Budget 2023-24: राष्ट्रीय सुरक्षा हो या धार्मिक मूल्यों का सम्मान, गरीबों का उत्थान हो या वैश्विक कूटनीति, ये कुछ ऐसे मुद्दे रहे हैं जिन्हें मोदी सरकार ने काफी अच्छे से संभाला है। हालांकि, इतनी सफलताओं के बीच सरकार के लिए जो मुद्दा सबसे बड़ी चुनौतियों के रूप में सामने आता है, वो है अर्थव्यवस्था का मुद्दा। विपक्ष अक्सर ही अर्थव्यवस्था और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोलता नजर आता है। पीएम मोदी पर सबसे बड़ा आक्रमण इस मुद्दे पर होता है कि केंद्र सरकार मध्यम वर्ग को कोई राहत नहीं देती नहीं है।
विपक्षियों की ओर से हमेशा से ही इस बात को उठाया जाता रहा है लेकिन यह पूरी सच्चाई नहीं है। मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग के लिए पहले भी कई कदम उठाए हैं और अब ऐसी खबरें सामने आ रही है कि आगामी बजट में भी मध्यम वर्ग को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। जी हां, संभावना है कि वर्ष 2023-24 के वित्तीय Budget में बड़े निर्णय लिए जा सकते हैं, जिसमें मुख्य फोकस मध्यम वर्ग को राहत देना शामिल हो सकता है।
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टैक्स स्लैब में हो सकता है बदलाव
दरअसल, वित्तीय बजट 2023-24 (Budget 2023-24) फरवरी में पेश किया जाना है, जिसे लेकर अभी से ही चर्चाएं शुरू हो गई है। माना जा रहा है इस बजट में सरकार टैक्सपेयर्स को बड़ी सौगात देने जा रही है। इनकम टैक्स की नई व्यवस्था को आकर्षक बनाने के लिए इसके प्रावधानों में बड़े बदलाव का ऐलान किया जा सकता है। ज्ञात हो कि इनकम टैक्स की नई व्यवस्था में टैक्स छूट की वर्तमान सीमा को 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है, जिसका सबसे बड़ा लाभ मध्यम वर्ग को हो सकता है।
वर्तमान समय की बात करें तो 2.50 लाख रुपये के सालाना टैक्सेबल इनकम पर टैक्सपेयर्स को कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ता है। वहीं, 2.50 से 5 लाख रुपये के स्लैब पर टैक्सपेयर्स को 5 फीसदी टैक्स देना होता है। 1 फरवरी 2023 को पेश होने वाले Budget 2023-24 में इनकम टैक्स की नई व्यवस्था के तहत टैक्स छूट की सीमा को 5 लाख रुपये करने पर विचार किया जा रहा है, जिससे नई टैक्स व्यवस्था को टैक्सपेयर्स के बीच लोकप्रिय बनाया जा सके। अगर टैक्स छूट की सीमा को 5 लाख रुपये किया जाता है तो इससे टैक्सपेयर्स पर टैक्स के बोझ को घटाने में मदद मिलेगी, जिससे वे ज्यादा पैसे निवेश कर सकेंगे।
ध्यान देने योग्य है कि वर्ष 2020 में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स की नई व्यवस्था को लागू करने का ऐलान किया था लेकिन नई टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्सपेयर्स को सेक्शन 80 C और 80 D के तहत टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलता है। इस टैक्स व्यवस्था में कई प्रकार के डिडक्शन को खत्म कर दिया गया है, जिसके चलते टैक्सपेयर्स नई टैक्स व्यवस्था को अपनाने से कतरा रहे हैं। कुल टैक्सपेयर्स में केवल 10 से 12 फीसदी टैक्सपेयर्स ने ही नई व्यवस्था के विकल्प को चुना है क्योंकि इसमें ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ता है और टैक्स छूट का लाभ भी नहीं मिलता है। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाली नई टैक्स व्यवस्था मध्यम वर्ग के लिए राहत से कम नहीं होगी। इसमें एक बड़ी छूट मिलेगी जो कि निवेश के अधिक विकल्प खोलेगी।
Budget 2023-24: रेपो रेट में भी हो सकता है बदलाव
केवल इतना ही नहीं अब महंगाई के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार बड़े कदम उठाने वाली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि महंगाई से जूझती जनता को जल्द ही राहत मिल जाएगी। सरकार अपनी तरफ से हर मुमकिन कोशिश कर रही है और जल्द ही महंगाई पर काबू पा लिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण खुदरा महंगाई दर नवंबर महीने में घटकर 5.88 फीसद हो गई है और यह दर 21 महीने के सबसे निचले स्तर पर है। ऐसे में माना जा रहा कि जल्द ही मोदी सरकार के प्रयासों से महंगाई की कमर टूटती नजर आ सकती है।
दूसरी बात यह भी है कि यदि महंगाई दर में इस प्रकार की कमी देखने को मिलती रही तो रिजर्व बैंक रेपो रेट में भी जल्द ही कुछ बड़े बदलाव कर उसमें कटौती कर सकता है, जिससे देश में कर्ज लेना सस्ता हो सकता है। साथ ही लोगों की EMI पर पड़ रहे अतिरिक्त बोझ से राहत भी मिल सकती है। ये सभी ऐसे मुद्दे हैं जोकि मोदी सरकार के लिए आर्थिक दृष्टि से नाक की लड़ाई बन गए हैं, जिसके कारण यह माना जा रहा है कि सरकार का मुख्य फोकस अब अर्थव्यवस्था पर ही है, जो कि जल्द ही बेहतरीन परिणाम लेकर आ सकता है।
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