India US Military Exercise: चीन और विवाद का बहुत पुराना और गहरा संबंध है, वो दूसरे देशों के साथ अपने झगड़ों को लेकर हमेशा ही सुर्खियों में रहता है। ड्रैगन का किसी से व्यापार को लेकर, किसी से वर्चस्व को लेकर और किसी से सीमा को लेकर झगड़ा रहता ही है। यही कारण है कि चीन के हमेशा तोते उड़े रहते हैं। चालबाज चीन के दिमाग में किसी न किसी देश को लेकर कुछ न कुछ खुराफात चलता ही रहता है। चीन अपनी हरकतों से बाज आने को कतई तैयार नहीं है। अब भारत और अमेरिका के उत्तराखंड के पहाड़ों पर चल रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास (India US Military Exercise) को ही देख लीजिए जिससे चीन तिलमिला गया है।
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बिलख रहा है चीन
पड़ोसी देशों की सीमाई भूमि हड़पने वाला ड्रैगन भारत की LAC पर बढ़ती ताकत से बिलख रहा है। चीन भारत में घुसपैठ के प्रयास करता रहता है लेकिन अब जब भारत LAC पर अपनी ताकत को रफ्तार देने में लगा है तो दुनियाभर में चालबाज के नाम से कुख्यात चीन बेचैन हो रहा है।
The 18th Edition of India-US Joint Exercise #YudhAbhyas commenced today at Foreign Training Node, Auli. The aim of Joint Exercise is to enhance interoperability & share expertise between both the Armies in Peace Keeping & Disaster Relief Operations.#IndianArmy#IndiaUSFriendship pic.twitter.com/LFQbnsPbP1
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) November 19, 2022
दरअसल, LAC के बहुत पास में ही भारत और अमेरिका का संयुक्त सैन्य अभ्यास (India US Military Exercise) चल रहा है। जो ड्रैगन को कतई रास नहीं आ रहा है। इस अभ्यास से चीन पूरी तरह बौखला गया है और भारत और अमेरिका के संयुक्त अभ्यास का विरोध कर रहा है। ड्रैगन का कहना है कि इस सैन्य अभ्यास से सीमा शांति के लिए द्विपक्षीय समझौतों की भावना का उल्लंघन होगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने युद्ध अभ्यास का विरोध किया। एक मीडिया ब्रीफिंग में, उन्होंने कहा कि LAC के पास संयुक्त अभ्यास 1993 और 1996 में चीन और भारत के बीच समझौते की भावना का उल्लंघन करता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह अभ्यास “तीसरे पक्ष” द्वारा भारत में हस्तक्षेप करने का प्रयास था।
वहीं चीन की इस आपत्ति पर भारत के विदेश मंत्रालय ने पलटवार किया है। मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि भारत किसके साथ मिलिट्री एक्सरसाइज करेगा यह उसका अपना मामला है। चीन अपने समझौते का खुद उल्लंघन करता है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इस मामले पर स्पष्ट रूप से आगे कहा कि “चीन या किसी अन्य देश के पास भारत के सैन्य अभ्यास पर कोई अधिकार या वीटो नहीं है।” भारत ने चीन की आपत्तियों को खारिज तो किया ही साथ ही कहा कि ऐसे मुद्दों पर वह किसी तीसरे देश को ‘वीटो’ नहीं दे सकता है।
यहीं नहीं चीन India US Military Exercise से इतना बौखला गया है कि उसने अमेरिका को भी चेतावनी दे डाली है। जहां चीन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि वो भारत के साथ उसके संबंधों में दखल न दें।
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19वां संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास
आपको बता दें कि भारत-अमेरिका का 19वां संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास (India US Military Exercise) उत्तराखंड में LAC से मात्र 100 किमी दूर चल रहा है। 2004 से हर साल ये युद्ध अभ्यास आयोजित किया जाता है। बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास (India US Military Exercise) करने का उद्देश्य शांति स्थापना और आपदा राहत कार्यों में दोनों सेनाओं के बीच पारस्परिकता को बढ़ाना और विशेषज्ञता साझा करना है।
चीन भारत की वैश्विक स्तर पर बढ़ती राजनैतिक और आर्थिक शक्ति से बहुत परेशानी में हैं और दर-दर भटकता फिर रहा है। हाल ही में उसने हिंद महासागर क्षेत्र के 19 देशों के साथ उसने बैठक की थी जिसमें भारत ने हिस्सा नहीं लिया था। चीन भारत की हिंद महासागर क्षेत्र में पकड़ से भली भांति परिचित है, यही कारण है कि हिंद महासागर क्षेत्र से भारत को अलग-थलग करने की योजनाओं में लगा हुआ है। चीन ताइवान पर कब्जा करने की रणनीति बनाने में लगा है और इस रास्ते का सबसे बड़ा रोड़ा भारत ही है इसलिए वो परेशान है।
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चीन के पड़ोसी देशों से रिश्ते खराब हैं
चीन के लगभग सभी पड़ोसी देशों से रिश्ते खराब हैं, क्योंकि उसके नापाक मंसूबों से हर कोई परेशान है। भारत एक वैश्विक स्तर पर अपने शक्तिशाली प्रभाव से दुनियाभर के देशों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है जोकि ड्रैगन को चुभ रहा है क्योंकि आज भारत चीन को हर स्तर पर कड़ी टक्कर दे रहा है। यही कारण है कि भारत के खिलाफ आए दिन चीन कुछ न कुछ चाल चलने की योजना बनाता रहता है। वो अलग बात है कि भारत चीन के हर नापाक चाल का मुंहतोड़ जबाव देता है।
चीन अकसर वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC में घुसपैठ करने की फिराक में लगा रहता है। भारतीय सेना LAC पर अपनी ताकत को दोगुना करने की तैयारियों में जोरों शोरों से लगी हुई है। जहां वास्तविक नियंत्रण रेखा के बहुत नजदीक चल रहे भारत और अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास से चीन के होश उड़ गए हैं। एशिया में चीन की विस्तारवादी नीति को कोई देश अगर मजबूती के साथ चुनौती दे रहा है तो वो है भारत और इसलिए ड्रैगन भारत के खिलाप षड्यंत्र रचकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिशों में लगा है।
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