मैडिटेशन कैसे करे एवं इसके लाभ
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे मैडिटेशन कैसे करे के बारे में साथ ही इससे जुड़े बैठने की प्रक्रिया, मैडिटेशन के लाभ के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें.
मैडिटेशन कैसे करे मेडिटेशन का अर्थ है अपने मन को किसी एक जगह, विचार, या कार्य पर केंद्रित करना। हमारा मन एक ही समय में कई तरह की बातें सोचता है। ऐसे में मन की शांति भंग हो जाती है। ध्यान करने से हमें आतंरिक रूप से शांति का अनुभव होता है। कुछ वक्त के लिए हमारे सभी तनाव और चिंता दूर हो जाते है और इसका हमारे ऊपर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
ध्यान एक ऐसी युक्ति है जो आपको मानसिक और शारीरिक तौर पर कई तरह से मदद कर सकता है। यह आपकी याददाश्त को तेज करने, तनाव को कम करने और एक व्यक्ति के रूप में आपको अधिक कुशल एवं प्रफुल्लित बनाने में सहायक होता है। साथ ही साथ यह क्रोध को आप पर हावी नहीं होने देता। ऐसे और भी कई फायदे होते है नियमित ध्यान या मेडिटेशन करने के।
मैडिटेशन कैसे करे –
ध्यान करने का सबसे सही वक्त होता है अमृतावेला सुबह 4-5 बजे का समय और , शाम के 6-7 बजे का समय, क्योंकि इस वक्त चारो तरफ शांति रहती है और हमारा मन भी शांत रहता है। ध्यान शुरू करना एक अच्छा फैसला है लेकिन इसे करने के कुछ नियम होते है जैसे- शुरुआत में आपको लंबे समय तक मेडिटेशन से बचना चाहिए, भोजन के बाद मेडिटेशन न करें, जागरूक और सक्रिय रहें, एवं हमेशा खुले वातावरण में ध्यान करें आदि।
सही समय का चुनाव करें-
मैडिटेशन करने का वैसे तो कोई नियमित समय नहीं होता, पर अगर प्रभात और शाम को मेडिटेशन किया जाए, तो ध्यान ज्यादा अच्छे से लगता है। यदि आप भौर या शाम को मैडिटेशन करते है तो आपको शांतिपूर्ण वातावरण मिलता है जिससे आपका मन एकाग्रचित रहता है।
सांस लेना– आराम की अवस्था को हासिल करने के बाद अपने सांस लेने की प्रक्रिया पर ध्यान दें। अपने शरीर को प्राकृतिक रूप से सांस लेने के लिए प्रेरित करें। इसके बात धीरे-धीरे गहरी सांस लें और फिर उसे उसी प्रकार बाहर निकालें। ध्यान के लाभ को हासिल करने के लिए इस क्रिया को पूरे मन से कई बार दोहराएं।
बैठने की प्रक्रिया– सबसे पहले आप वज्रासन, सुखासन या पद्मासन में बैठ जाएं। बैठने की स्थिति में ध्यान रहे कि आपकी रीढ़ सीधी रहे, ताकि आप सही से सांस ले सकें। वहीं, अगर आप किसी वजह से इन आसनों में बैठ पाने में समर्थ नहीं हैं, तो कुर्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कुंडलिनी ध्यान-कुंडलिनी योग एक ऐसा ध्यान का आधार है, जिसके जरिए आप शारीरिक रूप से सक्रिय हो सकते हैं। इसमें मंत्रों का उच्चारण करने, गहरी सांस लेने और कई मूवमेंट्स भी शामिल होती हैं। आमतौर पर लोग क्लास लेते हैं ताकि वो इसके मंत्रो को और उन मूवमेंट्स को जान सके जिससे उन्हें इस अभ्यास में कोई दिक्कत ना हो। हालांकि इसके मंत्रो और इसके तरीके को सीखने के बाद आप इसे घर पर भी बड़ी आसानी से कर सकते हैं।
ज़ेन मेडिटेशन–ज़ेन मेडिटेशन बौद्ध परंपरा का एक हिस्सा है। इसका अभ्यास एक ट्रेंड प्रोफेशनल के मार्गदर्शन में करना चाहिए। इसके अभ्यास में कुछ विशेष स्टेप्स और आसन शामिल होते हैं। यह आपके दिमाग को तेज़ करने में मदद करता है और आपको तनाव दूर करके रिलैक्सेशन प्रदान करता हैमाइंडफुलनेस मेडिटेशन-माइंडफुलनेस मेडिटेशन का ध्यान का एक रूप है जो अभ्यास करने वाले व्यक्ति को वर्तमान में जागरूक और उपस्थित रहने में मदद करता है। इसके अभ्यास के दौरान आप अपने आस-पास हो रही सभी गतिविधियों, ध्वनियों और महक पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इसका अभ्यास कहीं भी, कभी भी किया जा सकता है।मंत्र मेडिटेशन-मंत्र जिसे संस्कृत का शब्द कहा जाता है। ये दो शब्दों से मिलकर बना है मन जिसका अर्थ है “मस्तिष्क” या “सोचना” और त्राइ जिसका अर्थ है ”रक्षा करना” या ”से मुक्त करना”। इसके अभ्यास से आप अपने आसपास पैदा होने वाली नेगिटिव एनर्जी को दूर रख सकते हैं। जो आपके मन को शांत और रिलेक्स कर देगा।
Deep Meditation- डीप मेडिटेशन का अर्थ है कि आपका मन जागरूकता की सतह से सुक्ष्म जागरूकता को होते हुए, अंतः बिना किसी जागरूकता की स्तिथि में चला जाएगा। आपका मन हज़ारो विचारों को पीछे छोड़ते हुए बिलकुल गहराई तक पहुंच जाएगा जहाँ किसी भी तरह का कोई विचार उस तक नहीं पहुंच सकेगा।
Mindfulness Meditation-माइंडफुलनेस मेडिटेशन में आप अपने विचारों पर या अपने श्वास पर अपना ध्यान क्रेंद्रित करते है,और उनको Observe करते है। इससे आपकी एकाग्रता शक्ति में वृद्धि होती है और इसे आप कभी भी और कहीं भी Practice कर सकते है।
Third Eye Meditation- तृतीय नेत्र ध्यान आपके मन को एकाग्र करने में सबसे अधिक फायदेमंद है। इसमें आपको अपना ध्यान अपने Eyebrows के बीच स्तिथ तीसरे नेत्र पर लगाना होता है और धीरे-धीरे अपनी सांसों की गति को समझना पड़ता है।
मैडिटेशन के लाभ –
जो आपको कई रूपो में स्वास्थ लाभ प्रदान करती है। इसके फायदे भी कई होते हैं। ये व्यक्ति को मानसिक रूप से और शारीरिक रूप से सेहतमंद बनाती है। इसके रोजाना अभ्यास करने से आपको कई फायदे मिलते हैं।:-
तनाव से मुक्ति-
तनाव मुक्त जीवन जीना चाहते हैं तो आपको तो मैडिटेशन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। क्योंकि इससे आपका स्ट्रेस लेवल कम होता है और आपके दिमाग को आराम भी मिलता है।
अवसाद से मुक्ति –
मेडिटेशन एंग्जायटी, डिप्रेशन आदि जैसे परेशानी से निजात दिलाता है, इसके साथ ही मैडिटेशन वह है, जिसके नियमित अभ्यास से एंग्जायटी डिसऑर्डर कम हो जाएगा।
मेडिटेशन करने के फायदे –
- आत्मविश्वास में वृद्धि
- अधिक केन्द्रित व स्पष्ट मन
- बेहतर स्वास्थ्य
- बेहतर मानसिक शक्ति व ऊर्जा
- अधिक गतिशीलता
FAQ–
Ques- मेडिटेशन का हिंदी क्या होता है?
Ans-Meditation का हिंदी ध्यान होता है।
Ques- ध्यान में क्या-क्या अनुभव होते हैं?
Ans- मेडिटेशन का अभ्यास करते हैं, तो आपको कुछ विशेष अनुभव होते हैं, जिसमें आप अपने मन को नियंत्रित करना सीख जाते हैं और आपको असीम तथा दिव्य शक्तियों का अनुभव होता है।
Ques- ध्यान क्यों करते हैं?
Ans- ध्यान का अभ्यास बहुत सारे कारणों से किया जाता है, लेकिन ज्यादातर लोग ध्यान का अभ्यास अपने मन के विचारों को नियंत्रित करने के लिए तथा तनाव से मुक्त होने और शांति प्राप्त करने के लिए करते हैं।
Ques- मेडिटेशन के लाभ क्या होते हैं?
Ans-मेडिटेशन करने से तनाव में मुक्ति प्राप्त करने में, याददाश्त बढ़ाने में, चिंता को कम करने में, आत्म जागरूकता बढ़ाने में और भावनात्मक स्वास्थ्य को बढ़ाने में, किसी प्रकार की लत से छुटकारा प्राप्त करने में तथा अच्छी नींद के लिए, रक्तचाप को कम करने के लिए और दर्द से छुटकारा प्राप्त करने में मदद मिलती है।
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