दिवाली पर दिल्ली में पटाखे नहीं चला सकते फिर क्या कराची में चलाएंगे?

केजरीवाल को शर्म क्यों नहीं आती?

दिल्ली पटाखे

दिल्ली में पटाखे बैन: ‘घर का भेदी लंका ढाएं’, यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी। हाल के समय में यह कहावत अरविंद केजरीवाल और उनकी ‘आम आदमी पार्टी’ पर सटीक बैठती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मौका पाते ही चौका मारने का प्रयास करते हैं लेकिन कब कैच थमा बैठें कहा नहीं जा सकता है। एक मौका मिला नहीं कि उनसे बड़ा हिंदू कोई है ही नहीं, उनके जितना सच्चा पुरुष पूरे ब्रह्माण्ड में ही नहीं है, यह दिखाने का प्रयास करते हैं।

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दिल्ली में पटाखा बैन

भगवान श्रीराम की भक्ति से लेकर पवनपुत्र हनुमान के प्रति वे आये दिन अपनी श्रद्धा का प्रदर्शन करते रहते हैं। लेकिन यही अरविंद केजरीवाल हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहार दिवाली पर पटाखों को तुरंत बैन कर देते हैं। दरअसल अभी हाल ही में दीपावली के अवसर पर पटाखे जलाने को लेकर दिल्ली के साथ-साथ कई शहरों में प्रदूषण के चलते बैन लगा दिया गया है, दिल्ली सरकार ने पटाखे फोड़ने पर 6 महीने की जेल और जुर्माने की घोषणा की है।

नई दिल्ली में पटाखों को लेकर सियासती खेल दिखना शुरू हो गया है लेकिन इस बीच बीजेपी नेता ने एक वीडियो शेयर कर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है। उन्होंने वीडियो साझा कर आरोप लगाया है कि केजरीवाल सरकार में मंत्री बनाए जाने के बाद राज कुमार आनंद के समर्थकों ने पटाखे फोड़ इसका उत्सव मनाया है। लो हो गयी न कहावत सच, दिल्ली के प्रदूषण पर भाषण देने वाले अरविंद केजरीवाल को क्या ये दिखाई नहीं देता? तब उनको प्रदूषण और जनता का हित क्यों नहीं सूझा? इसका जवाब नके पास नहीं होगा।

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वीडियो में जलाए जा रहे हैं पटाखे

वीडियो को साझा करते हुए बीजेपी नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने अरविंद केजरीवाल पर अपना निशाना साधा है। इस वीडियो को साझा करते हुए उन्होंने ये दावा किया है कि पटाखे राज कुमार आनंद के दिल्ली सरकार में मंत्री बनने के बाद जश्न के बाद फोड़े गए है। इस पर दिल्ली सरकार पर ताना कसते हुए बीजेपी ने कहा है कि इससे प्रदूषण नहीं फैलता, क्योंकि यह ‘आप’ सरकार के पटाखे हैं..

इस वीडियो में कुछ लोग पटाखे जलाते हुए दिखाई दे रहे हैं। बग्गा ने लिखा- ‘हिन्दू दिवाली पर पटाखे जलाते हैं तो प्रदूषण होगा, अरविंद केजरीवाल उन्हें जेल भेंजेंगे। लेकिन केजरीवाल के मंत्री बनने की ख़ुशी में अगर पटाखे जलाए जाते हैं तो उसमें से ऑक्सीजन निकलेगा। केजरीवाल का हिन्दू विरोधी चेहरा आज फिर सामने आ गया, तुम्हें दिक्कत दीवाली से है पटाखों से नहीं!’

वहीं बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इस पर कहा कि आम आदमी पार्टी का दोहरा चरित्र और हिंदू विरोधी चेहरा एक बार फिर सबके सामने आ गया है। दिल्ली की हवा की गुणवत्ता बिगड़ रही है। दिल्ली सरकार ने पिछले आठ साल में प्रदूषण रोकने को लेकर कोई काम नहीं किया। अब उन्होंने पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

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प्रदूषण के खतरा

दिल्ली सरकार ने पटाखों की बिक्री और उसके भंडारण पर पूरी तरह बैन लगा दी है। बीते माह  पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने अपने ट्वीट पर इस बात की जानकारी दी थी। गोपाल राय ने अपने ट्वीट में लिखा कि दिल्ली में लोगों को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए पिछले साल की तरह ही इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जा रहा है, ताकि लोगों की जिंदगी बचाई जा सके.

साथ ही उन्होंने कहा था कि ऐसा करने पर 200 रुपये जुर्माना से लेकर 6 माह जेल तक की सज़ा और पटाखों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर विस्फोटक अधिनियम की धारा 9बी के अंतर्गत 5,000 रुपये तक के जुर्माने और 3 साल की जेल भी हो सकती है।

इतना ही नहीं सरकार द्वारा सभी तरह के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है। गोपाल राय ने अपने ट्वीट में ये भी लिखा है कि ‘सभी तरह के पटाखों’ पर प्रतिबंध रहेगा। इसका मतलब है कि ग्रीन पटाखों पर ये प्रतिबंध लागू है।

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ग्रीन पटाखों से कम प्रदूषण

अगर देखा जाए तो ग्रीन पटाखों को जलाने के बाद कम से कम प्रदूषण फैलता है। क्योंकि इन पटाखों को बनाने में पार्टिकुलेट मैटर का विशेष ध्यान रखा जाता है। इसको बनाने में फ्लावर पॉट्स, पेंसिल, स्पार्कल्स और चक्कर का प्रयोग किया जाता है। इसी कारण ये पटाखे वायु को ज्यादा प्रदूषित नहीं करते हैं। इनको बनाने में कच्चा माल का भी कम प्रयोग किया जाता है।

दिल्ली को छोड़कर कई ऐसे राज्य जहां पर ग्रीन पटाखों पर रोक नहीं है। राजस्थान की राज्य सरकार ने प्रदेश में पटाखे पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि एनसीआर एरिया से अलग दूसरे जिलों में दीपावली पर दो घंटे (रात 8 से 10 बजे तक) के लिए ग्रीन पटाखों को जलाने पर रोक नहीं है। वहीं कुछ दिन पहले प्रदूषण और कोरोना मरीजों की दिक्कतों को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने राज्य में 1 अक्तूबर 2021 से 31 जनवरी 2022 तक बिक्री और प्रयोग पर रोक लगाई थी।

देखने वाली बात है कि पटाखे जलाकर खुशी मनाने वाले इस वीडियो को साझा करने के बाद इस पर आम आदमी पार्टी की कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है। प्रदूषण पर लंबा-चौड़ा भाषण देने वाले अरविंद केजरीवाल इससे कैसे बचते हैं ये तो देखना बहुत अधिक दिलचस्प होगा।

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