यूपी में सीएम योगी के आने के बाद से स्थिति में जमीन आसमान का अंतर देखने को मिला है। कानून व्यवस्था को लेकर तमाम मामलों में लोगों के निशाने पर रहने वाला राज्य सीएम योगी के नेतृत्व में अब विकास की सीढ़ियां चढ़ते जा रहा है। स्थिति ऐसी है कि यह राज्य जल्द ही अर्थव्यवस्था के मामले में शीर्ष राज्यों को पीछे छोड़ सकता है। राज्य की अर्थव्यवस्था को उड़ान देने हेतु योगी सरकार काफी पहले से काम कर रही है और कई बड़ी योजनाओं को अंतिम स्वरूप भी दिया जा चुका है। सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश 1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है। अब योगी सरकार की नई औद्योगिक नीति और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट अथॉरिटी के द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य आने वाले दिनों में सरकार के 1 ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य़ को प्राप्त करने में काफी सहायता प्रदान कर सकते हैं।
दरअसल, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यमुना एक्सप्रेसवे के आस-पास के क्षेत्र में मेडिकल डिवाइस पार्क, टॉय पार्क और डेटा सेंटर बनाने का प्लान तैयार किया गया है। इसके लिए सरकार द्वारा जमीन भी चिह्नित कर ली गई है और डेटा सेंटर की तो एक भवन का उद्घाटन भी कर दिया गया है। आपको बता दें कि सरकार को बड़े स्तर पर कंपनियों का निवेश भी प्राप्त हो रहा है और बहुत जल्द नोएडा के दूसरे क्षेत्र की तरह यह भी देश भर के लोगों के लिए रोजगार मुहैया कराने का एक जरिया बन सकता है।
और पढ़ें: एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के अपने अधूरे सपने पर योगी आदित्यनाथ की निगाहें पड़ गई है
क्या है मेडिकल डिवाइस पार्क?
नोएडा के ‘येडा’ में बनने वाला मेडिकल डिवाइस पार्क उत्तर प्रदेश का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क है। इसका निर्माण यमुना एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट अथॉरिटी के द्वारा किया जा रहा है और साथ में येडा की डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी कलाम इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ टेक्नोलॉजी को सौंपी गई है। बता दें कि कलाम इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ टेक्नोलॉजी भारत सरकार द्वारा संचालित किया जाने वाला संस्थान है, जिसे जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा मदद मुहैया कराई जाती है। इस प्रोजेक्ट के लिए यमुना एक्सप्रेस वे के पास सेक्टर-28 के क्षेत्र में करीब 250 एकड़ जमीन को चिह्नित किया गया है। इसके अलावा सरकार ने 5 दिसंबर तक डीपीआर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।
येडा मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने का उद्देश्य भारत को मेडिकल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। असल में कोरोना काल के दौरान पूरे विश्व को दवाईयों और मेडिकल उपकरणों की कमी का सामना करना पड़ा था और भारत ने कई देशों को सहायता भी प्रदान की थी। ज्ञात हो कि वर्तमान समय में भारत अपनी जरूरत के केवल 20 प्रतिशत मेडिकल सामान का ही उत्पादन करता है। ऐसे में इस क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में इसका भी बड़ा योगदान हो सकता है। यही नहीं, कोरोना के बाद पड़ोसी देश चीन में मेडिकल क्षेत्र की कंपनियां निवेश नहीं करना चाहती हैं और चीन से निकलने वाली ज्यादातर कंपनियां भारत में अपना ठिकाना बना रही है। इसके अलावा सरकार की योजनाओं और स्कीम का भी उन्हें फायदा मिल रहा है, जिसके कारण वे भारत की ओर आकर्षित होने हेतु बाध्य हो रहे हैं।
टॉय पार्क क्या है?
साथ ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा देश में खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नोएडा के सेक्टर-33 में टॉय पार्क का निर्माण कराया जा रहा है। इस पार्क को बानाने के लिए 100 एकड़ से ज्यादा जमीन खिलौना उत्पादन करने वाली यूनिटों के लिए चिह्नित की गई है। इस पार्क में उद्योगपतियों को अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए आमंत्रित किया गया है। ज्ञात हो कि भारत लंबे समय से छोटे खिलौने आयात करता आया है। चीनी खिलौनों ने एक तरह से भारतीय बाजार पर कब्जा जमा रखा था लेकिन अब धीरे-धीरे स्थिति में परिवर्तन देखने को मिल रहा है और अब योगी सरकार भी इसे लेकर सक्रिय हो गई है। बता दें कि वर्तमान समय में देश में खिलौना बनाने वाली करीब चार हजार से ज्यादा यूनिट हैं लेकिन ये असंगठित हैं, इसलिए योगी सरकार खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इस पार्क का निर्माण करवा रही है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्ष 2024 तक भारत का खिलौना उद्योग 147-221 अरब रुपए का हो जाएगा। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश के खिलौना उद्योग को दुनिया में देश की हिस्सेदारी बढ़ाने का आह्वान किया था।
और पढ़ें: यूपी का 24 फीसदी ज्यादा बढ़ा है राजस्व, योगी राज में हो रहा है विकास
डेटा सेंटर का हो चुका हो लोकार्पण
वर्तमान समय में डेटा के महत्व को देखते हुए योगी आदित्यनाथ ने येडा में देश के सबसे बड़े डेटा सेंटर का लोकार्पण भी कर दिया है। इसे ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क फाइव में 6500 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा है, अभी इसके एक टावर का लोकार्पण किया गया है। इसके आलावा ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार व नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने योट्टा कंपनी के साथ अगले पांच से सात वर्षों में 39 हजार करोड़ रुपए के निवेश करने पर अनुबंध भी किया है और साथ ही दो अन्य टावरों की आधारशिला भी ऱखी गई है।
बताते चलें कि भ्रष्ट, पिछड़ी, अराजक भूमि से लेकर तत्काल न्याय, निवेशकों के लिए राज्य को स्वर्ग और सामाजिक संकेतकों में सुधार के लिए जाना जाने वाला उत्तर प्रदेश पिछले कुछ वर्षों में नया हो गया है और राज्य में योगी सरकार के फिर से चुने जाने के बाद यह परिलक्षित होता है कि जनता को योगी सरकार का काम कितना पसंद है और कितना भा रहा है। यूपी का लक्ष्य वर्ष 2025 तक देश के सबसे अधिक उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के साथ प्रतिस्पर्धा करना है। अब तक वादों और दावों पर टिकी 1 ट्रिलियन इकोनॉमी को योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार अमल में लाने लगी है। अगर यूपी जल्द ही 1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन जाता है तो यह ऐसी उपलब्धि प्राप्त करने वाला देश का पहला राज्य होगा। इसके साथ ही योगी सरकार नोएडा के साथ-साथ ग्रेटर नोएडा को भी हब बनाने की तैयारियों में लगी है और यह उसी की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है।
TFI का समर्थन करें:
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.