उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हाल ही में एक गैंगरेप केस सामने आया, यह मामला 38 साल की एक महिला के साथ गैंगरेप किए जाने की वारदात से संबंधित था जिसकी निर्भया कांड से तुलना की जा रही थी लेकिन अब इस मामले में ऐसा खुलासा हुआ है जिसे जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। गाजियाबाद के नंदग्राम थाना क्षेत्र से कथित गैंगरेप का यह मामला सामने आया था जिस पर गाजियाबाद पुलिस ने खुलासा करते हुए इसके पीछे की मनगढ़ंत षड्यंत्र के बारे में बताया है।
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आरोपियों को फंसाने के लिए रचा षड्यंत्र
पुलिस के अनुसार जांच में पाया गया है कि पीड़िता ने भूमि संबंधी विवाद के कारण आरोपियों को फंसाने के लिए गैंगरेप वाला पूरा षड्यंत्र रचा था। आईजी प्रवीण कुमार के अनुसार 112 के माध्यम से पुलिस को इस वारदात के संबंध में सूचना मिली जिसके बाद पीड़िता को अस्पताल लेकर आया गया जहां मेडिकल जांच का महिला ने विरोध करना शुरू कर दिया और तो और उसने मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर किए जाने की बात का भी विरोध किया। वह दिल्ली के जीटीबी अस्पताल जाने पर मान गयी थी जिस पर एसआईटी ने त्वरित कार्रवाई की जिसके बाद बात खुलकर सामने आयी कि आजाद, गौरव, अफजल नाम के व्यक्ति पूरे षड्यंत्र में सम्मलित रहे। पुलिस के द्वारा आजाद के मोबाइल कॉल बी खंगाले गए।
मामले को लेकर साफ-साफ पता चलता है कि किस तरह गैंगरेप की बात फैलाकर पुलिस और लोगों को गुमराह किया गया। पुलिस ने पूरे मामले की जब गहनता से जांच की तो पाया कि भूमि के लिए यह सबकुछ योजनाबद्ध रूप से किया गया। बताया जा रहा है कि तीनों ने अपने ऊपर लगाये गये आरोप को मान भी लिया है। अब पुलिस की तैयारी तथाकथित रेप पीड़िता के विरुद्ध कार्रवाई करने की है। ध्यान देना होगा कि महिला को जिस वाहन से लाया गया उसकी जीपीआरएस रिपोर्ट से भी सत्य सामने आ पाया है।
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फैलाया गया झूठ
अब उस आरोप को जान लेते हैं जिसका उपयोग कर महिला और उसके साथियों ने योजनाबद्ध रूप से षड्यंत्र रचा और अपने लिए लोगों से सहानुभूति बंटोरने का नीचतापूर्ण काम किया।
पहले ऐसी खबरें सामने आई थीं कि गाजियाबाद से दिल्ली जाने के लिए महिला ऑटो की प्रतीक्षा कर ही रही थी कि स्कॉर्पियो सवार चार लोगों ने उसका अपहरण किया और उसे सुनसान जगह पर लेकर गए, वहीं पर पांचवा व्यक्ति उपस्थित था। महिला को दो दिनों तक उन लोगों ने बंधक बनाया और कथित रूप से उसके साथ गैंगरेप भी किया। मामले में आरोप लगाया गया कि पांच युवकों ने गैंगरेप किया। ऐसे भी आरोप लगे कि प्राइवेट पार्ट में रॉड डाली गयी साथ ही हाथ-पैर बांधकर बोरी में भरकर फेंक दिया गया। ऐसी खबरों से इस कथित वारदात की तुलना 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप वारदात से की जा रही थी।
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4 लोग हिरासत में
मामले को लेकर पुलिस द्वारा की गयी पूछताछ में महिला ने बोला था कि दिल्ली के नंद नगरी की वह निवासी है, उसने अपने बयान में कहा कि एक दिन पहले अपने भाई के यहां जन्मदिन मनाने गाजियाबाद में आयी और लौटते समय उसके साथ कथित रूप से गैंगरेप किया गया। महिला के भाई ने मामले में दिल्ली के दीनू, शाहरुख, जावेद, धोला और औरंगजेब उर्फ जहीर के विरुद्ध FIR करावायी थी। जिसके बाद 4 लोगों को हिरासत में लिया गया था। इसके साथ ही दिल्ली महिला आयोग ने मामले को लेकर संज्ञान लिया था और गाजियाबाद एसएसपी को नोटिस तक जारी कर दी थी। लेकिन पुलिस के खुलासे के बाद षड्यंत्र रचे जाने की बात खुलकर सामने आ गयी।
आए दिन रेप जैसे अपराध किए जाने की खबरें सुनने को मिलती हैं लेकिन जब कोई महिला ऐसी रोंगटे खड़े कर देने वाली वारदात को लेकर झूठ फैलाती है तो वास्तविक रूप से रेप से पीड़ित महिलाओं को ऐसे झूठ का मूल्य चुकाना पड़ता है, निर्दोष पुरुषों के साथ जो अन्याय होता है वो तो एक अलग ही चर्चा का विषय है।
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