प्रस्तुत करते हैं भारतवर्ष का ‘नया हिंदू’- कुणाल कामरा, गला फाड़कर चीख रहा है

भगवान राम का जयकारा 'अर्बन नक्सल' क्यों लगा रहा है?

kunal kamra

एक बहुत प्रचलित कहावत है कि जब गीदड़ की मौत आती है तो वह शहर की ओर कूच करता है। यह कहावत कथित हास्य कलाकार अर्थात् कॉमेडियन और यथार्थ में हिंदू विरोधी कुणाल कामरा पर सटीक बैठता है। जिसने सदैव हिंदुओं के विरुद्ध अपनी घृणा को प्रदर्शित करते हुए उनके आराध्य के लिए बहुत अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया है। इस व्यक्ति के घटिया व्यवहार के कारण इसे सोशल मीडिया से लेकर आम जीवन में बहुत ट्रोल किया जाता रहा है। लेकिन जब हिंदू एक हो गए हैं तो इस व्यक्ति की स्थिति ऐसी हो गयी है कि कल तक जिन्हें यह अपमानित कर रहा था आज उसे यह अपना पूज्य बताने पर विवश हो गया है। आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या हो गया तो चलिए समझते हैं।‌

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एक पत्र रिलीज कर सबसे बड़ा हिंदू होने का दम भरा है

कॉमेडी के नाम पर गाली गलौच, महिलाओं पर असंवेदनशील और आपत्तिजनक टिप्पणियां, देवी-देवताओं के अपमान से लेकर दंगा भड़काने का प्रयास करना कथित कॉमेडियन कुणाल कामरा की कॉमेडी का हिस्सा है लेकिन अब इस व्यक्ति ने एक पत्र रिलीज किया है जिसमें इसने स्वयं को विश्व हिंदू परिषद से बड़ा हिंदू घोषित किया है।

दरअसल, कुणाल कामरा ने विश्व हिंदू परिषद को लेकर एक पत्र लिखा जिसमें दावा किया कि ‘मैं जोर से और गर्व से जय श्री सीता-राम और जय राधा-कृष्ण कहता हूं। अब अगर तुम सच में भारत की संतान हो, तो गोडसे मुर्दाबाद लिखकर भेजो। नहीं तो मैं समझूंगा कि तुम लोग हिंदू विरोधी और आतंक समर्थक हो।” इसके साथ ही कामरा ने अपने पत्र में लिखा, “मुझे बताओ कि तुम गोडसे को भगवान मानते हो? अगर मानते हो तो आगे भी मेरे शो रद्द करवाते रहना। मुझे सिर्फ इस बात की खुशी रहेगी कि मैं तुम से ज्यादा हिंदू होने की परीक्षा में तुमसे जीत गया।”

वहीं कुणाल कामरा ने कहा कि “मैं जो कुछ भी करूंगा, अपनी मेहनत की ही रोटी खाऊंगा क्योंकि मुझे तुमसे बड़ा हिंदू होने के नाते लगता है कि किसी को डरा-धमका कर टुकड़े खाना पाप है।” अपने पत्र में कामरा ने दक्षिणपंथी संगठनों से इस बाबत सबूत पेश करने की भी मांग की कि वह अपने कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाते हैं।

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नकली चरित्र को दर्शाता है पत्र

अब इतनी कहावत के बाद जब कुणाल कामरा पत्र का देखा जाए तो उनकी हरकतों के विपरीत उनकी छवि को यह पत्र परिलक्षित करता है और हास्यास्पद जान पड़ता है क्योंकि यह उनके नकली चरित्र को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह दावा गलत है कि वो हिंदू विरोधी है और यदि किसी के पास कोई सबूत है तो पेश करें। अब ऐसे दावे करने से पहले कम से कम वो एक बार अपने ही यूट्यूब चैनल पर अपने वीडियो देख लेते जहां हर एक शो में उन्होंने भगवान का अपमान किया है।

भगवान श्रीराम की जन्मस्थली यानी अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन का मजाक बनाने से लेकर माता सीता के अपमान और अयोध्या के लोगों का अपमान दर्शाता है कि वे हिंदू समाज के सबसे बड़े विरोधियों में से एक है। कुणाल कामरा ऐसे कॉमेडियन हैं जो मोदी सरकार को टारगेट करने के लिए किसी भी मुद्दे पर राम मंदिर को जोड़ देते हैं।

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मामला शुरू कहां से हुए? तो हाल ही में कुणाल कामरा का एक स्टैंडअप कॉमेडी शो रद्द हुआ था। इसके अलावा हाल ही में कई अन्य कॉमेडियन जो  हिंदुओं के विरुद्ध और हिन्दू देवी देवताओं के विरुद्ध विष उगलते हैं उनके भी शो रद्द हुए हैं। इसका सटीक उदाहरण मुनव्वर फारुकी भी हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि अपना बिजनेस ठप होता देख कुणाल कामरा किसी गीदड़ की तरह जनता समान शहर की ओर मदद की गुहार लेकर आ रहा हैं और इस दौरान वह स्वयं को एक प्रकांड हिंदू बताने की कोशिश कर रहे हैं जबकि उसका मन हिंदू घृणा से भरा हुआ प्रतीत होता है।

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