TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    INDIA-Pakistan match

    BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    INDIA-Pakistan match

    BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

चुनावी विश्लेषण: छत्तीसगढ़ में भाजपा के लिए कठिन है सत्ता की राह

भाजपा के लिए छत्तीसगढ़ का विधानसभा चुनाव काफी मुश्किल रहने वाला है क्योंकि उसका मुकाबला केंद्रीय कांग्रेस से नहीं बल्कि भूपेश बघेल की कांग्रेस से हैं, जो काफी मजबूत है और जनता के बीच अपनी विशेष पकड़ बनाए हुए है।

TFI Desk द्वारा TFI Desk
31 December 2022
in राजनीति, समीक्षा
Chhattisgarh fort is hard nut for BJP in 2023 assembly election

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दम पर जब भाजपा ने केंद्र में पूर्ण बहुमत हासिल की, तो तमाम राज्यों ने भी एक धारणा बना ली थीं कि मोदी के चेहरे पर कोई भी चुनाव जीता जा सकता था। कुछ राज्यों में प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा गया और उसमें पहली बार तो भाजपा को अच्छी जीत मिली परंतु फिर उन्हीं राज्यों में वो अपनी सरकार बचा नहीं पाई। हिमाचल, झारखंड और छत्तीसगढ़ इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। अब छत्तीसगढ़ में एक बार फिर विधानसभा चुनाव वर्ष 2023 (Chhattisgarh Assembly Election 2023) में होंगे लेकिन यह माना जा रहा है कि भाजपा के लिए स्थितियां काफी प्रतिकूल हैं क्योंकि यहां मुकाबला कांग्रेस से नहीं बल्कि भूपेश बघेल से हैं।

और पढ़ें: चुनावी विश्लेषण: बड़ी जीत के साथ मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए तैयार है भाजपा

संबंधितपोस्ट

“डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

और लोड करें

15 सालों तक सत्ता में रही भाजपा

छत्तीसगढ़ के राजनीतिक समीकरण को समझने से पूर्व इसके इतिहास पर थोड़ा प्रकाश डाल लेते हैं। छत्तीसगढ़ का गठन साल 2000 में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में किया गया था। राज्य का पहला विधानसभा चुनाव साल 2003 में हुआ था और इनमें भाजपा ने शानदार जीत हासिल की। इसके बाद साल 2008 और 2013 में भी छत्तीसगढ़ के चुनावों में भी भाजपा ने आसानी से जीत दर्ज की और सत्ता में वापसी की। इस तरह 15 सालों तक लगातार भाजपा ने छत्तीसगढ़ पर राज किया। परंतु इन सबसे खास बात यह रही है कि इस दौरान 2013 के चुनाव से ही भाजपा का ग्राफ नीचे गिरता नजर आने लगा था परंतु जीत के जोश के बीच पार्टी ने इस पर अधिक ध्यान नहीं दिया इसका परिणाम यह हुआ कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा इतना नीचे आ गई कि सत्ता कांग्रेस के हाथ लग गई, जो कि पार्टी के लिए काफी बड़ा झटका था।

2003 में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में राज्य की 90 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था। इस चुनाव में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा डॉ. रमन सिंह थे। भाजपा ने इस दौरान 50 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, कांग्रेस के खाते में 37 सीटों आई थीं। इसके अतिरिक्त बसपा को दो और एनसीपी को एक सीट पर जीत हासिल हुई थी। 2003 में भाजपा को 39.26 फीसदी और कांग्रेस को 36.71 फीसदी वोट मिले थे। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद परिसीमन वर्ष 2008 में हुआ था, जिसका लाभ भाजपा को मिलता दिखा। वर्ष 2008 में भाजपा ने 50 सीटों पर जीत दर्ज कर सत्ता में वापसी की। वहीं इस दौरान कांग्रेस ने 38 सीटों पर जीत दर्ज की थीं।

और पढ़ें: चुनावी विश्लेषण: कांग्रेस का ‘राजस्थान गढ़’ भी जाने वाला है

2018 में कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल की

अब खास बात यह है कि कांग्रेस ने यहां अपना ग्राफ बढ़ाने और अपनी स्थिति मजबूत करने का काम करना शुरू कर दिया था। 2013 विधानसभा चुनावों में भाजपा के हाथ एक बार फिर से छत्तीसगढ़ की सत्ता की चाबी लगी और पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 49 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, कांग्रेस ने 38 सीटों पर जीत मिली थीं। परंतु फिर 2018 के चुनावों में पूरा खेल पलट गया। 2018 के चुनावों में कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में एकतरफा जीत हासिल की और भाजपा को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। इस दौरान कांग्रेस 69 सीटों के साथ सत्ता में आई, तो वहीं भाजपा 14 सीटों पर ही सिमटकर रह गई।

भाजपा की हार की कुछ अपनी वजहें हैं क्योंकि भले ही डॉ रमन सिंह राज्य में 15 साल शासन करते रहे लेकिन पार्टी को साथ लेकर चलने में वे विफल रहे। पार्टी में उनके विरुद्ध काफी गुटबाजी हुई। यहां एक या दो नहीं बल्कि पार्टी कई गुटों बंटी है। इसके अलावा रमन सिंह ने जातिगत समीकरणों पर भी कभी अधिक ध्यान नहीं दिया। भाजपा के लिए संतोष की बात यह रही है कि भले ही उसे राज्य की सत्ता से जनता ने बेदखल किया हो लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वैसे ही पसंद किया जा रहा है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो राज्य की 11 सीटों में से  10 पर भाजपा को जीत मिली थी। वहीं 2018 में विधानसभा चुनाव में करारी हार के बावजूद पार्टी को 2019 में 11 में से 9 सीटों पर छत्तीसगढ़ की जनता का समर्थन प्राप्त हुआ था। कांग्रेस को दो सीटें मिलीं थी।

और पढ़ें: काशी विश्वनाथ से रामेश्वरम: 2024 के लिए हुकुम का इक्का चलने जा रही है भाजपा

चाहिए सबका साथ और सबका विश्वास

अब जातिगत समीकरणों की बात करें तो कुल 90 विधानसभी सीटों में से 39 आरक्षित है। इस 39 में से 29 सीटें अनुसूचित जनजाति और 10 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए है। शेष बची 51 सीट सामान्य हैं लेकिन उसमें भी एक दर्जन से अधिक सीटों पर अनुसूचित जाति वर्ग का खासा प्रभाव है। ऐसे में ओबीसी से लेकर एससी-एसटी और आदिवासी वर्ग का राज्य की राजनीति में विशेष प्रभाव देखने को मिलता है। बता दें कि प्रदेश में करीब 47 प्रतिशत ओबीसी के लोग हैं, जिनमें 95 से अधिक जातियां हैं। इनमें सबसे अधिक साहू जाति के लोग हैं, जो कांग्रेस और भाजपा दोनों के वोटबैंक हैं। इसके अलावा 9 फीसदी यादव जाति की और 5 फीसदी कुर्मी मरार और निषादों की संख्या है।

इन सबके बीच एक खास बात यह भी है कि यदि कोई पार्टी यह सोचे कि एक या दो वर्ग को साधकर सत्ता पर कब्जा किया जा सकता है तो वो राजनीतिक दलों की सबसे बड़ी भूल होगी क्योंकि यहां सभी को साथ लेकर चलने में भी भलाई है, वरना भरोसा नहीं है कि कब कोई खेला हो जाए।

अब बात करते हैं अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों की। साल 2023 के विधानसभा चुनावों (Chhattisgarh Assembly Election 2023) को लेकर भाजपा यहां खास तैयारियां कर रही है। इसके चलते ही राज्य के प्रभारी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक बदल दिए गए हैं। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से आदेश आया है कि सांसद और विधायक अपने अपने क्षेत्रों में कमजोर बूथ की सर्वे रिपोर्ट तैयार करें जिससे चुनावों को लेकर रणनीति बनाई जा सके। इन कमजोर सीटों को लेकर यह तक पूछा गया है कि उन बूथों पर किस धर्म के कितने लोग हैं।

वहीं एक बड़ा प्रश्न इस दौरान यह भी उठता है कि आखिर भाजपा इस बार छत्तीसगढ़ का चुनाव किस चेहरे पर लड़ेगी? क्योंकि जिस प्रकार से रमन सिंह के नेतृत्व में पार्टी ने पिछले चुनावों में बड़ी हार का सामना किया। वहीं 2018 के बाद जो भी राज्य में जो उपचुनाव हुए हैं सभी में भाजपा को हार ही मिली है। पार्टी का प्रदर्शन पंचायत चुनाव में भी खराब ही रहा था। ऐसे में भाजपा के लिए रमन सिंह पर भरोसा जताना तो मुश्किल होगा, जिसके चलते पीएम मोदी के नाम पर ही भाजपा छत्तीसगढ़ के चुनावी मैदान में उतरने की संभावना है।

और पढ़ें: भाजपा में शामिल होने की संभावनाएं तलाश रहे हैं शशि थरूर?

Chhattisgarh Assembly Election 2023 भूपेश बघेल का किला

Chhattisgarh Assembly Election 2023 में भाजपा का यहां सीधा मुकाबला इस बार भी कांग्रेस से ही होगा, लेकिन खास बात यह है कि यह केंद्रीय कांग्रेस नहीं है। यहां संगठनात्मक तौर पर पार्टी काफी मजबूत है। राज्य के सीएम भूपेश बघेल भले ही कुछ राष्ट्रीय आलचोनाओं में रहे हों किन्तु विकास के नाम पर छत्तीसगढ़ में उन्होंने काफी अच्छा काम किया है। गरीबों से लेकर किसानों और आदिवासियों तक में उन्होंने अपने काम को पहुंचाने के प्रयास किए थे। बघेल सॉफ्ट हिदुंत्व पर भी खेलते हैं और गांव गोबर की बात करते हैं जोकि उनके लिए लाभ का सौदा बन जाता है।

ऐसा नहीं है कि कांग्रेस में कलह नहीं है लेकिन स्पष्ट बात यह है कि पंजाब की तरह यहां कोई गलत फैसला नहीं लिया गया है। वैसे तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के दौरान यहां टीएस सिंह देव और भूपेश बघेल के बीच ढाई-ढाई साल तक मुख्यमंत्री बनने का निर्णय हुआ था लेकिन ऐसा कोई फैसला माना नहीं गया। खास बात यह है इसके बावजूद टीएस सिंहदेव ने छुटपुट छोड़ कोई बड़ा विरोध किया नहीं। ऐसा लगा कि उन्हें भूपेश बघेल ने उन्हें आसानी से मना लिया है।

ऐसा भी हो सकता है कि आने वाले समय में कांग्रेस के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर थोड़ी अनबन देखने को मिले। या फिर कांग्रेस चुनाव तो भले ही बघेल के चेहरे पर चुनाव लड़ें लेकिन फिर टीएस सिंह देव को मुख्यमंत्री बना दें क्योंकि उन्हें पार्टी ने काफी समय से रोके रखा है। हालांकि यह काफी मुश्किल होगा।

सटीक शब्दों में कहें तो छत्तीसगढ़ का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। जहां एक ओर कांग्रेस सत्ता में बने रहना चुनौती होगी, तो वहीं भाजपा भी दोबारा से सत्ता कब्जाने का प्रयास करेगी। हालांकि भाजपा के लिए साल 2023 का विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election 2023) काफी मुश्किल रहने वाला है क्योंकि उसका मुकाबला केंद्रीय कांग्रेस से नहीं बल्कि सशक्त भूपेश बघेल की कांग्रेस से हैं, जो कि काफी मजबूत है और जनता के बीच अपनी विशेष पकड़ बनाए हुए है।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: Chhattisgarhछत्तीसगढ़ 2023 चुनावछत्तीसगढ़ कांग्रेसछत्तीसगढ़ की राजनीतिछत्तीसगढ़ भाजपापीएम मोदीभूपेश बघेलरमन सिंह
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘ईसाई खतरे में हैं’ की ढपली बजाते बजाते वेटिकन की शरण में पहुंची ममता बनर्जी

अगली पोस्ट

महाजनपदों का गौरवशाली इतिहास: भाग 4- अवंती

संबंधित पोस्ट

अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक
चर्चित

अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

15 September 2025

दिल्ली की अदालत में सोमवार सुबह का दृश्य किसी ऐतिहासिक मुकदमे जैसा था। खचाखच भरे कक्ष में वकीलों की फुसफुसाहट और दर्शकों की उत्सुक निगाहें...

डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य
आयुध

“डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

15 September 2025

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जब ‘डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025’ को मंजूरी दी, तो यह केवल कागज़ पर हुआ प्रशासनिक बदलाव नहीं था। यह उस...

मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान
क्राइम

मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

15 September 2025

मुजफ्फरपुर, उत्तर बिहार का एक प्रमुख केंद्र रहा है। व्यापार, शिक्षा और राजनीति का यह गढ़ लंबे समय से अपराधियों के लिए भी सुरक्षित ठिकाना...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited