विचित्र है अपना भारत, जहां देशद्रोहियों की जय होती है और नायकों को कोई घास नहीं डालता। ये भारत है, जहां औरंगजेब के कब्र पर फातिहा पढ़ी जाती है, उस कब्र के संरक्षण हेतु वार्षिक अनुदान भी होता है, परंतु अखंड भारत की पुनर्स्थापना हेतु भीषण युद्ध करने वाले, वीरों के वीर, पेशवा बाजीराव बल्लाड़ की समाधि जीर्ण शीर्ण पड़ी रहती है। ये वो भारत है, जहां सैकड़ों निर्दोषों की हत्या करने वाले याकूब मेमन के कब्र का सुंदरीकरण कराने में कोई संकोच नहीं किया जाता, परंतु जिस परम प्रतापी वीर शासक ने भारत के सबसे प्रभावशाली साम्राज्यों में से एक स्थापित किया, जिसने अखंड भारत की कीर्ति भारत से आगे बढ़ायी, उस वीर सम्राट अरुलमोई वर्मन यानी राजाराज चोल के नाम पर एक भव्य स्मारक तो छोड़िए, एक समाधि स्थल तक नहीं है।
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आतंकी याकूब मेमन की कब्र को सम्मान दिया गया
असल में विवाद उपजा 7 सितंबर को। मुंबई ब्लास्ट मामले में मृत्युदंड पाए आतंकी याकूब मेमन की कब्र को मज़ार की शक्ल दी गयी है। टाइल्स-मार्बल्स लगा कर इसे सजा दिया गया है। उद्धव ठाकरे की सरकार पर इसका आरोप लग रहा है। याकूब की कब्र पर न सिर्फ टाइल्स लगा दी गयी है बल्कि रोशनी के लिए लाइटें भी लगा दी गयीं।
भाजपा नेता राम कदम ने इस मुद्दे को उठाते हुए याकूब मेमन की कब्र की तस्वीरें भी शेयर की। यह शिकायत और फोटो वायरल होने के बाद मुंबई पुलिस ने याकूब की कब्र से लाईटिंग हटवा दी –
Maharashtra | Lighting arrangements that were put up at the grave of 1993 Mumbai blasts convict Yakub Memon are now being removed. Latest visuals from Bada Qabrastan in Mumbai. pic.twitter.com/i3rOi2VgVl
— ANI (@ANI) September 8, 2022
इससे पूर्व राम कदम ने लिखा, “उधव ठाकरे मुख्यमंत्री थे। उस समय में मुंबई में पाकिस्तान के इशारे पर 1993 में बम कांड करने वाला खूँखार आतंकवादी याकूब मेमन की कब्र मज़ार में तब्दील हो गई है। यही है इनका मुंबई से प्यार और यही है इनकी देशभक्ति? उद्धव ठाकरे समेत राहुल गाँधी और शरद पवार इस कुकर्म को अनदेखा करने के लिए मुंबई की जनता से माफी माँगे। अब पेंग्विन सेना इसका जवाब दे” –
उधव ठाकरे मुख्यमंत्री थे .उस क़ाल में मुंबई में पाकिस्तान के इशारे पर 1993 में बंबकांड करने वाला ख़ूँख़ार आतनवादी याकूब मेमन की कबर मझार में तब्दील हो गयी .
यही है इनका मुंबई से प्यार , यही इनकी देश भक्ती ?उधव ठाकरे समेत शरद पवार तथा राहुल गांधी माफ़ी माँगे मुंबई की जनता की pic.twitter.com/TAQNhBb36G
— Ram Kadam ( modi ka parivar ) (@ramkadam) September 7, 2022
परंतु प्रश्न तो अब भी उठता है – ये स्थिति उत्पन्न ही क्यों हुई? आखिर ऐसी कौन सी अवस्था है जिसके पीछे ऐसे लोगों की आवभगत होती रहती है और हमारे नायकों को कोई भाव तक नहीं देता? आखिर क्या कारण है कि औरंगजेब जैसे दुर्दांत तानाशाह की कब्र अब तक विद्यमान, और अखंड भारत के प्रणेताओं में से एक, राजाराज चोल की समाधि स्थल तक का पता नहीं?
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राजाराज चोल ने ऐसा क्या किया था?
राजाराज चोल के शासन में चोलों ने दक्षिण में श्रीलंका तथा उत्तर में कलिंग तक साम्राज्य फैलाया।[2][3] राजाराज चोल ने कई नौसैन्य अभियान भी चलाये, जिसके फलस्वरूप मालाबार तट, मालदीव तथा श्रीलंका को आधिपत्य में लिया गया।
राजाराज चोल ने हिंदुओं के विशालतम मंदिरों में से एक, तंजौर के बृहदीश्वर मन्दिर का निर्माण कराया जो वर्तमान समय में यूनेस्को की विश्व धरोहरों में सम्मिलित है। उन्होंने सन 1000 में भू-सर्वेक्षण की महान परियोजना शुरू करायी जिससे देश को वलनाडु इकाइयों में पुनर्संगठित करने में मदद मिली। राजाराज चोलने “शशिपादशेखर” की उपाधि धारण की थी। राजा राज प्रथम ने मालदीव पर भी विजय प्राप्त की थी।
चोलों का उदय नौवीं शदी में हुआ। इनका राज्य तुंगभद्रा तक फैला हुआ था। चोल राजाओं ने शक्तिशली नौसैना का विकास किया। इस वंश की स्थापना विजयालय ने की। चोल वंश का दूसरा महान शासक कोतूतुङ त्रितीय था। इन्हीं की भूमिका को तमिल अभिनेता जयम रवि चर्चित फिल्म ‘पोन्नयन सेल्वन’ में आत्मसात करेंगे।
परंतु इस व्यक्ति के बारे में स्वतंत्र भारत में कितने लोग जानते हैं? जानना छोड़िए, कितने लोगों के लिए इनका कोई स्मृति शेष या स्मारक बचा है?
वहीं दूसरी ओर याकूब मेमन जैसे दुष्ट के कब्र की न केवल साज सज्ज की गयी अपितु उसके सुंदरीकरण में भी पूर्ववर्ती महा विकास अघाड़ी सरकार ने कोई प्रयास नहीं अधूरा छोड़ा। परंतु यह वही भारत है जहां स्वामी श्रद्धानंद जैसे संत के हत्यारे को क्षमा कर उसे बढ़ावा देने वाले मोहनदास करमचंद गांधी को कुछ लोग आज भी महात्मा मानते हैं तो ये तो फिर भी कुछ नहीं है।
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