अशनीर ग्रोवर बिजनेस की दुनिया का ऐसा नाम है, जो हर किसी की जुबान पर रहता है. उनकी सोच, उनके मॉडल और उनके तरीकों के सभी दीवाने हैं. अभी तक अपने दम पर वो कई कंपनियां खड़ा कर चुके हैं और फिनटेक स्टार्टअप ‘भारतपे’ भी उन्हीं में से एक है. ग्रोवर ने अपने दम पर कंपनी को खड़ा किया, उसे बनाया, प्लानिंग की, चीजों को बेहतर किया और उसका नतीजा यह रहा कि भारतपे को वित्त वर्ष 2021 में 20 गुना अधिक मुनाफा हुआ. लेकिन कुछ समय बाद कंपनी में ही अशनीर ग्रोवर के विरूद्ध षड्यंत्र रचा जाना आरंभ हो गया और स्थिति तो ऐसी बन गई कि मार्च 2022 में ग्रोवर ने भारतपे (BharatPe) के CEO के पद से इस्तीफा भी दे दिया. उसके बाद सुहैल समीर भारतपे (BharatPe) के चीफ एक्सक्यूटिव ऑफिसर बने लेकिन हालात ऐसे हुए कि मात्र 8-9 महीने में ही उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है.
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सुहैल समीर का इस्तीफा
दरअसल, सुहैल समीर ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया है. भारतपे (BharatPe) ने अपने एक बयान में कहा कि समीर 7 जनवरी 2023 से रणनीतिक सलाहकार के रूप में सेवाएं देंगे. वहीं, मौजूदा मुख्य वित्तीय अधिकारी नलिन नेगी को कंपनी का अंतरिम CEO बनाया गया है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब भारतपे के किसी अधिकारी ने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया हो.
इससे पहले भी भारतपे के कई बड़े अधिकारी कंपनी छोड़ चुके हैं. इस सूची में मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी विजय अग्रवाल, ऋण देने और उपभोक्ता उत्पादों के मुख्य उत्पाद अधिकारी रजत जैन, उपभोक्ता कर्ज देने वाले प्लेटफॉर्म PostPe के प्रमुख नेहुल मल्होत्रा और प्रौद्योगिकी के उपाध्यक्ष गीतांशु सिंगला जैसे बड़े नाम शामिल हैं. कंपनी के चीफ रेवेन्यू ऑफिसर निशीत शर्मा ने भी जून 2022 में इस्तीफा दे दिया था और भारतपे (BharatPe) के फाउंडिंग मेंबर्स में से एक सत्यम नैथानी ने भी जून में ही कंपनी छोड़ दी थी. वहीं, जून 2022 में भाविक कोलाडिया ने भी कंपनी को छोड़ दिया था.
कंपनी का रेवेन्यू और घाटा
ध्यान देने योग्य है कि वित्त वर्ष 2021 में कंपनी का रेवेन्यू 119 करोड़ रहा, जो वित्त वर्ष 2020 में 6 करोड़ था. उसके साथ ही कंपनी का घाटा भी बढ़कर 1619 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष में 916 करोड़ रुपये था. ज्ञात हो कि उस समय कंपनी की कमान अशनीर ग्रोवर के हाथों में ही थी. उनके समय में कंपनी ने अच्छा मुनाफा कमाया लेकिन कंपनी ने उस वित्त वर्ष में बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए जमकर खर्च किया और घाटा बढ़ने का मुख्य कारण यही रहा.
यानी एक तरह से कहां जाए तो चीजें तब बहुत अधिक खराब नहीं हुई थी और एक तय रणनीति के तहत कंपनी आगे बढ़ रही थी. लेकिन मार्च 2022 में जब अशनीर ग्रोवर ने अपने पद से इस्तीफा दिया और उसके बाद जिनके हाथों में कंपनी की कमान आई, उन्होंने कंपनी का बंटाधार ही करके रख दिया. हालिया रिपोर्ट के अनुसार, जहां कंपनी का राजस्व बढ़कर 169 फीसदी तक हो गया है वहीं वित्तीय वर्ष 2022 में घाटा भी बढ़कर 5,594 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. कंपनी का राजस्व वित्त वर्ष 2022 में 321 करोड़ रुपये रहा, जबकि यह वित्त वर्ष 2021 में 119 करोड़ रुपये था. पिछले वर्ष कंपनी का घाटा 1619 करोड़ रुपये था.
भारतपे (BharatPe) को ढूंढना होगा समाधान
आपको बताते चलें कि वर्ष 2018 में अशनीर ग्रोवर ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर इस कंपनी की शुरूआत की थी और फिर देखते ही देखते यह बुलंदियों पर पहुंचने लगी. स्थापना के बाद से ग्रोवर ही कंपनी को संभाल रहे थे लेकिन मार्च 2022 में एक षड्यंत्र के तहत उन्हें कंपनी से निकालने का प्रयत्न किया गया और लोग सफल भी हुए लेकिन उनके जाने का असर अब कंपनी पर दिख भी रहा है. कंपनी को होने वाले घाटे और कई वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कंपनी को छोड़ने से अब भारतपे (BharatPe) के भविष्य पर संकट मंडराता दिख रहा है. साथ ही इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि अशनीर ग्रोवर के इस्तीफे के बाद से कंपनी काफी ज्यादा संघर्ष कर रही है. ऐसे में अब अगर भारतपे (BharatPe) जल्द ही इस मुश्किल घड़ी का समाधान नहीं निकाल पाता है, तो उसका बर्बाद होना तय है.
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