कहते हैं कि इस धरती पर कुछ लोगों का जन्म केवल इतिहास रचने के लिए होता है। जी हां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उन्हीं में से एक हैं। मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से ही कई ऐसे असंभव प्रतीत होने वाले कार्यों को करके इतिहास रच दिया है जिन्हें पहले की सरकारें करने के बारे में सोच भी नहीं सकती थीं। चाहे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की बात हो या फिर मेक इन इंडिया से देश को एक नयी पहचान दिलाने की बात हो, मोदी सरकार लगातार काम करती जा रही है।
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संकट का सफाया
साल 2014 के पहले तक जहां बैंकों की स्थिति अधिक अच्छी नहीं थी, वहीं 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद से ही बैंकों की स्थिति को सुधारने के लिए निरंतर कार्य किए गए। जिसमें पहले की सरकार से विरासत में मिला NPA (जब ग्राहक बैंक का कर्ज समय पर नहीं चुका पाता है तो वह फंसा हुआ कर्ज NPA में बदल जाता है) नामक संकट भी शामिल था। इस संकट का सफाया करने में सरकार को 8 सालों का लंबा समय लग गया और अंततः यह संकट दूर हुआ।
बैंकों की स्थिति में सुधार का सबसे बड़ा उदाहरण अभी हाल ही में सामने आया है। दरअसल, देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने एक ट्वीट के माध्यम से कहा कि “NPA को कम करने और पीएसबी के स्वास्थ्य को और मजबूत करने के लिए हमारी सरकार के निरंतर प्रयास अब ठोस परिणाम दिखा रहे हैं। सभी 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने Q2FY23 में 25,685 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ और H1FY23 में कुल 40,991 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ घोषित किया, जो क्रमशः 50% और 31.6% बढ़ा है”।
The continuous efforts of our govt for reducing the NPAs & further strengthening the health of PSBs are now showing tangible results. All 12 PSBs declared net profit of Rs 25,685 cr in Q2FY23 & total Rs 40,991 cr in H1FY23, up by 50% & 31.6%, respectively (y-o-y).(1/2)
— Nirmala Sitharaman (Modi Ka Parivar) (@nsitharaman) November 7, 2022
ध्यान देने वाली बात है कि मोदी सरकार और वित्त मंत्री सीतारमण ने असंभव को संभव कर दिखाया है। जिससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बहुत अधिक लाभ प्राप्त हुआ है।
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SBI को हुआ लाभ
अगर आंकड़ों कि माने तो भारत के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक को दूसरी तिमाही में अधिक लाभ हुआ है। SBI को चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में एकल आधार पर लगभग 13,265 करोड़ रुपये का लाभ हुआ। जो की पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 74 फीसदी से अधिक है। SBI ने शनिवार को शेयर बाजारों को यह सूचना देते हुए कहा है कि फंसे कर्जों यानी NPA के लिए वित्तीय प्रावधान में कमी आने के कारण और ब्याज आय बढ़ने से उसके लाभ में मुनाफा देखने को मिला है। इस साल के पहले की समान तिमाही में बैंक का एकल आधार पर लाभ की बात की जाए तो यह 7,627 करोड़ रुपये था। दूसरी तिमाही में बैंक की कुल आय भी बढ़कर 88,734 करोड़ रुपये तक पहुंच गयी। यह एक साल पहले की समान तिमाही में 77,689.09 करोड़ रुपये थी। जुलाई से सितंबर तिमाही में बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता अच्छी होती गयी।
सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक का वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में लाभ 89 फीसदी बढ़कर 2525 करोड़ रुपये का रहा है। वही बैंक को पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की इस समान तिमाही में 1,333 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा देखने को मिला था। केनरा बैंक की ओर से जारी होने वाले एक बयान के अनुसार, दूसरी तिमाही में बैंक की कुल आय बढ़कर 24,932.19 करोड़ रुपये तक हो गयी है, जो एक साल पहले इस समान अवधि में 21,331.49 करोड़ रुपये की थी। वहीं इसी के साथ 30 सितंबर, 2022 तक बैंक का NPA घटकर सकल अग्रिम का 6.37 फीसदी ही रह गया, जो सितंबर, 2021 के अंत में 8.42 फीसदी पर था।
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यूको बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को भी लाभ
अगर यूको बैंक के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के शुद्ध लाभ की बात करें तो यह 145 प्रतिशत से बढ़कर 504.52 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। जो पिछले वर्ष समान तिमाही में 205.4 करोड़ रुपये पर था। यूको बैंक का NPA पहले के 8.98 प्रतिशत से घटकर अब 6.58 प्रतिशत पर पहुंच गया है। वहीं शुद्ध NPA भी 3.37 प्रतिशत से घटकर 1.99 प्रतिशत पर आ गया है।
इसी के साथ बैंक ऑफ बड़ौदा ने 3,312.42 करोड़ रुपये के साथ 58.70% लाभ की रिपोर्ट दर्ज की है।
मोदी सरकार देश को और उन्नत बनाने हेतु लगातार कई बड़े और कड़े कदम उठाती आई है। नयी सरकार को जहां जनता की सेवा के लिए नये अवसर मिलते हैं, वहीं उसको पुरानी सरकार के द्वारा की गयी कुछ गलतियों को भी भुगतना पड़ता है। नयी सरकार को जनता की सेवा करने और उसकी भलाई के लिए पुरानी सरकार के द्वारा की गयी गलतियों का सफाया भी करना पड़ता है। भाजपा की सरकार भी इससे अछूती नहीं रह पायी, क्योंकि उसके सामने पहले की सरकार से विरासत में मिला NPA नामक संकट था। जिसे दूर करने के लिए 8 साल का लंबा समय लग गया और अंततः यह दूर हुआ। अब इसके अच्छे परिणाम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को हो रहे लाभ के रूप में दिखायी भी देने लगे हैं।
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बैंकों के नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) की बिक्री करने वाली सरकारी एजेंसी नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी NARCL ने अपना कार्य शुरू कर दिया है। अभी हाल में ही ऐसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी ने स्टील का निर्माण करने वाली मित्तल कॉरपोरेशन के लोन के लिए ऑफर को पेश किया। आज इसी का परिणाम है कि देश के कई बैंकों की स्थिति में बहुत अधिक सुधार देखने को मिला है।
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