प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि आज किसी ना किसी रुप में भारतीयों के द्वारा या भारत के प्रति आपार प्रेम रखने वालों के द्वारा विश्व के हर कोने में हमारा तिरंगा आन बान शान के साथ लहराया जा रहा है। पीएम मोदी ने ये बात उन लोगों के लिए तो कतई नही कही थी जिनका नाता तो भारत से मातृ भूमि वाला है परंतु वो विषैली मंशा भारत को खंड खंड करने की रखते हैं। लेकिन इस तरह की मंशा रखने वाले इस बात से अभिनज्ञ हैं कि आज का भारत खालिस्तानी अलगाववाद वाले मानसिकता को तो छोडिए अपितु कल्पना अखंड़ भारत की करता हैं।
इस लेख में पढिये कि कैसे भारत, देश में ही नही बल्कि विदेश में भी खालिस्तान की बात करने वालों को मुंहतोड़ जबाव दे रहा है। भारत उसकी अखंड़ता को ठेस पहुंचाने वाले तत्वों को बर्दाश्त करने के मूड़ में कतई नही है।
दरअसल, गृह मंत्री अमित शाह से जब एक साक्षात्कार के समय एक पत्रकार ने ये पूछा था कि खालिस्तान अभियान को बाहर से समर्थन मिल रहा है। हिंसा बढ़ती जा रही है। खालिस्तान जैसे शब्द फिर इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इस पर गृह अमित शाह ने उत्तर देते हुए कहा था कि ये सालों से होता है। हम इसपर गंभीरता से अपनी नजरें गढ़ाएं हुए हैं। पंजाब सरकार से भी हमारी चर्चाएं हो रही हैं। जांच एंजेसियों का तालमेल अच्छा है। मुझे इस पर विश्वास है कि इसे पनपने नही देंगे।
अब अमृत पाल जैसे खालिस्तान की बात करने वाले लोगों को समझ तो तभी जाना चाहिए था। लेकिन अमृत पाल तो गृह मंत्री अमित शाह को ही चुनौती देने लगा था। भारत में खालिस्तान का राग रात दिन अलापने लगा था। जिसके उपरांत हुआ वही जिसकी सभी को उम्मीद थी। हम पूर्व में आपको अमृत पाल सिंह की स्थिती से परिचित करा ही चुके हैं
बताते चलें कि अब पंजाब पुलिस उसकी जी हजूरी करने वाले साथियों को ढूंढ ढूंढ दबोच रही है। लेकिन कहानी यहां खत्म नहीं अपितू शुरु हई है। अमृत पाल जो अभी अभी विदेश से ट्रेनिंग लेकर लौटा था और खालिस्तानी तत्वों को बढ़ाया दे रहा था। उसके भी कुछ आका हैं जो विदेश में बैठकर भारत में खालिस्तान के अभियान को ऑपरेट करने का घिनौना षडयंत्र रचने से बाज नही आते। ये तत्व इस अभियान के लिए धन उपलब्ध कराते हैं और समय समय पर उपदेश देकर अमृतपाल सिंह जैसों के लिए मिस गाइडिंग फोर्स बनते हैं। अब ऐसे में अगर भारत में खालिस्तानियों पर इस प्रकार की बड़ी कार्रवाई होती है तो इनका बिलों से निकलना सामान्य बात हैं।
ट्वीटर अकाउंट्स को किया सस्पेंड
जैसे ही विश्वभर में फैले खालिस्तान के समर्थकों को अमृतपाल और उसके साथियों पर हुई कार्रवाई की सूचना प्राप्त हुई तो अमृतपाल के विदेशी आका बैचेन हे गए। अमृतपाल के ये विदेशी आका विदेशी धरती से भारत के खिलाफ सोशल मीडिया पर खालिस्तान का समर्थन करने वाले ये आंतकी विष घोलने लगे।
ऐसे में भारत ने खालिस्तानी समर्थकों पर डिजीटल स्ट्राइक कर दी है। भारत में खालिस्तान समर्थक यूजर्स के कई ट्विटर अकाउंट सस्पेंड किए गए है। जिन लोगों के अकाउंट्स को सस्पेंड किया गया उसमें एक अकाउंट खालिस्तान अभियान के सरगना जगमीत सिहं का भी है साथ ही खालिस्तान से समर्थन में ट्वीटर पर कसीदे पढ़ने वाली कनाडा की कवयित्री रूपी कौर, एक्टिविस्ट गुरदीप सिंह सहोता के ट्विटर अकाउंट भी ब्लॉक कर दिए गए हैं
विदेशों में बैठे ये लोग भारत में अराजकता फैलाने की मंशा से लगातार खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल के समर्थन में ट्वीट कर रहे थे।
देखिए, वर्तमान समय में सोशल मीडिया का समाज में क्या प्रभाव है इससे हर कोई भलि भांति परिचित है। सोशल मीडिया के साकारत्मक और नाकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव हैं। इसके माध्यम से कुछ लोग समाज में सुधार लाने वाले अपने विचारों को साझा करते हैं, तो कुछ तटपूंजिए देश में अराजकता , दंगें और देश विरोधी बातें इस पर साझा करते हैं। यही कारण है कि जब कभी भी ऐसी स्थिती उत्पन्न होती है और सरकार को ऐसा लगता है कि सोशल मीडिया का उपयोग देश का माहौल खराब करने के लिए किया जा सकता है तो ऐसे में सरकार डिजीटल स्ट्राइक करके ऐसी देशविरोधी गतिविधियों की कमर तोड़ने का काम करती है।
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लंदन में तिरंगे का अपमान
हताशा के कारण खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग में तिरंगे को उतारने का प्रयास किया। अब भारत तिरंगे का अपमान देश या विदेश कहीं कैसे सहन कर सकता है।
जैसे ही भारत को घटना की सूचना मिली तो भारत सरकार ने दिल्ली में ब्रिटेन के राजनयिकों को तलब कर दिया। साथ ही लंदन में भारतीय उच्चायोग की खिड़की तोड़ने के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया गया।
भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने कहा कि हमने कट्टरपंथियों के हमले को नाकाम कर दिया था और तिरंगा शान से लहरा रहा है। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने खालिस्तानियों को कड़ा जवाब देते हुए एक विशाल तिरंगा उच्चायोग पर लहरा दिया। वहीं जिस सिख धर्म को आधार बनाकर अमृत पाल और जगमीत सिंह जैसे लोग खालिस्तान बनाने की बात करते हैं। उसी सिख समुदाय लोग विदेशी धरती पर हुए भारतीय तिरंगें के अपमान के बाद आक्रोशित हैं।
अब ऐसे भारत में खालिस्तान के नाम हुडंद मचाने की चेष्ठा रखने वालों को लामबंद कर दिया गया है। वो चाहकर भी भारत के अहित में कुछ नही कर पा रहे हैं। अमृत पाल के समर्थक पुलिस और सरकार के कड़े रवैये के भय से इधर उधर भटक रहे हैं।
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ऐसे में खालिस्तानी की मंशा रखने वाले विदेशी खालिस्तानियों को बड़ा झटका लगा है। यही कारण है कि वो कभी खालिस्तान का झंडा लेकर प्रर्दशन कर रहे हैं तो कभी भारतीय तिरंगा का अपमान। लेकिन एक बात तो स्पष्ट है भारत के अंदर खालिस्तान के नाम पर उत्पाद मचाने वालों को बक्शा नही जाएगा। क्योंकि गृह मंत्रालय और पंजाब पुलिस के ताल मेल से खाालिस्तानियों को खदेड़ का काम किया जा रहा है।
इन सब बातों को मद्देनजर रखते हुए भारत की तरफ से संदेश स्पष्ट है कि भारत कि अखंडता को चोट पहुंचाने वाले को किसी भी हाल में बक्शा नही जाएगा।
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