NDTV का ‘अडानीकरण’ अब स्पष्ट दिखाई दे रहा है

नमस्कार, मैं ‘अडानी का वफादार’!

NDTV ADANI

Source- TFI

“डोनाल्ड ट्रंप के साथ हमारा बेहतरीन साक्षात्कार, जानिए उन्होंने क्या कहा”

“ब्याह कर ले, वरना…मुस्लिम व्यक्ति ने हिन्दू महिला का धर्मांतरण कराया”

यदि आपको प्रतीत होता है कि ये हमारे किसी नए रिपोर्ट की लाइन है तो आप गलत हैं। यह वास्तव में वामपंथियों के दुलारे एनडीटीवी की वर्तमान रिपोर्ट्स हैं। अपनी खबरों में ‘मुस्लिम नामों’ को सामने न आने देने वाले एनडीटीवी के सुर इन दिनों बदले बदले से लग रहे हैं लेकिन इसके पीछे भी कारण बहुत बड़ा है। जैसा कि आप जानते हैं, NDTV को रातों रात अडानी ग्रुप ने एक अनोखे डील के तहत खरीद लिया। गौतम अडानी ने NDTV में भयंकर हिस्सेदारी प्राप्त की, जो लगभग 29.3 प्रतिशत के आसपास है। परंतु वो इतने तक ही सीमित नहीं रहना चाहते हैं।

उन्होंने इस अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी के साथ एक ओपन ऑफर भी लॉन्च किया है, यदि वो इसमें सफल रहते हैं तो NDTV में उनकी कुल हिस्सेदारी लगभग 56 प्रतिशत हो जाएगी यानी NDTV के मूलभूत अधिकार अब अडानी के पास रहेंगे। अब कहीं न कहीं इसका असर एनडीटीवी की विचारधारा पर भी पड़ने लगा है। अब एनडीटीवी के कर्मचारी भले ही अपने मालिकों को कोर्ट तक घसीटने की बात कर रहे हैं परंतु यदि वास्तव में देखा जाए तो परिवर्तन को वे भी रोक नहीं पा रहे हैं। जैसा हमने पहले बताया, NDTV के विचारधारा में परिवर्तन आ रहा है और यह उनके खबरों में स्पष्ट दिख रहा है।

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उदाहरण के लिए “डोनाल्ड ट्रंप के साथ हमारा बेहतरीन साक्षात्कार, जानिए उन्होंने क्या कहा” या “ब्याह कर ले, वरना, मुस्लिम व्यक्ति ने हिन्दू महिला का धर्मांतरण कराया” जैसी खबरें राष्ट्रवादी या दक्षिणपंथी पोर्टल्स पर अधिक दिखती हैं, वामपंथी पोर्टल्स पर नहीं लेकिन ऐसी खबरें अब एनडीटीवी में देखने को मिल रही है। NDTV के लिए सदैव से एजेंडा परम धर्म रहा है और ये बात रवीश कुमार से बेहतर कौन समझ सकता है। परंतु अब NDTV की वामपंथी बिरादरी चाहकर भी कुछ कर नहीं सकती क्योंकि एनडीटीवी के वित्तीय निर्णयों ने ही उन्हें इस योग्य नहीं छोड़ा है। असल में एनडीटीवी के स्वामी VCPL को बहुमत के अधिकार प्राप्त हैं इसलिए वह कभी, कैसे भी प्रबंधन और निवेश से संबंधित निर्णय लेने में सक्षम है और इसके लिए उसे NDTV के लंबे चौड़े भाषणों की कोई आवश्यकता नहीं है।

इसके अतिरिक्त यदि रॉय दंपति चाहे भी तब भी अब वह कुछ नहीं कर पाएंगे। इसके पीछे सबसे प्रमुख कारण है सेबी। वर्ष 2020 में एक महत्वपूर्ण निर्णय में सेबी ने न केवल NDTV प्रमुख प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय के Securities Market में प्रवेश पर दो वर्षों के लिए निषेध लगा दिया बल्कि वित्तीय अनियमितताओं में लिप्त पाए जाने के कारण उन पर 16.97 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगा दिया।

NDTV के प्रोमोटर RRPR Holding Limited ने वर्ष 2008 में ICICI Bank से एक लोन के संबंध में समझौता किया था। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, “निर्णय में Adjudicating Officer Amit Pradhan ने बताया कि रॉय ने Section 12A of the SEBI Act एवं SEBI के Prohibition of Fraudulent Trade Practices relating to Securities Market Regulations, 2003 (PFUTP Regulations) का उल्लंघन करते हुए तीन लोन समझौतों के बारे में आवश्यक जानकारी अपने शेयरधारकों के साथ साझा नहीं की थी।” ऐसे में एनडीटीवी का अडानीकरण तो उसी समय से प्रारंभ हो गया, जब इसका अधिग्रहण हो चुका था। अब देखना यह होगा कि एनडीटीवी का ‘केसरियाकरण’ कितने दिनों में होता है।

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