TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अस्थिरता के साये में बांग्लादेश

    हिंसा और अस्थिरता के साये में बांग्लादेश: चुनाव से पहले बढ़ता संकट

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    अटल मोदी

    आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    पेंटागन की रिपोर्ट: 2027 तक ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है

    पुतिन सरकार की बड़ी सौगात: भारतीय छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा रूसी विश्वविद्यालयों में मिलेगा दाखिला

    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अस्थिरता के साये में बांग्लादेश

    हिंसा और अस्थिरता के साये में बांग्लादेश: चुनाव से पहले बढ़ता संकट

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    अटल मोदी

    आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    पेंटागन की रिपोर्ट: 2027 तक ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है

    पुतिन सरकार की बड़ी सौगात: भारतीय छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा रूसी विश्वविद्यालयों में मिलेगा दाखिला

    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

जलेबी और गुलाब जामुन को फारसी बताने वाले महामूर्खों पर ध्यान न दें, ये दोनों ही मिठाइयां पूरी तरह भारतीय हैं

कुछ उच्च कोटी के मूर्ख जलेबी और गुलाब जामुन को फारसियों की देन बताकर अपने अद्भुत ज्ञान का परिचय देते हैं। ऐसे बुद्धिजीवियों को पहले जाकर भारत के पाक कला का इतिहास पढ़ना चाहिए।

Vaishali Shukla द्वारा Vaishali Shukla
9 December 2022
in इतिहास, ज्ञान
जलेबी और गुलाब जामुन

SOURCE TFI

Share on FacebookShare on X

भारत एक ऐसा देश है जहां सांस्कृतिक विविधताएं कदम-कदम पर दिख जाती हैं। इस देश में जिस तरह से हर एक कोस पर पानी बदलता है और हर चार कोस के बाद भाषा बदल जाती है वैसे ही यहां के हर क्षेत्र के व्यंजन भी भिन्न-भिन्न प्रकार के पाए जाते हैं। अलग-अलग तरह के व्यंजनों का आनंद लेना किसके लिए रुचिकर नहीं होगा भला और जब बात आती है भारत की तब तो समझ लीजिए कि बात एक अलग ही स्तर की है। विशेषकर स्वादिष्ट मिठाईयों की बात हो तो लाल-नारंगी सुनहरे रंग की कुण्डलाकार चाशनी में डूबी गर्मागर्म जलेबी और रस में सराबोर गुलाब जामुन मिठाई।

और पढ़ें- महाजनपदों का गौरवशाली इतिहास- भाग 1: अंग महाजनपद

संबंधितपोस्ट

क्यों कुकिंग तेल संग्राम में सरसों के तेल रहा विजयी!

और लोड करें

जलेबी और गुलाब जामुन

जलेबी और गुलाब जामुन इन दोनों ही मिठाइयों को भारत के लगभग हर कोने में बड़े चाव से खाया जाता है लेकिन क्या आप इन दोनों मिठाइयों के इतिहास से परिचित हैं? क्या आप जानते हैं कि इन दोनों मिठाइयों की उत्पत्ति कहां से हुई है? इन सभी प्रश्नों का एक ही उत्तर हैं- भारत। वो बात और है कि कुछ उच्च कोटी के मूर्ख इन दोनों मिठाइयों को फारसियों की देन बताकर अपने अद्भुत ज्ञान का परिचय देते हैं। ऐसे बुद्धिजीवियों का कहना है कि इन दोनों मिठाइयों का जन्म फारसी से हुआ है जो कि बिलकुल गलत है।

कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि जलेबी मूल रूप से एक अरबी शब्द है और इस मिठाई का असली नाम जलेबी नहीं बल्कि जलाबिया। हौब्सन-जौब्सन की माने तो जलेबी शब्द अरेबिक -शब्द ‘ जलाबिया’ या फारसी शब्द ‘जलिबिया’ से आया है। वहीं मध्यकालीन पुस्तक ‘किताब-अल-तबीक़’ में ‘जलाबिया’ नाम की मिठाई का भी उल्लेख मिलता है कुछ का ऐसा भी कहना है कि 10वीं शताब्दी की अरेबिक पाक कला पुस्तक में ‘जुलुबिया’ बनाने की कई विधियां मिलती हैं।

If we go by the oldest reference of 'Jalebi', it was mentioned in the 13th century by a noted writer of the time, where he featured all the dishes of the time in a cookbook titled, 'Kitab al-Tabeekh' & jalebi was first mentioned as ‘Zalabiya’ with its origin in West Asia. #jalebi pic.twitter.com/3MuY8Sy1CB

— Saurabh A Nage 🇮🇳 (@saurabhnage05) May 2, 2021

ऐसे लोगों से मेरा एक प्रश्न है कि क्या इस दसवीं शताब्दी वाले जलेबी के इतिहास को ही सबसे विश्वसनीय माना जाएगा? इस बात का क्या प्रमाण है कि इससे पहले जलेबी का कहीं और वर्णन नहीं किया गया है? यदि इन प्रश्नों का उत्तर आपके पास नहीं है तो कृपया जलेबी को फारसी कहना बंद करिए।

और पढ़ें- जानिए भारतीय नौसेना दिवस के पीछे का गौरवशाली इतिहास, जब कांप गया था पूरा पाकिस्तान

जलेबी के बारे में लिखा है इतिहास  

संस्कृत पुस्तक ‘गुण्यगुणबोधिनी’ में जलेबी के बारे में लिखा हुआ है। इतना ही नहीं इसके विषय में अंगुत्तरनिकाय (बौद्ध ग्रन्थ) में भी बात की गयी है और ये ग्रथ लगभग पहली शताब्दी के आस-पास का है जो कि मुसलमानों की उत्पत्ति के हजारों साल पहले ही आ गयी थी। आप अब स्वयं अनुमान लगा सकते हैं कि जलेबी का अस्तित्व कब और कहां से है।

Jalebi is a pure indigenous Indian dessert. can be seen in अंगुत्तरनिकाय even thousands of years before the origin of Muslims.@sharo_hit @RajSharma1857 @MumukshuSavitri @HinduTemples7 @bhAratenduH @BharadwajSpeaks @Aabhas24 pic.twitter.com/S0TM3psG0x

— Chronicle watch (@chronicle_watch) February 7, 2021

शरदचंद्र पेंढारकर (बनजारे बहुरूपिये शब्द) में जलेबी का प्राचीन भारतीय नाम कुंडलिका बताया गया है। इसमें रघुनाथकृत ‘भोज कुतूहल’ नामक ग्रंथ का संदर्भ दिया गया है जिसमें इस व्यंजन के बनाने की विधि का उल्लेख भी किया गया है। भारतीय मूल पर जोर देने वाले इसे ‘जल-वल्लिका’ के नाम से पुकारते हैं, रस से भरी होने कारण इसे यह नाम दिया गया बाद में इसका नाम जलेबी हो गया।

There was a debate, sometime ago, on the place of origin of #Jalebi . If Jalebi was really a popular and common food item in India during the Mahabharat era, should we conclude that Jalebi originated in India?@PushpeshPant @virsanghvi https://t.co/rD7jeWo49T

— Hpraz Prriya Raj (@PrriyaRaj) February 3, 2022

अब गुलाब जामुन की बात कर लेते हैं जिसे फारसी स्वीट डिश ‘लुक्मत-अल-कादी’ से प्रेरित बताया जाता है। कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि ईरान में 13वीं सदी के करीब मैदे से बनी गोलियों को घी में डिप फ्राय करके इन्हें शहद या फिर शक्कर की चाशनी में डुबोकर इनका सेवन किया जाता था। उस समय वहां उसे ‘लुक्मत अल-क़ादी’ कहा जाता था। लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि 13वीं सदी से पहले 12वीं शताब्दी के भारतीय, संस्कृत भाषा के पाठ में भी इसका वर्णन है।

और पढ़ें- तिलका मांझी की वीरता रोंगटे खड़े करती है, लेकिन इतिहास की किताबों में उन्हें कभी जगह नहीं मिली

गुलाब जामुन की उत्पत्ति के बारे में

इस प्रसिद्ध भारतीय मिठाई यानी गुलाब जामुन की उत्पत्ति के बारे में बात करें तो कुछ खाद्य लोककथाओं में ऐसा कहा गया है कि गुलाब जामुन गलती से शाहजहां के शाही रसोइए के द्वारा बनाये गए थे, जिन्होंने फारसी/तुर्की परंपराओं से प्रेरणा लेकर बनाया था। लेकिन ध्यान देने वाली बात तो यह है कि फारसी बामीह और तुर्की तुलुम्बा दोनों ही गुलाब जामुन के जैसी ही होती हैं। वे दोनों भी अख़मीरी आटे की भुरभुरी गांठें होती हैं जिन्हें तलकर चीनी की चाशनी में भिगोकर बनाया जाता है। इतना ही नहीं गुलाब जामुन के विपरीत, इसे ठंडा करके परोसा जाता है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि मुगल रसोइयों को इससे प्रेरणा मिली हो लेकिन गुलाब जामुन भारत की ही देंन है।

पुस्तक द डोनट: हिस्ट्री,  रेसिपीज एंड लोर फ्रॉम बोस्टन टू बर्लिन में, पाक के इतिहासकार माइकल क्रोंडल ने लिखा हैं कि फारसी आक्रमणकारी अपने साथ एक “गोल फ्रिटर” लेकर आए थे, जिसने अंततः गुलाब जामुन का रूप ले लिया। आगे ये भी कहा है कि “(भारतीय) नुस्खा मध्य पूर्व की तुलना में ज्यादा कठिन है, जिसके लिए सूखे और ताजे दूध के आटे के मिश्रण की जरूरत होती है। लेकिन वहीं ईरान में इस मिश्रण को तलकर बनाया जाता है और गुलाब जल की चाशनी में भिगोकर बनाया जाता है।

https://twitter.com/Arthistorian18/status/1259521043414147072

और पढ़ें- अब समय आ गया है कि गलत इतिहास को सही किया जाए और सिनेमा इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है

तो इन्हीं सब कारणों से ये बात सत्य साबित हो जाती है कि जलेबी और गुलाब जामुन को बनाने के लिए फारसियों और मुगलों से प्रेरणा ली गयी हो. लेकिन ये दोनों ही स्वादिष्ट मिठाईयां भारतीयों की दी हुई सौगात है।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: About JalebiGulab JamunHistory of JalebiIndian Cookingगुलाब जामुनजलेबी का इतिहासजलेबी के बारे मेंभारतीय पाक कला
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

अरब देशों के साथ संबंध मजबूत करने के पीछे यह है ‘ड्रैगन’ का पूरा खेल

अगली पोस्ट

“झूठ बोलो, बार-बार झूठ बोलो, जो भी बोल सकते हो झूठ बोलो”, बस इतनी-सी है केजरीवाल की राजनीति

संबंधित पोस्ट

23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द
इतिहास

23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

23 December 2025

भारत में परावर्तन आंदोलन के सबसे प्रभावशाली और निर्भीक अग्रदूत स्वामी श्रद्धानन्द थे। उनका दृढ़ विश्वास था कि भारत में निवास करने वाले मुसलमानों के...

श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया
इतिहास

श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

22 December 2025

महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसम्बर 1887 को तमिलनाडु के इरोड ज़िले के कुम्भकोणम् में हुआ था। यह वही प्रसिद्ध तीर्थस्थल है, जहाँ...

इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष
इतिहास

बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

22 December 2025

हमारे देश की एक बड़ी समस्या यह रही है कि अंग्रेजों के समय में पढ़ाया गया गलत और औपनिवेशिक इतिहास आज़ादी के बाद भी बदला...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

00:00:58

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited