Kaante film review: “मैंने कई संस्करण देखे अपनी फिल्म के, परंतु जो काम इंडिया की “कांटे” ने किया वह अद्भुत था, वह मेरी मूल रचना के सबसे करीब थी”।
ये शब्द हैं क्वेंटिन टैरेंटिनो के जिन्हें “Reservoir Dogs” से लेकर “Pulp Fiction”, “Inglourious Basterds”, “Django Unchained” जैसे सदाबहार फिल्मों के लिए जाना जाता है। इनकी फिल्मों में शिष्टाचार हो या नहीं, परंतु रचनात्मकता और रोमांच कूटकूट कर भरा होता है। परंतु जिस फिल्म का रीमेक स्वयं इन्हें भा जाए, उसमें कुछ तो बात अवश्य होगी।
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Kaante film review: Reservoir Dogs से प्रेरित होकर बनी कांटे
1987 में हांग कांग में एक फिल्म प्रदर्शित हुई “सिटी ऑफ फायर”, जो एक चर्चित क्राइम ड्रामा बनी। इसी से प्रेरित होकर 1992 में क्वेंटिन टैरेंटिनो ने प्रदर्शित की “Reservoir Dogs”, जो उनकी प्रथम फीचर फिल्म थी। ये हीरों की चोरी पर आधारित थी, जिसे बहुत ही कम बजट में बनाया गया, परंतु इस फिल्म में हार्वे काइटल, टिम रॉथ और स्वयं क्वेंटिन टैरेंटिनो जैसे कलाकारों ने काम किया।
इतना ही नहीं इस फिल्म की पटकथा और इसका काम ऐसा था कि यह फिल्म अपेक्षाओं के विपरीत सफल रही और क्वेंटिन टैरेंटिनो को जल्द ही लोग जानने लगे। 1994 में आई “पल्प फिक्शन” की अपार सफलता के बाद इन्होंने तो पीछे मुड़कर नहीं देखा और शीघ्र ही वे अमेरिका और साथ ही साथ विश्व के सबसे अनोखे फ़िल्मकारों में सम्मिलित हुए।
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Kaante film review: शूटिंग के दौरान आई कई चुनौतियां
तो इन सबका “कांटे” से क्या लेना देना? 2000 में संजय गुप्ता ने “Reservoir Dogs” से प्रेरित होकर एक फिल्म बनाने का निर्णय लिया। इससे पूर्व वे “आतिश”, “जंग”, “खौफ” जैसी कुछ फिल्में बना चुके थे, जिनमें से कुछ सफल हुई, कुछ नहीं। परंतु “कांटे” अनोखी थी। यह प्रथम बॉलीवुड फिल्म थी, जिसे पूर्णत्या लॉस एंजेलिस में शूट किया गया था, वो भी केवल पैंतीस दिनों में। जी हां, केवल पैंतीस दिनों में ये फिल्म पूरी तरह शूट की गई, परंतु इसमें भी कम चुनौतियां नहीं थी। उदाहरणत 2001 में शूटिंग के समय 9/11 के भयानक हमले और केवल सुनील शेट्टी की दाढ़ी के पीछे उनसे पूछताछ भी की गई। इसके साथ साथ कुछ जगह से लोकेशन भी हमलों के चलते स्थानांतरित करना पड़ा।
ये फिल्म प्रारंभ में कई चर्चित कलाकारों के साथ बननी थी, जिसमें अमिताभ बच्चन, सुनील शेट्टी, संजय दत्त, शिल्पा शेट्टी, लीसा रे यहां तक कि सनी देओल और अक्षय खन्ना भी सम्मिलित थे। परंतु किन्हीं कारणों से सनी देओल और अक्षय खन्ना दोनों ही इस फिल्म से अलग हो गए। उन्हें रिप्लेस किया कुमार गौरव और लकी अली ने, जिसमें लकी अपने गीतों के लिए पहले से ही चर्चित थे। थोड़े समय बाद शिल्पा और लीज़ा भी इस फिल्म से अलग हो गई और उनकी जगह ली मलाइका अरोड़ा और नम्रता सिंह गुजराल ने। इसके साथ साथ अपनी फिल्मों में छोटी भूमिकाएं निभाने वाले निर्देशक महेश मांजरेकर ने बाली के रूप में प्रथमत्या एक बड़ी भूमिका निभाई और उन्हीं की भूमिका को काफी प्रशंसा मिली। यही नहीं, लकी अली को भी उनकी भूमिका के लिए काफी प्रशंसित किया गया, जबकि अमिताभ बच्चन और संजय दत्त की भूमिकाओं समेत 6 श्रेणियों में इस फिल्म को फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया, वो अलग बात कि उसे उक्त समारोह में खाली हाथ लौटना पड़ा।
फिल्म को बनने में थोड़ा और समय लगा, और अंत में 2002 तक ये फिल्म बनकर तैयार हुई। 20 दिसंबर 2002 को प्रदर्शित यह फिल्म (Kaante film review) अपेक्षाओं के विपरीत काफी सफल रही और इसका संगीत भी उतना ही सफल रहा। इसके लगभग सभी गीत सफल रहे, परंतु “इश्क समंदर”, “रामा रे”, “माही वे” ब्लॉकबस्टर रहे और इसके पीछे इसका म्यूज़िक एल्बम भी खूब बिका।
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Kaante film review: मूल फिल्म के फिल्मकार ने की खूब प्रशंसा
परंतु बात यहीं तक सीमित नहीं रही। “कांटे” को सभी ओर से प्रशंसा मिली, परंतु मूल फिल्म के फिल्मकार क्वेंटिन टैरेंटिनो को ये फिल्म अलग ही लेवल पर भाई। उनके एक साक्षात्कार के अनुसार, “यहां मैं एक ऐसी फिल्म देख रहा हूं, जिसे मैंने ही निर्देशित किया और यह हर किरदार के बैकग्राउंड में जाती है। मेरा सबसे पहला रिएक्शन रहा, “Whoa!”। हां, मैं बैकग्राउंड पर भी काम करता है, पर हर बार वह फाइनल कट तक नहीं पहुंच पाती। पर ये फिल्म (कांटे) ऐसी नहीं है। ऐसे में मैं अचंभित हुआ, क्योंकि ये “Reservoir Dogs” का भाग नहीं था। परंतु जब फिल्म वेयरहाउस तक पहुंची, तो फिर मैं आश्वस्त हुआ कि हां, ये मेरी ही रचना का रीमेक है”।
उन्होंने इसके अतिरिक्त अमिताभ बच्चन के किरदार की खूब प्रशंसा की, और इसे अपने स्वामित्व वाले New Beverly Cinema में “Reservoir Dogs” एवं “City of Fire” के साथ एक विशेष स्क्रीनिंग के लिए सम्मिलित किया। ऐसा सम्मान रोज़ रोज़ नहीं मिलता।
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