TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Bajrang Punia

    बजरंग पूनिया ने चुपचाप मांगी माफी, जानिए क्या था मानहानि का मामला?

    कांग्रेस और ममता ने BJP के कथित अभियान को लेकर सवाल उठाए थे

    ‘घर-घर सिंदूर’: दैनिक भास्कर ने तो माफी मांग ली, ममता और कांग्रेस कब मांगेंगे?

    Kolkata Police arrested Sharmistha Panoli from Gurugram

    माफी से नहीं बनी बात! शर्मिष्ठा पनौली गुरुग्राम से गिरफ्तार, कोलकाता पुलिस का एक्शन

    Corona New Variant

    कोरोना का तांडव शुरू: देशभर में 24 घंटे के भीतर 7 लोगों की मौत, दिल्ली में बुजुर्ग ने तोड़ा दम

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कैलाशहर एयरपोर्ट

    ‘चिकन नेक’ तक आया ड्रैगन तो भारत ने 3 दशक पुराने ‘हथियार’ को फिर से किया एक्टिव, जिसने कभी PAK के किये थे दो टूकड़े अब चीन को देगा मुंहतोड़ जवाब

    operation sindoor china pakistan

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद धर्म संकट में ड्रैगन! क्या हथियार व्यापार में पाकिस्तान को धोखा दे रहा है चीन?

    व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने वॉशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान संबोधित किया (फोटो: सिन्हुआ)

    White House ने एक और जंग रुकवाने का किया दावा, इज़रायल ने अस्थायी युद्धविराम को दी हरी झंडी, गाज़ा में जगी शांति की उम्मीद!

    America Chine communist visas

    कम्युनिस्ट विचार पर अमेरिका का प्रहार, चीनी छात्रों का वीजा होगा रद्द; रुबियो ने बताया कारण

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    करियप्पा को उनके रिश्तेदार 'चिम्मा' कहकर बुलाते थे

    नेहरू के विरोध के बावजूद भारतीय सेना के पहले हिंदुस्तानी कमांडर-इन-चीफ कैसे बने करियप्पा? अंग्रेज अफसरों को फौज की कमान क्यों सौंपना चाहते थे नेहरू?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Bajrang Punia

    बजरंग पूनिया ने चुपचाप मांगी माफी, जानिए क्या था मानहानि का मामला?

    कांग्रेस और ममता ने BJP के कथित अभियान को लेकर सवाल उठाए थे

    ‘घर-घर सिंदूर’: दैनिक भास्कर ने तो माफी मांग ली, ममता और कांग्रेस कब मांगेंगे?

    Kolkata Police arrested Sharmistha Panoli from Gurugram

    माफी से नहीं बनी बात! शर्मिष्ठा पनौली गुरुग्राम से गिरफ्तार, कोलकाता पुलिस का एक्शन

    Corona New Variant

    कोरोना का तांडव शुरू: देशभर में 24 घंटे के भीतर 7 लोगों की मौत, दिल्ली में बुजुर्ग ने तोड़ा दम

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कैलाशहर एयरपोर्ट

    ‘चिकन नेक’ तक आया ड्रैगन तो भारत ने 3 दशक पुराने ‘हथियार’ को फिर से किया एक्टिव, जिसने कभी PAK के किये थे दो टूकड़े अब चीन को देगा मुंहतोड़ जवाब

    operation sindoor china pakistan

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद धर्म संकट में ड्रैगन! क्या हथियार व्यापार में पाकिस्तान को धोखा दे रहा है चीन?

    व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने वॉशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान संबोधित किया (फोटो: सिन्हुआ)

    White House ने एक और जंग रुकवाने का किया दावा, इज़रायल ने अस्थायी युद्धविराम को दी हरी झंडी, गाज़ा में जगी शांति की उम्मीद!

    America Chine communist visas

    कम्युनिस्ट विचार पर अमेरिका का प्रहार, चीनी छात्रों का वीजा होगा रद्द; रुबियो ने बताया कारण

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    करियप्पा को उनके रिश्तेदार 'चिम्मा' कहकर बुलाते थे

    नेहरू के विरोध के बावजूद भारतीय सेना के पहले हिंदुस्तानी कमांडर-इन-चीफ कैसे बने करियप्पा? अंग्रेज अफसरों को फौज की कमान क्यों सौंपना चाहते थे नेहरू?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

3 अभियुक्त, 1 उद्देश्य: किसने चंद्रशेखर आजाद के साथ विश्वासघात किया?

ये आज भी रहस्य है!

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
17 February 2023
in इतिहास
चंद्रशेखर आज़ाद

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

“दुश्मन की गोलियों का सामना करेंगे,

आजाद ही रहें हैं, और आजाद ही रहेंगे!”

चंद्रशेखर आजाद एक ऐसा नाम जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का उतना ही अभिन्न अंग है जितना सरदार पटेल, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह इत्यादि। 27 फरवरी 1931 को केवल 24 वर्ष की आयु में इन्होंने मातृभूमि को अपने प्राण अर्पण कर दिए और देश ने मानों अपने एक कर्मठ पुत्र को खो दिया जो अपनी भारत मां के लिए अपना सर्वस्व लुटाने को तैयार था। परंतु यदि आपको कहा जाए कि चंद्रशेखर आजाद की मृत्यु रोकी जा सकती थी, तो? चंद्रशेखर आजाद के अल्फ्रेड पार्क में होने की खबर पहुंचाया जाना कोई संयोग नहीं थी, अपितु इसके पीछे इसके सुनियोजित योजना थी।

चंद्रशेखर आज़ाद अपने उपनाम के अनुरूप स्वतंत्र रहे और उन्हें जीते जी पुलिस कभी नहीं पकड़ पाई। परंतु ऐसा क्या हुआ कि जो व्यक्ति पुलिस के लाख प्रयास के बाद भी पकड़ में नहीं आया, वह अचानक से इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के अल्फ्रेड पार्क में घेरा गया और उनके पास वीरगति को प्राप्त होने के सिवाए कोई चारा ही नहीं बचा? इसके पीछे कई थ्योरी हैं, परंतु इतना स्पष्ट है कि एक व्यक्ति के विश्वासघात से ये संभव हुआ था। तो कौन था वो घर का द्रोही?

संबंधितपोस्ट

नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

और लोड करें

यूं तो चंद्रशेखर आज़ाद से द्वेष रखने वाले कई थे, परंतु उन सभी में 3 नाम प्रमुख तौर पर आते हैं, जिन्होंने कहीं न कहीं पण्डित जी के साथ विश्वासघात किया और इससे उन्हें किसी न किसी भांति लाभ होता।

और पढ़ें: लाल बहादुर शास्त्री की हत्या किसने की? संभावित संदिग्ध- CIA और इंदिरा गांधी!

1) वीरभद्र तिवारी

सर्वप्रथम अभियुक्त इस मामले में ठहरे वीरभद्र तिवारी जिन्हें हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी (HSRA) से रोष था और जिनसे चंद्रशेखर आज़ाद रुष्ट थे। जब भी चंद्रशेखर आज़ाद की मृत्यु का उल्लेख होता है, अधिकतम संस्मरणों में इनका ही सबसे अधिक उल्लेख होता है। ये HSRA के कनिष्ठ सदस्यों में सम्मिलित थे, जिनसे दल छोटे मोटे कार्य करवाती थी।

अब संदेह तो स्वाभाविक है, परंतु जो पार्टी में बहुत ऊंचे कद का न हो, उसे इतनी जानकारी कहां से मिलती। इसके अतिरिक्त जितने भी स्त्रोत उपलब्ध है, उनसे यही ज्ञात होता है कि वीरभद्र तिवारी को चंद्रशेखर आज़ाद की अधिकतम जानकारियों का कोई आभास नहीं था। अब विश्वासघात भी तो वही करने में योग्य होगा, जिसे पल पल की खबर हो। क्या इस ओर किसी ने ध्यान दिया?

और पढ़ें: जब अंग्रेजी में बात कर रही थी नेहरू की बहन और स्टालिन ने कर दी घनघोर बेइज्जती

2) जवाहरलाल नेहरू

एक और नाम, जो चंद्रशेखर आज़ाद की मृत्यु के समय चर्चा में रहता है और वह है जवाहरलाल नेहरू का, जो उस समय कांग्रेस के युवा दल का नेतृत्व कर रहे थे। इनके पिता मोतीलाल नेहरू अति लोकप्रिय अधिवक्ता कांग्रेस नेता होने के साथ साथ क्रांतिकारियों का भी अप्रत्यक्ष समर्थन करते थे, एवं उन्हें समय समय पर वित्तीय सहायता भी देते थे। परंतु जवाहरलाल नेहरू न तो इतने प्रबल थे, न ही इतने सशक्त। उल्टे वे क्रांतिकारियों को हीन दृष्टि से देखते थे।

इसके कई अवसर सामने आए हैं। उदाहरण के लिए जवाहरलाल से आज़ाद की भेंट आनन्द भवन में हुई थी उसका ज़िक्र नेहरू ने अपनी आत्मकथा में ‘फासीवादी मनोवृत्ति’ के रूप में किया है। यानि क्रांतिकारी इनके लिए फासीवादी से कम नहीं थे, परंतु इस बात पर वर्तमान वामपंथियों को सांप सूंघ जाएगा। इस विचार की कठोर आलोचना क्रांतिकारी मन्मथनाथ गुप्त ने अपने लेखन में की है। कुछ लोगों का ऐसा भी कहना है कि नेहरू ने आज़ाद के दल के सदस्यों को समाजवाद के प्रशिक्षण हेतु रूस भेजने के लिये एक हजार रुपये दिये थे जिनमें से 448 रूपये आज़ाद की मृत्यु के पश्चात उनके वस्त्रों में मिले थे।

इसके अतिरिक्त अपने बलिदान से कुछ दिनों पूर्व चंद्रशेखर आज़ाद एक अंतिम बार अपील करने आए थे कि वे गांधी को समझाए और अंग्रेज़ सरकार से भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु के मृत्युदंड को क्षमा करने पर दबाव दिया। परंतु नेहरू गोलमोल उत्तर देने लगे, जिसके कारण चंद्रशेखर आज़ाद क्रोध में भुनभुनाते हुए बाहर चले आए।

तो क्या नेहरू ने चंद्रशेखर आज़ाद के साथ विश्वासघात किया? हो भी सकता है और नहीं भी। नेहरू क्रांतिकारियों से चिढ़ते अवश्य थे और वे चाहते तो उनका पूरा दल समाप्त कर सकते थे। परंतु उस समय उनकी मंशा कांग्रेस पार्टी में अपना स्थान सशक्त करने की अधिक थी। ऐसे में चंद्रशेखर आज़ाद जैसे क्रांतिकारी उनके लिए अधिक मायने शायद ही रखते। नेहरू अपरिपक्व और अधीर अवश्य थे, परंतु कुटिल नहीं।

और पढ़ें: जब इंदिरा गांधी ने चौधरी चरण सिंह के पीठ में छुरा घोंपा था

3) यशपाल 

परंतु इन सब के अतिरिक्त जिस व्यक्ति के बारे में सबसे कम चर्चा होती है, वह है HSRA के प्रमुख सदस्यों में से एक यशपाल। यशपाल, भगत सिंह एवं उसके साथियों के साथ नेशनल कॉलेज से जुड़ा हुआ था, परंतु वह प्रारंभ में इतना सक्रिय नहीं था। लेकिन जब भगत सिंह एवं उनके कई साथी हिरासत में लिए गए, तो यशपाल, भगवती चरण वोहरा एवं चंद्रशेखर आज़ाद पर HSRA को संभालने का कार्यभार आ पड़ा।

अब यशपाल प्रारंभ में कांग्रेस के प्रति आकर्षित हुए, परंतु असहयोग आंदोलन से मोहभंग के कारण वे नेशनल कॉलेज से जुड़ गए, जहां उनका परिचय भगत सिंह, सुखदेव थापर जैसे युवाओं से हुआ। इनके विचारों से वे बड़े प्रेरित हुए और वे भी क्रांति के मार्ग पर चल पड़े। परंतु वे बाकियों की भांति उतने सक्रिय नहीं थे, जितने अन्य थे। कभी सोचा ऐसा क्यों?

यशपाल को चंद्रशेखर आजाद की मृत्यु का दोषी माना जाता है? परंतु ये कैसे संभव है? प्रख्यात इतिहासकार और चर्चित आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल के ट्वीट अनुसार- “कहा जाता है कि यशपाल ही चंद्रशेखर आज़ाद की वीरगति का प्रमुख कारण थे। इसलिए कुछ क्रांतिकारी हाथ धोकर उसके पीछे पड़ गए। उसे बचाने के लिए जेल में रखा गया और अंग्रेज़ों ने उसका भरपूर ख्याल रखा। इतना ही नहीं उसने आम क्रांतिकारियों की तुलना में अपना दंड केवल 6 वर्ष में पूरा किया और जेल में विवाह भी किया (जो अस्वाभाविक था)। 1946 में एक पत्र मिला कि कैसे यशपाल को एक ‘खबरी’ के रूप में हस्तांतरित किया गया। उसने फिर कम्युनिस्टों में भी सेंध लगाई और उसका समर्थन करने में सहारनपुर से मुस्लिम लीग का एक सदस्य और इलाहाबाद से कांग्रेस का एक सदस्य भी शामिल था।”

A major structural problem with Indian intellectual life is that it was taken over mostly by those who had collaborated rather than opposed colonial occupation. See attached letter from 1946 on how Hindi writer Yashpal was "handed over" as an informer 1/n pic.twitter.com/f9y6ILYhYq

— Sanjeev Sanyal (@sanjeevsanyal) April 17, 2019

अब संजीव गलत भी नहीं है, क्योंकि स्वतंत्रता के पश्चात कई क्रांतिकारियों को गुमनामी का जीवन जीना पड़ा, जबकि यशपाल पूरे ठाट-बाट से रहे, मानों सरकार के निजी दामाद हों। इतना ही नहीं, इस व्यक्ति ने ये भी आरोप लगाए कि वीर सावरकर ने चंद्रशेखर आजाद और उसके साथियों को मोहम्मद अली जिन्ना को मारने की सुपारी दी थी, जबकि सत्य तो यह था कि आज़ाद उनके वित्तीय सहायता और उपकार से चकित हुए, परंतु उनकी विचारधारा तनिक अलग थी और इसलिए वे पूर्णत्या सावरकर के समर्थन में नहीं आए। स्वयं HSRA की प्रमुख सदस्य और क्रांतिकारियों की आराध्य, दुर्गावती वोहरा अथवा दुर्गा भाभी भी यशपाल से सचेत रहती थी।

ऐसे में चंद्रशेखर आज़ाद के साथ किसने विश्वासघात किया, ये आज भी रहस्य है, परंतु इतना तो स्पष्ट है कि हमारे वीर योद्धाओं को जितने घाव अंग्रेज़ों ने नहीं दिए उससे अधिक इनके अपनों ने दिए।

और पढ़ें: 1949: जब नेहरू ने सदैव के लिए भारत की सीमा सुरक्षा से समझौता कर लिया

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: Chandra Shekhar Azadचंद्रशेखर आजाद और यशपालचंद्रशेखर आजाद की मृत्युजवाहरलाल नेहरूयशपालवीरभद्र तिवारी
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

मलिकाप्पुरम: एक ऐसा रत्न जिसके बारे में अधिक चर्चाएं नहीं हो रही

अगली पोस्ट

350 साल पुराने मंदिर का जीर्णोद्धार, गोवा अपनी समृद्ध सनातन संस्कृति से फिर से जुड़ रहा है

संबंधित पोस्ट

संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू
इतिहास

नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

30 May 2025

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के बड़े नेताओं ने शुक्रवार (30 मई) को गोवा के स्थापना दिवस के मौके पर बधाई दी...

1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)
इतिहास

अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

28 May 2025

जब विनायक दामोदर सावरकर यानी वीर सावरकर को ब्रिटिश सरकार ने अंडमान की सेलुलर जेल में कैद किया, तब उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी...

कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954
इतिहास

‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

27 May 2025

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की आज (27 मई) 61वीं पुण्यतिथि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस और बीजेपी के तमाम बड़े...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited