भारत दुनिया दूसरा सबसे बड़ा गेंहू उत्पादक है। भारत में गेहूं एक मुख्य फसल है। पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश गेंहू के मुख्य उत्पादक क्षेत्र हैं। लेकिन गर्मियों की शुरुआत के साथ ही गेहूं की फसल पर खतरा मंडराने लगा है। जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने पैनल का गठन किया है ताकि गेहूं की फसल बचाने के लिए किसानों को व्यापक स्तर पर परामर्श दिया जा सके।
अचानक तापमान में बढ़ोतरी से किसान चिंतित हो गए हैं। किसानों को डर सता रहा है कि कहीं पिछले साल की तरह इस बार भी गर्मी की वजह से रबी की फसल प्रभावित न हो जाए। जबकि, कृषि विशेषज्ञों कह रहे हैं कि अगर तापमान में वृद्धि इसी तरह जारी रही तो गेहूं की पैदावार में कमी आ सकती है। जिसका असर उसकी क्वालिटी पर भी पड़ सकता है।
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किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने खेतों में लगातार पानी दें और ऐसे कीटनाशकों और बीमारियों की तलाश करें जो फसल को नष्ट सकते हैं। केंद्र सरकार ने अपनी ओर से अपने स्टॉक से गेहूं जारी करने का फैसला किया है।
एफसीआई द्वारा उपभोक्ताओं को 5 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं पहले ही बेचा जा चुका है। खाद्य मंत्रालय ने आरक्षित कीमतों में कमी के साथ 20 लाख टन और जारी करने का फैसला किया है।
इस बीच, एक ऐसी ख़बर सामने आई है जो ऐसी स्थितियों को सदैव के लिए बदल सकती है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने HD-3385 नामक गेहूं की एक नई किस्म विकसित की है। यह गर्मी प्रतिरोधी है और अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में बुवाई के लिए उपयुक्त है।
ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब और हरियाणा में देर से बोया गया गेहूं फूल अवस्था में पहुंचा है, जबकि जल्दी बोया गया लॉट अब दूध बनने की अवस्था में है और अधिक तापमान इन दोनों चरणों में अनाज के गठन के लिए हानिकारक हैं।
बता दें कि दोनों राज्यों का सालाना गेहूं उत्पादन में 25 प्रतिशत का योगदान है। इसी तरह बिहार में गेहूं की जल्दी बुवाई हुई है और वहां फसल परिपक्वता के चरण में है, जिस पर गर्मी का अपेक्षाकृत कम प्रभाव हो सकता है।
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भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान और कृषि विज्ञान केंद्र जैसे संस्थानों के कृषि वैज्ञानिकों को कहा गया है कि वे पांच राज्यों में किसानों के संपर्क में रहें ताकि गर्मी की स्थिति में फसल सुरक्षा उपायों से उन्हें अवगत करवाया जा सके।
बढ़ते तापमान के बीच देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में लू का खतरा है। जिनमें राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। राजस्थान, विभिन्न प्रकार के अनाज और तिलहन का एक प्रमुख उत्पादक है। यह हीटवेव के सबसे अधिक जोखिम में है। मध्य प्रदेश, भी बड़ा उत्पादक है लेकिन यहां खतरा कम है क्योंकि यहां गेहूं की फसल अन्य जगहों की तुलना में पहले परिपक्व हो जाती है।
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