जर्मनी की राजधानी बर्लिन की बेहाल स्थिति जानकर आप कहेंगे दिल्ली अच्छी है

कानून व्यवस्था, इन्फ्रास्ट्रक्चर, आर्थिक स्थिति तो छोड़िए साइकिल ट्रैक तक बेहाल हैं।

राजधानी बर्लिन

Source: DW HINDI

जर्मनी की राजधानी बर्लिन जिसका नाम सुनते ही आपके मस्तिष्क में अवश्य ही एक सुंदर स्थान की छवि उकर जाती होगी। एक ऐसा स्थान जहां ताजा हवाओं का बहना सामान्य हो, जो एक साफ सुथरा और ऐतिहासिक शहर है और जहां पर साइकिलिंग करने का एक अलग ही आनंद है। अवश्य ही आप वहां के पर्यटन स्थलों के बारे में सोचने लगते होंगे। लेकिन ब्रैन्डनबर्ग मेट्रोपोलिटन क्षेत्र के मध्य में और जर्मनी के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित बर्लिन की आज की स्थिति ऐसी नहीं प्रतीत होती है। कुछ खबरों और रिपोर्ट्स को जानने के बाद तो राजधानी बर्लिन की तस्वीर कुछ और ही दिखाई पड़ती है।

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अपराध और भ्रष्टाचार

पहले तो यदि जर्मनी की ही बात करें वो भी अपराध या फिर भ्रष्टाचार के परिप्रेक्ष्य में तो सबसे पहले बात राजधानी बर्लिन की करनी होगी। एक सुंदर सा शहर बर्लिन आज कैसी स्थिति है इसके लिए हमें कुछ रिपोर्ट और आकड़ों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

2022 की अंतिम रात यानी न्यू इयर ईव के समय ही राजधानी बर्लिन में जिस तरह से हिंसा की घटना सामने आई उसके बाद इस शहर के लॉ एंड ऑर्डर पर प्रश्न उठने लगे। DW की एक रिपोर्ट को देखें तो पाएंगे कि पूरे जर्मनी में अपराध के मामले में बर्लिन सूची में प्रथम स्थान पर है। वर्ष 2021 की बात करें तो यहां पर प्रति एक लाख लोगों पर 13,158 की अपराध दर थी। तुलनात्मक रूप से राजधानी बर्लिन का यह अपराध दर देश के दूसरे सबसे बड़े शहर हैम्बर्ग से अधिक है जहां 10,062 की आपराध दर है। सबसे कम की बात करें तो नाम आता है वबेरिया का जहां पर यह दर केवल 4.138 है।

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चुनाव में जमकर धांधली

DW की इसी रिपोर्ट में देखा जा सकता है कि कैसे राजधानी बर्लिन में वर्ष 2021 में हुए चुनाव में जमकर धांधली किए जाने की खबरें आयीं। यहां पर एक ही दिन में चार तरह के चुनावों को संपन्न करवाया गया। संसद, विधानसभा का चुनाव, स्थानीय जिला का चुनाव तो करवाया ही गया इसके साथ ही बड़ी हाउसिंग कंपनियों में सोशलाइजेशन पर जनमत संग्रह के लिए मतदान कराए गए। इन सभी चुनावों को लेकर अलग-अलग तरह की खामियों के बारे में खबरें आयी थीं।

किसी शहर के बारे में, विशेषकर जब वो शहर देश की राजधानी हो और वहां की स्थिति के बारे में आकलन करना हो तो इस बात पर चर्चा अवश्य होनी चाहिए कि उस शहर की आर्थिक स्थिति कैसी है। इस संबंध में यदि राजधानी बर्लिन की बात करें तो यहां के डेढ़ लाख से अधिक बच्चे कम आय में जी रहे हैं और ये लोग ऐसे घरों में रह रहे हैं जो सामाजिक रूप से पिछड़े हैं। वो बात और है कि अधिकतर को सरकारी सुविधाओं और योजनाओं का लाभ मिल रहा है लेकिन कई गरीबी में जीने को विवश हैं। DW में दिए गए आंकड़े को देखें तो यहां पर कोरोना के कारण गरीबों की संख्या में वृद्धि तो हुई ही है साथ ही महामारी के बाद की स्थिति ऐसी है कि यहां पर लगभग हर पांच में से एक व्यक्ति गरीबी में जीने को विवश है।

राजधानी बर्लिन की स्थिति को समझना है तो वहां के नये बर्लिन ब्रांडेनबुर्ग एयरपोर्ट को देखना होगा जो वर्ष 2012 में शुरू तो किया गया लेकिन कई कमियों के कारण उसका उद्घाटन रोक दिया गया। बजट में अरबों की बढ़ोत्तरी और विलंब के बाद वर्ष 2020 में खोला तो गया लेकिन इसे एक बड़ी देरी और खर्चिले प्रोजेक्ट के रूप में देखा जा सकता है।

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सुस्त व्यवस्था

राजधानी बर्लिन एक ऐसा सुंदर शहर है जहां के पर्यटन का आनंद साइकिल से घूमकर ही मिलता है। यह शहर साइकलिंग के लिए अनुकूल है लेकिन इसके साथ भी छेड़छाड़ करने की खबर सामने आई थी जब वहां के साइकिल लेन को अजीब तरह से रंग दिया गया था। इस अजीब सी जिगजैग पेंटिंग को लेकर संबंधित अधिकारियों ने अपनी सफाई में कहा कि कॉन्ट्रेक्टर को दिए गलत निर्देशों के कारण ऐसा हुआ। इससे समझ सकते हैं कि वहां की व्यवस्था कैसी सुस्त होगी।

हालांकि इस बात को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है कि बर्लिन की कई खूबियां भी होंगी जो जर्मनी के लिए गर्व महसूस कराने वाली बात होगी। लेकिन इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि एक शहर जो देश की राजधानी हैं, वहां की इतनी सारी खामियां और वहां की चिंताजनक स्थिति जर्मनी प्रशासन के सिर का दर्द बन रही होगी।

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