गाय पर निबंध
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम गाय पर निबंध लेकर आये है, साथ ही गाय से जुड़े कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्नों के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें. पाठकों को बता दे कि यह निबंध कक्षा पांच से कक्षा नौ के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है.
गाय पर निबंध
गाय पर निबंध की प्रस्तावना: गाय जिसे हम अंग्रेजी में Cow बोलते हैं. वो गाय जिसकी हम माँ के समान पूजा करते हैं, वो गाय जिससे हमें दूध प्राप्त होता है, वो गाय जिसमें सभी देवी-देवता वास करते हैं, वो गाय जिसे द्वापर युग में भगवान कृष्ण चराया करते थे, वो गाय जिसके सिर पर दों सींग होते हैं, पीछे एक लंबी सी पूंछ होती है, चार बड़ी-बड़ी टांगे होती हैं और दो बड़ी-बड़ी आंखे होती हैं. हिंदू संस्कृति के अनुसार गाय पूरे भारतवर्ष के लोगों की माता है, जो पूजनीय और वंदनीय है. हिंदू धर्म के लोगों में ऐसी मान्यता है कि गाय की सेवा से बढ़कर और कोई सेवा नहीं है.
गाय का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार गायों का जन्म समुद्र मंथन के दौरान हुआ था और उन्हें स्वर्ग में जगह मिली थी. हमारी पौराणिक कथाओं में भी गायों की महिमा और उनके महत्व के बारे में बताया गया है. गाय सभी जानवरों में सबसे सीधी पशु है, जो जिंदा रहने तक ही नहीं बल्कि मरने के बाद भी इंसानों के काम आती है. गाय का घी, गाय का दूध, गौमूत्र और गाय का गोबर भी अलग-अलग कामों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. देश-विदेश के वैज्ञानिकों ने भी इस बात को माना है कि गाय बहुत ही गुणकारी पशु है.
गाय का दूध ही नहीं बल्कि गाय के दूध से बनीं दूसरी चीज़ें, जैसे- दही, मक्खन, पनीर, छाछ आदि सभी डेयरी उत्पाद बहुत ही फायदेमंद होते हैं. इन सभी चीज़ों का सेवन करने से हमें ताकत और प्रोटीन मिलता है. गांवों में आज भी गाय के गोबर के उपले बनाकर उन्हें आग जलाने के काम में लिया जाता है और गाय के गोबर से खाद बनाई जाती है, जो खेती के काम में आती है. आयुर्वेद में भी इन सभी चीज़ों का अधिक महत्व है. कुल मिलाकर देखा जाए, तो गाय का हम सभी के जीवन में बहुत महत्व है.
गाय की उत्पत्ति
- गाय की उत्पत्ति की पुराणों में कई प्रकार की कथाएँ मिलती है. पहली तो यह कि जब ब्रह्मा एक मुख से अमृत पी रहे थे तो उनके दूसरे मुख से कुछ फेन (झाग) निकल गया और उसी से आदि-गाय ‘सुरभि’ की उत्पत्ति हुई.
- दूसरी कथा में कहा गया है कि दक्ष प्रजापति की साठ लड़कियाँ थी उन्हीं में से एक सुरभि भी थी.
- तीसरे स्थान पर यह बतलाया गया है कि सुरभि अर्थात स्वर्गीय गाय की उत्पत्ति समुद्र मंथन के समय चौदह रत्नों के साथ ही हुई थी. सुरभि से सुनहरे रंग की कपिला गाय उत्पन्न हुई. जिसके दूध से क्षीर सागर बना.
- भगवत पुराण के अनुसार, सागर मंथान (समुद्रमंथन) के दौरान दिव्य वैदिक गाय (गौ-माता) के निर्माण की कहानी को प्रकाश में लाता है. पांच दैवीय कामधेनु (वैदिक गाय जो हर इच्छा को पूरा करती है), जैसे नंदा, सुभद्रा, सुरभी, सुशीला, बहुला मंथन में से उभरी है और यहाँ से दिव्य अमृत पंचगव्य की उत्पत्ति होती है.
- कामधेनु या सुरभी ब्रह्मा द्वारा ली गई, दिव्य वैदिक गाय (गौ-माता) ऋषि को दी गई, ताकि उसके दिव्य अमृत पंचगव्य का उपयोग यज्ञ, आध्यात्मिक अनुष्ठानों और संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए किया जा सके.
- गाय के प्रकार
भारत में गाय की मुख्य रुप से 28 नस्लें पाई जाती है. यदि आर्थिक रूप से देखा जाए, तो इनमें से कुछ नस्लें ही फायदेमंद होती है. इन सभी नस्लों को 3 भागों में विभाजित किया गया है:-
दुधारू नस्ल:- इस प्रकार की नस्ल में सिंधी, गिरी, साहीवाल व देवनी गाय आती है.
दुकाजी नस्ल:- इस प्रकार की नस्ल में थारपारकर, राठी, कांकरेज व हरियाणा गाय आती है.
भारवाही नस्ल:- इस प्रकार की नस्ल में खैरीगढ़, कैनकथा, गंगातीरी व नागौर गाय आती है.
गाय पर निबंध उपसंहार: गाय के क्या लाभ है?
- गाय एक पालतू पशु है इसलिए इसे घरों में पाला जाता है और सुबह शाम इसका दूध निकाला जाता है एक गाय एक समय में 5 से लेकर 10 लीटर दूध देती है कुछ अलग नस्ल की गाय अधिक दूध भी देती है.
- बच्चों को विशेष तौर पर गाय का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है क्योंकि भैंस का दूध जहां सुस्ती लाता है, वहीं गाय का दूध बच्चों में चंचलता बनाए रखता है. माना जाता है कि भैंस का बच्चा (पाड़ा) दूध पीने के बाद सो जाता है, जबकि गाय का बछड़ा अपनी मां का दूध पीने के बाद उछल-कूद करता है.
- गाय का दूध बहुत ही पौष्टिक होता है. यह बीमारों और बच्चों के लिए बेहद उपयोगी आहार माना जाता है.
- गाय का दूध हमें मजबूत और स्वस्थ बनाता है. यह हमें संक्रमण और विभिन्न प्रकार की बीमारियों के प्रति हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत कर देता है. यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है.
- गाय के दूध के नियमित रूप से सेवन करने से हमारा दिमाग तेज और याददाश्त मजबूत हो जाती है.
- इसके दूध से कई तरह के पकवान बनते हैं. दूध से दही, पनीर, मक्खन और घी भी बनाता है.
- गाय के घी और गाय के गोमूत्र को बहुत पवित्र माना गया है और इसके गोमूत्र को आयुर्वेदिक औषधियों के रूप में उपयोग में लिया जाता है जो कि कई बड़ी बीमारियों को जड़ से खत्म करने में कारगर है.
- गाय का गोबर फसलों के लिए सबसे उत्तम खाद है.
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गाय पर अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल
Ques- क्या गाय पालतू जानवर है?
Ans- हाँ, गाय एक पालतू जानवर है.
Ques- गाय के पैर छूने से क्या होता है?
Ans- हिंदू धर्म के अनुसार गाय में 33 कोटि देवी-देवाताओं का वास होता है और उनके पैरों में सारे तीर्थ का वास माना गया है. गाय के पैर छूने से पुण्य मिलता है.
Ques- गायों को पालने वाले को क्या कहते हैं?
Ans- गायों को पालने वाले को गौ सेवक या गौ पालक कहते हैं.
Ques- – काली गाय का क्या महत्व है?
Ans- हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार काली गाय को घास खिलाने से पापों से मुक्ति मिलती है.
आशा करते है कि गाय पर निबंध से सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे ही रोचक लेख एवं देश विदेश की न्यूज़ पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।