Kavitha hunger strike: इन दिनों जांच एजेंसियां भ्रष्टाचारियों पर विपत्तियों का बादल बनकर मंडरा रही हैं।जांच एजेंसियों के भय से भ्रष्टाचारी मनो बिलबिला से गए हैं और इनको बिलबिलाना और बिलखना चाहिए भी।
अपनी अनीतियों से देश के सिस्टम को सिर के बल खड़ा करते आए इन पथभ्रष्टों को एक पंक्ति में खड़ा कर हिसाब मांगती एजेंसियां अपना संदेश व्यापित कर रही हैं।
बताते चलें कि दुराचारियों पर एक्शन लेती एजेंसियां एक बात स्पष्ट कर देना चाहती हैं कि न्याय की स्याही किसी से परहेज नहीं करती और एक दिन अपने अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब सबको देना ही पड़ता है।
आज देश में दिल्ली से लेकर बिहार तक जांच एजेंसियां छापों की सीरीज क्रमवार करती जा रही हैं और एजेंसियों के छापों के प्रकोप से दक्षिण भारत के पथभ्रष्ट नेता भी अछूते नहीं रहे हैं। और उन में प्रमुख नाम तेलंगाना के सीएम केसीआर की बेटी के. कविता का भी है।
अब भष्ट्राचारों के आरोपों से घिरी के. कविता अपना हारा हुआ खेल बचाने के करम में महिला आरक्षण बिल का मामला जोरों से उठाते हुए देश का ध्यान अपने किए कारनामों से भटकाने का प्रयास कर रही है।
इस लेख में आप जानेंगे कि कैसे जांच एजेंसियां भ्रष्टाचारियों पर अपना शिकंजा कस रही है और दिल्ली लिकर स्कैम की आरोपी के. कविता कैसे नए हथकण्डों से अपने कार्यकर्ताओं और देश के लोगों का ध्यान अपने काले कारनामों से भटकाना चाह रही है।
Kavitha hunger strike संयोग या प्रयोग?
हाल में तेलंगाना के CM केसीआर की बेटी K Kavitha ने दिल्ली जंतर-मंतर पर महिला आरक्षण बिल की मांग को लेकर एक दिन की hunger strike की है।
वे संसद के बजट सत्र में महिला आरक्षण बिल लाने की मांग कर रही हैं। उनके साथ AAP, अकाली दल, PDP, TMC, JDU, NCP, CPI, RLD, NC और समाजवादी पार्टी समेत 17 विपक्षी दलों के नेता भी मौजूद हैं।
समस्या तो ये है कि केसीआर की बेटी के कविता दिल्ली में हुए चर्चित शराब घोटाले में भी आरोपी है।
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यह सर्वविदित है कि शराब नीति घोटाले में सम्मलित एक भी आरोपी के बचे जाने की कोई संभावना भी नही दिख रहा है। ऐसे में K Kavitha की ये hunger strike संयोग नहीं प्रयोग प्रतीत होती है।
वह कैसे? बता दें कि दिल्ली शराब नीति केस में ED ने कविता को 11 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया है। अब ऐसे में सीएम केसीआर की बेटी क्या पलटवार कर सकती है?
क. कविता ने भी अपने अन्य साथियों कि तरह वही आरोप जांच एंजेसियों पर लगाया जो सभी घोटाले के आरोपी लगा रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों का गलत उपयोग करने का आरोप लगाया है। परंतु ये लाइन तो आजकल राजनीति में मानो ट्रेंड सी बनी गई है।
बता दें कि इससे पूर्व में 12 दिसंबर 2022 को कविता से CBI हैदराबाद में करीब 7 घंटे पूछताछ कर चुकी है। ज्ञात हो कि ED दिल्ली शराब नीति मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायतों की बड़ी बारीकी से जांच कर रही है।
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मंगलवार को दिल्ली की एक कोर्ट ने हैदराबाद के एक व्यवसायी अरुण रामचंद्रन पिल्लई को भी 13 मार्च तक ED की हिरासत में भेजे जाने का आदेश दिया था।
हैदराबाद का ये व्यवसायी के. कविता का करीबी माना जाता है। अब ED ने के. कविता को इसलिए बुलाया गया है ताकि उनका सामना हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई से कराया जा सके।
ऐसे इस घोटाले के सभी आरोपियों के अंदर भय का माहौल है क्योंकि जांच एंजेसियां घोटाले में सम्मलित भष्ट्राचारियों छोड़ने के कतई भी मूड में नही है। ED का आरोप है कि के कविता ‘साउथ कार्टेल’का हिस्सा हैं, जिसने रिश्वत लेकर दिल्ली की शराब नीति से बदलाव कर पैसा बनाया।
इसके बाद नीति को वापस लिया गया था। ED और CBI दोनों ने आरोप लगाया है कि साउथ कार्टेल’ लॉबी से रिश्वत की वजह से शराब नीति में बदलाव के समय अनियमितता बरती गई। एजेंसी के अनुसार, साउथ ग्रुप में सरथ रेड्डी, मगुंता श्रीनिवासुलु रेड्डी, उनके बेटे राघव मगुंता, के. कविता और अन्य शामिल हैं। दक्षिण समूह का प्रतिनिधित्व अरुण पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली और बुच्ची बाबू कर रहे थे।
हाल ही में मनीष सिसोदिया को ईडी ने किया है अरेस्ट
बता दें कि सीबीआई ने मनीष सिसोदिया से 26 फरवरी को लंबी पूछताछ की थी और दिल्ली शराब नीति के सरगना साबित मनीष सिसोदिया को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है।
सिसोदिया ने सीबीआई की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली और इसके बाद मनीष सिसोदिया ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अब सिसोदिया ED की गिरफ्त में आ चुके हैं। ऐसे में इतना तो तय है कि दिल्ली शराब घोटाले के आरोपी के लिए परिस्थितियां बिल्कुल भी उनके पक्ष में नहीं हैं। चारों तरफ संकट के बादल मंडराए हुए हैं।
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और इस परिप्रेक्ष्य में तेलंगाना के सीएम केसीआर की बेटी और दिल्ली नीति घोटाले में आरोपी के. कविता को 11 मार्च को ईडी ने पूछताछ के लिए भी बुलाया है।और इस ऐन मौके पर के. कविता लोगों को भ्रमित कर अपने कारनामों से लोगों का ध्यान भटकाने हेतु महिलाओं का मसीहा बनाने का नया नाटक शुरू कर दिया है।
K Kavitha का महिला आरक्षण विधेयक की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर hunger strike पर बैठ गई हैं, पर ये कोई संयोग नहीं है, एक सोची-समझी राजनीतिक प्रयोग है।
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