ठंड का मौसम आ गया है और इस दौरान लोगों को खांसी-जुकाम होना आम बात हो गयी हैं। खांसी से निजात पाने के लिए लोग कफ सिरप को ही रामबाण इलाज मान लेते हैं। जैसे ही हल्की सी खांसी होती है तो लोग तुरंत ही कप सिरप लेना शुरू कर देते हैं। लेकिन जिस कफ सिरप को आप खांसी से राहत के लिए पीते हैं, वो आपके लिए आफत भी बन सकता हैं। अब आप ये सोच रहे होगें कि ये कैसा मजाक है? लेकिन ये मजाक नहीं सच्चाई है। दरअसल, आसानी से उपलब्ध होने जाने वाले कई कफ सिरप में कोडीन मिला होता है, जो आपकी सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो सकता है और इसकी आपको नशे की भांति ही लत तक लग सकती हैं। यानी यह कफ सिरप आपको खांसी में राहत दिलाएं या न दिलाए, लेकिन आपके लिए खतरा जरूर बन सकती है। वो कैसे, चलिए समझते हैं।
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क्या होता है कोडीन?
दुकानों पर कोडीन वाली कफ सिरप आसानी से उपलब्ध हो जाती है, जिसकी 100 एमएल की बोतल का असर 30 एमजी मॉर्फीन की गोली जितना होता है। आपको बता दें कि कोडीन अफीम से बनी एक दर्दनिवारक दवा होती है जिसका उपयोग आमतौर पर कफ, दर्द आदि के इलाज में किया जाता है। इसे हल्के नारकोटिक के तौर पर भी जाना जाता है। इसे अकेले या अन्य दवाओं के साथ मिलाकर दिया जाता है। शरीर में पहुंचने पर लिवर एक एंजाइम की मदद से इसे मॉर्फीन में तब्दील कर देता है। कई लोगों में इसके मॉर्फीन में तब्दील होने की गति बहुत तेज होती है। इसके कारण खून में मॉर्फीन का लेवल तेजी से बढ़ जाता है जो मौत का कारण भी बन सकता है।
मॉर्फीन एक नारकोटिक है, जो नशीले पदार्थों के समान है। कोडीन अफीम से तैयार होता है, इससे आप ये समझ सकते हैं कि कफ सिरप पीने के बाद जो कुछ लोगों नींद आती है उसके पीछे की वजह क्या है।
कैसे पहुंचाता है इससे नुकसान?
सिरप में मिलने वाला कोडीन ब्रेन स्टेम के कफ सेंटर पर असर उन संकेतों को कमजोर कर देता है, जिसकी वजह से व्यक्ति खांसी के लिए तैयार होता है। हम सोचते हैं कि हमारी खांसी खत्म हो गई लेकिन असल में ऐसा होता नहीं है।कोडीन धीरे धीरे व्यक्ति के लिवर पर असर ड़ालता है। बाजार में कोडीन वाली कफ सिरप आसानी से और काफी सस्ती में उपलब्ध होता है, जिसके चलते लोग हल्की सी खांसी होते बाजार भागकर कफ सिरप ले आते हैं जो उनके नुकसादायक साबित हो सकता हैं। इन सिरप से कई तरह के नुकसान हैं जैसे दिमाग कमजोर, शरीर में थकान जैसी समस्याएं भी हो सकती है। साथ ही इससे आपका हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट बढ़ सकता है।
तो अपना बचाव कैसे करें?
हल्की सी खराश और खांसी के लिए हम तुरंत बाजार से सस्ती सिरप लेने से जितना हो सके बचें और चिकित्सक की सलाह के बगैर कोई भी दवा न लें। जब पहले के वक्त में लोगों को ऐसी समस्याएं होती थी, तो वे केमिस्ट की दुकान पर यूं दवा लेने के लिए नहीं भागते थे। बल्कि जितना संभव हो सके उतना घरेलू इलाज के जरिए स्वस्थ होने के प्रयास करते थे। ऐसा ही हमें भी करना चाहिए। पहले घरेलू इलाज के जरिए खुद को ठीक करने की कोशिश करें। कई बार खांसी और बलगम शरीर के लिए बेहद हानिकारक हो जाता है। ऐसी स्थिति में कफ सिरप का सेवन किया जाता है, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट भी होते है। यदि स्थिति गंभीर हो जाये और घरेलू इलाज से स्वस्थ होने की उम्मीद थोड़ी कम दिखाई पड़ रही हैं तो फिर डॉक्टर की सलाह से ही कफ सिरप लें।
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बाजार में मिलने वाले यह कप सिरप कितने खतरनाक हो सकते है इसका एक हालिया उदाहरण अफ्रीका से सामने आया था। अफ्रीकी देश गाम्बिया में कप सिरप 66 बच्चों की मौत का कारण बन गया था। इस दौरान दावा किया गया था कि यह कफ सिरप हरियाणा की फ़ार्मा कंपनी मेडेन फार्मासिटिकल्स (Maiden Pharmaceuticals) के द्वारा बनाया गया था, जिसके बाद यह भारतीय कंपनी सवालों के घेरे में आ गयी थी।
तो आप इस लेख को पढ़ने के बाद समझ गए होगें कि जिस दवा को आप अपने लिए राहत समझकर ले रहे हैं वो आपके कितनी नुकसानदायक हो सकती है। हम ये नहीं कह रहे खांसी में दवाई नहीं लेनी चाहिए या सिरप नहीं पीना चाहिए। इस लेख के माध्यम से केवल सावधान और जागरूक करना है, जिससे कि आप स्वस्थ रहें।
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