TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

जाति आधारित आरक्षण को ख़त्म करने का वक्त आ गया है, सुप्रीम कोर्ट का भी यही मानना है

EWS आरक्षण का सुदामा-कोटा, दरिद्र-कोटा, गरीब-कोटा, भिखारी-कोटा कहकर मजाक उड़ाया जा रहा है और मजाक उड़ाने वाले वही लोग हैं जो वर्षों से ‘कोटा’ का ही खा-पी रहे हैं।

Chaman Kumar Mishra द्वारा Chaman Kumar Mishra
8 November 2022
in चर्चित, मत
ews reservation, जाति आधारित आरक्षण

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

सुदामा कोटा, दरिद्र कोटा, गरीब कोटा, भिखारी कोटा EWS आरक्षण को कुछ इसी नाम से दलित चिंतक संबोधित करते हैं। आगे बढ़ें, उससे पहले मैं आज आपको एक छोटी-सी कहानी सुनाना चाहता हूं। उत्तर-प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में दो छात्र रहते थे, दिलीप और अनिमेष। दिलीप नोएडा की सबसे पॉश कॉलोनी में रहता था और अनिमेष दादरी में। दिलीप के पिता उत्तर-प्रदेश सरकार में बड़े पद पर कार्यरत थे। अनिमेष के पिता मंगल बाजार में सब्जी की दुकान लगाते थे। दिलीप नोएडा के सबसे महंगे स्कूल में पढ़ता था। अनिमेष सरकारी स्कूल में। दिलीप ने सरकारी नौकरी के लिए फॉर्म भरा, रजिस्ट्रेशन फीस उस पर 50 रुपये लगी। अनिमेष ने भी उसी सरकारी नौकरी के लिए फॉर्म भरा, अनिमेष पर रजिस्ट्रेशन फीस 500 रुपये लगी। अनिमेष फॉर्म भरने के लिए अपने पिता के समक्ष कई दिनों तक रोया था, गिड़गिड़ाया था, उसके पिता ने बड़ी मुश्किल से 500 रुपये जुटाए थे। परीक्षा हो गई (जाति आधारित आरक्षण)। दिलीप के नंबर अनिमेष से बहुत कम आए फिर भी दिलीप का सिलेक्शन हो गया। ज्यादा नंबर लाने के बाद भी अनिमेष परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो पाया।

अनिमेष ने अपने पिता से ख़ूब खरी-खोटी सुनी। उसके पिता ने उसी दिन अनिमेष को सब्जी की दुकान पर बैठा दिया। अनिमेष का भविष्य बर्बाद हो गया। दिलीप नोएडा के सबसे अमीर व्यक्तियों में गिना जाने लगा। वक्त गुजरता गया। दिलीप को एक बेटा हुआ सुदीप और इधर अनिमेष के भी एक बेटा हुआ विमलेश। दोनों ने फिर सरकारी नौकरी का फार्म भरा। विमलेश एक नंबर से चूक गया। सुदीप, विमलेश से बहुत कम नंबर लाकर भी परीक्षा में सिलेक्ट हो गया। 75 वर्षों से ऐसा ही होता आ रहा है। अनिमेष- एक ब्राहमण परिवार का प्रतीक है। दिलीप- SC/ST परिवार का प्रतीक। सवाल बस एक है- अनिमेष की पीढ़ियों ने स्वयं नहीं चुना था कि वो किस जाति में पैदा होंगे फिर भी क्यों उन्हें जन्म लेने के आधार पर सजा दी गई? योग्य होने के बावजूद उनके स्थान पर अयोग्य को क्यों चुना गया? अगर चुना भी गया तो क्यों अनिमेष के बेटे के साथ भी यही हुआ? क्यों उसकी कई पीढ़ियों के साथ यही हुआ?

संबंधितपोस्ट

देशद्रोह के आरोपी की चुनावी आकांक्षा, लोकतंत्र की आज़ादी या उसकी विडंबना?

भारत: अवैध विदेशियों का स्वर्ग या कानून का मज़ाक? सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी ने खोली आंखें

अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

और लोड करें

और पढ़े: ऑब्जेक्शन मी लॉर्ड! सुप्रीम कोर्ट को एक भारतीय नागरिक की खुली चिठ्ठी

EWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

EWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने 3-2 के मत से निर्णय सुना दिया हैं। कोर्ट ने इस आरक्षण को मान्यता दी है। मोदी सरकार ने संविधान संशोधन करके EWS आरक्षण का रास्ता साफ किया था। कुछ लोगों को यह बात पच नहीं रही थी कि सवर्ण जाति के गरीब को आरक्षण क्यों? इसलिए वो सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। कोर्ट में पांच न्यायाधीशों ने इस मामले पर सुनवाई की। यह न्यायाधीश थे- जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, बेला त्रिवेदी, जेबी पारदीवाला, यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट्ट। तीन न्यायधीशों ने कहा कि EWS को आरक्षण मिलना चाहिए, वहीं दो न्यायधीश यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट्ट ने कहा कि नहीं मिलना चाहिए। बहुमत आरक्षण लागू रखने के पक्ष में था इसलिए EWS आरक्षण के पक्ष में निर्णय हुआ।

न्यायाधीशों की अहम टिप्पणी

लेकिन इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने जो टिप्पणी की वो बहुत महत्वपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीशों ने आरक्षण की समीक्षा की वकालत की। इस दौरान जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी ने कहा, “आरक्षण की नीति को लेकर संविधान के निर्माताओं की दृष्टि स्पष्ट थी, 1985 में संवैधानिक बेंच ने भी ऐसा ही प्रस्ताव दिया था। संविधान निर्माण के 50 वर्ष पूर्ण होने पर भी इसी को प्राप्त करने की बात कही गई थी। वो थी कि आरक्षण एक निश्चित समय तक के लिए होना चाहिए, लेकिन उसको हम आज तक प्राप्त नहीं कर सके, जबकि हम स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण कर चुके हैं। यह नहीं कहा जा सकता कि भारत में सदियों पुरानी जाति व्यवस्था आरक्षण प्रणाली की उत्पत्ति के लिए जिम्मेदार थी। इसकी शुरुआत की गई थी जिससे कि SC, ST और दूसरे पिछड़ा वर्ग की मदद की जा सके और उन्हें सामान्य जाति के व्यक्ति के समान स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया जाए। ऐसे में स्वतंत्रता के 75 वर्षों के बाद हमें समाज के व्यापक हित में आरक्षण की प्रणाली पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है।”

और पढ़े: पूर्व मी लॉर्ड जस्टिस ढींगरा ने सुप्रीम कोर्ट से कुछ सवाल पूछे हैं

इसके साथ ही न्यायाधीश जेबी पारदीवाला ने कहा, “आरक्षण सामाजिक और आर्थिक न्याय दिलाने का एक माध्यम है। लेकिन इसे निहित स्वार्थ नहीं बनने देना चाहिए। निरंतर हुए विकास और शिक्षा का असर यह हुआ है कि अब बड़ी संख्या में पिछड़े भी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और रोजगार भी उन्हें मिल रहे हैं। ऐसे में इन लोगों को आरक्षण देने वाली सूची से हटा देना चाहिए और जिन लोगों को वास्तव में आरक्षण की आवश्यकता है, उन्हीं को आरक्षण मिलना चाहिए।”

सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणियां बताती हैं कि अब वो वक्त आ गया है जब ‘जाति आधारित आरक्षण’ की समीक्षा की जानी चाहिए। आज से कुछ वर्ष पहले जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने यही बात कही थी तो बहुत बवाल हुआ था। हर तरफ हंगामा हो गया था कि मोहन भागवत ने यह कैसे कह दिया? पिछले कुछ वर्षों में किसी भी पार्टी ने जाति आधारित आरक्षण खत्म करने की बात तो छोड़िए, समीक्षा की बात भी नहीं कही है। कोई भी नेता मीडिया में सामने यह बयान देने में डरता है जबकि ऑफ़ द रिकॉर्ड वो इस बात को स्वीकारते हैं कि जाति आधारित आरक्षण को अब खत्म होना चाहिए लेकिन उनका वोट बैंक चला जाएगा इसलिए वो सामने से इसका विरोध नहीं करते।

और पढ़े: ‘महिला ने उत्तेजक कपड़े पहने थे, इसलिए यौन उत्पीड़न का मामला नहीं’, केरल कोर्ट ने आरोपी को दी जमानत

‘जाति आधारित आरक्षण’ ने छीना अधिकार

एक सरल सवाल पूछता हूं उत्तर-प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को आरक्षण की क्या आवश्यकता है? स्वर्गीय रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान को आरक्षण की क्या आवश्यकता है? अखिलेश यादव के परिवार को आरक्षण क्यों मिलना चाहिए? केशव प्रसाद मौर्या के परिवार को आरक्षण क्यों मिलना चाहिए? ऐसे तमाम उदाहरण मैं दे सकता हूं जो राजा हैं, लेकिन आरक्षण का लाभ ले रहे हैं।

इन 75 वर्षों में लाखों युवाओं को उनका वास्तविक हक़ नहीं मिला, लाखों युवाओं ने एक अच्छी नौकरी की उम्मीद ही छोड़ दी, लाखों युवाओं के सपने यूं ही टूट गए, लाखों परिवार बिखर गए लेकिन कभी किसी ने उनके लिए आवाज़ नहीं उठाई और जब मोदी सरकार ने EWS दिया तो उसका नाम लेकर भी गरीबों का मजाक बनाया जाता है। EWS कोटा को- भिखारी कोटा, सुदामा कोटा, गरीब कोटा, दरिद्र कोटा बताया जाता है।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Tags: EWS ReservationEWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसलाjustice uu lalitSupreme Court on Reservationसुप्रीम कोर्ट
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

जब चंद मिनट के अभिनय से दिलीप कुमार को खा गए संजीव कुमार, पूरा देश मोहित था

अगली पोस्ट

कार्तिक पूर्णिमा: क्या है ओडिशा के समृद्ध इतिहास को दिखाने वाली बाली यात्रा?

संबंधित पोस्ट

मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई
क्राइम

मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

23 October 2025

जब मां काली की मूर्ति का सिर काट दिया जाए और सत्ता मौन रह जाए, तो यह केवल एक अपराध नहीं, बल्कि सभ्यता और श्रद्धा...

‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन
चर्चित

‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

23 October 2025

बिहार की राजनीति एक बार फिर चुनावी तापमान पर है। हर पार्टी जनता को रिझाने की कोशिश में है, लेकिन इस बार जो वर्ग सबसे...

महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने
चर्चित

महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

22 October 2025

बिहार की राजनीति इस वक्त फिर उसी पुराने मोड़ पर लौटती दिखाई दे रही है, जहां गठबंधन एकता का ढोल तो पीट रहा है, लेकिन...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Bihar Files: When Scam Money Didn’t Reach Minister’s House but Landed at ‘Boss’ Residence

Bihar Files: When Scam Money Didn’t Reach Minister’s House but Landed at ‘Boss’ Residence

00:06:22

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

00:06:22

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

00:07:39

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

00:09:12

This is How Malabar Gold Betrayed Indians and Preferred a Pakistani

00:07:16
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited