TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार में राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों की निकली हवा, जानें क्या है मामला?

    बिहार में राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों की निकली हवा, जानें क्या है मामला?

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    चुनाव आयोग की राहुल गांधी को दो टूक: घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करें या माफी मांगें

    चुनाव आयोग की राहुल गांधी को दो टूक: घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करें या माफी मांगें

    राहुल के आरोपों के बीच कीर्ति आज़ाद का कांग्रेस के मतदान चोरी का वीडियो फिर से सुर्खियों में

    राहुल के आरोपों के बीच कीर्ति आज़ाद का कांग्रेस के मतदान चोरी का वीडियो फिर से सुर्खियों में

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्योता

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्यौता

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ- कपड़ा, आभूषण और मशीनरी निर्यात पर गहरा असर

    भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ- कपड़ा, आभूषण और मशीनरी निर्यात पर गहरा असर

    Amid Trump's tarrif Putin will visit India soon

    अमेरिका का ट्रेड वॉर: संभावनाएं और दुष्परिणाम

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    S-400 ने मार गिराए थे पाकिस्तान के पांच फाइटर जेट, जानें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सबकुछ

    S-400 ने मार गिराए थे पाकिस्तान के पांच फाइटर जेट, जानें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सबकुछ

    ऑपरेशन अखल: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक और आतंकी ढेर, 2 जवान शहीद

    ऑपरेशन अखल: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक और आतंकी ढेर, 2 जवान शहीद

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    "सावधान भारत!" अमेरिका की चाल पर चीनी विशेषज्ञ ने दी सख्त चेतावनी, जानें क्या कहा

    “सावधान भारत!” अमेरिका की चाल पर चीनी विशेषज्ञ ने दी सख्त चेतावनी, जानें क्या कहा

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्योता

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्यौता

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    Amid Trump's tarrif Putin will visit India soon

    अमेरिका का ट्रेड वॉर: संभावनाएं और दुष्परिणाम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार में राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों की निकली हवा, जानें क्या है मामला?

    बिहार में राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों की निकली हवा, जानें क्या है मामला?

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    चुनाव आयोग की राहुल गांधी को दो टूक: घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करें या माफी मांगें

    चुनाव आयोग की राहुल गांधी को दो टूक: घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करें या माफी मांगें

    राहुल के आरोपों के बीच कीर्ति आज़ाद का कांग्रेस के मतदान चोरी का वीडियो फिर से सुर्खियों में

    राहुल के आरोपों के बीच कीर्ति आज़ाद का कांग्रेस के मतदान चोरी का वीडियो फिर से सुर्खियों में

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्योता

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्यौता

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ- कपड़ा, आभूषण और मशीनरी निर्यात पर गहरा असर

    भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ- कपड़ा, आभूषण और मशीनरी निर्यात पर गहरा असर

    Amid Trump's tarrif Putin will visit India soon

    अमेरिका का ट्रेड वॉर: संभावनाएं और दुष्परिणाम

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    S-400 ने मार गिराए थे पाकिस्तान के पांच फाइटर जेट, जानें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सबकुछ

    S-400 ने मार गिराए थे पाकिस्तान के पांच फाइटर जेट, जानें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सबकुछ

    ऑपरेशन अखल: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक और आतंकी ढेर, 2 जवान शहीद

    ऑपरेशन अखल: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक और आतंकी ढेर, 2 जवान शहीद

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    "सावधान भारत!" अमेरिका की चाल पर चीनी विशेषज्ञ ने दी सख्त चेतावनी, जानें क्या कहा

    “सावधान भारत!” अमेरिका की चाल पर चीनी विशेषज्ञ ने दी सख्त चेतावनी, जानें क्या कहा

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्योता

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्यौता

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    Amid Trump's tarrif Putin will visit India soon

    अमेरिका का ट्रेड वॉर: संभावनाएं और दुष्परिणाम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

पंचशील सिद्धांत जिस पर अड़कर नेहरू ने भारत की छवि ‘एक दुर्बल देश’ के रूप में प्रस्तुत की

नेहरू के अति महत्वाकांक्षी होने और पंचशील सिद्धांत पर अड़े रहने के कारण भारत को हार का मुंह देखना पड़ा था।

TFI Desk द्वारा TFI Desk
15 January 2023
in इतिहास, ज्ञान
Panchsheel agreement: A fake narrative created by Nehru

SOURCE GOOGLE

Share on FacebookShare on X

साल 1947 में भारत की आजादी के साथ-साथ एशिया और अफ्रीका के विभिन्न देश कई सालों की औपनिवेशिक परतंत्रता से स्वतंत्र हो रहे थे। समूचे एशिया और अफ्रीका से सूट-बूट पहनने वाले पश्चिमी लुटेरे धीरे-धीरे अपने घर की ओर प्रस्थान करने लगे थे। जनता ने जिस स्वराज की स्थापना का सपना देखा था वह सच होने जा रहा था। लेकिन दूसरी ओर दुनिया में एक मानसिक और वैचारिक परतंत्रता की लहर चल पड़ी थी, जिसे हम शीत युद्ध के नाम से जानते हैं।

जब दुनिया दो ध्रुवों में बंट गई

शीत युद्ध के दौरान दुनिया दो ध्रुवों में बंट गई थी जिसमें से एक था संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) और दूसरा था सोवियत संघ (USSR)। ये दुनिया के दो नये बाहुबली थे जिसमें एक कट्टर पूंजीवाद का अनुसरण करने वाला और दूसरा कट्टर समाजवादी विचारधारा का अनुसरण वाला था। ऐसे में दुनिया के बाकी देशों के समक्ष इन दोनों देशों में से किसी एक का हाथ थामना आवश्यक जान पड़ता था। लेकिन भारत ने शीत युद्ध के दौरान ‘गुट निरपेक्षता’ यानी दोनों में से किसी के भी साथ न जाने की नीति अपनायी। हालांकि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू व्यक्तिगत रूप से समाजवादी विचाधारा से प्रभावित थे जोकि आने वाले समय में उनकी नीतियों में भी देखने के लिए मिलता है।

संबंधितपोस्ट

श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमयी मृत्यु की जांच को लेकर उनकी मां से क्या बोले थे नेहरू?

आगे आंबेडकर, पीछे हंटर लेकर नेहरू… कांग्रेस सरकार में यही पढ़ाता था NCERT, योगेंद्र यादव को देना पड़ा था इस्तीफा

नेहरू-गांधी गाते थे जिनके गाने, इलाज के अभाव में हो गई थी उनकी मौत: कहानी ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा’ लिखने वाले ‘पार्षद जी’ की

और लोड करें

नेहरू भू-राजनीति में रुचि रखने वाले और स्वयं की छवि को एक ग्लोबल लीडर के रूप में पेश करने वाले महत्वाकांक्षी नेता थे। देश के स्वतंत्र होने के बाद नेहरू देश के प्रधानमंत्री तो बन ही गए थे लेकिन अब उन्हें वैश्विक स्तर पर अपनी छवि को उभारना था। जिसके लिए उन्होंने कई ऐसे निर्णय लिए जो बाद में बड़े ही दुखदायी सिद्ध हुए। इन्हीं फैसलों में से एक था ‘पंचशील सिद्धांत’ जिसे नेहरू ने एक शांति समझौते के रूप में पेश किया था लेकिन ये आगे चलकर भारत में अशांति फैलाने का सबसे बड़ा कारण सिद्ध हुआ।

और पढ़ें- मिलिए इतिहासकार जेम्स मिल से, जो एक बार भी भारत नहीं आए लेकिन भारत का इतिहास लिख डाला

चीन सिद्धांतों पर चलने वाला देश नहीं है

आज नेहरू द्वारा लाए गए पंचशील सिद्धांत के बारे में विस्तार से जानेंगे और जानेंगे कि नेहरू पंचशील सिद्धांत क्यों लेकर आए और इसके असफल होने के बाद भी वे इसी सिद्धांत पर क्यों अड़े रहे? इस लेख में समझने का प्रयास करेंगे कि क्यों उन्होंने नहीं पहचाना कि चीन सिद्धांतों पर चलने वाला देश नहीं है?

1947 में भारत के स्वतंत्र होने के बाद एशिया में भारत और चीन दो ही बड़े देश थे और आज भी हैं। एक ओर भारत की बागडोर नेहरू के हाथ में थी तो वहीं दूसरी ओर चीन की बागडोर ‘चाऊ एन लाई’ के हाथ में थी। दोनों देश नये-नये स्वतंत्र हुए देश थे और नेहरू चीन के साथ भारत के संबंधों को बेहतर बनाकर स्वयं को वैश्विक नेता के रूप में प्रस्तुत करना चाहते थे। इसीलिए वे पांच सिद्धातों का एक प्रारूप लेकर आए जो पंचशील सिद्धांत के नाम से जाना गया। 29 अप्रैल 1954 को बीजिंग में इस समझौते पर दोनों देशों ने हस्ताक्षर किए जिसका मूल उद्देश्य दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण सह अस्तित्व की व्यवस्था कायम करना था। इसके अंतर्गत निम्नलिखित पांच सिद्धांतों को रखा गया था-

  • एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना।
  • एक-दूसरे पर आक्रमण न करना।
  • परस्पर सहयोग एवं लाभ को बढ़ावा देना।
  • एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का परस्पर सम्मान करना।
  • शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की नीति को अपनाना।

पंचशील में इन पांच सिद्धांतों को रखा गया था। जिनका प्रभाव न सिर्फ चीन के साथ भारत के संबंधों में देखने के लिए मिला बल्कि भारत की सम्पूर्ण विदेश नीति पर इसका प्रभाव देखा गया।

और पढ़ें- महाजनपदों का गौरवशाली इतिहास: भाग 4- अवंती

कैसे असफल हुआ पंचशील?

पंचशील समझौते को अपनाने और उसके बाद आए इसके परिणामों का अध्ययन किया जाए तो पंचशील असफल दिखाई देता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसे व्यवहारिकता नहीं बल्कि सैद्धांतिकता को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था। चीन जिस वामपंथी विचारधारा के साथ अपने यहां शासन चलाता है या उसकी जो विस्तारवाद की नीति है उस पर यदि ध्यान दें तो पंचशील जैसे सिद्धांतों को चीन कभी अपना ही नहीं सकता है। ऐसे में नेहरू का चीन के साथ पंचशील जैसे सिद्धांतों पर समझौता करना भारत को दुर्बल स्थिति में डालने वाला कदम था।

अंततः इसका परिणाम भी कुछ ऐसा ही हुआ। चीन ने पंचशील सिद्धांत पर हस्ताक्षर तो किया लेकिन उसने इसे कभी अपनाया नहीं। वहीं दूसरी ओर भारत इन सिद्धांतों का प्रतिपादक था, इसलिए वह इसका मजबूती से पालन करता रहा जिसके चलते चीन के समक्ष भारत की छवि एक दुर्बल देश के रूप प्रस्तुत होती गई और अंत में उसने भारत के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया।

और पढ़ें-अंततः भारत ई-स्पोर्ट्स के क्षेत्र में इतिहास रचने के लिए उतर ही गया

नेहरू क्यों गाते रहे पंचशील के गान?

पंचशील की शुरुआत होने के बाद से ही चीन ने इसका कभी भी पूर्ण रूप से पालन नहीं किया लेकिन नेहरू फिर भी पंचशील का गान करते हुए हिंदी चीनी भाई-भाई का नारा दे रहे थे। उनकी ये सबसे बड़ी भूल थी कि वे यह मान कर चल रहे थे कि चीन शांति की राह पर आकर भारत के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगा। 1950 में जब चीन ने तिब्बत पर हमला किया था तब भी नेहरू पंचशील को ध्यान में रखते हुए चीन की आलोचना नहीं की। हालांकि तिब्बत पर कब्जा करने के बाद नेहरू के करीबियों ने उन्हें पंचशील के सिद्धांतों पर अमल न करने की सलाह दी थी क्योंकि जो चीन तिब्बत पर आक्रमण कर सकता है वो तो भारत पर भी कर सकता है।

नेहरू तो नेहरू थे वो इन स्थितियों को समझना ही नहीं चाहते थे, पंचशील पर पूर्ण रूप से विश्वास था इसलिए वे अभी भी यही समझ रहे थे कि चीन-भारत का मित्र देश है। पर नेहरू का यह भ्रम जल्द ही तब टूट गया जब चीन ने 20 अक्टूबर 1962 के दिन सुबह 5 बजे लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश पर एक साथ हमला किया। 20 अक्टूबर से 21 नवंबर के बीच चले इस युद्ध में भारत को हार का सामना करना पड़ा और नेहरू का हिंदी-चीनी भाई-भाई का नारा धरा का धरा रह गया।

और पढ़े- पिछले 70 वर्षों से उसे कमजोर साबित किया जा रहा है, लेकिन अर्जुन भारतीय इतिहास के सबसे महान योद्धा थे

पंचशील नेहरू की सबसे बड़ी भूल

1962 के युद्ध में भारत के तीन हजार के लगभग सैनिक शहीद हुए थे और लगभग 43 हजार वर्ग किलोमीटर भूमि पर चीन ने तब कब्जा किया था, जिसमें से आज भी एक बड़ा भाग चीन के पास ही है। इस तरह नेहरू की वैश्विक नेता बनने की महत्वाकांक्षा धरी की धरी रह गई और हार के बाद देश में उनकी छवि धूमिल हुई सो अलग।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें। 

Tags: चीन भारत युद्धजवाहर लाल नेहरूपंचशील सिद्धांत
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

ISRO जासूसी मामला: नंबी नारायण के शोषण के पीछे अमेरिका था? CBI ने High Court में क्या बताया?

अगली पोस्ट

रामायण के रचयिता कौन है : इतिहास एवं रोचक तथ्य

संबंधित पोस्ट

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन
मत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रक्षाबंधन

9 August 2025

आज घटित हुई एक छोटी सी घटना इस लेख का कारण बनी। कई दिनों की लंबी यात्रा के बाद पिछले कल गाज़ियाबाद पहुंचा था। परिवार...

भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?
इतिहास

भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

8 August 2025

अगले कल अर्थात शनिवार 9 अगस्त को 'विश्व मूलनिवासी दिवस', विश्व के कुछ हिस्सों मे मनाया जाएगा। वामपंथियों ने, 'फॉल्ट लाईन चौडी करने' की रणनीति...

दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब
चर्चित

दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

5 August 2025

राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) 26 से 28 अगस्त तक तीन-दिवसीय संवाद कार्यक्रम कर रहा है। आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत इस कार्यक्रम...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Legal Expert: Inside Sanjay Kapoor's Rs 18,000 Cr property Distribution

Legal Expert: Inside Sanjay Kapoor's Rs 18,000 Cr property Distribution

00:10:19

From jewellery to petroleum, know all about key exports at risk under Trump's 50% tariffs

00:04:28

himalayan fragility exposed. Dharali: Not Just A Cloudburst?

00:20:21

India’s Project-18 Warship Will Crush China’s Indo-Pacific Dreams

00:05:52

PRALAY MISSILE: Know about India’s 5,000 kg Beast That Can Evade Any Radar

00:05:52
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited