Penalty of AAP: इसमें कोई दो राय नहीं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपना प्रचार करने का कुछ ज्यादा ही शौक हैं। आप दिल्ली के किसी भी कोने में चले जाएं या कोई अखबार ही उठाकर देख लें, आपको अरविंद केजरीवाल की फोटो लगी कोई न कोई विज्ञापन दिख ही जाएगा। आप यकीन मानिए कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल आपको कभी ये महसूस नहीं होने देंगे कि दिल्ली सरकार विज्ञापन के चक्कर में कर्जे में लद चुकी हैं। वो कुछ ऐसा झूठ ढूंढ ही लेंगे जो उन्हें इस मुद्दे से पल्ला झाड़ने में सहायता करेगा। वो कहेंगे ये सब बीजेपी के इशारा पर हो रहा है, ये तो बीजेपी ही करा रही है क्योंकि हम राष्ट्रीय पार्टी बन गए हैं और 2024 में बीजेपी को टक्कर दे देंगे, ठीक वैसे ही जैसे गुजरात या हिमाचल में अपना सूपड़ा साफ कराया।
हालांकि कई मामलों को लेकर केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेताओं के विरुद्ध जांच भी उनके खिलाफ कोई कम बड़े स्तर पर नहीं चल रही हैं। इनसे पीछा छुड़ा पाना केजरीवाल के लिए इतना आसान नहीं है। अब ताजा घटनाक्रम ये है कि दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने 163.62 करोड़ रुपये का भारी भरकम वसूली (Penalty of AAP) नोटिस जारी कर दिया है।
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10 दिन में चुकाने होंगे 164 करोड़
दरअसल, सत्ता में आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली का पैसा जमकर बहाया। सरकारी विज्ञापनों की आड़ अपने राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित कराए। इस कारण सूचना एवं प्रचार निदेशालय ने आम आदमी पार्टी को 164 रुपए का (Penalty of AAP) वसूली नोटिस थमा दिया है। साथ ही इस रकम को जमा करने की समयसीमा 10 दिन दी गई है। यदि आम आदमी पार्टी के ये रकम जमा नहीं कराती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी जिसमें आम आदमी पार्टी का पार्टी दफ्तर भी सील किया जा सकता है। वहीं सूत्रों के अनुसार दिल्ली सरकार के ऑडिट निदेशालय ने ऐसे सभी राजनीतिक विज्ञापनों का ऑडिट करने के लिए एक विशेष ऑडिट टीम का भी गठन किया है।
आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को सरकारी विज्ञापनों की आड़ में प्रकाशित राजनीतिक विज्ञापनों के लिए AAP से 97 करोड़ रुपये वसूलने का निर्देश दिया था। एलजी का आरोप है कि केजरीवाल ने राजनीतिक विज्ञापनों सरकारी विज्ञापन के रूप में दर्शाया था जिसके एक महीने बाद यह घटनाक्रम देखने को मिला है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सूचना एवं प्रचार निदेशालय के द्वारा जारी किए गए नोटिस में ब्याज की राशि भी शामिल है। 164 करोड़ के वसूली (Penalty of AAP) नोटिस में 99.31 करोड़ रुपए मूलधन है जो कि मार्च 2017 तक के विज्ञापनों में खर्च हुआ है और 64.31 करोड़ का ब्याज हो गया है। ऐसे में अब आम आदमी पार्टी को ब्याज समेत पैसा देना होगा। जिस सरकारी पैसे को “विज्ञापनजीवी” अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के प्रचार में उड़ाया अब उसके भुगतान करने का समय आ गया है। केजरीवाल दिल्ली के सरकारी खजाने को निजी स्वार्थ के चलते खाली कर रहे हैं।
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जांच के लिए बनाई गई थी कमेटी
आपको बता दें कि साल 2016 में तत्कालीन उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की ओर से विज्ञापन में सरकारी पैसा खर्च करने की शिकायत की थी जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने विज्ञापनों पर खर्च की जांच के लिए अगस्त 2016 में तीन लोगों की एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने 16 सितंबर 2016 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें AAP को दोषी पाया गया था। जिसके बाद अब बताया जा रहा है कि सितंबर 2016 से दिल्ली सरकार के सभी विज्ञापनों की एक्सपर्ट कमेटी ने जांच की, जिसके बाद वसूली का नोटिस जारी हुआ।
अरविंद केजरीवाल ने अपनी छवि और पार्टी को चमकाने के लिए जमकर सरकारी खजाने का पैसा बहाया। जिसके बाद अब उनके द्वारा खर्च किए गए पैसों की जांच की जा रही है, जिसमें वो फंसते दिखाई पड़ रहे हैं। किस तरह केजरीवाल ने कथित ईमानदार पार्टी को महाघोटालेबाज पार्टी में परिवर्तित किया है वो सबके सामने आ ही रहा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आने वाले समय में विज्ञापन में केजरीवाल को द्वारा के गए घोटालों के और भी मामले सामने आएंगें।
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