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Rachna ke Aadhar Par Vakya Bhed- परिभाषा और उदाहरण

TFI Desk द्वारा TFI Desk
8 September 2022
in ज्ञान
Rachna ke aadhar par vakya bhed
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आज हम इस लेख के माध्यम से रचना के आधार पर वाक्य भेद की परिभाषा और उदाहरण (Rachna ke aadhar par vakya bhed),  वाक्य भेद की सम्पूर्ण जानकारी आपकों देंगे। इसलिए इस लेख को अंत तक जरुर पढ़े।

रचना के आधार पर वाक्य भेद की परिभाषा और उदाहरण

वाक्य किसे कहते हैं?

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और लोड करें

शब्दों के सार्थक समूह या पदों के सार्थक समूह को वाक्य कहा जाता हैं।यह दोनों वाक्य के अंग होते हैं।

जैसे- मोहन रोटी खाता है | इस वाक्य में ‘मोहन’ उद्देश्य है और ‘रोटी खाता है’ विधेय है|

उद्देश्य– जिस विषय के बारे में जानकारी दी जा रही है, उन्हें उद्देश्य कहा जाता है।

जैसे – राधिका नाचती है।यहां पर राधिका के बारे में जानकारी दी जा रही है, इसलिए यहां पर उद्देश्य राधिका है।

विधेय– उद्देश्य की जो भी जानकारी दी जा रही हो, उसे विधेय कहते हैं।

जैसे- अध्यापक छात्रों को पढ़ा रहे हैं. इस वाक्य में ‘अध्यापक’ उद्देश्य हैं और ‘छात्रों को पढ़ा रहे हैं’ विधेय है.

वाक्यों का दो आधारों पर वर्गीकरण

1.अर्थ के आधार पर
2.रचना के आधार पर

रचना के आधार पर वाक्य भेद (Rachna ke aadhar par vakya bhed)– जब रचना के आधार पर सिर्फ वाक्य परिवर्तन होता है तब सिर्फ उसकी बनावट में परिवर्तन होता है।लेकिन उसके अर्थ में कोई भी परिवर्तन नहीं होता है |

Rachna ke aadhar par vakya bhed?

रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद हैं:-

1. सरल वाक्य
2. संयुक्त वाक्य
3. मिश्र वाक्य

1. सरल वाक्य – जिन वाक्यों में एक ही क्रिया , एक ही कर्ता होता है।जिन वाक्यों का एक ही उद्देश्य हो, उसे सरल वाक्य या साधारण वाक्य कहते हैं |

उदाहरण

1. गंगा पढ़ाई करती है।
2. सैनिकों ने दुश्मनों के ठिकानों को तबाह कर दिया|

2. संयुक्त वाक्य – जिन वाक्यों दो या उससे अधिक उपवाक्य शामिल होते है एवं जिनमें सभी उपवाक्य प्रधान होते है, उन्हें संयुक्त वाक्य कहा जाता है।
संयोजक अभियोग के कई सारे शब्द होते हैं। जिनसे संयुक्त वाक्यों का निर्माण होता है- जैसे: और, एवं, फिर, या, अथवा, परंतु, इसलिए, तथा, तो, नहीं तो, भी, किंतु इत्यादि।

उदाहरण

मैं स्कूल आया और वह घर चला गया।
पूनम किताब पढ़ी परंतु उसे समझ नहीं आई।

Rachna ke aadhar par sanyukt vakya bhed

संयुक्त वाक्यों को चार भागों में बांटा गया है।

1.संयोजक
2.विभाज
3.विरोध वाचक
4.परिणाम वाचक

संयोजक– और, तथा, फिर, एवं, ही/ही नहीं ……बल्कि
विभाजक– या, अथवा, या…… या, न…… न, नहीं तो, अन्यथा, चाहे………. चाहे, न कि
विरोधवाचक– लेकिन, पर, मगर, बल्कि
परिणामवाचक– इसलिए, अतः, अतएव, सो

3.मिश्र वाक्य –

ऐसे वाक्य जिनमें सरल वाक्य के साथ साथ कोई भी दूसरा उपवाक्य शामिल हो, उन वाक्य को मिश्र वाक्य कहा जाता है।

जैसे- जब तुम जाओगे तब मैं भी जाऊँगा | इस वाक्य में तब मैं जाऊँगा प्रधान उपवाक्य है और जब तुम जाओगे आश्रित उपवाक्य है |

प्रधान उपवाक्य – जो उपवाक्य किसी पर आश्रित नहीं होता है अर्थात् वह स्वतंत्र होता है साथ ही उसकी क्रिया मुख्य होती है, वह प्रधान उपवाक्य कहलाता है। जैसे- मोदी जी ने कहा कि अच्छे दिन आएँगे। इस वाक्य में ‘मोदी जी ने कहा’ प्रधान उपवाक्य है।

आश्रित उपवाक्य –

जो उपवाक्य दूसरे उपवाक्य पर निर्भर होता है। वह आश्रित उपवाक्य कहलाता है। इस उपवाक्य का उद्देश्य और विधेय प्रधान नहीं होता है। जैसे- मोहन ने कहा कि कल उसके मामा आएँगे। इस वाक्य में ‘ कल उसके मामा आएँगे। ‘ आश्रित उपवाक्य है।

आश्रित उपवाक्य के भेद?

1. संज्ञा उपवाक्य
2. विशेषण उपवाक्य
3. क्रिया विशेषण उपवाक्य

संज्ञा उपवाक्य – जो उपवाक्य प्रधान वाक्य की किसी संज्ञा या संज्ञा-पदबंध के स्थान पर प्रयुक्त होता है, उसे संज्ञा उपवाक्य कहा जाता हैं।

उदाहरण-

1. मोहन को यह देखकर आश्चर्य हुआ कि सभा में कम लोग आए हैं |
2. मुझे पूरा विश्वास है कि वह कक्षा में अव्वल आएगा |

विशेषण उपवाक्य – जो आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हों, उसे विशेषण उपवाक्य कहते हैं।

उदाहरण–

1.जिन लोगों ने परिश्रम किया उन्हें कंपनी द्वारा पुरस्कृत किया गया |
2.जिसने तुम्हें यह सूचना दी है उसने मुझे भी यही सूचना दी है |

इस उपवाक्य की शुरुआत ‘जो या जो के विभिन्न रूपों’ से होती है |

जो के विभिन्न रूप– जो, जिसने, जिन्होंने, जिससे, जिसको, जिनको, जिसका, जिनका, जिसमें, जिसपर, जिनमें, जिनपर, जिसके लिए, जिनके लिए | एकवचन और बहुवचन के आधार पर इन रूपों का प्रयोग किया होता है।|

क्रियाविशेषण उपवाक्य –

जो आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की क्रिया की विशेषता बताता है उसे क्रिया-विशेषण उपवाक्य कहा जाता हैं।

उदाहरण

1.जहाँ तुम मुझे बुलाओगे वहाँ मैं आऊँगा |
2.रेलगाड़ी ऐसे धीरे चल रही है जैसे बैलगाड़ी हो |

रचना के आधार पर वाक्य परिवर्तन के उदाहरण

सरल वाक्य से संयुक्त वाक्य में परिवर्तन

1.मोहन हाथ-मुँह धोकर पढ़ने बैठा |
मोहन ने हाथ-मुँह धोया और पढ़ने बैठा |

2.सीता के स्टेशन पहुँचते ही गाड़ी खुल गई |
सीता स्टेशन पहुँची और गाड़ी खुल गई |

3.मेरे द्वारा शांत किए जाने पर भी वह बोलता रहा |
मैंने उसे शांत किया लेकिन वह बोलता रहा |

संयुक्त वाक्य से सरल वाक्य में परिवर्तन

1.उसने एक बार जिद की फिर कभी कुछ नहीं कहा |
उसने एक बार जिद करने के बाद कभी कुछ नहीं कहा |

2.हम तुम्हारा बुरा नहीं चाहते बल्कि भला चाहते हैं |
हम तुम्हारे बुरे की जगह भला चाहते हैं |

3.राम बहुत कमजोर था सो वह दीवार पर चढ़ नहीं सका |
राम बहुत कमजोर होने के कारण दीवार पर चढ नहीं सका |

मिश्र वाक्य से सरल वाक्य में परिवर्तन

1.जैसे ही कुणाल घर पहुँचा वैसे ही वह खाने बैठ गया |
कुणाल घर पहुँचते ही खाने बैठ गया |

2.जब मुझे वेतन मिलेगा तब मैं उसकी मदद करूँगी |
मैं वेतन मिलने पर उसकी मदद करूँगी |

3.क्योंकि उसे पढ़ना अच्छा नहीं लगता है इसलिए वह विद्यालय नहीं जाता है |
वह पढ़ना अच्छा नहीं लगने के कारण विद्यालय नहीं जाता है |

Also Read: Visheshan ke kitne bhed hote hain? सभी भेद का वर्णन

संयुक्त वाक्य से मिश्र वाक्य में परिवर्तन

1.सूर्यास्त हुआ और सभी पक्षी अपने-अपने घर जाने लगे|
जैसे ही सूर्यास्त हुआ वैसे ही सभी पक्षी अपने-अपने घर जाने लगे|

2.सीता गाती है और मनोरमा नाचती है|
जब सीता गाती है तब मनोरमा नाचती है|

3.लोगों ने परिश्रम किया और सफलता हासिल की|
चूँकि लोगों ने परिश्रम किया इसलिए सफलता हासिल की|

आशा करते है कि रचना के आधार पर वाक्य भेद (Rachna ke aadhar par vakya bhed), वाक्य की सम्पूर्ण जानकारी पर यह लेख आपको पसंद आया होगा एवं ऐसे ही रोचक लेख पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम इस जुड़े।

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