TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    महाभारत के ‘पाँच पांडव” और आज के युग के संघ के ‘पाँच परिवर्तन’

    महाभारत के ‘पाँच पांडव” और आज के युग के संघ के ‘पाँच परिवर्तन’

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    कर्पूरी की धरती से पीएम मोदी का संकल्प: लालटेन का युग खत्म, सुशासन का सवेरा शुरू

    कर्पूरी की धरती से पीएम मोदी का संकल्प: लालटेन का युग खत्म, सुशासन का सवेरा शुरू

    महाकाल के गायक को ‘लेफ्ट’ बनाने की कोशिश! हिमंत सरमा बोले—ज़ुबिन की आत्मा के साथ विश्वासघात

    महाकाल के गायक को ‘लेफ्ट’ बनाने की कोशिश! हिमंत सरमा बोले-ज़ुबिन की आत्मा के साथ विश्वासघात

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    बीबीसी की निराशा और भारत का शांत Gen Z: सड़कों पर आग की नहीं, नवाचार और सुधार की क्रांति

    बीबीसी की निराशा और भारत का शांत Gen Z: सड़कों पर आग की नहीं, नवाचार और सुधार की क्रांति

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    अब क्या करेगा पाकिस्तान, भारत की तरह अब अफगानिस्तान भी रोकने जा रहा है पानी, तालिबान का कुनार बांध, चीन की दिलचस्पी और जल-राजनीति के नए दक्षिण एशियाई समीकरण

    अब क्या करेगा पाकिस्तान, भारत की तरह अब अफगानिस्तान भी रोकने जा रहा है पानी, तालिबान का कुनार बांध, चीन की दिलचस्पी और जल-राजनीति के नए दक्षिण एशियाई समीकरण

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    महाभारत के ‘पाँच पांडव” और आज के युग के संघ के ‘पाँच परिवर्तन’

    महाभारत के ‘पाँच पांडव” और आज के युग के संघ के ‘पाँच परिवर्तन’

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    कर्पूरी की धरती से पीएम मोदी का संकल्प: लालटेन का युग खत्म, सुशासन का सवेरा शुरू

    कर्पूरी की धरती से पीएम मोदी का संकल्प: लालटेन का युग खत्म, सुशासन का सवेरा शुरू

    महाकाल के गायक को ‘लेफ्ट’ बनाने की कोशिश! हिमंत सरमा बोले—ज़ुबिन की आत्मा के साथ विश्वासघात

    महाकाल के गायक को ‘लेफ्ट’ बनाने की कोशिश! हिमंत सरमा बोले-ज़ुबिन की आत्मा के साथ विश्वासघात

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    बीबीसी की निराशा और भारत का शांत Gen Z: सड़कों पर आग की नहीं, नवाचार और सुधार की क्रांति

    बीबीसी की निराशा और भारत का शांत Gen Z: सड़कों पर आग की नहीं, नवाचार और सुधार की क्रांति

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    अब क्या करेगा पाकिस्तान, भारत की तरह अब अफगानिस्तान भी रोकने जा रहा है पानी, तालिबान का कुनार बांध, चीन की दिलचस्पी और जल-राजनीति के नए दक्षिण एशियाई समीकरण

    अब क्या करेगा पाकिस्तान, भारत की तरह अब अफगानिस्तान भी रोकने जा रहा है पानी, तालिबान का कुनार बांध, चीन की दिलचस्पी और जल-राजनीति के नए दक्षिण एशियाई समीकरण

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

3 अभियुक्त, 1 उद्देश्य: किसने चंद्रशेखर आजाद के साथ विश्वासघात किया?

ये आज भी रहस्य है!

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
17 February 2023
in इतिहास
चंद्रशेखर आज़ाद

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

“दुश्मन की गोलियों का सामना करेंगे,

आजाद ही रहें हैं, और आजाद ही रहेंगे!”

चंद्रशेखर आजाद एक ऐसा नाम जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का उतना ही अभिन्न अंग है जितना सरदार पटेल, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह इत्यादि। 27 फरवरी 1931 को केवल 24 वर्ष की आयु में इन्होंने मातृभूमि को अपने प्राण अर्पण कर दिए और देश ने मानों अपने एक कर्मठ पुत्र को खो दिया जो अपनी भारत मां के लिए अपना सर्वस्व लुटाने को तैयार था। परंतु यदि आपको कहा जाए कि चंद्रशेखर आजाद की मृत्यु रोकी जा सकती थी, तो? चंद्रशेखर आजाद के अल्फ्रेड पार्क में होने की खबर पहुंचाया जाना कोई संयोग नहीं थी, अपितु इसके पीछे इसके सुनियोजित योजना थी।

चंद्रशेखर आज़ाद अपने उपनाम के अनुरूप स्वतंत्र रहे और उन्हें जीते जी पुलिस कभी नहीं पकड़ पाई। परंतु ऐसा क्या हुआ कि जो व्यक्ति पुलिस के लाख प्रयास के बाद भी पकड़ में नहीं आया, वह अचानक से इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के अल्फ्रेड पार्क में घेरा गया और उनके पास वीरगति को प्राप्त होने के सिवाए कोई चारा ही नहीं बचा? इसके पीछे कई थ्योरी हैं, परंतु इतना स्पष्ट है कि एक व्यक्ति के विश्वासघात से ये संभव हुआ था। तो कौन था वो घर का द्रोही?

संबंधितपोस्ट

हैदराबाद का भारत में पूर्ण विलय: जब पटेल ने कहा- नेहरू अपने आप को समझते क्या हैं? आज़ादी की लड़ाई दूसरे लोगों ने भी लड़ी है

नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

और लोड करें

यूं तो चंद्रशेखर आज़ाद से द्वेष रखने वाले कई थे, परंतु उन सभी में 3 नाम प्रमुख तौर पर आते हैं, जिन्होंने कहीं न कहीं पण्डित जी के साथ विश्वासघात किया और इससे उन्हें किसी न किसी भांति लाभ होता।

और पढ़ें: लाल बहादुर शास्त्री की हत्या किसने की? संभावित संदिग्ध- CIA और इंदिरा गांधी!

1) वीरभद्र तिवारी

सर्वप्रथम अभियुक्त इस मामले में ठहरे वीरभद्र तिवारी जिन्हें हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी (HSRA) से रोष था और जिनसे चंद्रशेखर आज़ाद रुष्ट थे। जब भी चंद्रशेखर आज़ाद की मृत्यु का उल्लेख होता है, अधिकतम संस्मरणों में इनका ही सबसे अधिक उल्लेख होता है। ये HSRA के कनिष्ठ सदस्यों में सम्मिलित थे, जिनसे दल छोटे मोटे कार्य करवाती थी।

अब संदेह तो स्वाभाविक है, परंतु जो पार्टी में बहुत ऊंचे कद का न हो, उसे इतनी जानकारी कहां से मिलती। इसके अतिरिक्त जितने भी स्त्रोत उपलब्ध है, उनसे यही ज्ञात होता है कि वीरभद्र तिवारी को चंद्रशेखर आज़ाद की अधिकतम जानकारियों का कोई आभास नहीं था। अब विश्वासघात भी तो वही करने में योग्य होगा, जिसे पल पल की खबर हो। क्या इस ओर किसी ने ध्यान दिया?

और पढ़ें: जब अंग्रेजी में बात कर रही थी नेहरू की बहन और स्टालिन ने कर दी घनघोर बेइज्जती

2) जवाहरलाल नेहरू

एक और नाम, जो चंद्रशेखर आज़ाद की मृत्यु के समय चर्चा में रहता है और वह है जवाहरलाल नेहरू का, जो उस समय कांग्रेस के युवा दल का नेतृत्व कर रहे थे। इनके पिता मोतीलाल नेहरू अति लोकप्रिय अधिवक्ता कांग्रेस नेता होने के साथ साथ क्रांतिकारियों का भी अप्रत्यक्ष समर्थन करते थे, एवं उन्हें समय समय पर वित्तीय सहायता भी देते थे। परंतु जवाहरलाल नेहरू न तो इतने प्रबल थे, न ही इतने सशक्त। उल्टे वे क्रांतिकारियों को हीन दृष्टि से देखते थे।

इसके कई अवसर सामने आए हैं। उदाहरण के लिए जवाहरलाल से आज़ाद की भेंट आनन्द भवन में हुई थी उसका ज़िक्र नेहरू ने अपनी आत्मकथा में ‘फासीवादी मनोवृत्ति’ के रूप में किया है। यानि क्रांतिकारी इनके लिए फासीवादी से कम नहीं थे, परंतु इस बात पर वर्तमान वामपंथियों को सांप सूंघ जाएगा। इस विचार की कठोर आलोचना क्रांतिकारी मन्मथनाथ गुप्त ने अपने लेखन में की है। कुछ लोगों का ऐसा भी कहना है कि नेहरू ने आज़ाद के दल के सदस्यों को समाजवाद के प्रशिक्षण हेतु रूस भेजने के लिये एक हजार रुपये दिये थे जिनमें से 448 रूपये आज़ाद की मृत्यु के पश्चात उनके वस्त्रों में मिले थे।

इसके अतिरिक्त अपने बलिदान से कुछ दिनों पूर्व चंद्रशेखर आज़ाद एक अंतिम बार अपील करने आए थे कि वे गांधी को समझाए और अंग्रेज़ सरकार से भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु के मृत्युदंड को क्षमा करने पर दबाव दिया। परंतु नेहरू गोलमोल उत्तर देने लगे, जिसके कारण चंद्रशेखर आज़ाद क्रोध में भुनभुनाते हुए बाहर चले आए।

तो क्या नेहरू ने चंद्रशेखर आज़ाद के साथ विश्वासघात किया? हो भी सकता है और नहीं भी। नेहरू क्रांतिकारियों से चिढ़ते अवश्य थे और वे चाहते तो उनका पूरा दल समाप्त कर सकते थे। परंतु उस समय उनकी मंशा कांग्रेस पार्टी में अपना स्थान सशक्त करने की अधिक थी। ऐसे में चंद्रशेखर आज़ाद जैसे क्रांतिकारी उनके लिए अधिक मायने शायद ही रखते। नेहरू अपरिपक्व और अधीर अवश्य थे, परंतु कुटिल नहीं।

और पढ़ें: जब इंदिरा गांधी ने चौधरी चरण सिंह के पीठ में छुरा घोंपा था

3) यशपाल 

परंतु इन सब के अतिरिक्त जिस व्यक्ति के बारे में सबसे कम चर्चा होती है, वह है HSRA के प्रमुख सदस्यों में से एक यशपाल। यशपाल, भगत सिंह एवं उसके साथियों के साथ नेशनल कॉलेज से जुड़ा हुआ था, परंतु वह प्रारंभ में इतना सक्रिय नहीं था। लेकिन जब भगत सिंह एवं उनके कई साथी हिरासत में लिए गए, तो यशपाल, भगवती चरण वोहरा एवं चंद्रशेखर आज़ाद पर HSRA को संभालने का कार्यभार आ पड़ा।

अब यशपाल प्रारंभ में कांग्रेस के प्रति आकर्षित हुए, परंतु असहयोग आंदोलन से मोहभंग के कारण वे नेशनल कॉलेज से जुड़ गए, जहां उनका परिचय भगत सिंह, सुखदेव थापर जैसे युवाओं से हुआ। इनके विचारों से वे बड़े प्रेरित हुए और वे भी क्रांति के मार्ग पर चल पड़े। परंतु वे बाकियों की भांति उतने सक्रिय नहीं थे, जितने अन्य थे। कभी सोचा ऐसा क्यों?

यशपाल को चंद्रशेखर आजाद की मृत्यु का दोषी माना जाता है? परंतु ये कैसे संभव है? प्रख्यात इतिहासकार और चर्चित आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल के ट्वीट अनुसार- “कहा जाता है कि यशपाल ही चंद्रशेखर आज़ाद की वीरगति का प्रमुख कारण थे। इसलिए कुछ क्रांतिकारी हाथ धोकर उसके पीछे पड़ गए। उसे बचाने के लिए जेल में रखा गया और अंग्रेज़ों ने उसका भरपूर ख्याल रखा। इतना ही नहीं उसने आम क्रांतिकारियों की तुलना में अपना दंड केवल 6 वर्ष में पूरा किया और जेल में विवाह भी किया (जो अस्वाभाविक था)। 1946 में एक पत्र मिला कि कैसे यशपाल को एक ‘खबरी’ के रूप में हस्तांतरित किया गया। उसने फिर कम्युनिस्टों में भी सेंध लगाई और उसका समर्थन करने में सहारनपुर से मुस्लिम लीग का एक सदस्य और इलाहाबाद से कांग्रेस का एक सदस्य भी शामिल था।”

A major structural problem with Indian intellectual life is that it was taken over mostly by those who had collaborated rather than opposed colonial occupation. See attached letter from 1946 on how Hindi writer Yashpal was "handed over" as an informer 1/n pic.twitter.com/f9y6ILYhYq

— Sanjeev Sanyal (@sanjeevsanyal) April 17, 2019

अब संजीव गलत भी नहीं है, क्योंकि स्वतंत्रता के पश्चात कई क्रांतिकारियों को गुमनामी का जीवन जीना पड़ा, जबकि यशपाल पूरे ठाट-बाट से रहे, मानों सरकार के निजी दामाद हों। इतना ही नहीं, इस व्यक्ति ने ये भी आरोप लगाए कि वीर सावरकर ने चंद्रशेखर आजाद और उसके साथियों को मोहम्मद अली जिन्ना को मारने की सुपारी दी थी, जबकि सत्य तो यह था कि आज़ाद उनके वित्तीय सहायता और उपकार से चकित हुए, परंतु उनकी विचारधारा तनिक अलग थी और इसलिए वे पूर्णत्या सावरकर के समर्थन में नहीं आए। स्वयं HSRA की प्रमुख सदस्य और क्रांतिकारियों की आराध्य, दुर्गावती वोहरा अथवा दुर्गा भाभी भी यशपाल से सचेत रहती थी।

ऐसे में चंद्रशेखर आज़ाद के साथ किसने विश्वासघात किया, ये आज भी रहस्य है, परंतु इतना तो स्पष्ट है कि हमारे वीर योद्धाओं को जितने घाव अंग्रेज़ों ने नहीं दिए उससे अधिक इनके अपनों ने दिए।

और पढ़ें: 1949: जब नेहरू ने सदैव के लिए भारत की सीमा सुरक्षा से समझौता कर लिया

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: Chandra Shekhar Azadचंद्रशेखर आजाद और यशपालचंद्रशेखर आजाद की मृत्युजवाहरलाल नेहरूयशपालवीरभद्र तिवारी
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

मलिकाप्पुरम: एक ऐसा रत्न जिसके बारे में अधिक चर्चाएं नहीं हो रही

अगली पोस्ट

350 साल पुराने मंदिर का जीर्णोद्धार, गोवा अपनी समृद्ध सनातन संस्कृति से फिर से जुड़ रहा है

संबंधित पोस्ट

गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत
इतिहास

गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

22 October 2025

जून 2025 में सऊदी अरब ने आधिकारिक रूप से अपने विवादित कफाला प्रणाली को समाप्त करने की घोषणा की। यह एक ऐसा कदम था, जिसे...

जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?
इतिहास

जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

22 October 2025

दिवाली की अगली सुबह आए अख़बारों में जो ख़बर पहले पेज में सबसे प्रमुखता के साथ छपी है, उसके अनुसार दिल्ली देश का ही नहीं...

राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प
इतिहास

राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

22 October 2025

गोरखपुर के पावन मंच से जब योगी आदित्यनाथ ने यह कहा कि राजनीतिक इस्लाम ने सनातन धर्म को सबसे बड़ा झटका दिया है, तो यह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

The Nepal Template: How BBC Is Subtly Calling for ‘Gen Z’ Riots in India?

The Nepal Template: How BBC Is Subtly Calling for ‘Gen Z’ Riots in India?

00:08:13

Bihar Files: When Scam Money Didn’t Reach Minister’s House but Landed at ‘Boss’ Residence

00:06:22

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

00:06:22

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

00:07:39

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

00:09:12
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited