पेशाब कांड: वामपंथियों ने इसमें भी एजेंडा नहीं छोड़ा, भारत और आरोपी की जाति को बना रहे हैं निशाना

राजदीप सरदेसाई, सागरिका घोष और शेखर गुप्ता जैसे तथाकथित निष्पक्ष पत्रकार इस मामले को हिंदू-मुस्लिम का रंग देने और पूरे भारत को ही बुरा-भला कहने में लगे हैं।

पेशाब कांड

Source- TFI

एअर इंडिया पेशाब कांड: नवंबर 2022 में एयर इंडिया के प्लेन में हुए ‘पेशाब कांड’ पर खूब जमकर चर्चा हुई और आज भी हो रही है। किसी ने इसकी आलोचना की तो किसी ने इसे शर्मनाक कृत्य बताया जोकि उचित भी है। लेकिन तथाकथित निष्पक्ष पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों ने इस मामले को हिंदू-मुस्लिम, क्षेत्रवाद और भारतीयता के रंग में रंगकर सोशल मीडिया पर अपनी मानसिक कुंठा का खूब वमन किया। लेकिन लोगों ने उल्टा इन पत्रकारों को ही लताड़ लगा दी। ऐसे में इस मामले पर तर्कों के साथ विस्तारपूर्वक चर्चा करना बेहद आवश्यक है। इसीलिए आज हम एयर इंडिया के ‘पेशाब कांड’ को लेकर विस्तार से चर्चा करेंगे और जानेंगे कि आखिककार पूरा मुद्दा क्या था और तथाकथित निष्पक्ष पत्रकारों ने लोगों के सामने इसे किस प्रकार पेश किया?

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पेशाब कांड: तथाकथित निष्पक्ष पत्रकारों के अद्भुत विचार

दरअसल, 26 नवंबर 2022 को एयर इंडिया की एक फ्लाइट न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रही थी। इसी फ्लाइट के बिजनेस क्लास में शंकर मिश्रा नाम का एक व्यक्ति सवार था। उसके ऊपर आरोप है कि उसने नशे की हालत में महिला यात्री के ऊपर पेशाब कर दिया था। हालांकि इस घटना को लेकर 4 जनवरी को महिला ने केस दर्ज कराया है। पुलिस ने आरोपी शंकर मिश्रा को गिरफ्तार कर 14 दिन की पुलिस हिरासत में भी भेज दिया है। लेकिन यह मामला सिर्फ शिकायत और एफआईआर तक ही सीमित नहीं है बल्कि इससे बहुत आगे निकल चुका है।

सोशल मीडिया पर एअर इंडिया पेशाब कांड को लेकर लोग दो ध्रुवों में बंट चुक हैं। एक जो इसका खुलकर विरोध कर रहे हैं और दूसरे राजदीप सरदेसाई, इनकी पत्नी सागरिका घोष और द प्रिंट के शेखर गुप्ता जैसे तथाकथित निष्पक्ष पत्रकार इस मामले को घुमा फिराकर लोगों को भटका रहे हैं। उदाहरण के लिए राजदीप सरदेसाई ने इस मामले पर अपने विचार रखते हुए एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा था- “शेखर मिश्रा की जगह कोई खान होता तो आप सोचिए प्राइम टाइम पर किसकी बात होती।” फिर आगे वे लिखते हैं कि कानून सबके लिए समान होना चाहिए।

राजदीप सरदेसाई के इस ट्वीट को देखने और उस पर विचार करने के बाद तो यही प्रतीत होता है कि वो मानसिक रूप से कुंठित हैं और उनका ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई लिखाई करना सब कुछ व्यर्थ है, क्योंकि वे मामले पर गंभीरता से विचार करने और कार्रवाई होने की बात करने की जगह मुद्दे को हिंदू-मुस्लिम के चश्मे से देख रहे हैं।

अब राजदीप के बाद बात आती है एक और तथाकथित निष्पक्ष पत्रकार सागरिका घोष की। ये पेशे से पत्रकार हैं और राजदीप सरदेसाई की पत्नी भी हैं। लेकिन इन्होंने तो राजदीप से एक नहीं, दो नहीं दस कदम आगे जाकर इस मामले पर अपने कुंठित विचार प्रकट किए हैं। दरअसल, इन्होंने इस मामले पर कई ट्वीट किए जिसमें भारत के सभी लोगों को संस्कारहीन, विदेश में अच्छा व्यवहार न करने और जैसी कई बातें कहीं। यही नहीं सागरिका ने सभी भारतीयों को सामाजिक व्यवहार सीखने के लिए स्कूल में कोर्स करने तक का सुझाव दे दिया।

राजदीप और सागरिका की श्रेणी में ही एक और महानुभाव और विचारक हैं जो दुनिया की हर एक बात पर अपने विचार प्रकट करते हैं। ये हैं द प्रिंट के पत्रकार शेखर गुप्ता। इन्होंने तो सभी भारतीयों को दुनिया का सबसे खराब व्यवहार वाला यात्री ही बता दिया।

इन तीनों की मानसिक कुंठा और एकतरफा विचारों को देखने के बाद बड़ा ही हास्यास्पद लगता है कि जो लोग अपने-आप को निष्पक्ष और बड़ा ही पढ़ा-लिखा बताते हैं वे किसी एक व्यक्ति के व्यवहार के चलते पूरे भारतीय समुदाय को कटघरे में खड़ा करने का काम कर रहे हैं और ऊल-जलूल कुछ भी बोलते जा रहे हैं। यहीं नहीं सागरिका और शेखर के ट्विट्स को पढ़कर तो यही लगता है कि ये अभी भी उपनिवेशवादी मानसिकता से ग्रसित हैं। इसके बाद सोशल मीडिया पर जब लोग इन्हें देश विरोधी कहेंगे तो फिर अपने-आप को लाचार बताकर रोने लग जाते हैं।

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ऐसी घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं

एयर इंडिया में हुई पेशाब कांड को जिस प्रकार राजदीप, सागरिका और शेखर जैसे लोगों ने पहली घटना के रूप में पेश किया वैसा बिल्कुल भी नहीं है। क्योंकि एयर इंडिया में हुई इस घटना के कुछ दिन बाद ही गोवा से मुंबई जा रहे दो विदेशी यात्रियों को फ्लाइट से नीचे उतार दिया गया। विमान कंपनी गो फर्स्ट के प्रवक्ता के अनुसार दोनों यात्रियों ने क्रू मेंबर्स पर भद्दी टिप्पणियां की थी और साथी यात्रियों को भी परेशान किया। इसके अलावा 2022 के सितंबर महीने में पेशावर से दुबई जा रही पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की फ्लाइट में सवार एक यात्री ने प्लेन के अंदर ही हंगामा खड़ा कर दिया था। यात्री ने सीटों पर चढ़कर हंगामा खड़ा कर दिया था। इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था।

इसी अलावा नवंबर 2022 में ही अमेरिका से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था जिसमें फ्लाइट में एक महिला 37000 फीट की ऊंचाई से दरवाजा खोलने की जिद पर अड़ गई थी। उसका कहना था कि जीसस ने मुझे ऐसा करने के लिए कहा था। इसलिए शंकर मिश्रा ने जो किया वो जितना गलत है उतना ये दूसरे मामले भी गलत हैं। शंकर मिश्रा पर कार्रवाई होनी चाहिए, वो उचित है लेकिन वामपंथियों पत्रकारों का इस तरह से पूरे देश को भला बुरा कहना कतई उचित नहीं है।

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