सदन में अमर्यादित भाषा का उपयोग: आखिर इतना क्यों खिसयाई रहती हैं महुआ मोइत्रा?

कहीं TMC में हो रही इनकी दुर्दशा तो नहीं है कारण?

Mahua Moitra's Boiling Point: A Tale of Frustration

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Mahua Moitra speech: स्वरा भास्कर को तो आप सभी जानते ही होंगे? जी हां, वही स्वरा भास्कर जो अंग्रेज़ी का नकाब ओढ़कर लोगों को बेफिजूल का “ज्ञान बांचती” फिरती हैं। राजनीति में भी एक ऐसी ही स्वरा भास्कर हैं, जो अपने आप को विश्व की सबसे शक्तिशाली और “परिपक्व” राजनेता समझती हैं। इनके लिए जो वे बोलें, वो सब सही और कल को कोई बोल दें कि सूर्योदय पूर्व से होता है, पश्चिम से नहीं, तो उसे भी गलत ठहरा दें।

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अमर्यादित भाषा का किया उपयोग

हम बात कर रहे हैं महुआ मोइत्रा की, जो तृणमूल कांग्रेस की “पोस्टर गर्ल” हैं और जिनके लिए ट्विटर पर लोगों को ब्लॉक करना उनका साइड बिजनेस है। परंतु इन्होंने ऐसा क्या किया जो आज ये पुनः विवादों के केंद्र में है? दरअसल, टीएमसी की इस सांसद ने अपनी कुंठा में संसद को अमर्यादित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और इस बार तो सार्वजनिक रूप से संसदीय परिसर में अपशब्द (Mahua Moitra speech) बोलने का कारनामा भी कर दिया।

राष्ट्रपति द्वारा दिए गए अभिभाषण के परिप्रेक्ष्य में जब लोकसभा में चर्चा प्रारंभ हुई, तो महुआ मोइत्रा ने अडानी के विवाद को उछालने का प्रयास किया। इसी बीच उसने जो कुछ भी कहा, वह सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ।

महुआ (Mahua Moitra speech) की वायरल होती वीडियो में देखने मिल रहा है कि कैसे वो अध्यक्ष के आगे अपनी बातें दोहराते हुए शिकायत करती हैं कि उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा। इसके बाद जब टीडीपी सांसद राम मोहन नायडू लोकसभा में बोलना शुरू करते हैं कि तभी वो उठकर भाजपा नेता को अपशब्द से संबोधित करती हैं। इसी के बाद पूरी संसद मे सांसदों का शोर साफ सुना जा सकता है।

तद्पश्चात सभापति ओम बिरला के स्थान पर कार्यवाहक सभापति भृतहरि महताब ने महुआ (Mahua Moitra speech) की रिकॉर्डिंग को सदन की कार्यवाही से हटाने का आदेश दिया है। उन्होंने महुआ की भाषा सुनते ही कान से हेडफोन उतार दिए। इसके बाद वह बोले कि कुछ भी रिकॉर्ड नहीं होगा। कुछ बेहद आक्रमक व अभद्र शब्द उपयोग किए गए हैं। उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री से टीएमसी पार्टी से बात करने के लिए भी कहा।

महुआ मोइत्रा के इस बयान को लेकर बड़ा हंगामा खड़ा हो गया। इसी परिप्रेक्ष्य में भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने TMC को निशाने पर लेते हुए ट्वीट किया, “महुआ मोइत्रा ने संसद में फिर अपमानजनक शब्द का प्रयोग किया। इससे पहले वो एक पत्रकार से अभद्रता कर चुकी हैं, मां काली का अपमान कर चुकी हैं, ब्राह्मणों को चोटीवाला राक्षस कह चुकी हैं। क्या इस बार भी टीएमसी उनका समर्थन करेगी और उनकी इस हरकत की निंदा की जाएगी।”

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पितृसत्ता का अलापने लगी राग

परंतु अपनी गलती स्वीकार करने के बजाए उल्टे महुआ “पितृसत्ता” यानि पेट्रीआर्की का राग अलापने लगी। परंतु ऐसा पहली बार नहीं था जब महुआ की संसद (Mahua Moitra speech) में यूं कुंठा दिखी हों। वो निरंतर ऐसे बयान देती आयी है जिससे उसकी कुंठा और हताशा स्पष्ट दिखाई देती है। लेकिन इसके पीछे का कारण क्या हैं? दरअसल, महुआ मोइत्रा जैसे बॉलीवुड में लोग स्वरा भास्कर और ऋचा चड्डा जैसों को भाव नहीं देते, ठीक वैसे ही TMC में इनकी कोई खास पूछ नहीं है, जबकि यह अपने पार्टी के अन्य सदस्यों की भांति लाइमलाइट में रहने का भरसक प्रयास करती हैं।

इनकी स्वयं की पार्टी टीएमसी ही इन्हें भाव नहीं देती। यहां तक कि ममता बनर्जी ही इन्हें बार-बार हड़का देती हैं। कुछ माह पूर्व की बात है जब महुआ के मां काली को लेकर दिये गये एक बयान के कारण विवाद खड़ा हुआ था, तब बंगाल की मुख्यमंत्री ममता ने इन्हें लोगों की भावनाओं को समझने की नसीहत दी थी। इसके अलावा महुआ द्वारा करीमपुर के मामलों में दखल देने पर भी ममता इन पर भड़क उठी थीं और स्पष्ट शब्दों में कहा था कि वह अपने संसदीय क्षेत्र पर ध्यान दें और संगठन के कामकाज में दखल न दें। शायद टीएमसी में हो रही इसी दुदर्शा के कारण वो इतना खिसयाई हुई हैं।

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