TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

असम के ‘शिवाजी’ वीर लचित बोरफुकन के शौर्य को राष्ट्रीय स्तर पर ला रहे हैं हिमंता बिस्वा सरमा

लचित बोरफुकन जैसे योद्धा को दरबारी इतिहासकारों ने इतिहास की पुस्तक में स्थान नहीं दिया!

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
27 October 2022
in प्रीमियम
लचित बोरफुकन

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

मुगल दरबार, आगरा, 17 वीं शताब्दी

उस सिपाही ने कंपकँपाते हुए स्वर में कहा, “हम में से किसी ने भी उसकी सूरत या सीरत (रूप -रंग) नहीं देखा है, हम नहीं जानते कि वह इंसान है या कोई रूह, पर कई लोगों से जाना है कि उसके हेंगडांग की सोने जैसी चमक से सभी परिचित हुए हैं!”

संबंधितपोस्ट

‘राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई’, जानें, सीएम सरमा ने क्या दिया आदेश

‘उसे मोदी या अमित शाह भी नहीं बचा सकते’: राहुल गांधी ने असम के सीएम पर लगाई आरोपों की झड़ी; जानें हिमंता ने दिया क्या जवाब?

‘क्रूर था अकबर’: बाबर, अकबर, औरंगज़ेब और शिवाजी पर क्या कहती है NCERT की नई किताब?

और लोड करें

“ये हेंगडांग किस बला का नाम है?” क्रोध से तमतमाए बादशाह आलमगीर यानी औरंगजेब ने पूछा।

“यह नायाब शमशीर (उत्कृष्ट तलवार) है आलीजाह, जिसका स्वामी है लचित और जिसे प्रदान किया राजा चक्रध्वज सिंघा ने” दबे स्वर में उस सिपाही ने उत्तर दिया।

“तो है क्या वो? इंसान है, भूत है, या वो भगवान है जिनमें ये कुफ्र (हिन्दू) यकीन रखते हैं, जो इंसानी भेस में अजीबोगरीब शस्त्र लेकर हाथों में घूमते हैं?”

“जनाब वो इंसान ही हैं, अहोम वंश का सिपहसालार है!”

“अगर इंसान है, तो हमारे हाथों से ही मरेगा!”    

यह कथा है उस वीर नायक की, जिसके पराक्रम से औरंगजेब जैसे क्रूर आक्रांता की भी बत्ती गुल हो जाती थी। जिसके एक वार से बड़े से बड़े आक्रांता उन्नीस सिद्ध हुए, अब उनके पराक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर प्रचलित करने का बेड़ा असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने उठाया है। हाल ही में हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्विटर पर अपने हैंडल के माध्यम से लचित बोरफुकन की 400वीं जयंती पर एक वेब पोर्टल एवं एप के लॉन्च की घोषणा की, जहां उन्होंने असम से लेकर सम्पूर्ण राष्ट्र के युवाओं को वीर लचित बोरफुकन पर अपने विचार साझा करने हेतु आमंत्रित किया।

और पढ़ें: गुमनाम नायक: रानी दुर्गावती की कहानी, जिन्होंने मुगलों की गिरफ्त की बजाय स्वयं का बलिदान कर दिया

The celebrated valour of Lachit Barphukan, who stood like Himalayas between Assam & Mughal invaders, is eternally inspirational.

To relive his ideals on his 400th birth anniversary, we've launched an app/portal for you all to write about the great General.

Here's a guide: pic.twitter.com/diMDtHujgk

— Himanta Biswa Sarma (Modi Ka Parivar) (@himantabiswa) October 27, 2022

अब बात भी खरी है क्योंकि वीर लचित बोरफुकन उस राष्ट्रीय मोर्चे का भाग थे, जिन्होंने औरंगजेब को मार मार कर भूत बना दिया था। लोग कहते हैं भारत का पहला स्वाधीनता संग्राम 1857 में लड़ा गया था। वे गलत नहीं है परंतु 1857 अंग्रेजों के विरुद्ध भारत का पहला स्वाधीनता संग्राम तो था ही किन्तु इससे पहले भी विदेशी आक्रान्ताओं के विरुद्ध भारत में विद्रोह की ज्वाला उमड़ी थी। एक 1336 में, तुर्की सल्तनत के विरुद्ध, तो दूसरी 1659 में मुगलिया सल्तनत के विरुद्ध। दोनों में एक बात समान थी- विदोह का प्रारंभ राजपूताना क्षेत्र से हुआ और इसे आगे बढ़ने का काम किया दक्षिण भारत के महान योद्धाओं ने, चाहे वे तुर्क के विरुद्ध विजयनगर के योद्धा हो या फिर मुगल के विरुद्ध मर्द मराठा और उनके महान शासक, छत्रपति शिवाजी महाराज।

वीर लचित बोरफुकन ने मानविकी, शास्त्र और सैन्य कौशल की शिक्षा प्राप्त की थी। उन्हें अहोम स्वर्गदेव के ध्वज वाहक (सोलधर बरुआ) का पद (निज-सहायक के समतुल्य एक पद) सौंपा गया था, जो कि किसी महत्वाकांक्षी कूटनीतिज्ञ या राजनेता के लिए पहला महत्वपूर्ण कदम माना जाता था। अपनी नियुक्ति से पूर्व बोरफुकन अहोम राजा चक्रध्वज सिंघा की शाही घुड़साल के अधीक्षक (घोड़ बरुआ), रणनैतिक रूप से महत्वपूर्ण सिमुलगढ़ किले के प्रमुख और शाही घुड़सवार रक्षक दल के अधीक्षक (या दोलकक्षारिया बरुआ) के पदों पर आसीन रहे।

वीर लचित ने मुगलों के नाक में कर दिया था दम

राजा चक्रध्वज ने गुवाहाटी पर कब्जा कर चुके मुग़लों के विरुद्ध अभियान में सेना का नेतृत्व करने के लिए लचित बोरफुकन का चयन किया। राजा ने उपहार स्वरूप लचित को सोने की मूठ वाली एक तलवार (हेंगडांग) और विशिष्टता के प्रतीक पारंपरिक वस्त्र प्रदान किए। लचित ने सेना एकत्रित की और 1667 की गर्मियों तक तैयारियां पूरी कर ली गईं। उन्होंने मुग़लों के कब्ज़े से गुवाहाटी पुनः प्राप्त कर लिया और सराईघाट की लड़ाई में वो इसकी रक्षा करने में सफल रहे।

सराईघाट का युद्ध इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण कि मुगलों का शौर्य केवल नाम का था, असल में वे केवल कागजी शेर थे। लचित बोरफुकन की युद्ध-कला एवं दूरदर्शिता का दिग्दर्शन मात्र अंतिम युद्ध में ही नहीं हुआ अपितु उन्होंने 1667 में गुवाहाटी के ईटाकुली किले को मुगलों से स्वतंत्र कराने में भी कुशल युद्धनीति का परिचय दिया। मुगलों ने फिरोज खान को फौजदार नियुक्त किया, जो बहुत ही भोग-विलासी व्यक्ति था। उसने चक्रध्वज सिंघा को सीधे-सीधे असमिया हिंदू कन्याओं को भोग-विलास के लिए अपने पास भेजने का आदेश दिया। इससे लोगों में मुगलों के खिलाफ आक्रोश बढ़ने लगा।

वीर लचित ने लोगों के इस आक्रोश का सही प्रयोग करते हुए इसी समय गुवाहाटी के किले को मुगलों से छीनने का निर्णय लिया। लचित बोरफुकन के पास एक शक्तिशाली और निपुण जल सेना के साथ समर्पित और दक्ष जासूसों का संजाल था। उन्होंने योजना बनाई,जिसके अनुसार 10-12 सिपाहियों ने रात के अंधेरे का फायदा उठाते हुए चुपके से किले में प्रवेश कर लिया और मुगल सेना की तोपों में पानी डाल दिया। अगली सुबह ही लचित ने ईटाकुली किले पर आक्रमण कर उसे जीत लिया।

जब औरंगजेब को इस विजय के बारे में पता चला तब वह गुस्से से तिलमिला उठा। उसने मिर्जा राजा जयसिंह के बेटे रामसिंह को 70,000 सैनिकों की बड़ी सेना के साथ अहोम से लड़ने के लिए असम भेजा। उधर वीर लचित ने बिना एक पल व्यर्थ किए किलों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां प्रारंभ कर दी। लचित ने अपनी मौलिक युद्ध नीति के तहत रातोंरात अपनी सेना की सुरक्षा हेतु मिट्टी से मजबूत तटबंधों का निर्माण कराया, जिसका उत्तरदायित्व उन्होंने अपने मामा को दिया था। उन्होंने इस निर्माण-कार्य में अपने मामा की लापरवाही को अक्षम्य मानकर उनका वध कर दिया और कहा, “मेरे मामा मेरी मातृभूमि से बढ़कर नहीं हो सकते।”

लचित बोरफुकन जैसे योद्धा के रहते मुगल आक्रांता पूर्वोत्तर भारत को अपने अधीन नहीं कर सके। 1671 में सरायघाट, ब्रह्मपुत्र नदी में अहोम सेना और मुगलों के बीच ऐतिहासिक लड़ाई हुई। रामसिंह को अपने गुप्तचरों से पता चला कि अन्दुराबली के किनारे पर रक्षा इंतजामों को भेदा जा सकता है और गुवाहाटी को फिर से हथियाया जा सकता है। उसने इस अवसर का फायदा उठाने के उद्देश्य से मुगल नौसेना खड़ी कर दी। उसके पास 40 जहाज थे, जो 16 तोपों और छोटी नौकाओं को ले जाने में समर्थ थे। यह युद्ध उस यात्रा का चरमोत्कर्ष था, जो यात्रा आठ वर्ष पहले मीर जुमला के आक्रमण से आरंभ हुई थी।

और पढ़ें: गुमनायक नायक: बंगाल के ‘वास्तविक टाइगर’ बाघा जतिन की कहानी

4000 मुगल सैनिकों को अकेले काट डाला

भारतवर्ष के इतिहास में कदाचित् यह पहला महत्वपूर्ण युद्ध था, जो पूर्णतया नदी में लड़ा गया तथा जिसमें लचित ने पानी में लड़ाई (नौसैनिक युद्ध) की सर्वथा नई तकनीक आजमाते हुए मुगलों को पराजित किया। ब्रह्मपुत्र नदी का सरायघाट इस ऐतिहासिक युद्ध का साक्षी बना। इस युद्ध में ब्रह्मपुत्र नदी में एक प्रकार का त्रिभुज बन गया था, जिसमें एक ओर कामख्या मंदिर, दूसरी ओर अश्वक्लान्ता का विष्णु मंदिर और तीसरी ओर ईटाकुली किले की दीवारे थीं। दुर्भाग्यवश लचित इस समय इतने अस्वस्थ हो गए कि उनका चलना-फिरना भी अत्यंत कठिन हो गया था परंतु उन्होंने बीमार होते हुए भी भीषण युद्ध किया और अपनी असाधारण नेतृत्व क्षमता और अदम्य साहस से सरायघाट की प्रसिद्ध लड़ाई में लगभग 4,000 मुगल सैनिकों को अकेले मार गिराया।

इस युद्ध में अहोम सेना ने अनेक आधुनिक युक्तियों का उपयोग किया। यथा- पनगढ़ बनाने की युक्ति। युद्ध के दौरान ही बनाया गया नौका-पुल छोटे किले की तरह काम आया। अहोम की बच्छारिना (जो अपने आकार में मुगलों की नाव से छोटी थी) अत्यंत तीव्र और घातक सिद्ध हुई। इन सभी आधुनिक युक्तियों ने लचित की अहोम सेना को मुगल सेना से अधिक सबल और प्रभावी बना दिया। दो दिशाओं से हुए प्रहार से मुगल सेना में हड़कंप मच गया और सायंकाल तक उसके तीन बड़े योद्धा और 4,000 सैनिक मारे गए। इसके बाद मुगल सेना मानस नदी के पार भाग खड़ी हुई। दुर्भाग्यवश इस युद्ध में घायल वीर लचित ने कुछ दिन बाद प्राण त्याग दिए।

सरायघाट की इस अभूतपूर्व विजय ने असम के आर्थिक विकास और सांस्कृतिक समृद्धि की आधारशिला रखी। आगे चलकर असम में अनेक भव्य मंदिरों आदि का निर्माण हुआ। यदि सरायघाट के युद्ध में मुगलों की विजय होती तो वह असमवासी हिंदुओं के लिए सांस्कृतिक विनाश और पराधीनता लेकर आती। मरणोपरांत भी लचित असम के लोगों और अहोम सेना के ह्रदय में अग्नि की ज्वाला बनकर धधकते रहे और उनके प्राणों का बलिदान व्यर्थ नहीं गया। लचित द्वारा संगठित सेना ने 1682 में मुगलों से एक और निर्णायक युद्ध लड़ा। इसमें उसने अपने ईटाकुली किले से मुगलों को खदेड़ दिया। इसके बाद मुगल फिर कभी असम की ओर नहीं आए।

लचित बोरफुकन के शौर्य का ही परिणाम है कि आज भी खड़कवासला में स्थित राष्ट्रीय डिफेंस अकादमी में सर्वश्रेष्ठ कैडेट को जो स्वर्ण पदक दिया जाता है, उसका नाम लचित मैडल ही है। परंतु स्वतंत्र भारत में जो सम्मान इन्हें मिलना चाहिए था, वो नेहरुवादी विचारधारा के कारण नहीं मिल पाया। परंतु अब और नहीं। अब वीर लचित बोरफुकन का नाम पूरे भारत में चहुंओर गूंजेगा, जिसमें असम के ओजस्वी मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की विशेष भूमिका रहेगी।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: औरंगजेबवीर लचित बोरफुकनहिमंता बिस्वा सरमा
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

पाकिस्तान के साथ महत्वपूर्ण मैच से पहले जिम्बाब्वे के लोग “मिस्टर बीन” को लेकर क्यों नाराज हैं?

अगली पोस्ट

भारतीय मूल के ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक का पहला कदम ही भारत विरोधी है

संबंधित पोस्ट

भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध
चर्चित

भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

3 November 2025

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, ISRO, ने एक बार फिर साबित कर दिया कि विज्ञान और तकनीक में भारत किसी से पीछे नहीं है। मार्च 2026...

क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य
इतिहास

क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

31 October 2025

रहस्य जो आज भी जीवित है जब इतिहास की किताबों में लिखा गया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस 1945 में विमान हादसे में मरे, तो...

कांग्रेस की संघ से डर नीति पर अदालत की चोट: जनता के अधिकार कुचलने की कोशिश पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक
चर्चित

कांग्रेस की संघ से डर नीति पर अदालत की चोट: जनता के अधिकार कुचलने की कोशिश पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक

29 October 2025

कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार के लिए यह क्षण किसी राजनीतिक झटके से कम नहीं है। राज्य की धारवाड़ बेंच ने सरकार के उस विवादास्पद सरकारी...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why AH-64 Apaches Made a Mysterious Return To U.S. On Their Delivery Flight To India?

Why AH-64 Apaches Made a Mysterious Return To U.S. On Their Delivery Flight To India?

00:06:07

‘White Collar Terror’: Is The 0.5 Front Within The Country Activated?

00:10:07

Why India’s “Chicken’s Neck” Defence Strategy Is a Warning to Dhaka & Islamabad

00:06:48

How Trump’s Numbers Reveal the Hidden Story of Pakistan’s Lost Jets?

00:05:17

How an Unverified US Shoplifting Incident Is Turned Into A Political Attack Against India & Modi

00:07:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited