो और अपने परम प्रिय सेलमोन भोई को भी अब चंद असफलताओं के पश्चात अब बहुभाषीय सिनेमा के बैसाखी की आवश्यकता पड़ रही है।

गजब धर्मसंकट है बंधु!

इस लेख में जानेंगे कि कैसे कुछ असफलताओं के पश्चात अब सलमान खान को भी बहुभाषीय सिनेमा यानी साउथ की प्रतिभा के बैसाखी की आवश्यकता पड़ गई है।

हाल ही में ‘गॉडफादर’ नामक फिल्म का ट्रेलर सामने आया, जो तेलुगु में प्रदर्शित होने को तैयार है। इसमें तेलुगु स्टार चिरंजीवी प्रमुख भूमिका में होंगे और उनके साथ होंगी नयनतारा, एवं सत्यदेव कंचारण इत्यादि। परंतु यही एकमात्र बात नहीं है। इस फिल्म में एक विशेष उपस्थिति भी होगी और वह कोई और नहीं सलमान खान हैं। इस फिल्म में वे एक्स्टेंडेड कैमियो की भूमिका में होंगे।

और पढ़े: कभी बॉलीवुड के एलीट कार्तिक आर्यन को बर्बाद करना चाहते थे, आज कथा कुछ और है

साउथ की बैसाखी

परंतु बात यहीं तक सीमित नहीं है। सलमान खान की आगामी फिल्म, ‘किसी का भाई, किसी की जान’ फरहाद सामजी के साथ बनाई जाने वाली है जिसमें वे प्रमुख भूमिका में रहेंगे। परंतु वे अकेले नहीं हैं। इस फिल्म में उनके साथ होंगी पूजा हेगड़े और अन्य भूमिकाओं में हैं डग्गुबाती वेंकटेश, जगपती बाबू इत्यादि। यह फिल्म 30 दिसंबर 2022 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने को तैयार है और इसके लिए सलमान सब कुछ झोंकने को तैयार हैं।

परंतु एक मिनट, कुछ अटपटा नहीं लग रहा है? लगेगा क्यों नहीं, ओरिजिनल जो नहीं है। वैसे सलमान भाई का स्क्रिप्ट और ऑरिजिनलिटी से उतना ही नाता है, जितना राहुल गांधी का व्यावहारिकता से। परंतु कुछ फिल्में क्या रसातल में जाने लगी भाईजान को भी साउथ की बैसाखी संभालनी पड़ रही है।

अब गॉडफादर स्वयं मलयाली फिल्म ‘लूसिफ़र’ का रीमेक है, जिसमें सलमान भाई को एक्स्टेंडेड कैमियो मिला है, परंतु ट्रेलर से देखके ही प्रतीत हो रहा है कि उनका वास्तविक कद कितना रहने वाला है। सब अपने अजय देवगन जितना भाग्यवान तो नहीं कि इज्जत के सही पर दस मिनट तो मिले। बोलो जुबान केसरी!

रही बात किसी का भाई किसी की जान की तो वह कौन सी बड़ी तोप है? इसके भी अनेक नाम बदले गए? ‘पहले कभी ईद कभी दिवाली’ रखी गई, फिर ‘भाईजान’, और अब यह, मूल फिल्म भी तमिल फिल्म ‘वीरम’ का रीमेक है, जिसका चीरहरण कर फरहाद सामजी पहले ‘बच्चन पांडे’ बनाने वाले थे। परंतु फिर ‘जिगरठण्डा’ का पंचनामा कर उन्होंने ‘बच्चन पाण्डेय’ का हाल बिगाड़ दिया।

और पढ़े: कमाल राशिद खान: बॉलीवुड के लिए जी का जंजाल!

नौटंकी करने की आवश्यकता क्यों?

परंतु सलमान भाई को ये सब नौटंकी करने की आवश्यकता क्यों आन पड़ी? धंधे पर चोट पड़ती है तो ये सब कार्य पूरे करने पड़ते हैं। अब जब राधे सुपर डुपर फ्लॉप जाएगी जो OTT पर भी शायद मूल बजट नहीं निकाल पाए। फिर अंतिम जैसी फिल्म आए, जो ले देके भी किसी तरह बजट का आंकड़ा पार करे, तो करना पड़ता है ब्रो!

इसके अतिरिक्त भी सलमान भाई का रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं रहा है। ‘भारत’ के पश्चात इनके फिल्मों में पहली बार गिरावट दर्ज हुई, जब दबंग 3 अपेक्षाओं के विपरीत 174 करोड़ घरेलू बॉक्स ऑफिस पर जुटा पाई। ये भारत के आंकड़ों के अनुसार बड़ा नंबर था, परंतु मूल बजट 120 करोड़ के अनुसार बहुत अधिक नहीं था और इसे औसत कमाई ही कहा जाता। विदेशी कलेक्शन की कमाई के कारण इस फिल्म को 258 करोड़ मिले, परंतु फिर भी इसे सलमान खान के दबंग फ्रेंचाइज़ की असफलता बताया जाता है। सारी भसड़ मूल रूप से यहीं से प्रारंभ हुई।

परंतु सलमान अकेले नहीं है। ट्राई सबने किया, परंतु सफल कोई नहीं हुआ। आमिर खान को ही देख लीजिए, राजामौली से लेकर चिरंजीवी तक से अपनी फिल्म का प्रोमोशन करवाए। सलमान भोई को जब गॉडफादर में लिए, तो नाराज फूफा की तरह मुंह फुला लिया कि हमें काहे नहीं लिए। नागार्जुन के भी पांव पखारे गए, उनके पुत्र नागा चैतन्य को लाल सिंह चड्ढा में ब्रेक मिला, यहां कि स्वयं को ब्रह्मास्त्र के माध्यम से बॉलीवुड में कमबैक करने का अवसर प्रदान होने वाला था। अब वो अलग बात है कि न घर के रहे ये न घाट के।

और पढ़े: सौ प्रपंच रचे फिर भी औंधे मुंह गिरी ब्रह्मास्त्र, लाइफ टाइम कमाई से बॉलीवुड की बत्ती गुल

शाहरुख भाई भी कम नहीं

अपने शाहरुख भाई भी कम नहीं है। इनकी अगली फिल्म जवान के लिए भी जबरदस्त तैयारी की है, इसमें महोदय ने गजब इम्पोर्ट किया है। डायरेक्टर तो एटली कुमार, हीरोइन तो नयनतारा और यहां तक कि विलेन कोई और नहीं, विजय सेतुपति हैं। वैसे उनका आधिकारिक बॉलीवुड डेब्यू श्रीराम राघवन की मेरी क्रिसमस से हो जाएगा, परंतु बॉलीवुड की बैसाखी तो खान तिकड़ी के लिए यहां भी काम आई न? क्या मतलब विजय सेतुपति ने लाल सिंह चड्ढा की कबाड़ स्क्रिप्ट को दूर से सूंघकर लात मार दी थी?

ये सब छोड़िए, बॉलीवुड की मूल समस्या तो कहीं और है। लेकिन ये बॉलीवुड इतना रीमेक प्रेमी क्यों है? इसके दो प्रमुख कारण है : रचनात्मकता के कारण आने वाले जोखिम उठाने में भय और अच्छी स्क्रिप्ट लिखने के लिए परिश्रम करना जितना परिश्रम एक ‘गदर’ बनाने में लगता है, उतना परिश्रम एक ‘वांटेड’ या ‘राधे’ बनाने में बिल्कुल नहीं लगेगा। इसीलिए तो खान तिकड़ी रीमेक के पीछे सबसे अधिक लगती है। सलमान खान को तो तमिल सुपरहिट ‘मास्टर’ की रीमेक भी ऑफर की गई है। इसे बॉलीवुड का आलस नहीं तो और क्या कहेंगे?

पिछले ही वर्ष जब राघव लॉरेंस ने अपनी ही फिल्म ‘कंचना’ का रीमेक ‘लक्ष्मी’ के तौर पर बनाया था, तो हम सभी ने देखा था कि किस प्रकार से एक सामाजिक रूप से अहम कॉमेडी का बंटाधार करके रख दिया गया था। हाल ही में  नेटफ्लिक्स पर सरोगेसी जैसे गंभीर विषय से जुड़ी एक फिल्म रिलीज हुई ‘मिमी’। यह एक मराठी फिल्म ‘माला आई वायची’ का रीमेक है।

और पढ़े: बॉलीवुड को अब अकेले पंकज त्रिपाठी बचा सकते हैं, प्रस्तुत है उनका अकाट्य समाधान

रचनात्मकता की आशा ही नहीं है

लेकिन जो उद्योग एक ऐसे देश से गाने तक चुरा ले, जिसने बार-बार हमारे देश पर आतंकी हमले करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, तो उससे आप रचनात्मकता की आशा कैसे कर सकते हैं? आपको विश्वास नहीं होगा, लेकिन ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ का एक गाना असल में पाकिस्तानी सेना के गीत ‘तू थोड़ी देर और ठहर जा’ से ही उठाया गया है। आगे आप स्वयं समझदार हैं।

इसके अलावा अगर बॉलीवुड के आगामी प्रोजेक्ट्स पर नजर डाली जाए तो ओरिजनल क्या है? रीमेक के अलावा यदि कुछ है, तो केवल बायोपिक। परंतु इसके अलावा कुछ अलग, कुछ नया बॉलीवुड में कहां है? इसके लिए केवल बॉलीवुड के निर्माता, अभिनेता और लेखक ही नहीं, बल्कि कुछ हद तक स्वयं दर्शक भी जिम्मेदार हैं। ताली एक हाथ से नहीं बजती बंधु, जब रनवे 34, जर्सी, चुप नहीं स्वीकारोगे, तो ऐसे ही कांड भुगतोगे!

चाहे वजह कोई भी हो, एक अच्छी और सच्ची फिल्म के ट्रेलर के लिए ही जितने लाइक्स, व्यूज और शेयर होने चाहिए, उससे दस गुना ज्यादा लाइक्स और शेयर्स तो ‘राधे’ के ट्रेलर पर दिख जाते हैं। ऐसे में बॉलीवुड के साथ दर्शकों को भी कुछ हद तक अपने विचारों और अपने विकल्पों पे आत्ममंथन करना पड़ेगा। हाल ही में उन्होंने ‘तूफान’ जैसे दोयम दर्जे की फिल्म को ठेंगा दिखाया है। इस समस्या का भी समाधान निकलेगा।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Tags: Salman Khanगॉडफादरचिरंजीवीसलमान खान
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

नाटो क्या है एवं इसके अंग, कार्य, प्रभाव, संरचना एवं सदस्य देश

अगली पोस्ट

Malnutrition meaning, causes and prevention in Hindi

संबंधित पोस्ट

स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार
चलचित्र

स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

9 August 2025

स्मृति ईरानी एक बार फिर छोटे पर्दे पर नजर आ रही हैं, और इस बार चर्चा सिर्फ नॉस्टैल्जिया तक सीमित नहीं है। ‘क्योंकि सास भी...

“उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कौन देगा?”
चलचित्र

“उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कब मिलेगा?”

26 July 2025

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फिल्म "उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर" की रिलीज़ पर लगी रोक को बढ़ाने से इनकार कर दिया। इससे अब...

जमीयत ने अदालत का रुख किया, दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगाई: क्या 'उदयपुर फाइलें' इतनी वास्तविक हैं कि उन्हें संभालना मुश्किल है?
चलचित्र

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जमीयत; ‘सिर तन से जुदा’ हो पर खामोश रहे हिंदू?

8 July 2025

राजस्थान के उदयपुर जिले के बहुचर्चित कन्हैयालाल मर्डर केस पर बनी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ (Udaipur Files) को लेकर शुरू हुआ विवाद अब थमने का नाम...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

00:06:22

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

00:07:39

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

00:09:12

This is How Malabar Gold Betrayed Indians and Preferred a Pakistani

00:07:16

What Really Happened To the Sabarimala Temple Gold Under Left Government?

00:07:21
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited