Shiv Guru : राम नाम की गुरु दक्षिणा : एवं शिव भजन , नियम
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Shiv Guru साथ ही इससे जुड़े विधि एवं नियम के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें
किसी को भी लाभ के लिये गुरु नही बनाया जाता। बल्कि गुरु की सकारात्मकता प्राप्त करके लोक परलोक सुधारने के लिये गुरु धारण करने की आवश्यकता होती है। भगवान शिव से अधिक सकारात्मकता कहीं और नही। गुरु रूप में उन्हें धारण करके इस लोक के सुखों को भोगते हुए मोक्ष तक पहुंचना आसान है।
राम नाम की गुरु दक्षिणा –
भगवान शिव को राम नाम बहुत प्रिय है. वे सदैव राम नाम का चिंतन करते रहते हैं. इसलिये गुरु दक्षिणा के रूप में उन्हें रोज 10 मिनट राम नाम जरूर सुनायें उनसे कहें, हे मेरे गुरू देव आपको प्रणाम है आपको साक्षी बनाकर मै गुरू दक्षिणा के रूप में आपको राम नाम सुना रहा हूं मेरे मन मंदिर में विराजमान होकर राम नाम सुने, प्रशन्न हों और मुझे निरंतर शिव ज्ञान प्रदान करें।
उसके बाद 10 मिनट मन ही मन में राम राम का जप करें।
शिव शिष्यता के नियम –
भगवान शिव भोले भंडारी हैं। वे किसी पर कोई नियम नही थोपते। गलती होने पर भी अपने शिष्यों को सीख देकर सुधरने का अवसर देते हैं, सजा नही देते। वे चाहते हैं कि उनके शिष्य किसी के लिये दुख का कारण न बनें। इसलिये गिने चुने प्रतिबंध निभाने होते हैं।
- किसी की आलोचना न करें।
- गैर जरूरी तर्क से बचें।
शिवगुरु –
कोई भी शिष्य अपनी जिज्ञासाओं के लिये अपने गुरु की ओर निहारता है। उनसे अपने सवालों के जवाब पाने की उम्मीद रखता है। आप भी शिवगुरु से अपने सवालों के जवाब प्राप्त करें। उनसे पूछा गया कोई सवाल अनुत्तरित नही रहता। उचित समय पर परोक्ष या अपरोक्ष रूप से हर सवाल का जवाब मिल ही जाता है। अनाहत चक्र मन की गति से काम करता है। वहां आमंत्रित शिव शक्तियां ब्रह्मांड से सवालों के जवाब मन की गति से ले आती हैं। उन्हें डिकोड करने में जितना समय लगता है, वही समय जवाब समझ पाने में लगता है। आगे मै जो तकनीक बता रहा हूँ, उसका जितना अधिक अभ्यास करेंगे, उतनी ही सटीकता से अपने सवालों के जवाब समझ सकेंगे। यह तकनीक विश्वास और अवचेतन शक्ति कार्य विज्ञान पर आधारित है।
शिवगुरु से सवालों के जवाब पाने की विधि –
- सुविधाजनक स्थिति में शांत मन से बैठ जाएं। 16 बार लम्बी और गहरी सांसें लें।
- फिर शिवगुरु से अपने जवाब का आग्रह करें। कहें- “हे शिव आप मेरे गुरु हैं, मै आपका शिष्य हूँ। मेरा नमन स्वीकारें। मुझे अपनी शरण में लें। मुझे शिव ज्ञान दें। आपको साक्षी बनाकर आपके समक्ष अपना सवाल रख रहा हूँ, इसे स्वीकार करें और मुझे इसके जवाब से अवगत करायें। आपका धन्यवाद।”
- इसे 3 बार दोहरायें। फिर अपना सवाल कहें। ध्यान रहे सवाल स्पष्ट होना चाहिये। एक सवाल में कई सवाल शामिल न हों।
शिवगुरु से अपनी समस्या समाधान का आग्रह –
- देवी देवता भी अपनी समस्या लेकर भगवान शिव के पास जाते हैं। आप भी उनसे अपने समाधान का आग्रह करें। इसके लिये सुविधाजनक स्थिति में शांत मन से बैठ जाएं। 16 बार लम्बी और गहरी सांसें लें।
- फिर शिवगुरु से समस्या समाधान का आग्रह करें। कहें- “हे शिव आप मेरे गुरु हैं, मै आपका शिष्य हूँ। मेरा नमन स्वीकारें। मुझे अपनी शरण में लें। मुझे शिव ज्ञान दें। मै विपत्तियों, व्याधियों, समस्याओं से आहत हूँ।
शिव गीत –
हर भोला हर भोला, भोला बाबा हर हर
हर शिवा हर शिव, शिव-शिव हर हर ॥
हर भोला हर भोला, भोला भोला हर हर ।
हर शिव हर शिव, शिव शिव हर हर ॥
हर भोला हर भोला, भोला भोला हर हर ।
हर शिव हर शिव, शिव शिव हर हर ॥
हर भोला हर भोला, भोला भोला हर हर
हर शिव हर शिव, शिव शिव हर हर ॥
हर हर महादेव दया कर गुरूदेव
शिव भजन-
महादेव तुम्हारे चरणों को,
जब हमको ठिकाना हो जाता ।
तो संकट सारे मिट जाते,
निर्वाह हमारा हो जाता ॥
महादेव तुम्हारे चरणों का…इस भंवर में अटकी है।
नैइया मल्लाह तुरहीं तो हो गुरूवर
थोड़ी सी मदद जो कर देते,
नैइया भी किनारा हो जाता,
मैं दुःखों का सताया हूँ दुखिया,
क्यों मेरी याद भुलातें है।
प्रभु मेरे दुखों को हर लेते,
जीने का सहारा हो जाता।
महादेव तुम्हारे चरणों का ।
मै पापी अतिशय हूँ गुरूवर,
तुम पतिता पावन कहलाते हो
मेरे पापों को जो मिटा देते,
तो नाम तुम्हारा हो जाता ॥
महादेव तुम्हारे चरणों का……।
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