बीते कुछ वर्षों में भारत और चीन के बीच सीमा पर झड़प और तनाव बहुत अधिक बढ़ा है। जिस कारण भारत सरकार अपनी सेना को और अधिक ताकतवर बनाने में लगी है। अभी हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 4,276 करोड़ की राशि के तीन पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति को मंजूरी प्रदान की है। इनमें हेलिकॉप्टर लॉन्च नाग (हेलिना), एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM), वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम्स (VSHORAD) और नौसेना के जहाजों के लिए ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल लॉन्चर और फायर कंट्रोल सिस्टम को सम्मिलित किया गया है।
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भारतीय सेना को सुरक्षा प्रदान करेंगी मिसाइल
ये तीनों ही स्वदेशी डिजाइन और विकास परियोजनाएं हैं। इसके चलते अब भारतीय सेना को चीन और पाकिस्तान की सेना का सामना करने के लिए कुछ नये हथियार भी मिलने वाले हैं। जिससे वह दोनों देशों के किसी भी हमले का जवाब आसानी से दे सकते हैं। क्या आप हेलिना एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल और VSHORAD मिसाइल सिस्टम की खूबियों के बारे में जानते हैं? क्या आप जानते हैं कि चीन और पाकिस्तान की सेना से यह मिसाइल कैसे भारतीय सेना को सुरक्षा प्रदान करेंगी? आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
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पहले जानते हैं हेलिना एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल के बारे में
- हेलिना एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला हैदराबाद के द्वारा DRDO के मिसाइल और सामरिक प्रणाली क्लस्टर के अंतर्गत विकसित किया गया है।
- इस मिसाइल की अधिकतम सीमा 7 किलोमीटर है और इस प्रणाली का प्रक्षेपण किसी भी समय यानी दिन-रात में किया जा सकता है।
- एक हेलिना मिसाइल का वजन 45 किलोग्राम के लगभग है, वहीं इसकी लंबाई 6 फीट और व्यास 7.9 इंच की है।
- इसे एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (Advanced Light Helicopter-HAL) के हथियारयुक्त संस्करण के एकीकरण के लिए डिज़ाइन और विकसित किया गया है।
- यह मिसाइल दुनिया की सबसे बढ़िया एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों में से एक मानी जा रही है।
- इसे सेना और वायुसेना दोनों में हेलिकॉप्टरों के साथ एकीकरण के लिए निर्मित किया गया है।
- हेलिना सीधे-सीधे हिट मोड और टॉप अटैक मोड दोनों का लक्ष्य बहुत ही बेहतर तरीके से हासिल कर सकती है।
- यह मिसाइल को पारंपरिक कवच और विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच के साथ युद्धक टैंक को पार करने के लिए विकसित किया गया है।
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अब जानते हैं VSHORAD मिसाइल सिस्टम के बारे में
- VSHORADS एक मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPAD) कहलाती है।
- इस मिसाइल को DRDO के रिसर्च सेंटर इमरत, हैदराबाद ने अन्य DRDO प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योग के भागीदारों की सहायता से डिजाइन और विकसित किया गया है।
- VSHORAD मिसाइल सिस्टम में कई नवीन तकनीकों जैसे शॉर्ट रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम और एकीकृत एवियोनिक्स को सम्मिलित किया गया हैं।
- VSHORAD मिसाइल दोहरे जोर वाली ठोस मोटर के द्वारा संचालित है। जिस कारण यह कम दूरी पर कम ऊंचाई वाले हवाई खतरों को पूरी तरह से बेअसर करने के लिए बनाया गया है।
- इस मिसाइल को इस तरह से डिजाइन किया गया है जिससे इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सके।
- यह मिसाइल सिस्टम हर तरह के मौसम में कार्य कर सकती है।
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चीन और पाकिस्तान के साथ संबंध अच्छे नहीं
बीते कुछ सालों से भारत का चीन और पाकिस्तान के साथ संबंध अच्छे नहीं हैं। उदाहरण के लिए 9 दिसंबर को तवांग का मामला देखा जा सकता है। जहां अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में घुसने का प्रयास किया था लेकिन भारतीय जवानों ने उनको पीट-पीटकर मुंह तोड़ जवाब दिया था। इतना ही नहीं इसके पहले गलवान घाटी में भी चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर हमला किया था और तब भी भारतीय सैनिकों ने बड़ी ही बहादुरी से चीनी सेना से भिड़ते हुए उसको सबक सिखाया था।
वहीं पाकिस्तान किस तरह भारत के विरुद्ध आतंकवाद को सह देता है यह भी किसी से छिपा नहीं है। पाकिस्तान भारत को नुकसान पहुंचाने का कोई भी मौका अपने हाथ से जाने नहीं देता है। ऐसे में यह कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि चीनी और पाकिस्तानी सेना से भिड़ने के लिए भारत को अधिक से अधिक ताकतवर होना पड़ेगा।
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हथियार देश की सुरक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण
ऐसे में यदि एक से बढ़कर एक हथियार भारतीय सेना को मिलते हैं तो यह देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। भारत सरकार के इस कदम के पीछे चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सशस्त्र बलों की क्षमता को बढ़ाया जाना भी माना जा सकता है। इन सभी हथियारों की विशेषताओं से आप समझ ही गए होंगे कि यह हथियार देश की सुरक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण साबित होंगे।
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