Alia Bhatt photo: हाल ही में बॉलीवुड अभिनेत्री आलिया भट्ट ने उनकी प्राइवेट फोटो एक पोर्टल के द्वारा पोस्ट किये जाने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने अपनी इंस्टा स्टोरी पर उस पोर्टल को टैग करते हुए खूब खरी-खोटी सुनाई थी।
दरअसल, हुआ कुछ यूं कि आलिया भट्ट अपने घर में थीं जब कुछ फोटोग्राफर उनके पड़ोसी की छत पर कूद गए और उनकी कुछ तस्वीरें खींच ली। जिसके बाद आलिया भट्ट ने इंस्टाग्राम पर अपना विरोध दर्ज किया। जिसके समर्थन में करण जौहर, सुष्मिता सेन, अनुष्का शर्मा, नीतू कपूर, जान्हवी कपूर और यहां तक कि ज़ीनत अमान जैसी हस्तियां भी सामने आईं।
वैसे, ऐसा पहली बार नही हुआ है। कुछ दिन पहले एक महिला द्वारा आदित्य रॉय कपूर के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास का मामला सामने आया था। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस तरह के कार्य अनैतिक, अवैध और निंदनीय हैं।
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यह अनुच्छेद 21 के तहत लोगों के निजता के अधिकार पर हमला करता है। यह लोगों से शारीरिक स्वायत्तता छीन लेता है। Alia Bhatt के photo को क्लिक करने वाला कोई भी व्यक्ति या तो सम्मान का भाव नहीं रखता है या वित्तीय लाभ के लिए जानबूझकर ऐसा करता है।
इसके साथ ही एक प्रश्न भी उठता है कि क्या कोई इन प्रसिद्ध हस्तियों के निजी क्षणों को सही से परिभाषित कर सकता है। फिल्मी सितारों के लिए निजी पल की परिभाषा करना बहुत कठिन है। कोई यह तर्क दे सकता है कि उनकी तस्वीरें तभी ली जानी चाहिए जब वे काम पर हों या जब उनकी नौकरी को इसकी आवश्यकता हो। लेकिन बॉलीवुड़ की मशहूर हस्तियों के अन्य निजी पलों में उनके ‘फोटो शूट’ का बचाव कैसे करेंगे?
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एयरपोर्ट से बाहर आने वाला कोई भी व्यक्ति निजी पल बिता रहा है। पूजा के लिए मंदिर, चर्च या दरगाह में जाने वाला कोई भी व्यक्ति किसी न किसी निजी काम में लगा रहता है। किसी सेलेब्रिटी का जिम में जाना या बाहर आना या क्रिकेट मैच का आनंद लेने के लिए स्टेडियम में बैठना भी एक व्यक्तिगत क्षण होता है।
क्या इन सेलिब्रिटी का इन आयोजनों में अपनी तस्वीरें खींचवाना ठीक है? लोगों का कहना है कि इन सभी तस्वीरों की योजना बनाई जाती है और पीआर एजेंसियों को इन हस्तियों के “निजी” पलों को कैमरे में कैद करने के लिए मोटी रकम का भुगतान किया जाता है। यदि ऐसा है तो फिर फिर ये हंगामा क्यों?
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