Vakya Kise Kahate Hain वाक्य किसे कहते हैं? – भेद एवं उद्देश्य
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Vakya Kise Kahate Hain बारे में साथ ही इससे जुड़े भेद एवं उद्देश्य के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें.
वाक्य किसे कहते हैं? –
शब्दों का ऐसा सार्थक समूह जिससे वक्ता को पूरी बात समझ में आ जाये वाक्य कहलाता है। अथवा सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह जिससे अपेक्षित अर्थ प्रकट हो, वाक्य कहलाता है। जैसे-शीला, रमेश की बहन है।
वाक्य के दो भेद होते है –
- उद्देश्य
- विधेय
उद्देश्य –
जिस विषय के बारे में जानकारी दी जा रही है, उन्हें उद्देश्य कहा जाता है।
राधिका नाचती है।
विधेय –
वाक्य के उद्देश्य के बारे में जो कुछ कहा जाता है, उसे विधेय कहते हैं। जैसे गगन ‘खेलता है‘। राम ‘दौड़ता है इन वाक्यों में ‘खेलता है’ और ‘दौड़ता है’ विधेय है। वाक्य से उद्देश्य को अलग करने के बाद जो भी बचता है, विधेय कहलाता है।
वाक्य के प्रकार
अर्थ के आधार पर हिन्दी में वाक्य के 8 प्रकार होते हैं।
- विधानवाचक वाक्य
- निषेधवाचक वाक्य
- आज्ञावाचक वाक्य
- प्रश्नवाचक वाक्य
- इच्छावाचक वाक्य
- संदेहवाचक वाक्य
- संकेतवाचक वाक्य
- विस्मयादिबोधक वाक्य
विधानवाचक वाक्य-
जिन वाक्यों से किसी कार्य के करने या पूर्ण होने का बोध हो, उन्हें विधानवाचक वाक्य कहते है।
उदाहरण –
- अनुज गेंद खेलता है।
- कुतुबमीनार दिल्ली में है।
निषेधवाचक वाक्य –
जिन वाक्यों से किसी कार्य के न करने या होने का बोध हो, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण
- यह एक फूल नहीं है।
- हमने चाय नहीं पी है।
आज्ञावाचक वाक्य –
वह वाक्य जिनमें आदेश, आज्ञा या अनुमति का पता चलता हो, उन वाक्य को आज्ञा वाचक वाक्य कहा जाता है।
उदाहरण –
- कृपया वहां पर बैठ जाइए।
- आपको अपनी मदद स्वयं करनी पड़ेगी।
- आपको यह काम करना पड़ेगा ।
- कृपया करके शांति बनाए रखें।
प्रश्नवाचक वाक्य –
ऐसे वाक्य जिनमें किसी प्रश्न का बोध हो, उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहा जाता है। प्रश्नवाचक वाक्य के नाम से ही पता चलता है कि इस वाक्य में प्रश्नों का बोध होने वाला है।
उदाहरण –
- तुम्हारा कौन सा देश है?
- वह क्या लिखती है?
- आपके पिता जी कहाँ काम करते हैं?
- तुम कौन से गांव में रहते हो?
इच्छावाचक वाक्य-
जिन वाक्यों से आशीर्वाद, इच्छा तथा शुभकामना आदि भावों का बोध हो, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण –
- आपकी यात्रा मंगलमय हो।
- आज मैं जमकर खाऊंगा।
- जन्मदिन मुबारक हो।
- ईश्वर आपको दीर्घायु दे।
- ईश्वर आपका कल्याण करें।
- अब हमें सो जाना चाहिए।
संदेह वाचक वाक्य –
जिन वाक्यों से संदेह या संभावना व्यक्त होती है, उन्हें संदेह वाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण-
- शायद वह भूखा है।
- आज वर्षा होगी हो सकती है।
- हो सकता है कि वह आज स्कूल आए।
- शायद आज वर्षा बंद नहीं होगी।
- शायद आज वह नहीं आयेगा।
संकेतवाचक वाक्य-
जिन वाक्यों में एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर होता है, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण-
- अच्छे से प्रैक्टिस करते,तो मैडल मिल जाता।
- अच्छी तैयारी की होती, तो सिलेक्शन हो जाता।
- अगर वर्षा होगी तो फसल भी ठीक होगा।
- आज अगर भैया होते तो सब ठीक होता।
- अगर उसने झूठ ना बोला होता तो हम साथ होते।
- अगर रुक जाती तो मैं घर चला जाता।
विस्मयादिबोधक वाक्य-
जिन वाक्यों से आश्चर्य, घृणा, क्रोध, शोक आदि का भाव प्रकट हो, उन्हें विस्मयवाचक वाक्य कहते हैं। इसे ‘!’ चिह्न के साथ लिखा जाता है।
उदाहरण-
- ओह! आज दिन कितना ठंडा है।
- बल्ले बल्ले! हमें जीत मिल गई।
- शाबाश! तुमने कर दिखाया।
- अहा! मजा आ गया।
- ओह! आज कितनी ठण्ड है।
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