‘जिनके घर शीशे के होते हैं, वे दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते’, यह कहावत आपने कई बार सुनी होगी लेकिन वर्तमान में कांग्रेस पार्टी पर यह कहावत एकदम सटीक बैठती है। पार्टी अपनी पकड़ मजबूत करने के साथ ही अपने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की रीलॉन्चिंग के लिए भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है तो वहीं दूसरी ओर पार्टी की समस्या यह है कि उसके अपने नेता ही पार्टी का साथ छोड़ते जा रहे हैं। नतीजा यह है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अब विपक्ष तोड़ो यात्रा में परिवर्तित हो गई है जिसका हालिया नमूना गोवा से सामने आया है। ध्यान देने वाली बात है कि वर्ष 2017 के चुनाव में पार्टी राज्य में नंबर एक आई लेकिन सरकार नहीं बना पाई थी। ऐसे में 2022 आते-आते पार्टी के विधायक दल में टूट पड़ गई और पार्टी के 80% विधायक भाजपा में आ गए हैं।
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JUST IN; 8 Goa Congress MLAs including former CM Digambar Kamat & leader of opposition Michael Lobo to join BJP today. With this, Congress left with 3 MLAs.
— Shiv Aroor (@ShivAroor) September 14, 2022
गोवा के 2 पूर्व मुख्यमंत्री भी भाजपा में शामिल
दरअसल, गोवा में कांग्रेस के 11 विधायकों में से 8 ने भाजपा का दामन थाम लिया है। इसके कारण अब 40 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के केवल 3 ही विधायक बचे हैं। ज्ञात हो कि केदार नाइक, संकल्प अमोनकर, राजेश फलदेसाई और रुडोल्फ फर्नांडीस भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों में शामिल हैं। कांग्रेस को यह झटका ऐसे वक्त में लगा है, जब राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी केरल से जम्मू-कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है।
वहीं, कांग्रेस विधायकों के भाजपा में शामिल होने पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, मैं सभी का भाजपा में स्वागत करता हूं। सावंत ने इस मौके पर कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, “कांग्रेस ने भारत जोड़ा यात्रा की शुरुआत की है लेकिन मुझे लगता है कि गोवा में कांग्रेस छोड़ो यात्रा शुरू हो गई है। देश भर में लोग कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं।” आपको बता दें कि गोवा के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब राज्य में कांग्रेस के महज तीन ही विधायक बचे हैं।
अहम बात यह है कि कांग्रेस छोड़ने वाले विधायकों में पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत और माइकल लोबो भी शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक ये दोनों ही लंबे समय से कांग्रेस पार्टी की कार्यशैली से नाराज बताए जा रहे थे और जुलाई में भी उन्होंने बगावत की कोशिश की थी लेकिन कुछ विधायकों का साथ नहीं मिला था, जिसके बाद उस दौरान पार्टी छोड़ने के कार्यक्रम को आगे बढ़ा दिया गया था। अब भाजपा में शामिल होकर इन विधायकों ने यह कार्य पूरा कर दिया है।
कांग्रेस पर नहीं है किसी को भरोसा!
गौरतलब है कि भाजपा में शामिल होने से पहले कांग्रेस के विधायकों ने सीएम प्रमोद सावंत से मुलाकात की थी। यही नहीं, माइकल लोबो और दिगंबर कामत ने पिछले दिनों दिल्ली की यात्रा भी की थी। यह माना जा रहा है कि इन नेताओं ने इस दौरान भाजपा की टॉप लीडरशिप से मुलाकात की थी और उसके बाद ही भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया था। गोवा में कांग्रेस की इस स्थिति को पार्टी के राष्ट्रीय अभियान के अनुसार एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
एक ओर जहां कांग्रेस राष्ट्रीय राजनीति में 12 राज्यों के बीच भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है और भाजपा को 2024 में उखाड़ फेंकने का दावा कर रही है। वहीं, राहुल गांधी और कांग्रेस के इस एजेंडे को गोवा के जरिए तगड़ा झटका लगा है। खास बात यह है कि भारत जोड़ो यात्रा के शुरू होने से पहले ही कांग्रेस छोड़ो अभियान शुरू हो गई थी जिसकी नींव दिग्गज कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी छोड़कर की थी। उनके साथ करीब 200 अन्य नेताओं ने भी जम्मू कश्मीर में पार्टी छोड़ दी थी और पार्टी का अस्तित्व जम्मू कश्मीर में हाशिए पर पहुंच गया है।
ज्ञात हो कि भाजपा की ओर से लगातार यह दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ असल में ‘कांग्रेस छोड़ो’ और ‘विपक्ष तोड़ो यात्रा’ में परिवर्तित हो गई है क्योंकि न केवल पार्टी के स्तर पर लोगों में नाराज़गी है बल्कि विपक्षी दल जो पहले कांग्रेस को एक मजबूत विपक्ष के तौर पर देखते थे, उन्हें भी राहुल गांधी की एकला चलो रे नीति से धक्का लगा है। जिसके कारण विपक्षी एकता में एक बड़ी फूट पड़ती नजर आ रही है। ऐसे में इससे सीधे तौर पर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फायदा पहुंचने वाला है।
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